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जल ही जीवन है, इस वाक्य को हम सब ने कई बार सुना होगा। लेकिन इसके महत्व को जानना और समझना जरूरी है। जल या पानी आखिर है क्या है? इसके बिना जीवन संभव क्यों नहीं है? जल एक ऐसा रासायनिक पदार्थ है जो हाइड्रोजन और ऑक्सीजन से मिलकर बनता है। जिसे आप वैज्ञानिक भाषा में (H2O) के नाम से जानते हैं। यह द्रव, ठोस (बर्फ) और गैसीय (भाप) के रूप में भी पाया जाता है। जल का अपना कोई आकार नहीं होता है, इसलिए उसे जिस चीज में डाला जाए वो उसका आकार ले लेता है। इसके अलावा जल की कोई गंध नहीं होती न ही कोई रंग होता है, यह दिखने में पारदर्शी होता है। पृथ्वी पर रहने वाले हर एक प्राणी के लिए जल जरूरी और क्योंकि इस पर मनुष्यों की निर्भरता भी बहुत अधिक है, इसलिए जल उनका एक अहम संसाधन है। जल का उपयोग रोजमर्रा के कामों से लेकर कृषि और विभिन्न उद्योगों में किया जाता है। जल एक विलायक यानी सॉल्वेंट के रूप में काम करता है जो हमारे शरीर की मेटाबॉलिक प्रोसेस के लिए जरूरी है। जल के बिना ज्यादा समय तक धरती पर जीवन संभव ही नहीं है, इसलिए जल को जीवन बताया गया है।
अगर आपका बच्चा क्लास 1, 2, 3, 4, 5 में पढ़ता है और उसे जल पर 100 शब्दों का पैराग्राफ या निबंध लिखने कहा गया है तो आप नीचे दी जल पर 10 वाक्य पढ़ें।
जल पर अनुच्छेद लिखना आना बच्चों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह सवाल अक्सर स्कूलों में पूछा जाता है। जल पर 200 से 300 शब्दों के बीच एक अच्छा और आसान निबंध कैसे लिख सकते हैं, आइए यह नीचे दिए गए शॉर्ट एस्से से जानते हैं।
जल को जीवन का आधार माना गया है, क्योंकि जल के बिना जीवन संभव नहीं है फिर चाहे वो मनुष्य जीव हो या पेड़ पौधे आदि। जल का उपयोग खाने में, पीने के पानी के अलावा हमारे दैनिक कार्य, कृषि, विभिन्न उद्योगों के लिए किया जाता है। इसलिए जल मानव जीवन के उन मूल्यवान संसाधनों में से एक है, जो हमें प्रकृति ने भेंट दिया है। जल एक ओर हमारे जीवन का हिस्सा है और हमारे शरीर के लिए आवश्यक है, वहीं अगर साफ पानी का सेवन न किया जाए तो यह आपको गंभीर रूप से बीमार भी कर सकता है। और आश्चर्य की बात है कि पृथ्वी पर 71 प्रतिशत पानी मौजूद होने के बाद भी केवल 1 प्रतिशत ही पानी पीने लायक है। इसलिए जल संरक्षण बहुत जरूरी है। ऐसे कई देश हैं जहां सूखे की समस्या तेजी से बढ़ती जा रही है और लोगों को पीने तक मुश्किल से मिल पाता है। ऐसे में कृषि के लिए पानी उपयुक्त नहीं होता और लोग भूख और प्यास जैसी एक बड़ी समस्या से जूझ रहे है, इस समस्या को नियंत्रित करने के लिए हमें पानी का उपयोग केवल उतना ही करना चाहिए जितना उपयुक्त हो। हमें ध्यान रखना होगा कि हम जब नल का उपयोग करे तो थोड़ा ही पानी खोले। कोशिश करें कि घर के दैनिक कामों के लिए पानी पुनः उपयोग कर लें। बारिश के पानी को जमा कर के पेड़ पौधों को पानी देने में इस्तेमाल करें। जो पानी गंदा हो या पीने लायक न हो उसका उपयोग घर की साफ-सफाई में कर सकते हैं। हमे आने वाली पीढ़ी के लिए इन प्राकृतिक संसाधनों को बचाना होगा और इसके लिए जरूरी है कि इन संसाधनों का उपयोग हम समझदारी से करें।
निबंध लिखना भी एक कला है जिसमें आप दिए गए विषय को तार्किक और बौद्धिक विवेचना के साथ लिखते हैं। अगर आप आप 3, 4, 5, 6, 7, 8वीं कक्षा के स्टूडेंट हैं और हिंदी में जल बचाओ पर निबंध या जल पर लॉन्ग एस्से लिखना है, तो आपको दिए गया पानी पर एस्से पढ़ना चाहिए।
दो अणु हाइड्रोजन और एक अणु ऑक्सीजन से बनने वाला जल हमे प्रकृति द्वारा दिया गया वो संसाधन है, जिसके कारण धरती पर जीवन बसा हुआ है। बिना पानी के पृथ्वी पर किसी भी जीव का जिंदा रहना संभव नहीं है। पूरे पृथ्वी पर 71 प्रतिशत पानी मौजूद है जो महासागर व अन्य बड़े जल निकायों में बटा हुआ है। पृथ्वी पर जल का संचलन तरल, ठोस और गैसीय रूप में होता जो जलचक्र में आता है। जलचक्र वो प्रक्रिया है जिसमें वातावरण में मौजूद पानी सूर्य की गर्मी से वाष्प द्रवित होकर बादल बन जाते हैं, जिसके बाद बादल वर्षा करते हैं और वापस यह पानी महासागर, नदियों और झीलों में चला जाता है और यह प्रक्रिया ऐसे ही चलती रहती है।
पृथ्वी एक मात्र ऐसा ग्रह है जिस पर पानी पाया जाता है, इस कारण पृथ्वी पर जीवन संभव हो सका है। मनुष्य, जीव-जंतु, पेड़-पौधे सभी का जीवन पानी पर निर्भर करता है। चाहे हमारा शरीर हो, कृषि हो, या हमारे रोज के काम हो, पानी प्रकृति की एक ऐसी देन है जिसके बिना जीवन मुश्किल हो सकता है। हमारे शरीर में लगभग 65 प्रतिशत पानी होता है, जो शरीर के तापमान को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाता है। इतना ही नहीं पानी द्वारा पूरे शरीर में पोषक तत्व ठीक से पहुंच पाता है। इसलिए शरीर में पानी की कमी नहीं होना चाहिए। पानी की कमी होने से आपको डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है जो अन्य बीमारी को आमंत्रित कर सकती है। इसलिए जरूरत अनुसार पानी पीते रहना चाहिए।
पानी एक महत्वपूर्ण संसाधन है जो हमारे जीवन की कई प्रक्रियाओं में अहम भूमिका निभाता है। हमारे शरीर में खाने के जरिए मिलने वाले पोषक तत्वों को पूरी शरीर संचारित करने का काम पानी करता ही है। शरीर में पानी एक साल्वेंट के रूप कार्य करता है। साथ ही, शरीर की गंदगी को पेशाब और पसीने के माध्यम से बाहर निकाल देता है। इंसान के शरीर का तापमान भी शरीर में मौजूद पानी के कारण नियंत्रित होता है। इसलिए गर्मियों के समय में अधिक पानी पीने के लिए कहा जाता है, ताकि डिहाइड्रेशन से बचा जा सके और शरीर का तापमान बना रहे। पेड़-पौधों को भी अच्छी तरह पनपने के लिए पानी की जरूरत होती है। पौधों को अपने लिए खाना बनाने के लिए पानी की जरूरत होती है। वे अपनी जड़ों के जरिए मिट्टी में पाए जाने वाले पोषक तत्वों और पानी को अवशोषित करते हैं, जिससे पेड़ बड़ा होता है।
पानी का मूल्य हम सब को जानना चाहिए ताकि हम उसे बचाकर आने वाली पीढ़ी के लिए उपलब्ध करा सकते हैं। जल ही जीवन है और हम सब को जीने के लिए इसकी अति आवश्यकता है। इसलिए इसका संरक्षण करना हम सब को आना चाहिए।
नहीं, पानी को पचाने में कोई समय नहीं लगता है, आप कभी भी पानी पी सकते हैं, बस आपको भोजन करने के दौरान या उसके तुरंत बाद पानी नहीं पीना चाहिए। क्योंकि खाने के बाद पाचन क्रिया शुरू हो जाती है और पानी पीने से इस क्रिया में बाधा आती है।
धरती पर भले ही पानी बड़ी मात्रा में मौजूद है लेकिन पीने लायक पानी केवल 1% ही है। अगर हम शुद्ध व स्वच्छ पानी का सेवन नहीं करते हैं तो इससे पेट दर्द, दस्त, हैजा, टाइफाइड, हेपेटाइटिस जैसी गंभीर बीमारी हो सकती है।
पानी का रासायनिक सूत्र होता है H2O यानी हाइड्रोजन डाइऑक्साइड, जहां H है हाइड्रोजन और O है ऑक्सीजन।
सूर्य की गर्मी से पृथ्वी पर जल के विभिन्न स्रोतों से पानी भांप बनकर ऊपर चला जाता है। भांप ठंडा होकर बादल बन जाता है। लेकिन जब बहुत अधिक पानी जम जाता है, तो बादल भारी हो जाते हैं और बारिश, बर्फ या ओलों के रूप में जमीन पर गिरते हैं। फिर दोबारा महासागरों, झीलों, या तालाबों में यह पानी जम जाता है। इसी प्रकार यह एक चक्र के जैसा चलते रहता है जिसे जल चक्र और अंग्रेजी में वाटर साइकिल कहते हैं।
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