शिशु

फ्लैट या उल्टे निप्पल के साथ ब्रेस्टफीडिंग

जिन महिलाओं ने अभी-अभी बच्चे को जन्म दिया है, उनमें से अधिकतर महिलाओं के लिए ब्रेस्टफीडिंग किसी चुनौती से कम नहीं होती है। चाहे माँ की डाइट हो या उसके निप्पल का आकार, हर चीज माँ और बच्चे दोनों पर बहुत प्रभाव डालती है। 

जब भी बच्चों की देखभाल की बात आती है, तो अधिकतर लोग लगभग हमेशा ही निप्पल की अनदेखी कर देते हैं। अधिकतर लोग इस बात पर ध्यान नहीं देते हैं, कि बच्चे को दूध पिलाते समय ये कितनी बड़ी भूमिका निभाते हैं। लोगों का ध्यान निप्पल पर तभी जाता है, जब उन्हें फ्लैट या इनवर्टेड यानी उल्टे निप्पल की समस्या का सामना करना पड़ता है। 

फ्लैट या इनवर्टेड निप्पल क्या होते हैं?

आमतौर पर निप्पल का आकार, बच्चे के मुँह के अनुसार ब्रेस्टफीडिंग के लिए बिल्कुल परफेक्ट होता है, जिससे बच्चे को दूध पीने में आसानी होती है। बच्चे के पोषण में निप्पल के आकार की भी भूमिका होती है। बाहर की तरफ निकले हुए निप्पल, आमतौर पर बच्चों के दूध पीने में सुविधा प्रदान करते हैं। अगर निप्पल अंदर की ओर मुड़ा हुआ हो, तो बच्चे को दूध पीने के लिए निप्पल को अधिक देर तक चूसना पड़ता है और अधिक जोर भी लगाना पड़ता है। फ्लैट या उल्टे निप्पल ब्रेस्टफीडिंग को कठिन और दर्द भरा अनुभव बना देते हैं। 

उल्टे निप्पल की प्रमुख असुविधाओं में से एक है, कि बच्चा उन्हें ठीक से पकड़ नहीं पाता है। जिसका मतलब है, कि उन्हें हर बार सही मात्रा में दूध नहीं मिलता है। इससे ब्रेस्टफीडिंग के दौरान उनमें जरूरी पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। 

इनवर्टेड निप्पल कितने प्रकार के होते हैं?

निप्पल चार अलग-अलग तरह के आकार के होते हैं। 

  • बाहर की ओर निकले हुए निप्पल: ऐसे निप्पल को ब्रेस्टफीडिंग के लिए सबसे बेहतरीन माना जाता है, क्योंकि इन्हें पकड़ पाना बच्चे के लिए सबसे ज्यादा आसान होता है और इनसे दूध पीना उनके लिए बहुत आरामदायक होता है। ऐसे निप्पल एरियोला के ऊपर कुछ मिलीमीटर की दूरी पर स्थित होते हैं। ठंड लगने पर या स्टिमुलेट होने पर ये और भी अधिक साफ दिखाई देते हैं।
  • फ्लैट निप्पल: ऐसे निप्पल एरियोला में ही मिले हुए होते हैं। ऐसे निप्पल को पकड़ पाना या चूसना बच्चे के लिए बहुत कठिन होता है, लेकिन बच्चे को मिलने वाले पोषक तत्वों में कोई कमी नहीं आती है। स्टिमुलेट होने पर या ठंड लगने पर ये और थोड़े उठाव के साथ दिखते हैं।
  • इनवर्टेड निप्पल: जब निप्पल अंदर की ओर घूम जाता है, तो बच्चे को उससे दूध पीने में बहुत कठिनाई होती है। ऐसे निप्पल से दूध पी पाना बच्चे के लिए बहुत मुश्किल होता है। ऐसे निप्पल में पोषक तत्वों का सर्कुलेशन कम होता है और बच्चे को ऊपरी दूध देने की जरूरत हो सकती है। साथ ही इनसे दूध पीने में सामान्य से अधिक समय लग सकता है।
  • युनीलेटरल निप्पल: जब एक निप्पल उल्टा होता है और दूसरा निप्पल सामान्य होता है, तो इसे भी इनवर्टेड निप्पल कहते हैं। दोनों निप्पल के उलटे होने की तुलना में, इनसे दूध पी पाना आसान होता है, लेकिन इससे एक निप्पल पर अधिक स्ट्रेस पड़ता है।

इनवर्टेड या फ्लैट निप्पल को कैसे पहचानें?

ऐसे कई छोटे-छोटे टेस्ट होते हैं, जिनके द्वारा आप पता कर सकती हैं, कि आपके निप्पल उल्टे हैं या नहीं। आमतौर पर केवल देखकर इनके इनवर्टेड होने का पता नहीं लगाया जा सकता है। अगर आप के निप्पल अंदर की ओर मुड़े हुए हैं, तो यह सुरक्षित रूप से कहा जा सकता है, कि आप के निप्पल उल्टे हैं। 

हालांकि, यहाँ पर एक जरूरी बात यह है, कि आपके निप्पल आमतौर पर जैसे दिखते हैं, ब्रेस्टफीडिंग कराते समय वैसे नहीं दिखते हैं। इसी कारण, स्टिमुलेशन से भी इसका पता लगाने में मदद मिल सकती है, कि आपके निप्पल पूरी तरह से उल्टे हैं या नहीं। 

  • स्टिमुलेट होने पर, अगर आप के निप्पल बाहर की ओर निकल जाते हैं, तो ये इनवर्टेड नहीं हैं, बल्कि वे बाहर की ओर निकले हुए निप्पल हैं।
  • स्टिमुलेट होने पर, अगर आपके निप्प्ल फ्लैट रहें, या बाहर की ओर निकलें, पर उनका यह बाहर निकलना बहुत ही कम मात्रा में हो, तो ऐसा माना जाता है कि आपके निप्पल फ्लैट हैं।
  • इनवर्टेड निप्पल को जब स्टिमुलेट किया जाता है, तब भी वे अंदर की ओर ही मुड़े हुए होते हैं। इससे आसानी से पहचाना जा सकता है, कि आप के निप्पल उल्टे हैं।

क्या फ्लैट निप्पल के साथ आप ब्रेस्टफीड करवा सकती हैं?

हालांकि, यह मुश्किल हो सकता है, पर किसी भी तरह के निप्पल के साथ ब्रेस्टफीड करवाना संभव है, फिर चाहे वे फ्लैट और उल्टे ही क्यों न हों। आइए हम इन सभी तरह के निप्पल के साथ ब्रेस्टफीडिंग कराने की चुनौतियों पर एक नजर डालते हैं: 

  • ब्रेस्टफीड के लिए सबसे आसान और संभवतः सबसे आरामदायक निप्पल वे होते हैं, जो बाहर की ओर निकले हुए होते हैं। इसके आकार के कारण, बच्चा इन पर आसानी से पकड़ बना सकता है और माँ और बच्चे दोनों को इसके लिए कुछ खास प्रयास नहीं करने पड़ते हैं।
  • उल्टे निप्पल के साथ ब्रेस्टफीड कर पाना बच्चे के लिए संभवतः सबसे ज्यादा कठिन होता है, क्योंकि उल्टे निप्पल को ढूंढ कर उस पर पकड़ बना पाना बहुत मुश्किल होता है। इसके कारण अधिकतर मामलों में ब्रेस्टफीडिंग के दौरान माँ का न्यूट्रीशनल सर्कुलेशन बच्चे तक नहीं पहुँच पाता है और बच्चे को ऊपर का दूध देने की जरूरत पड़ सकती है।
  • फ्लैट निप्पल के साथ ब्रेस्टफीडिंग कर पाना थोड़ा मुश्किल होता है। बच्चे के लिए उन पर पकड़ बनाकर दूध को चूस पाना थोड़ा मुश्किल होता है और इसके आकार के कारण यह बच्चे की जरूरतों के अनुसार फिट नहीं बैठता है। इससे दूध पीने के दौरान बच्चा बीच-बीच में ब्रेक लेता रहता है। वैसे इसमें बच्चे को अलग से दूध देने की जरूरत नहीं होती है, क्योंकि फ्लैट निप्पल के साथ दूध पीने पर भी न्यूट्रिएंट्स की पूर्ति हो जाती है। ऐसे निप्पल के साथ फीडिंग करने में समय भी अधिक लगता है।

इनवर्टेड निप्पल ब्रेस्टफीडिंग को कैसे प्रभावित करता है?

उल्टे निप्पल पर बच्चे को पकड़ बनाने में परेशानी होती है, जिससे शुरुआत में ब्रेस्टफीडिंग कराना महिला के लिए मुश्किल हो सकता है। लेकिन फिर भी, ब्रेस्टफीडिंग करा पाना संभव तो होता ही है। कुछ मामलों में बच्चा पूरा ब्रेस्टमिल्क नहीं पी पाता है और उसे बाहरी दूध देने की जरूरत पड़ सकती है। अपने फिजिशियन से बात करें और उन तकनीकों के बारे में समझें, जिनसे आप आगे ब्रेस्टफीडिंग को आसानी से जारी रख पाएं। उल्टे निप्पल से ब्रेस्टफीडिंग कराने के लिए आप ब्रेस्ट पंप का इस्तेमाल भी कर सकती हैं। 

फ्लैट निप्पल कितने फ्लैट होते हैं?

आमतौर पर फ्लैट निप्पल एरियोला के बराबर होते हैं और यह स्टिमुलेशन के अलावा कभी भी बाहर की ओर नहीं निकलते हैं। स्टिमुलेशन के समय भी बहुत थोड़ा सा बाहर आते हैं। फ्लैट निप्पल नुकसानदायक नहीं होते हैं, लेकिन ये ब्रेस्टफीड को थोड़ा मुश्किल बना सकते हैं। 

उल्टे या फ्लैट निप्पल के लिए इलाज के विकल्प

उल्टे निप्पल को ठीक करने में मदद के लिए, ऐसी कई तकनीकें उपलब्ध हैं, जिनमें चीरे लगाने की जरूरत नहीं होती है: 

  • द हॉफमैन टेक्निक: अपने निप्पल के दोनों ओर दोनों अंगूठों की मदद से एरियोला पर प्रेशर डालें। अपने ब्रेस्ट की ओर मजबूती से दबाव डालें और अंगूठों को एक दूसरे के विपरीत खींचे। इस तकनीक का इस्तेमाल आप प्रेगनेंसी के दौरान और डिलीवरी के बाद भी कर सकती हैं। आप इसे दिन में दो बार कर सकती हैं, जिसे बाद में बढ़ाकर दिन में 7 बार तक किया जा सकता है।
  • ब्रेस्ट शेल्स: ये प्लास्टिक के खोखले शेल होते हैं, जिन्हें अपनी ब्रा के अंदर पहना जा सकता है। निप्पल को बाहर निकालने के लिए ये लगातार हल्का-हल्का दबाव डालते रहते हैं। हालांकि इसे प्रेगनेंसी के दौरान पहना जा सकता है, पर डिलीवरी के बाद पहनना सबसे बेहतर है। एक बार में ब्रेस्ट शेल का इस्तेमाल 30 मिनट से अधिक समय तक न करें और सोने के समय भूल कर भी न पहनें।
  • निप्पल शील्ड: ये सॉफ्ट सिलिकॉन के बने होते हैं और ब्रेस्टफीडिंग में कोई रुकावट नहीं डालते हैं। इनका इस्तेमाल केवल फ्लैट या इनवर्टेड निप्पल के गंभीर मामलों में ही किया जाता है और इनका इस्तेमाल हमेशा निगरानी के अंदर ही किया जाना चाहिए।
  • ब्रेस्ट पंप: इनवर्टेड निप्पल को बाहर की ओर निकालने के लिए ब्रेस्ट पंप का इस्तेमाल किया जा सकता है और इन्हें बाहर निकलने में मदद करके इस स्थिति को मैनेज किया जा सकता है।

ये लंबे समय के लिए इस समस्या से निजात दिला सकते हैं। इन पंप का इस्तेमाल अगर नियमित रूप से किया जाए, तो यह त्वचा के अंदर मौजूद जोड़ को तोड़ने में मदद करते हैं, जो कि कभी-कभी उल्टे निप्पल का कारण हो सकते हैं। इन सरेश को तोड़ने से इनवर्टेड निप्पल को ठीक किया जा सकता है या फिर बेहतर किया जा सकता है। 

  • कॉस्मेटिक सर्जरी: कॉस्मेटिक सर्जरी ऐसी सर्जरी होती है, जिसमें आपके निप्पल से लगे मिल्क डक्ट को निकाल दिया जाता है। इस सर्जरी से आपका ब्रेस्टफीड करा पाना असंभव हो जाता है। डॉक्टर सलाह देते हैं, कि यह सर्जरी तभी कराएं जब आप आगे ब्रेस्टफीड न करने के बारे में सोच समझ कर निर्णय ले चुकी हों। इस सर्जरी को करने में 30 मिनट से 1 घंटे तक का समय लग सकता है।

फ्लैट निप्पल के साथ बच्चे को ब्रेस्टफीड कराने के टिप्स

फ्लैट या उल्टे निप्पल के साथ बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग कराने में मदद करने के लिए, कुछ तकनीकों का इस्तेमाल किया जा सकता है। इनका इस्तेमाल करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें। यहाँ पर कुछ टिप्स दिए गए हैं, जो आपकी ब्रेस्टफीडिंग की प्रक्रिया को आसान बना सकते हैं: 

  • फीडिंग शुरू करने से पहले ब्रेस्ट पंप का इस्तेमाल करें। इससे आपका निप्पल बाहर की ओर आ जाएगा और उसका आकार बेहतर हो जाएगा। इससे बच्चा उस पर आसानी से पकड़ भी बना पाएगा और दूध भी पी पाएगा।
  • निप्पल शील्ड और शेल के फंक्शन और सही तकनीक को समझने के लिए, लेक्टेशन स्पेशलिस्ट से बात करें। इनका इस्तेमाल केवल अपने डॉक्टरों की निगरानी के अंदर ही करने की सख्त हिदायत दी जाती है।
  • डिलीवरी के पहले और बाद में, हॉफमैन तकनीक का इस्तेमाल करके अपने निप्पल को मसाज करने से निप्पल को बाहर निकालने में मदद मिलती है।

हम आपको सलाह देंगे, कि इनवर्टेड निप्पल के लिए किसी भी रेमेडी या इलाज का इस्तेमाल, केवल आपके डॉक्टरों और स्पेशलिस्ट की निगरानी में  ही करें। आपका बच्चा फार्मूला दूध के माध्यम से पोषक तत्वों को प्राप्त कर सकता है, क्योंकि उनमें कोई साइड इफेक्ट नहीं होते हैं। पूरी जांच और इलाज के प्लान के लिए, अपने लेक्टेशन स्पेशलिस्ट से खुलकर बात करें। 

यह भी पढ़ें: 

शिशु और माँ के लिए स्तनपान के फायदे
सोर निप्पल – निप्पल में घाव और दर्द
स्तनपान के दौरान स्तन में खुजली – कारण और उपचार

पूजा ठाकुर

Recent Posts

सारिका नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Sarika Name Meaning in Hindi

क्या आप अपनी बेटी के लिए एक ऐसा नाम ढूंढ रहे हैं जो सुनते ही…

23 hours ago

जया नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Jaya Name Meaning in Hindi

हर माता-पिता यही चाहते हैं कि उनकी बेटी जिंदगी में खूब तरक्की करे और उसका…

23 hours ago

35+ पत्नी के जन्मदिन पर विशेस, कोट्स और मैसेज | Birthday Wishes, Quotes And Messages For Wife in Hindi

यह बात तो बिलकुल सत्य है कि पति के जीवन में पत्नी की भूमिका ऐसी…

23 hours ago

35+ माँ और बेटे के बंधन पर कोट्स, स्टेटस और मैसेज | Mother And Son Bonding Quotes, Status And Messages In Hindi

माँ और बच्चे का रिश्ता दुनिया के सबसे खूबसूरत और गहरे रिश्तों में से एक…

23 hours ago

बांझपन के उपचार में हल्दी के फायदे l Banjhpan Ke Liye Haldi ke Fayde

जो शादीशुदा जोड़े बच्चा करने के बारे में निर्णय लेते हैं उन्हें यह मालूम होना…

23 hours ago

तेजस्वी नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Tejasvi Name Meaning in Hindi

हर मम्मी-पापा का सपना होता है कि जब उनका बच्चा इस दुनिया में आए, तो…

23 hours ago