In this Article
- प्लास्टिक प्रदूषण पर 10 लाइन (10 Lines On Plastic Pollution In Hindi)
- प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध 200-300 शब्दों में (Short Essay on Plastic Pollution in Hindi In 200-300 Words)
- प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध 400-600 शब्दों में (Essay on Plastic Pollution In Hindi In 400-600 Words)
- प्लास्टिक प्रदूषण के बारे में रोचक तथ्य (Interesting Facts about Plastic Pollution in Hindi)
- प्लास्टिक प्रदूषण के इस निबंध से हमें क्या सीख मिलती है? (What Will Your Child Learn from a Plastic Pollution Essay?)
- अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
इस समय प्रदूषण विश्व स्तर पर एक बड़ी समस्या बनकर सामने आ रहा है, जिसके कारण सभी जीव-जंतु और मनुष्यों पर भी इसका प्रभाव पड़ रहा है। प्रदूषण न सिर्फ वातावरण को प्रभावित करता है, बल्कि इससे जीवनकाल भी प्रभावित हो रहा है। कई प्रकार के प्रदूषण हैं जो हमारे वातावरण पर बुरा असर डाल रहे हैं जिनमें से एक प्लास्टिक से होने वाला प्रदूषण भी है। प्लास्टिक प्रदूषण से पैदा होने वाली समस्या दिन पर दिन तेजी से बढ़ती जा रही। यह प्रदूषण हमारे पर्यावरण को काफी तेजी से नुकसान पहुंचा रहा है। हम सभी जानते हैं कि प्लास्टिक को आसानी से नष्ट नहीं किया जा सकता है, जिसके कारण धरती को इसके बुरे परिणामों का प्रभाव झेलना पड़ता है। प्रदूषण में इस समस्या का अहम योगदान रहा है और अब यह समस्या दुनिया भर के लिए एक चिंता का विषय बन चुकी है। प्लास्टिक का इस्तेमाल बढ़ने की वजह से इसके कचरे की मात्रा भी अधिक हो गई, जो की प्लास्टिक प्रदूषण जैसी गंभीर समस्या के उत्पन्न होने क मुख्य कारण है। दुनिया भर के लोगों को इस गंभीर समस्या को लेकर जागरूक हो जाना चाहिए और इसे रोकना और इसका समाधान निकालने का प्रयास मिलकर करना चाहिए।
प्लास्टिक प्रदूषण पर 10 लाइन (10 Lines On Plastic Pollution In Hindi)
अगर आप कम शब्दों में प्लास्टिक प्रदूषण पर अनुच्छेद लिखना चाहते हैं तो नीचे इस प्रदूषण के बारे में दी गई 10 लाइन को ध्यान से जरूर पढ़ें।
- प्लास्टिक एक नॉन-बायोडिग्रेडेबल सिंथेटिक उत्पाद है जो विषैला होता है।
- प्लास्टिक प्रदूषण से जीव-जंतु और इंसानों का जीवन प्रभावित रो रहा है।
- प्लास्टिक को नष्ट नहीं कर सकते, जो अधिक प्रदूषण का कारण है।
- प्लास्टिक को जलाने पर वो कार्बन डाइऑक्साइड जैसी हानिकारक गैस छोड़ता है।
- प्लास्टिक जल और मृदा प्रदूषण का भी एक मुख्य कारण है।
- प्लास्टिक का इस्तेमाल हर जगह होता है और इससे निकलने वाला कचरा तालाब, नदियों और जमीन पर फेंका जाता है।
- पानी पीने के लिए प्लास्टिक की बोतल का लंबे समय तक इस्तेमाल करना स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचता है।
- वर्तमान में प्लास्टिक के विभिन्न क्षेत्रों में और बेहद उपयोग से पर्यावरण को हानि पहुंच रही है।
- प्लास्टिक का उपयोग दमा, पलमोनेरी कैंसर, लिवर इन्फेक्शन, गुर्दे की बीमारी, जन्मदोष, गर्भावस्था के विकार, जैसी कई समस्याओं का कारण है।
- प्लास्टिक प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए हम सब को प्रयास करना चाहिए।
प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध 200-300 शब्दों में (Short Essay on Plastic Pollution in Hindi In 200-300 Words)
यहाँ आपको प्लास्टिक प्रदूषण पर बेहतरीन और आसान शब्दों में शॉर्ट पैराग्राफ या हिंदी में छोटा निबंध कैसे लिखना चाहिए उसका सैंपल दिया गया। आपका बच्चा इसकी मदद से खुद भी एक अच्छा लेख लिख सकता है।
आज के समय में लोगों के अंदर बिमारियों से लड़ने की क्षमता पहले से कम हो गई है जिसकी एक अहम वजह बढ़ता प्रदूषण है। प्लास्टिक एक ऐसी ही वस्तु है जो जीव-जंतु के साथ इंसानों पर भी बुरा प्रभाव डालती है। इन दिनों प्लास्टिक प्रदूषण की समस्या बड़ी चिंता का विषय है। यह एक नॉन-बायोडिग्रेडेबल सिंथेटिक चीज है जो विषैला होता है। प्लास्टिक प्रदूषण से जीव-जन्तु और इंसानों का जीवन प्रभावित रो रहा है। जिससे उन्हें गंभीर रूप से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। क्योंकि प्लास्टिक को कभी खत्म नहीं किया जा सकता है उसके लिए आप एक मात्र रीसायकल करके इसका दोबारा उपयोग कर सकते हैं लेकिन इसे पूरी तरह नष्ट नहीं कर सकते हैं। अगर आप प्लास्टिक को जलाने का प्रयास करते हैं तो इससे अधिक प्रदूषण होगा। प्लास्टिक को जलाने पर वो कार्बन डाइऑक्साइड जैसी हानिकारक गैस छोड़ता है। जिससे हमारे इकोसिस्टम बुरी तरह से प्रभावित होता है। प्लास्टिक का इस्तेमाल बड़ी संख्या में हर जगह होता है और इससे निकलने वाला कचरा तालाब, नदियों और जमीन पर फेंका जाता है, जो प्रदूषण को विभिन्न प्रकार से पर्यावरण को हानि पहुंचा रहा है। इसके आलावा हम जो पानी पीने के लिए प्लास्टिक की बोतल का लंबे समय तक इस्तेमाल करते हैं वो स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचता है। इसलिए प्लास्टिक की बोतल का उपयोग करने से हमें बचना चाहिए और यदि किसी कारण से प्लास्टिक की बोतल का उपयोग करना पड़ता है तो इसे लंबे समय तक उपयोग करने से बचें। सरकार के साथ साथ हम सब को प्लास्टिक के उपयोग का बहिष्कार करना चाहिए और या फिर जितना संभव हो सके इसका कम से कम उपयोग करना चाहिए ताकि हम सब के प्रयास से हमारा वातावरण स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त हो सके।
प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध 400-600 शब्दों में (Essay on Plastic Pollution In Hindi In 400-600 Words)
क्या आपके बच्चे को निबंध प्रतियोगिता में भाग लेने या स्कूल असाइनमेंट के लिए प्लास्टिक से होने वाले प्रदूषण पर निबंध लिखना है वो भी हिंदी और आप सैंपल के तौर पर हिंदी निबंध के ज्यादा विकल्प नहीं है तो हम यहां आपकी ही मदद के लिए हाजिर हैं। यहां आपको प्लास्टिक प्रदूषण पर हिंदी में लॉन्ग एस्से दिया गया है आप इस निबंध की मदद से बच्चे को स्वयं एक बेहतरीन निबंध तैयार करने में मदद कर सकते हैं।
प्लास्टिक प्रदूषण क्या है? (What Is Plastic Pollution?)
प्लास्टिक प्रदूषण एक गंभीर समस्या है, जिसमें प्लास्टिक के अधिक उपयोग से धरती पर प्रदूषण बढ़ता है। यह प्रदूषण न सिर्फ पर्यावरण पर बल्कि जानवरों और इंसानों के स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव डालता है। प्लास्टिक की बोतल, पन्नी आदि अन्य चीजों को सड़कों और पानी में फेंकने से इसके प्रदूषण का खतरा अधिक बढ़ता है। पानी में रहने वाले जीव भी इसका शिकार हो रहे हैं। जमीन पर प्लास्टिक फेंकने से भूमि प्रदूषण का खतरा भी बढ़ता है क्योंकि प्लास्टिक को नष्ट नहीं किया जाता है जिसकी वजह से यह सालों जमीन के अंदर मौजूद रहता है। प्लास्टिक पानी, हवा और भूमि में विभिन्न प्रकार के प्रदूषकों का कारण बनता है और हमारे वातावरण, जानवरों और इंसानों के स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। इसलिए हमें प्लास्टिक का उपयोग बेहद कम कर देना चाहिए और उसकी जगह अन्य हानि रहित चीजों का इस्तेमाल शुरू कर देना चाहिए।
प्लास्टिक प्रदूषण बढ़ने का कारण (Reason For Increasing Plastic Pollution)
प्लास्टिक एक ऐसी चीज है जो बाजार में बड़ी आसानी से उपलब्ध हो जाती है और यह सस्ती भी होती है। लेकिन बाकी चीजों की तरह आसानी से नष्ट नहीं होती है। सालों जमीन पर पड़े रहने के बावजूद प्लास्टिक बहुत सस्ता होता है। आज कल के लोग इतने बेफिक्र हो गए हैं कि प्लास्टिक की बोतल, पॉलिथीन आदि का इस्तेमाल कर के कहीं भी इधर-उधर फेंक देते हैं। जिसके कारण पर्यावरण के अहम हिस्से पानी और जमीन दोनों ही प्रदूषित होते हैं। कई बार नालों और नदियों में मौजूद प्लास्टिक की चीजें उनके निकासी का रास्ता बंद कर देती हैं, जिसकी वजह से आस-पास मौजूद लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। विकसित देशों में प्लास्टिक प्रदूषण एक गंभीर समस्या के रूप में सामने आ रहा है। प्लास्टिक की वजह से बेजुबान जानवरों को भी इसका प्रभाव झेलना पड़ रहा है, चाहे वो जमीन पर रहने वाले जानवर हों या फिर पानी में बसने वाले, सभी की मौत का कारण यही है। सड़कों पर पन्नी और प्लास्टिक की बोतल फेंकना गलत है क्योंकि जानवर उसे चलते-फिरते खा लेते हैं, जिससे उनकी मौत हो जाती है। साथ ही गंदगी भी फैलती है और इसके कारण कई बीमारियां जन्म लेती हैं।
प्लास्टिक प्रदूषण के परिणाम (Consequences Of Plastic Pollution)
प्लास्टिक का इंसानों पर असर
इंसानों को हमेशा से ही प्लास्टिक की चीजों की आदत हो जाती है। बचपन से लेकर बड़े होने तक कई ऐसी प्लास्टिक की चीजें हमसे जुडी होती हैं। बच्चे की दूध की बोतल से लेकर उसके खिलौने तक प्लास्टिक के होते हैं और बड़े भी अपनी उम्र के अनुरूप प्लास्टिक की चीजों का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में हमें इस समस्या को जल्द से जल्द सुलझाने का प्रयास करना चाहिए ताकि आगे आने वाले समय में किसी बड़ी मुसीबत का सामना नहीं करना पड़े। व्यक्ति अपने खाने की चीजें प्लास्टिक के डिब्बों में रखता है, दुसरे विकल्प होने के बावजूद भी वह इन्हें किचन के सामानों को रखने के लिए उपयोग करता है। वह प्लास्टिक की कुर्सी से लेकर प्लास्टिक की बाल्टी तक का उपयोग करता है। पानी पीने के लिए ज्यादातर लोग प्लास्टिक की बोतल का इस्तेमाल करते हैं। यह कितना हानिकारक हो सकता है, व्यक्ति को अब उसका अंदाजा हो रहा है। यह मनुष्य के स्वास्थ्य को भी बुरी तरह से प्रभावित करता है।
जानवरों पर असर
घास चरने वाले जानवर जैसे गाय, भैंस आदि कभी-कभी खाने की तलाश में ऐसी जगह पर पहुंच जाते हैं, जहाँ कूड़े में प्लास्टिक का ढेर हो। वहां पर जाकर वह अनजाने में प्लास्टिक भी खा सकते है। अनजाने में हुए प्लास्टिक के सेवन से उनकी मौत भी हो सकती है। पानी में रहने वाले जीव भी प्लास्टिक की समस्या से मौत का शिकार हो रहे है। समुन्दर, तालाब में फेंके जाने वाले कूड़े में कई तरह की प्लास्टिक की चीजें मौजूद होती है, जिनको खाने से पानी में रहने वाले जानवरों की मौत हो रही है क्योंकि वह खाने की जगह प्लास्टिक खा लेते हैं, जो कि उनके गले में अटक जाता है।
प्लास्टिक प्रदूषण को रोकने के उपाय (Ways To Prevent Plastic Pollution)
- जितना हो सके प्लास्टिक का इस्तेमाल कम करें।
- प्लास्टिक से बनी सभी चीजों पर प्रतिबंध लगाने से इसका इस्तेमाल कम होगा।
- प्लास्टिक को रिसाइकल करने से इसका प्रभाव कम होता है।
- प्लास्टिक की पॉलिथीन की जगह कपड़े के थैले का अधिक उपयोग करें।
- प्लास्टिक की चीजें जैसे स्ट्रॉ, ग्लास आदि जिनका सिर्फ एक बार इस्तेमाल हो, उपयोग न करें।
- खुद और दूसरों को भी प्लास्टिक का इस्तेमाल करने से रोकें।
- प्लास्टिक को बार-बार तब तक इस्तेमाल करना चाहिए जब तक वह पूरी तरह से अनुपयोगी न हो जाए।
- रोज के जीवन में पुन: इस्तेमाल किए जाने वाले बैग और बोतल का इस्तेमाल करें।
प्लास्टिक प्रदूषण के बारे में रोचक तथ्य (Interesting Facts about Plastic Pollution in Hindi)
- महासागरों में पहले से ही प्लास्टिक के 5 ट्रिलियन से अधिक टुकड़े मौजूद हैं।
- वर्तमान स्थिति के अनुसार 2050 तक, धरती पर मौजूद लगभग हर समुद्री पक्षी प्लास्टिक खाएगा।
- विश्व भर में हर एक मिनट में लगभग दस लाख प्लास्टिक की बोतलें बिकती हैं।
- दुनिया भर में हर मिनट 2 मिलियन प्लास्टिक बैग का उपयोग हो रहा है।
- समुद्र से निकलने वाले कूड़े में लगभग 73% प्लास्टिक होता है।
- एक स्टडी के अनुसार औसत व्यक्ति हर साल लगभग 70,000 माइक्रोप्लास्टिक खाता है।
- दुनिया भर में पिछले 50 सालों में प्लास्टिक का उत्पादन दोगुना हो गया है।
प्लास्टिक प्रदूषण के इस निबंध से हमें क्या सीख मिलती है? (What Will Your Child Learn from a Plastic Pollution Essay?)
प्लास्टिक प्रदूषण काफी गंभीर समस्या है और दुनिया भर में यह बढ़ती जा रही है, इसलिए इस निबंध की मदद से आपके बच्चे को इस समस्या के बारे में जानकारी होगी और वो इसको गंभीरता के साथ समझेगा। इतना ही नहीं वो आगे भी लोगों को इसके इस्तेमाल को कम करने लिए प्रेरित कर सकता है। सिर्फ यही नहीं विद्यालय में प्लास्टिक प्रदूषण पर पूछे गए सवालों का भी सही जवाब देने में सक्षम हो सकता है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
1. भारत में प्लास्टिक फ्री अभियान की शुरुआत कब हुई थी ?
भारत में प्लास्टिक फ्री इंडिया अभियान की शुरुआत 2 अक्टूबर 2019 को की गई थी।
2. दुनिया में कौन सा देश प्लास्टिक सा सबसे अधिक उत्पादन करता है?
चीन, दुनिया में सबसे अधिक प्लास्टिक का उत्पादन करता है।
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