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हमारी जिंदगी में कुछ लोग ऐसे होते हैं जिन्हें हम दिल से मानते हैं और जिनसे हमें प्रेरणा मिलती है। ऐसे व्यक्ति का होना हमारी जिंदगी में बहुत जरूरी है, क्योंकि वही हमें सही रास्ता दिखाते हैं, हमारा सहारा बनते हैं और मुश्किल समय में हमारा हौसला बढ़ाते हैं। जब हमें कोई सलाह चाहिए होती है, हम उसी व्यक्ति के पास जाते हैं, क्योंकि हम उन पर सबसे ज्यादा भरोसा करते हैं और उनका सम्मान करते हैं। यही वह व्यक्ति होता है जिसकी हम सच्चे मन से प्रशंसा करते हैं।
बच्चों के लिए यह व्यक्ति उनके माता-पिता, दादा-दादी, शिक्षक या कोई बहुत करीबी दोस्त भी हो सकता है। बच्चे ऐसे लोगों को अपने दिल के बहुत करीब रखते हैं और उनकी मौजूदगी को अपनी जिंदगी की बड़ी शक्ति मानते हैं। स्कूल में बच्चों को अक्सर ‘मेरे प्रिय आदर्श व्यक्ति’ पर निबंध लिखने को कहा जाता है। यह एक भावनात्मक विषय है, इसलिए बच्चे इसमें अपने दिल की बातें लिखकर अपने विचार सुंदर तरीके से व्यक्त करना सीखते हैं।
जब बच्चे अपने सबसे प्रिय व्यक्ति पर निबंध लिखें, तो उन्हें कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए, जिनके बारे में नीचे बताया गया है।
इन 5 पंक्तियों से हम अपने प्रिय आदर्श व्यक्ति की खूबियों और प्रेरणादायक गुणों के बारे में जान सकते हैं और ये पंक्तियां एक अच्छा निबंध लिखने में मदद करती हैं।
इन 10 पंक्तियों से हम अपने प्रिय आदर्श व्यक्ति के गुण और प्रेरणा को समझ सकते हैं और ये निबंध लिखने में मदद करती हैं।
बच्चे जैसे-जैसे पढ़ाई में आगे बढ़ते हैं, वे अपने विचार से छोटा निबंध लिखना सीखते हैं। इसके लिए उन्हें अपने अलग-अलग विचारों को जोड़कर एक अच्छा निबंध बनाना पड़ता है। यहां ‘मेरे प्रिय आदर्श व्यक्ति’ पर एक आसान उदाहरण दिया गया है।
मेरे जीवन में एक ऐसा व्यक्ति है जिसे मैं सबसे ज्यादा पसंद और सम्मान करता हूं और वह व्यक्ति मेरे दादा जी हैं। मेरे दादा सेना में थे और उन्होंने अपने देश की रक्षा के लिए बहादुरी दिखाई है। उन्होंने मुझे हमेशा अनुशासन और अच्छे व्यवहार का महत्व बताया है। वह कहते हैं, ‘अच्छे संस्कार इंसान को महान बनाते हैं’ और खुद भी हमेशा इसका पालन करते हैं। परिवार के सभी लोग उन्हें बहुत मानते और सम्मान करते हैं। दादा जी हमेशा मेरी बातें ध्यान से सुनते हैं और मुझे सही सलाह देते हैं। एक बार मेरी बहन के साथ झगड़ा हो गया था, तो दादा जी ने मुझे समझाया कि माफ करना और फिर से दोस्ती के लिए हाथ बढ़ाना सबसे अच्छा है। उनकी बातें मानकर मैंने अपनी बहन से झगड़ा सुलझा लिया। मैं अपने दादा जी की सोच और आदर्शों की बहुत प्रशंसा करता हूं और मैं भी उनके जैसा बनना चाहता हूं।
जब बच्चा थोड़ा लिखना सीख ले और अपने विचारों को जोड़ पाए, तो उसे छोटे निबंध लिखना भी सिखाया जा सकता है। ऐसे निबंध में बच्चे अपने विचार अलग-अलग पैराग्राफ में लिख सकते हैं। नीचे इसका आसान उदाहरण दिया गया है।
मेरी बहुत सारी दोस्त हैं, जो मुझे बहुत प्यारी हैं। लेकिन जिसकी मैं सबसे ज्यादा प्रशंसा करती हूं, वह मेरी सबसे अच्छी दोस्त जिया है। जिया हमारी स्कूल की बास्केटबॉल टीम की सबसे अच्छी खिलाड़ी है। उसका सपना है कि एक दिन वह ओलंपिक में खेले। जब उसके हाथ में बॉल होती है, तो वह कभी भी बास्केट से नहीं चूकती है।
खेल में इतनी अच्छी होने के साथ-साथ जिया पढ़ाई में भी बहुत अच्छी है। वह हमेशा क्लास में सभी विषयों में फर्स्ट आती है। जिया हमेशा उत्साहित रहती है और उसके प्रोजेक्ट और असाइनमेंट बहुत ही क्रिएटिव होते हैं। वह नाटक में भी बहुत अच्छी है। पिछले साल जिया ने एक अंग्रेजी नाटक में भाग लिया और सबको अपने प्रदर्शन से हैरान कर दिया।
जिया हर काम में बहुत मेहनती और स्मार्ट है। उसने यह सब अपनी माँ से सीखा है। उसकी माँ हमेशा कहती हैं कि हमें हर काम पूरे दिल से करना चाहिए। जिया हमेशा कहती है कि अगर हम ध्यान केंद्रित नहीं करेंगे, तो कुछ बड़ा नहीं कर पाएंगे। मैं उसके मेहनती और सफल बनने के तरीके की बहुत प्रशंसा करती हूं और हमेशा से उसको अपना आदर्श मानकर उसके जैसा बनना चाहती हूं।
छोटी कक्षा के बच्चों को निबंध लिखते समय अपने अच्छे विचार और आसान शब्दों का इस्तेमाल करना चाहिए। निबंध में परिचय, मुख्य भाग और अंत होना चाहिए। नीचे बड़े निबंध लिखने के उदाहरण दिए गए हैं जो बच्चों को एक अच्छा निबंध लिखने मदद करेंगे।
मेरी जिंदगी में मैं जिस व्यक्ति की सबसे ज्यादा प्रशंसा करता/करती हूं और आदर्श मानता/मानती हूं, वह मेरी माँ हैं। वह मेरे लिए सबसे प्यारी और सबसे भरोसेमंद दोस्त हैं। मैं उन्हें सभी से ज्यादा प्यार करता/करती हूं।
मेरी माँ मेरा बहुत ध्यान रखती हैं। वह सुबह मुझे स्वादिष्ट नाश्ता बनाकर खिलाती है और स्कूल के लिए लंच तैयार करती हैं। जब मैं स्कूल से आता/आती हूं, तो वह मेरे दिन के बारे में पूछती हैं और होमवर्क भी देखती हैं। परीक्षा के समय वह मुझे अच्छे से पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करती हैं। कभी-कभी मुझे दुख होता है जब वह मुझे ज्यादा टीवी देखने नहीं देतीं, लेकिन जब मैं अच्छे नंबर लाता/लाती हूं, तो मुझे समझ आता है कि यह सब उनकी मदद और मेहनत की वजह से है। कुछ साल पहले मेरी माँ बैंक में काम करती थीं, लेकिन महामारी के समय उन्होंने नौकरी छोड़ दी। इसके बाद उन्होंने अपनी कंपनी शुरू की जो छोटे व्यवसायों और स्टार्ट-अप्स की मदद करती है। कई लोग उनकी मदद से अपने सपनों को पूरा कर पाते हैं।
घर में भी मेरी माँ सभी की पसंदीदा हैं। वह खाना बनाना, घर के हिसाब-किताब संभालना और बहुत सारे काम बहुत अच्छे से करती हैं। वह क्रोशिया भी जानती हैं और हर खास मौके पर अपने दोस्तों और परिवार को खुद बनाए हुए गिफ्ट देती हैं। मुझे मेरी माँ की सबसे अच्छी बात यह लगती है कि मैं हमेशा उन पर भरोसा कर सकता/सकती हूं। जब भी मुझे कोई परेशानी होती है, वह मुझे सही रास्ता दिखाती हैं। वह मुझे स्वतंत्र बनने और अपने काम खुद करने की सीख देती हैं।
मेरी माँ घर में अनुशासन की बहुत कद्र करती हैं। अगर हम नियम तोड़ते हैं तो वह नाराज हो जाती हैं, लेकिन यह सब हमें अच्छे संस्कार और आदतें सिखाने के लिए होता है। मैं अपनी माँ के सभी गुणों की प्रशंसा करता/करती हूं। वह मुझे मजबूत, आत्मनिर्भर और सफल बनने की प्रेरणा देती हैं। मैं चाहूंगा/चाहूंगी कि मैं भी उनकी तरह बन सकूं।
मेरे लिए मेरे पिता ही सबसे प्रिय आदर्श व्यक्ति हैं। वह बहुत मेहनती और मिलनसार इंसान हैं। अपने जीवन में उन्होंने खुद के लिए और दूसरों के लिए भी सफलता के रास्ते बनाए हैं। वह जो भी काम करते हैं, उसमें सबसे अच्छे हैं, लेकिन फिर भी बहुत सरल और नम्र हैं। मेरे पिता पेशे से डॉक्टर हैं। हर दिन वह अपने मरीजों की सेवा में व्यस्त रहते हैं और उनकी सेहत का पूरा ध्यान रखते हैं। छुट्टियों में भी वह अपने मरीजों की देखभाल के लिए काम करते रहते हैं। वह हर मरीज को अपनी पूरी मदद और सुविधा देने की कोशिश करते हैं।
डॉक्टर बनना आसान नहीं है। इसके लिए कई सालों तक पढ़ाई करनी पड़ती है और बहुत पैसा भी चाहिए। हमारे परिवार के पास ज्यादा साधन नहीं थे, लेकिन मेरे पिता ने कड़ी मेहनत करके छात्रवृत्ति पाई और डॉक्टर बनकर अपने लिए अवसर बनाया। मेरे दादा-दादी भी उनके काम और सफलता पर बहुत गर्व करते हैं। मेरे पिता ने मुझे बताया कि शहर में अच्छे अस्पताल हैं, लेकिन बहुत से लोग अच्छे इलाज नहीं पा पाते क्योंकि उनके पास पैसे नहीं हैं। इसलिए वह एक छोटी क्लिनिक भी चलाते हैं, जहां गरीब लोगों की कम शुल्क पर जांच होती है और दवाइयां सस्ते दामों पर मिलती हैं। कभी-कभी वह अपनी खुद की कमाई से भी इसका खर्च उठाते हैं। उनकी यह मदद और दयालुता लोगों के बीच उन्हें बहुत सम्मान दिलाती है।
भले ही वह बहुत व्यस्त रहते हैं, फिर भी पिता जी मेरे साथ समय बिताना कभी नहीं भूलते है। हर रविवार को हम कॉलोनी में पिता बनाम बच्चे फुटबॉल मैच खेलते हैं। वह खुद अच्छे खिलाड़ी हैं और हमें भी मैच की तैयारी में सिखाते हैं। वह सच में सबसे बढ़िया पिता हैं। मेरे पिता चाहते हैं कि मैं पढ़ाई में पूरी मेहनत करूं। वह कहते हैं कि बच्चों का सबसे बड़ा कर्तव्य अच्छे से पढ़ाई करना और सीखना है। मुझे उनके आशीर्वाद और मार्गदर्शन से हमेशा प्रेरणा मिलती है। मैं अपने पिता की सोच, उनकी मेहनत और उनके गुणों की बहुत प्रशंसा करता/करती हूं। मैं बड़ा होकर उनके जैसा बनना चाहता/चाहती हूं।
बच्चों के लिए घर के बाहर पहली जगह स्कूल होती है। स्कूल में हमें सीखने और नए दोस्त बनाने का मौका मिलता है। मेरे लिए भी स्कूल जाना एक नया और थोड़ा डरावना अनुभव था। मेरी सबसे पसंदीदा शिक्षिका गीता मैम हैं। जब मैं पहली बार स्कूल गया, तो मैं बहुत डर गया था और रोने का मन कर रहा था। तभी गीता मैम मेरे पास आईं और मुस्कुराकर कहा, ‘सिर्फ बहादुर बच्चे ही एक कदम आगे बढ़ाने की हिम्मत रखते हैं।’ उनकी यह बात सुनकर मैं हिम्मत करके कक्षा में गया और मेरी जिंदगी की नई शुरुआत हुई।
गीता मैम बहुत मजेदार और समझाने वाली शिक्षिका हैं। जब वह हमें कुछ नया पढ़ाती हैं, तो वह उसे वास्तविक जीवन के उदाहरणों के साथ समझाती हैं। इससे हम आसानी से सीख लेते हैं और कभी नहीं भूलते है। वह हमें स्कूल में कई नए और रचनात्मक काम करवाती हैं ताकि हम बेहतर तरीके से सीख सकें। वह हर छात्र की पसंदीदा शिक्षिका हैं क्योंकि वह सभी के साथ समान व्यवहार करती हैं। वह किसी को भी पीछे नहीं छोड़ती और हर बच्चे को अपने सवाल पूछने का मौका देती हैं।
गीता मैम सिर्फ पढ़ाई पर ध्यान नहीं देतीं, बल्कि वह हमें स्कूल के अन्य कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए भी प्रेरित करती हैं। पिछले महीने स्कूल में कविता लेखन प्रतियोगिता हुई थी। गीता मैम ने मुझे इसमें भाग लेने के लिए प्रेरित किया। मुझे यह विश्वास दिलाया कि मेरी लेखन कला अच्छी है। उन्होंने मेरी प्रतिभा को देखा और मुझे सही मार्गदर्शन दिया। उनके प्रोत्साहन से मैंने प्रतियोगिता में भाग लिया और जीत भी गया।
हर दिन मैं गीता मैम से बहुत कुछ सीखता हूं, सिर्फ किताब की बातें नहीं बल्कि जीवन के महत्वपूर्ण सबक भी वह सिखाती हैं। वह मेरी सबसे बड़ी प्रेरणा हैं। मैं भी जीवन में कुछ अच्छा करना चाहता हूं और उन्हें गर्व महसूस कराना चाहता हूं।
जब बच्चा मेरे प्रिय आदर्श व्यक्ति पर निबंध लिखता है, तो उसे किसी अच्छे और प्रेरक इंसान की खूबियों के बारे में सोचने का मौका मिलता है। बच्चा यह समझता है कि कौन-कौन सी आदतें और गुण किसी व्यक्ति को खास बनाते हैं और वह खुद भी उन गुणों को अपनाने की कोशिश कर सकता है।
इन विचारों को कागज पर लिखना थोड़ा अलग काम है। निबंध लिखते समय बच्चा सोचने, समझने और अपनी बात व्यक्त करने की क्षमता विकसित करता है। वह नए शब्द सीखता है और अपने विचारों को सही तरीके से लिखने और बोलने में आत्मविश्वास महसूस करता है। इस तरह यह अभ्यास बच्चे की सोच, लेखन और बोलने की कला को मजबूत बनाता है।
मैं अपने पसंदीदा व्यक्ति के ईमानदार, मेहनती और दयालु होने के गुणों की सबसे ज्यादा प्रशंसा करता हूं। वह हमेशा दूसरों की मदद करता है और कभी भी झूठ नहीं बोलता है।
मैं उसकी समय पर काम करने और हमेशा मेहनत करने की आदत अपनाना चाहूंगा। इससे मैं भी अपने काम में सफल हो सकता हूं और अच्छे परिणाम पा सकता हूं।
जब आदर्श व्यक्ति मेरे साथ होता है, तो मुझे सुरक्षित और खुश महसूस होता है। मुझे लगता है कि मैं उसके अनुभव और सलाह से हमेशा कुछ नया सीख सकता हूं।
ऊपर दिए गए उदाहरण बच्चों को यह समझाने में मदद करते हैं कि वे ‘अपने प्रिय आदर्श व्यक्ति’ पर निबंध कैसे लिख सकते हैं। ये बातें उनके लिए एक आधार की तरह हैं, जिनसे वे अपने विचारों को व्यक्त कर के एक अच्छा निबंध तैयार कर सकते हैं। इससे बच्चे न केवल अपने पसंदीदा व्यक्ति के बारे में सोचेंगे, बल्कि अपनी सोच और लेखन की क्षमता भी बढ़ाएंगे।
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