गर्भावस्था

ग्रहण के दौरान गर्भावस्था – क्या यह गर्भवती महिलाओं के लिए हानिकारक है?

गर्भास्था के दौरान विभिन्न धर्मों व प्रथाओं में अलग-अलग मान्यताओं व रीति-रिवाजों का पालन किया जाता है। कई बार इन मान्यताओं के साथ-साथ कुछ प्रतिबंध भी आते हैं। आकाश में होने वाला ग्रहण भी गर्भवती महिलाओं के लिए ऐसे ही कुछ प्रतिबंधों का द्योतक है। यूं तो ग्रहण केवल सूर्यास्त या सूर्योदय जैसी एक प्राकृतिक घटना है। तथापि उसके साथ जुड़ी हुई धारणाएं व विश्वास कई बार हमारी जिज्ञासा का कारण बनते हैं। क्या वास्तव में ग्रहण का गर्भवती महिलाओं पर कोई प्रभाव पड़ता है? आइए, जानने का प्रयास करते हैं।

ग्रहण क्या है?

ग्रहण एक प्राकृतिक घटना है जो तब होती है जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक ही रेखा में आते हैं । सूर्य के चारों ओर पृथ्वी और पृथ्वी के चारों ओर चंद्रमा अपनी धुरी पर निरंतर गति में होते हैं । इस प्रकार, उनका किसी ना किसी समय एक सीधी रेखा में आना स्वाभाविक है। पृथ्वी और चंद्रमा के गतिमान होने के दौरान कभी-कभी एक ऐसी विशेष स्थिति आती है जब उनकी छाया एक दूसरे पर पड़ने के कारण ग्रहण की स्थिति बन जाती है।

चंद्र ग्रहण क्या है?

जब चंद्रमा और सूर्य के बीच में पृथ्वी आती है, तो पृथ्वी की छाया चन्द्रमा पर पड़ती है और सूर्य के प्रकाश को चन्द्रमा तक जाने से रोक देती है । इस स्थिति को चंद्र ग्रहण कहा जाता है।

क्या चंद्र ग्रहण आपको या गर्भस्थ शिशु को नुकसान पहुँचा सकता है?

कुछ लोग मानते हैं कि गर्भावस्था पर ग्रहण का प्रभाव पड़ता है और वे अक्सर इसके बारे में सावधान रहते हैं । गर्भावस्था के दौरान ग्रहण को एक बुरा शगुन माना जाता है। हालांकि, इस कथन का समर्थन करने का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।

चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं के लिए मान्यताएं

यह माना जाता है कि अगर गर्भवती महिलाएं चंद्र ग्रहण के दौरान कुछ प्रतिबंधों का पालन करती हैं तो उन्हें और उनके बच्चे को चंद्र ग्रहण से नुकसान नहीं पहुँचेगा। चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को बताई जाने वाली कुछ आम सावधानियां व पूर्वोपाय हैं:

  • ग्रहण के दौरान उपवास करना।
  • चंद्र ग्रहण के दिन बुनाई या सिलाई नहीं करना।
  • एक दिन पहले तैयार किया गया कोई भी खाद्य पदार्थ रसोई में नहीं रखना।
  • कैंची और चाकू जैसी तेज धार की वस्तुओं का उपयोग नहीं करना।
  • ग्रहण के दौरान घर से बाहर न निकलना।

सावधानियों का पालन करते समय याद रखने योग्य बातें

यह संभव है कि आपको ग्रहण के दौरान खाने या पीने को टालने के लिए कहा जाए। यह आपके और आपके बच्चे पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है। यह निर्जलीकरण का कारण बन सकता है। ग्रहण के दौरान पालन करने के लिए आपके द्वारा बताए गए विभिन्न नियम और सावधानियां आपको चिंतित और अनावश्यक रूप से अति सचेत कर सकते हैं। इससे रक्तचाप में वृद्धि हो सकती है जो आपके बच्चे के स्वास्थ्य के लिए खराब हो सकता है।

ग्रहण के दौरान सावधानियों का पालन करते हुए सुनिश्चित करें कि आप खुद में निम्नलिखित लक्षण नहीं देख रही हैं:

  • चक्कर आना
  • तेज सिरदर्द
  • बेहोशी की अनुभूति
  • पेट में गैसया या एसिडिटी

यदि आप इन लक्षणों को देखती हैं, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें। चंद्र ग्रहण की पूर्व जानकारी मिलते ही इन सावधानियों का पालन करने की स्थिति में पहले से ही डॉक्टर से मिलने का समय सुनिश्चित करके रख लें।

सूर्य ग्रहण क्या है?

जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच में आता है, तो वह सूर्य के प्रकाश को पृथ्वी तक जाने से रोकता है और पृथ्वी पर अपनी छाया डालता है। इस स्थिति को सूर्य ग्रहण कहा जाता है।

गर्भावस्था पर सूर्य ग्रहण के प्रभाव

ऐसा माना जाता है कि गर्भवती महिलाओं को सीधे ग्रहण को नहीं देखना चाहिए। इससे गर्भावस्था में गर्भपात हो सकता हैं या बच्चा विकृतियों के साथ पैदा हो सकता हैं।

सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं के लिए मान्यताएं

सभी गर्भवती महिलाओं के मन में यह सवाल आता है, “क्या ग्रहण गर्भावस्था को प्रभावित करता है?” विज्ञान कुछ मान्यताओं का समर्थन कर सकता है जबकि कुछ बातें विज्ञान पर आधारित नहीं होती हैं। लेकिन यहाँ सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को पालन करने के लिए कुछ सावधानियां बताई गई हैं:

  • बाहर धूप में न निकलें तथा सीधे ग्रहण को न देखें।
  • ग्रहण के दौरान सोने से बचें। ‘दर्भ घास’ प्राप्त करने का प्रयास करें और फर्श पर फैलने के बाद उसपर बैठे।
  • ग्रहण के दौरान पिन, चाकू या सुई जैसी तेज वस्तुओं का उपयोग न करें।
  • दिन के समय सूर्यकिरणों के संपर्क में न आना। धूप से बचने के लिए भारी पर्दे लगाने चाहिए और खिड़कियों को समाचार पत्रों से ढंकना चाहिए।
  • ग्रहण के दौरान खाने, पीने या खाना पकाने से बचें।
  • ग्रहण की अवधि के दौरान ‘महा मृत्युंजय मंत्र’ या ‘संतान गोपाल मंत्र’ का पाठ करें।
  • ग्रहण की समाप्ति के बाद स्नान करने की सलाह दी जाती है।
  • अपने घर के बड़ों का आदर करें और स्नान के बाद उनका आशीर्वाद लें।

मिथक या तथ्य

ग्रहण के बारे में हमारे बड़े-बुजुर्ग कई सारी बातों पर विश्वास करते हैं। आइए देखें कि सूर्य और चंद्र ग्रहण से जुड़े गर्भावस्था के तथ्य मिथक हैं या नहीं।

1. घर के अंदर रहें और सूर्य को न देखें

यह सच है कि गर्भवती महिला को निम्न कारणों से ग्रहण के दौरान बाहर नहीं जाना चाहिए और सूर्य को खुली आँखों से नहीं देखना चाहिए:

  • सीधे सूर्य के विकिरण को देखना हानिकारक है।
  • सीधे ग्रहण को देखने से सूरज की तीव्र रोशनी के प्रति आपके रेटिना के एक्स्पोजर पर प्रभाव पड़सकता है।
  • यह प्रकाश के प्रति संवेदनशील रॉड और कोन कोशिकाओं को हुए नुकसान के कारण रेटिना के जलने का कारण बन सकता है।

यह सामान्य रूप से सही है। यदि आप गर्भवती हों या न हों, आपको सीधे ग्रहण को नहीं देखना चाहिए।

2. ग्रहण के दौरान खाने, पीने या खाना पकाने से बचें

यह भी एक सिद्ध तथ्य है। इसके पीछे कारण यह है कि ग्रहण के दौरान सूर्य की किरणें अवरुद्ध हो जाती हैं, जिससे तापमान में गिरावट आती है। तापमान में यह उतार और सूरज की किरणों की अनुपस्थिति बैक्टीरिया, रोगाणुओं और हानिकारक कीटाणुओं के फैलने का कारण बनती है। इसलिए ग्रहण के दौरान खाने, पीने या खाना पकाने के लिए न कहा जाता है।

डिस्क्लेमर

ग्रहण से संबंधित मान्यताओं पर विश्वास करना और उन पर काम करना आपका निर्णय है। आप उन्हें अपने बड़ों के प्रति सम्मान के रूप में या कुछ वास्तविक गर्भावस्था जटिलताओं के दोष से बचने के लिए मान सकती हैं।

ग्रहण एक प्राकृतिक घटना है। न तो सूर्य ग्रहण और न ही चंद्र ग्रहण का आपकी गर्भावस्था पर कोई प्रभाव पड़ता है। ग्रहण से संबंधित मान्यताओं और रीति-रिवाजों का पालन करना एक व्यक्तिगत चुनाव है। आपको बस आराम करने और इसके बीतने की प्रतीक्षा करने की आवश्यकता है।

श्रेयसी चाफेकर

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