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गर्भपात किसी भी महिला के लिए सदमा पहुँचाने वाला अनुभव होता है। गर्भपात के बाद ठीक होने के लिए बहुत आराम, भावनात्मक समर्थन और स्वस्थ आहार की आवश्यकता होती है। इस लेख में ऐसे आहार के बारे में बताया गया है, जिसका सेवन एक महिला को गर्भपात के बाद जल्दी ठीक होने के लिए करना चाहिए। साथ ही यह भी पढ़िए कि गर्भपात से उबरकर पुनः स्वस्थ हो रही महिला के लिए कौन से भारतीय खाद्य पदार्थ स्वास्थ्यप्रद हैं और कौन से हानिकारक।
गर्भपात होने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से कुछ हमारे नियंत्रण में होते हैं जबकि कुछ नहीं। आमतौर पर गर्भपात के कुछ सामान्य कारण निम्नानुसार हैं।
गर्भाशय में समस्याएं, जैसे कि फाइब्रॉइड (गांठ) आदि, गर्भावस्था की दूसरी या तीसरी तिमाही में गर्भपात होने की संभावना को जन्म दे सकती है। अन्य स्वास्थ्य जटिलताओं में, गुणसूत्र संबंधी असामान्यता, गर्भाशय ग्रीवा की असंगति, गर्भाशय में झिल्ली आदि हो सकते हैं।
विशेष रूप से गर्भावस्था के दौरान धूम्रपान करने या शराब पीने से गर्भपात होने की संभावना होती है। गर्भवती होने पर पपीता और अनानास जैसे कुछ फल खाने से भी गर्भपात हो सकता है। सभी आवश्यक महत्वपूर्ण पोषक तत्व प्रदान करने वाला स्वस्थ आहार लेना सुनिश्चित करें।
जिन महिलाओं को पहले से ही हाइपर या हाइपो थायरॉइडिज्म, डाइबिटीज जैसी समस्याएं हैं, उनमें गर्भपात होने की संभावना अधिक होती है। इसलिए, गर्भावस्था से पहले इन समस्याओं का निदान और नियंत्रण किया जाना चाहिए।
एक महिला के लिए यह जानना महत्वपूर्ण है कि गर्भपात के बाद उसे किस तरह का भोजन करना चाहिए। गर्भपात के बाद स्वस्थ आहार का सेवन शरीर के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि आघात से उबरने और पुन: स्वस्थ होने के लिए इसे आवश्यक पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है।
गर्भपात के कारण महिलाओं को थकान और अनीमिया हो सकता है। गर्भपात के कारण अत्यधिक रक्तस्राव होने पर, शरीर में आयरन की कमी हो सकती है। इसलिए, यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि शरीर में आयरन के स्तर को बनाए रखने के लिए आयरन युक्त आहार लें।
आयरन दो प्रकार का होता है, हीम और गैर-हीम आयरन। हीम-आयरन पशु स्रोतों से प्राप्त खाद्य पदार्थों में पाया जाता है, जैसे लाल मांस, मुर्गी-बतख और समुद्री भोजन। वानस्पतिक स्रोतों में गैर-हीम आयरन पाया जाता है, जैसे हरी पत्तेदार सब्जियां, मेवा, मूंग-मसूर की दाल, फलियां, तिल के बीज और कद्दू के बीज आदि ।
इसलिए, शाकाहारी महिलाओं को पौधों के स्रोतों से आयरन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए और मांसाहारी महिलाओं दोनों प्रकार के स्रोतों से आयरन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए।
गर्भावस्था के दौरान, शरीर में कैल्शियम के भंडार का उपयोग किया जाता है, क्योंकि भ्रूण को स्वस्थ हृदय, नसों, मांसपेशियों, हड्डियों और दाँतों को विकसित करने के लिए कैल्शियम की आवश्यकता होती है। जब गर्भपात होता है, तो गर्भावस्था के टिश्यूज के साथ-साथ कैल्शियम को निकाल दिया जाता है, जिससे शरीर में कैल्शियम की कमी हो जाती है। इसलिए, महिलाओं के लिए कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थ, जैसे कि गहरी हरी पत्तेदार सब्जियां, दुग्ध उत्पाद, मछली जैसे सार्डिन और सामन, और सूखे फल जैसे सूखे अंजीर, खजूर और मेवा आदि का सेवन करना महत्वपूर्ण है।
कई महिलाएं जिनका गर्भपात हो चुका है, वो स्वस्थ होने के बाद फिर से गर्भधारण करने की कोशिश करने की योजना बनाती हैं। ऐसे में फोलेट युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करना अच्छा होता है। फोलेट गहरे हरे पत्ते वाली सब्जियों जैसे पालक, करमसाग और रोमेन सलाद पत्ते में पाया जाता है। यह शतावरी, ब्रोकोली, नींबू-संतरा आदि फल, मूंग-मसूर की दाल, मटर, एवोकैडो, पालक, भिंडी, बीज और मेवा आदि में भी पाया जाता है। भिंडी करी, छोले आदि, फोलेट युक्त भारतीय व्यंजनों के उदाहरण हैं।
शरीर को स्ववस्थ रखने के लिए प्रोटीन की आवश्यकता होती है, क्योंकि प्रोटीन में अमीनो एसिड होता है जो कोशिका की मरम्मत में मदद करते हैं। इसलिए, आपको अंडे, कम चर्बी युक्त मांस, समुद्री भोजन, दूध, पनीर, दही, मूंग-मसूर की दाल और मुर्गी-बतख जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। प्रोटीन के शाकाहारी स्रोत मूंग-मसूर की दाल, डेयरी उत्पाद और क्विनोआ और कुट्टू जैसे अनाज हैं। दाल, छोले तथा पालक पनीर पौष्टिक, प्रोटीन युक्त भारतीय व्यंजन हैं जिन्हें आप खा सकती हैं और इनका आनंद ले सकती हैं।
गर्भपात के कारण होने वाली उदासी और आघात अक्सर डिप्रेशन का कारण बन सकता है। शोध के अनुसार, मैग्नीशियम की कमी डिप्रेशन से जुड़ी हुई है और मैग्नीशियम युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन चिंता को कम करता है और डिप्रेशन को मात देने में मदद करता है। मैग्नीशियम मेवे, बीज, साबुत अनाज जैसे ब्राउन राइस और साबूत गेहूँ, हरी पत्तेदार सब्जियों, गहरे रंग के चॉकलेट, एवोकैडो और फलियां जैसे मटर, मूंग-मसूर की दाल, छोले आदि में पाया जाता है। छोले, कोको मिल्क शेक ऐसे कुछ भारतीय व्यंजन जिनमें मूड अच्छा करने वाले तत्व होते हैं ।
मेवे कई महत्वपूर्ण पोषक तत्वों का स्रोत हैं जो गर्भपात के बाद शरीर को तेजी से ठीक करने में मदद कर सकते हैं। मेवे विटामिन ई, लौह, मैग्नीशियम, फोलेट, ओमेगा-6 और ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर होते हैं। वे फाइबर का भी एक अच्छा स्रोत हैं। फिर भी, उन्हें कम मात्रा में सेवन करना चाहिए क्योंकि इनमें वसा और कैलोरी अत्यधिक मात्रा में होती है। अपने दैनिक आहार में बादाम, पिस्ता, अखरोट, काजू जैसे मेवे शामिल करें। आप खीर तथा बिरयानी जैसे भारतीय व्यंजनों में भी मेवे का उपयोग कर सकती हैं जो आपके मूड को भी ठीक करते हैं ।
कई वैज्ञानिक अध्ययनों के अनुसार, जिन महिलाओं ने अपने आहार में कई फलों और सब्जियों को शामिल किया, उनका गर्भपात के बाद भविष्य के गर्भधारण में गर्भपात का जोखिम 50% कम रहा। नीबू-संतरा जैसे खट्टे फल, हरी पत्तेदार सब्जियां, और पर्याप्त पानी की मात्रा वाले फल स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छे होते हैं।
मौसमी, संतरा और स्ट्रॉबेरी जैसे खट्टे फल विटामिन सी का एक बड़ा स्रोत हैं जो शरीर द्वारा लौह के अवशोषण के लिए आवश्यक होते हैं। लेकिन फिर, आपको अपने चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए कि गर्भपात से उबरने के दौरान कौन से फल आपके लिए अच्छे हैं और कौन से आपको खाने से बचना चाहिए।
कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ हैं ,जो बहुत ही अस्वास्थ्यकर होते हैं और यदि गर्भपात के बाद अत्यधिक मात्रा में, सेवन किए जाते हैं तो इससे नुकसान हो सकता है। गर्भपात के बाद बड़ी मात्रा में क्या न खाएं, इसका संकलन नीचे दिया गया है।
कचोरी, पानीपूरी, समोसा, चिप्स, फ्रेंच फ्राइज, पिज्जा, बर्गर, डोनट्स आदि अस्वास्थ्यकर खाद्य और फास्ट फूड के उदाहरणों में शामिल हैं। इनमें ट्रांस-फैट्स होते हैं जो शरीर में सूजन का कारण बनते हैं, अगर इसका अधिक सेवन किया जाए तो परिणामस्वरूप मोटापा और हृदय रोग हो सकता है। अधिक अस्वास्थ्यकर खाद्य खाने से महिलाओं में गर्भपात का खतरा बढ़ जाता है और इससे डिप्रेशन भी होता है।
संसाधित खाद्य पदार्थों में मौजूद सरल, परिष्कृत कार्बोहाइड्रेट शरीर के लिए हानिकारक होते हैं, क्योंकि उनमें भरपूर कार्ब्स होते हैं, लेकिन फाइबर कम होता है । इंस्टेंट नूडल्स, पॉलिश किए गए सफेद चावल, भारतीय नाश्ते जैसे बिस्कुट, मुरुक्कू, हलवा, कटलेट और नान आदि जैसी भारतीय ब्रेड जो मैदे से बनी होती है, ऐसे संसाधित खाद्य पदार्थों से दूर रहना चाहिए । उसके बदले में, जटिल कार्ब्स खाएं जैसे गेहूँ की चपाती ।
अधिक मिठाइयां खाने से बचें। क्योंकि इस चरण में आप भावनात्मक पहलुओं के कारण अधिक खा सकती हैं। चीनी से भरी मिठाइयां आपको कोई पोषक तत्व प्रदान नहीं करेंगी। इसके बजाय, खजूर या अंजीर से बनी मिठाइयों का विकल्प चुनें।
गर्भपात के बाद डेयरी और मांस में मौजूद वसा शरीर में सूजन पैदा कर सकते हैं और आपके दर्द को बढ़ा सकते हैं । इसलिए, पूर्ण मलाई युक्त दूध, मक्खन, वसा से भरपूर पनीर या चीज़ जैसे खाद्य पदार्थों से बचें। इसके बजाय, कम फैट वाला मांस और टोन्ड दुग्ध उत्पाद चुनें।
गर्भपात किसी भी महिला के लिए एक दर्दनाक घटना है। गर्भपात के बाद स्वास्थ्यलाभ के लिए आहार परिवर्तन बहुत प्रभावी हो सकता है। आप जो खाती हैं वह स्वास्थ्यलाभ की प्रक्रिया की गति को या तो बढ़ा सकता है या धीमा कर सकता है। इसलिए स्वस्थ आहार का चयन करें जिसमें बहुत सारे फल और सब्जियां शामिल हों, और सब कुछ संयम में खाएं । अपने डॉक्टर से परामर्श करें और उनकी सलाह के आधार पर आहार तय करें।
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