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गर्भावस्था के कारण मांसपेशियों में दर्द और ऐंठन होती है, जो पहली तिमाही में सबसे ज्यादा होती है, जिससे आपको काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। बढ़ते पेट से कमर और कूल्हे में इस दर्द का अनुभव ज्यादा होता है, इस प्रकार गर्भवती महिलाओं के लिए कोई नेचुरल दर्द निवारक की आवश्यकता होती है। प्रेगनेंसी का समय माँ और बच्चे दोनों के लिए बहुत नाजुक होता है इसलिए कोशिश यही करनी चाहिए कि हर समस्या पर दवा का विकल्प चुनने से परहेज करें, ऐसे में घरेलू उपचार अक्सर आजमाने के लिए ज्यादा कहा जाता है। गर्भवती होने के दौरान होने वाली मांसपेशियों के दर्द को कम करने के लिए घरेलू उपचार के रूप में महिलाएं गर्म सिकाई का इस्तेमाल करके दर्द से राहत पाती हैं। यह हम सबको पता है कि बहुत ज्यादा गर्माहट पेट में पल रहे बच्चे को प्रभावित कर सकती है, लेकिन अगर हीटिंग पैड का उपयोग मध्यम तापमान के साथ किया जाए तो ये गर्भवती महिलाओं द्वारा उपयोग किए जाने के लिए सुरक्षित हैं। हीटिंग पैड ब्लड वेसल्स के फैलाव के माध्यम से दर्द से राहत देते हैं, इस प्रकार शरीर के अन्य भागों में ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की आपूर्ति करते हैं।
हीटिंग पैड गर्भावस्था के दौरान दर्द और मांसपेशियों की जकड़न से राहत देता है और आपके शरीर का तापमान नहीं बढ़ाता है, इस प्रकार शरीर के केवल एक हिस्से को गर्म करता है और आपके बच्चे को प्रभावित नहीं करता है।
हर चीज के लिए कहा जाता है कि हद से ज्यादा उपयोग नुकसानदेह होता है ठीक उसी प्रकार सीमित गर्माहट का उपयोग किया जाए तो कोई समस्या नहीं है, इससे बच्चे को नुकसान नहीं पहुंचता है और ऐसा करने से आपके पूरे शरीर का तापमान भी प्रभावित नहीं होता है, इस प्रकार गर्भावस्था के दौरान गर्म सिकाई करना सुरक्षित होता है। हालांकि, गर्भावस्था के दौरान सोना बाथ और हॉट बाथ लेने से बचना चाहिए, क्योंकि वह पूरे शरीर के तापमान को बढ़ा सकता है, जिससे बच्चे में बर्थ डिफेक्ट या मिसकैरेज होने का खतरा रहता है।
गर्भावस्था के दौरान पीठ या कमर के हिस्से में होने वाले दर्द से राहत पाने के लिए गर्म सिकाई की जा सकती है। आप गर्भावस्था में महसूस होने वाले क्रैम्प से छुटकारा पाने के लिए हीटिंग पैड का उपयोग कर सकती हैं और प्रभावित ब्लड वेसल्स वाले हिस्सों में सूजन, मांसपेशियों में होने वाले दर्द को दूर करने के लिए आइस पैक के साथ हीट पैक का उपयोग कर सकती हैं। आइस पैक खून के थक्कों को बनने से रोकता है जबकि हीट पैक प्रभावित हिस्से में अच्छी तरह से ब्लड सर्कुलेशन करने में मदद करता है। अदल-बदलकर ऐसा करने से दर्द से जल्दी आराम मिलता है और तापमान का सही संतुलन भी बना रहता है।
नहीं! जबकि हीटिंग पैड अनचाहे केमिकल और ओवर-द-काउंटर दवाओं के विकल्प के रूप में उपयोग किए जाने के लिए आदर्श होते हैं, लेकिन फिर भी उन्हें सीधे पेट पर नहीं रखा जाना चाहिए। पेट पर सीधे हीटिंग पैड का उपयोग करने से गर्भ में मौजूद बच्चे तक गर्मी सीधे पहुंच सकती है, जिससे यह बच्चे में बर्थ डिफेक्ट का खतरा पैदा कर सकता है।
गर्भावस्था के कारण मांसपेशियों में क्रैम्प का अनुभव होता है और हीट पैक कुछ देर के लिए इस दर्द और परेशानी से राहत प्रदान करता है। ऐसे में अगर आप चाहती हैं कि आप पेट की भी सिकाई करें, तो आप हीटिंग पैड या हॉट वाटर बैग का उपयोग कर सकती हैं, बशर्ते कि इसका तापमान 100 डिग्री फारेनहाइट से कम हो और ये किसी प्रकार से बच्चे को प्रभावित न करे। गर्म सिकाई करने का बेहतर तरीका यह है कि आप पेट के ऊपर एक तौलिया रख दें और उसके ऊपर पैड या बैग रखें ताकि यह त्वचा के सीधे संपर्क में न आए। ऐसा करने से गर्मी के कारण त्वचा में जलन नहीं होगी और बच्चे को भी नुकसान नहीं पहुंचेगा, जिससे इसका उपयोग करना आपके लिए और ज्यादा सुरक्षित हो जाएगा।
वैसे हीटिंग पैड का प्रयोग करने से बचा जाना चाहिए और एक बार में 10 से 15 मिनट से अधिक समय तक इसका उपयोग नहीं किया जाना चाहिए, किसी भी हाल में 20 मिनट से ज्यादा देर तक इसका उपयोग न करें, 10 से 15 मिनट के लिए हीटिंग पैड का प्रयोग करना आपके लिए पर्याप्त होगा। यदि आपके शरीर का तापमान पहले से ही बढ़ा हुआ है, तो आपको यह सुझाव दिया जाता है कि आप इनका उपयोग करने से बचें। अगर आपको इससे जुड़ा कोई भी संदेह मन में आता है, तो आपको अपने डॉक्टर से इस विषय में बात करनी चाहिए।
हालांकि हीटिंग पैड दर्द को मात देने में बहुत उपयोगी साबित होता है, लेकिन इसे इनडायरेक्ट तरीके से ही उपयोग किए जाने की सलाह दी जाती है। गर्भवती महिलाओं के लिए हीट पैक का उपयोग करने के अन्य सुरक्षित विकल्प भी मौजूद हैं। निम्नलिखित विकल्प कुछ इस प्रकार से मौजूद हैं:
हीट पैड का उपयोग करते समय आपको कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए। यहाँ आपको कुछ सेफ्टी टिप्स बताई गई हैं:
हीट पैक गर्भावस्था के दौरान आपके लिए काफी उपयोगी होता और अगर इसका सही तरह से इस्तेमाल किया जाए, तो यह आपके दर्द से राहत पाने का एक बेहतरीन ऑप्शन है। गर्म सिकाई के अलावा मांसपेशियों में दर्द और पीठ दर्द से छुटकारा पाने के लिए आप बॉडी मसाज का विकल्प भी साथ में चुन सकती हैं। लो हीट से आपके बच्चे को नुकसान नहीं पहुंचेगा, लेकिन बहुत ज्यादा हीट का उपयोग बच्चे के लिए घातक साबित हो सकता है, इसलिए सुनिश्चित करें कि आप जब भी हीटिंग पैड का इस्तेमाल करें तो हीट लेवल सही होना चाहिए। यदि आप सोच रही हैं कि क्या आप गर्भवती होने पर हीट पैच का उपयोग कर सकती हैं, तो प्रश्न का उत्तर तापमान पर निर्भर करता है। गर्भावस्था की पहली तिमाही में महिलाओं के लिए 100 डिग्री फारेनहाइट से नीचे तापमान होना चाहिए। हीट पैक आपकी गर्भावस्था को कम्फर्टेबल बना देती है और सही ढंग से देखभाल करने से यह वक्त कब बीत जाएगा आपको पता भी नहीं चलेगा। यदि आप अपनी पीठ या पेट पर, राउंड लिगामेंट पेन, सूजन, कब्ज या दर्द का अनुभव करती हैं, तो ऐसे में गर्म सिकाई करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
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