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ताजमहल भारत की एक ऐतिहासिक संरचना है। इसकी खूबसूरत कारीगरी के बारे में जितना कहें उतना कम है। यह इतना सुंदर और आकर्षक है कि दुनिया के कोने कोने से लोग इसे देखने के लिए आते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि इस भव्य स्मारक का निर्माण क्यों किया गया था? मुगल बादशाह शाहजहां अपनी पत्नी मुमताज महल से बहुत प्रेम करते थे। लेकिन जब उनकी पत्नी की मृत्यु हो गई तो वो बड़े गमगीन हो गए। इसके लिए वो अपनी पत्नी के लिए कुछ ऐसी चीज बनाना चाहते थे जो समाज में एक उदाहरण की तरह जाना जाए। इसीलिए उन्होंने ताजमहल का निर्माण कराया। ताजमहल को लेकर आपके मन में काफी सवाल होंगे या फिर इसकी बनावट आदि के बारे में जानने के इच्छुक तो जरूर होंगे तो इसके लिए हमारे लेख को अंत तक पढ़ना न भूलें।
ताजमहल हमारे भारत का एक प्राचीन स्मारक है जिसके बारे में स्कूलों में निबंध लिखने को मिलता रहता है। यदि आपका बच्चा बहुत छोटा है और आप उसे सरल शब्दों में ताजमहल के बारे में बताना चाहते हैं या फिर उसे निबंध की प्रैक्टिस करवाना चाहते हैं तो नीचे हमने इसकी जानकारी दी है, इसे देखें।
बच्चे जो क्लास 2 या 3 में पढ़ते हैं उन्हें थोड़ा बड़ा और विस्तार से निबंध लिखना होता है जिसके लिए हमने 200 से 300 शब्दों में ताजमहल के बारे में लिखा है।
प्राचीन इतिहास को आप खोल कर देखेंगें तो पता चलेगा कि हर वंश के महाराजाओं ने अपने कला और संस्कृति को प्रदर्शित करने के लिए कुछ खास मंदिर, स्तूप, स्मारक आदि का निर्माण करवाया था ताकि भावी पीढ़ियां इससे कुछ सीख सकें।
इस कड़ी में मुगल साम्राज्य के पांचवें शसक ने भी एक स्मारक का निर्माण करवाया गया था जिसे उन्होंने ताजमहल का नाम दिया था। यह स्मारक उन्होंने अपनी बेगम मुमताज महल को समर्पित करने के लिए बनवाया था। ताजमहल का निर्माण कार्य 1631 में शुरू हुआ था जो लंबे अंतराल के बाद 1648 में लोगों के लिए खोला गया था। हालांकि इसके बाद भी इस पर थोड़ा काम चलता रहा जो आखिरकार 1653 में पूरा हुआ। इस स्मारक को बनाने में सफेद संगमरमर का इस्तेमाल किया गया था जिसे राजस्थान, अफगानिस्तान आदि जगहों से मंगवाया गया था। इस महल को तैयार करने में लगभग 22000 कारीगरों ने काम किया था। इसमें कई तरह के हीरे मोती जड़े गए थे। ताजमहल के अंदर गुंबद के नीचे शाहजहां और मुमताज की कब्र हैं। यह स्मारक उत्तर प्रदेश के आगरा में स्थित है। ताजमहल की संरचना इस प्रकार की गई है कि इसके तल पर कुछ खास लकड़ियां दी गई है जो कभी सड़ती नहीं हैं।
ताजमहल को 1983 में यूनेस्को ने वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल किया था। साथ ही इसे दुनिया के सातवें आश्चर्य की भी उपाधि दी गई है। लेकिन यह स्मारक अब धीरे धीरे पीला पड़ता जा रहा है। इसका एक मात्र कारण शहरों में बढ़ता प्रदूषण है। इससे बचने के लिए सरकार द्वारा कई कदम भी उठाए गए हैं। लेकिन अब यह हमारी जिम्मेदारी बनती है कि इसे हम क्षय नहीं होने देंगें और जहाँ तक हो सके यहाँ के परिवेश को साफ और प्रदुषण मुक्त रखने की कोशिश करेंगे।
यदि आप ताजमहल के बारे में और भी विस्तार से जानना चाहते हैं ताकि आप ताजमहल पर दिए गए निबंध को ज्यादा प्रभावी और आकर्षक बना सकें तो इसके लिए हमने अधिक शब्दों में ताजमहल के बारे में लिखा है। तो चलिए इसके बारे में जानते हैं –
पूरे विश्व में सात आश्चर्यकारक इमारतें हैं। इनमें से हमारे देश का ताजमहल सातवें नंबर पर आता है जो बड़े गर्व की बात है। लेकिन क्या आपको पता है कि इसके पीछे का इतिहास क्या है? ऐसा बताया जाता है कि इस स्मारक को बनाने में कई तरह की कलाओं का उपयोग किया गया था और इसे बनाने के लिए कच्चे माल अन्य राज्यों और रियासतों से मंगवाए गए थे।
शाहजहां मुगल वंश के पांचवे शासक थे जिन्होंने आगरा का ताजमहल बनवाया था। उनकी बेगम का नाम मुमताज महल था जिनसे वो बहुत प्रेम करते थे और इतिहास में ऐसा कहा गया है कि इन्हीं की याद में ताजमहल का निर्माण करवाया गया था। ताजमहल के ठीक बीचों बीच उनकी पत्नी की कब्र स्थापित की गई थी और शाहजहां के मरने के बाद उनकी भी कब्र उनके बगल में ही स्थापित कर दी गई जो देखने में काफी आकर्षक लगता है। इसलिए इसे प्रेम का प्रतीक कहा जाता है।
ताजमहल का निर्माण सफेद संगमरमर से किया गया है जो देखने में काफी सुंदर लगता है। इसमें जड़ने के लिए कीमती पत्थर बगदाद, पंजाब, मिस्र, रूस, गोलकुंडा, चीन, अफगानिस्तान, सीलोन, हिंद महासागर और फारस से आए थे। इसे 22000 हजार कारीगरों ने मिलकर बनाया था। ताजमहल की संरचना इस प्रकार है कि बीच में गुम्बद और चारों और मीनारें हैं जो पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है। यह स्मारक यमुना नदी के किनारे बनाया गया है ताकि इसके नीचे की लड़की को हमेशा नमी मिलती रहे। इसकी बनावट काफी सुंदर है जिसे बनाने में उस समय 20 करोड़ की लागत लगी थी।
ताजमहल मुगल वंश के शासन काल की वास्तुकला को प्रदर्शित करता है। इस इमारत को बनाने में कई तरह के शैलियों का का उपयोग किया गया है। यह फारसी, तुर्क, भारतीय और इस्लामी वास्तुकलाओं का एक अद्भुत मेल है। यह 42 एकड़ में फैला है। इसके मुख्य गुंबद की ऊंचाई 240 फीट और चार मीनारों की ऊंचाई 130 फीट है
इसकी संरचना इतनी बेहतरीन है कि पर्यटक इसे देखने के लिए बड़ी बड़ी दूर दूर से आते हैं। पर्यटकों के बीच ताजमहल इतना प्रसिद्ध है कि सालाना देश विदेश से लगभग 30 से 40 लाख लोग इसका दीदार करने आते हैं।
ताजमहल भारत का एक बेहद सुंदर स्मारक है जिसकी कारीगरी पर्यटकों को काफी आकर्षित करती है। यह कुछ विशेष दिनों में जैसे की चांदनी रात में सबसे मनमोहक लगता है। 1983 में, ताजमहल यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल में शामिल किया गया और साथ ही इसे विश्व धरोहर की अत्युत्तम मानवी कृतियों में से एक बताया गया। लेकिन अब इस स्मारक की सुंदरता में कमी आती जा रही है। प्रदूषण के कारण ताजमहल का रंग अब पीला पड़ता जा रहा है। लेकिन इसकी रोकथाम के लिए राज्य सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं ताकि इसकी सुंदरता को बरकरार रखा जा सके।
ताजमहल हमारे देश के आगरा शहर में है जिसे देखने के लिए लाखों पर्यटक हर रोज आते हैं। ताजमहल के बारे में कई ऐसे तथ्य है जिसे जानकर आप अचंभे में पड़ सकते हैं।
यह निबंध ताजमहल के बारे में है जिसे प्रेम का प्रतीक माना जाता है। शाहजहां अपनी पत्नी से बहुत प्यार करते थे। इसलिए उनकी याद में वो कुछ ऐसा बनाना चाहते हैं जो किसी ने कभी न बनाया हो। इसलिए ताजमहल को बनाया गया जो सच्चे प्रेम का एक उत्कृष्ट उदाहरण है जो हमें बहुत कुछ सिखाता है। इस निबंध से बच्चे यह सीख सकते हैं कि अगर सच्चा प्रेम हो तो हम उसके लिए कुछ भी कर सकते हैं।
ताजमहल के बारे में कुछ ऐसे प्रश्न जिसका उत्तर सभी बच्चों को तो होना ही चाहिए। नीचे उन खास प्रश्नों और साथ इसके जवाब के बारे में भी बताया गया है, इसे पढ़ें।
ताजमहल का निर्माण शाहजहां द्वारा 1631 में शुरू करवाया गया था।
शाहजहां की बेगम मुमताज महल की याद में।
2007 में ताजमहल को दुनिया के सात नए अजूबों में शामिल किया गया।
ताजमहल आगरा में।
ताजमहल को बनाने में लगभग 22 वर्ष का समय लगा था।
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