गौरैया और घमंडी हाथी की कहानी | The Story Of Sparrow And Proud Elephant In Hindi

यह कहानी एक गौरैया चिड़िया और उसके पति की है, जो शांति से अपना जीवन व्यतीत कर रहे थे। लेकिन एक दिन एक घमंडी हाथी की वजह से उनका खुशहाल जीवन खराब हो गया। चिड़िया ने एक घमंडी हाथी के कारण अपने बच्चों को खो दिया। उस घमंडी हाथी को सबक सिखाने के लिए उसने अपने दोस्तों की मदद ली। पूरी कहानी पढ़ने के बाद आपको मालूम चलेगा आखिर गौरैया और उसके दोस्तों ने घमंडी हाथी को सबक कैसे सिखाया।

कहानी के पात्र (Characters Of Story)

  • गौरैया और उसका पति
  • हाथी
  • कठफोड़वा (गौरैया का दोस्त)
  • मधुमक्खी और मेंढक (कठफोड़वा के दोस्त)

गौरैया और घमंडी हाथी की कहानी (The Sparrow And Proud Elephant Story In Hindi)

एक समय की बात है, एक पेड़ पर एक गौरैया चिड़िया अपने पति के साथ रहती थी। चिड़िया दिनभर अपने घोंसले में रहकर अपने अंडों का ध्यान रखती थी और उसका पति बाहर खाना ढूंढने जाता था। वे दोनों साथ में बहुत खुश थे और अंडों से अपने बच्चों के निकलने का इंतजार कर रहे थे।

ऐसे ही एक दिन चिड़िया अपने घोंसले में अपने अंडों का ध्यान रख रही थी और उसका पति दूर खाने का इंतजाम करने गया था। उसी वक्त वहां एक हाथी अपने में मगन होकर चला आ रहा था और उसने पेड़ की शाखाओं को तोड़ना शुरू कर दिया। ऐसा करते हुए हाथी ने चिड़िया का घोंसला भी गिरा दिया और उससे चिड़िया के सारे अंडे टूट गए। चिड़िया बहुत दुखी हो गई और उसे हाथी पर बहुत गुस्सा आया। जब चिड़िया का पति वापस आया, तो उसने देखा कि चिड़िया टूटी हुई शाखा पर बैठी रो रही है। चिड़िया ने पूरी बात अपने पति को बताई जिसे सुनने के बाद उसके पति को बहुत गुस्सा आया। अब दोनों ने हाथी से इस बात का बदला लेने की सोची।

चिड़िया और उसका पति अपने एक मित्र कठफोड़वा के पास गए और उसे पूरी घटना विस्तार से बताई। कठफोड़वा ने भी हाथी को सबक सिखाने का सोच लिया था। फिर कठफोड़वा ने अपने दोस्तों को बुलाया, एक दोस्त मधुमक्खी और दूसरा मेंढक था। तीनों ने मिलकर हाथी को उसकी गलती का अहसास दिलाने के लिए एक तरकीब बनाई जो चिड़िया और उसके पति दोनों को अच्छी लगी।

तीनों ने जो योजना बनाई उसके चलते सबसे पहले मधुमक्खी ने हाथी के कान में गुनगुनाना शुरू कर दिया, जब हाथी मधुमक्खी की आवाज से मंत्रमुग्ध हो गया, तब कठफोड़वे ने उसकी दोनों आंखें फोड़ दी। हाथी दर्द के चीखने लगा और उसी वक्त मेंढक अपने परिवार के साथ एक दलदल के पास टरटर की आवाज करने लगा। ऐसे में हाथी को लगा कि शायद पास में कोई तालाब होगा और वह पानी के उस दलदल में कूद गया और उसी में फंस गया। इस तरह से चिड़िया ने अपने दोस्तों मधुमक्खी, मेंढक और कठफोड़वा की मदद से अपना बदला पूरा किया।

गौरैया और घमंडी हाथी की कहानी से सीख (Moral of The Sparrow And Proud Elephant Hindi Story)

गौरैया और घमंडी हाथी की कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि यदि आपके पास अच्छे दोस्त हों और उनमें एकता है, तो आप सब विवेक का उपयोग करके बड़ी से बड़ी मुसीबत से बच सकते हैं।

गौरैया और घमंडी हाथी की कहानी का कहानी प्रकार (Story Type of The Sparrow And Proud Elephant Hindi Story)

यह कहानी पंचतंत्र की कहानियों के अंतर्गत आती है जो यह बताती है कि जीवन में सच्चे दोस्तों का होना कितना जरूरी है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

1. गौरैया और हाथी की नैतिक कहानी क्या है?

गौरैया और हाथी की इस कहानी में यह बताया गया है कि यदि मुसीबत के वक्त आपके दोस्त आपके साथ खड़े हैं और आप में एकता है तो आप किसी भी मुश्किल स्थिति का सामना कर सकते हैं।

2. हमें एक दूसरे के साथ एकता क्यों बनाई रखनी चाहिए?

एकता सबसे बड़ा हथियार है, यदि हममें एकता होती है तो हम किसी भी संकट का सामना कर सकते हैं। एकता रहने से आपको कोई तोड़ नहीं सकता और यह मुश्किल से मुश्किल घड़ी में हिम्मत देती है।

निष्कर्ष (Conclusion)

गौरैया और घमंडी हाथी की कहानी का मकसद आपको यह बताना है कि यदि आपके पास अच्छे दोस्त हैं, तो आप किसी भी मुसीबत को साथ मिलकर हल कर सकते हैं। अगर आपके साथ कोई बिना बात के गलत करता है, तो उसको सबक सिखाना जरूरी है। हाथी को भी उसकी गलती की सजा मिली और इसमें चिड़िया और उसके दोस्तों की एकता भी नजर आई।

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समर नक़वी

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