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ये कहानी जंगल में रहने वाले दो पक्के दोस्त हाथी और बकरी की है। दोनों में आपस में बहुत प्यार था और दोनों सुख-दुख में एक दूसरे का साथ देते थे। समय के साथ दोनों की दोस्ती और गहरी होती गई। हाथी और बकरी से अनजाने में हुई गलती को उन्होंने समय रहते सुधार लिया जिससे उनका आने वाला जीवन बेहतर हो पाया। इस कहानी को पढ़कर बच्चों को बहुत मजा आएगा, ऐसी और भी कहानियों को पढ़ने के लिए हमारे साथ जुड़े रहें।
कहानी के पात्र (Characters Of Story)
- हाथी
- बकरी
- चिड़िया
हाथी और बकरी की कहानी | Elephant And Goat Story In Hindi
कुछ साल पहले एक जंगल में एक हाथी और एक बकरी रहते थे। हाथी और बकरी दोनों एक-दूसरे के बाहत अच्छे मित्र थे। हर दिन दोनों साथ में भोजन ढूंढने जाते और साथ में ही खाते थे। एक दिन भोजन को ढूंढते-ढूंढते दोनों जंगल से बहुत दूर आ गए थे। वहां उन्हें एक तालाब नजर आया। उस तालाब के पास एक बेर का पेड़ था।
उस पेड़ को देखने के बाद हाथी और बकरी दोनों बहुत खुश हो गए। फिर दोनों पेड़ के पास गए और हाथी ने अपनी सूंड से बेर के पेड़ को तेजी से हिलाया, उससे जमीन पर बहुत सारे बेर गिरने लगे। बकरी जल्दी से उन बेरों को इकठ्ठा करने लगी।
लेकिन उस दौरान पेड़ पर एक चिड़िया का घोंसला भी था, उस घोंसले में चिड़िया का बच्चा सो रहा था और चिड़िया दाने को ढूंढने गई थी। जैसे ही बेर का पेड़ तेजी से हिला, वैसे ही चिड़िया का बच्चा घोंसले से बाहर तालाब में गिर गया और उसमें डूबने लगा।
चिड़िया के बच्चे को डूबते हुए बकरी ने देखा और वह उसे बचाने के लिए तालाब में कूद गई। लेकिन बकरी को भी तैरना नहीं आता था, इसी वजह से वह भी तालाब में डूबने लगी।
बकरी को डूबता हुआ देखकर हाथी भी तालाब में उसे बचाने के लिए कूद गया और फिर दोनों चिड़िया और बकरी को डूबने से बचा लिया।
तभी वहां चिड़िया आ गई और उसने अपने बच्चे को सही हालत में देखकर बहुत संतुष्ट हुई। चिड़िया ने हाथी और बकरी दोनों को उस बेर के पेड़ पर रहने के लिए कहा। उसके बाद हाथी और बकरी वहीं चिड़िया के साथ रहने लगे।
कुछ समय बाद चिड़िया का बच्चा भी बड़ा हो गया था। चिड़िया और उसका बच्चा साथ में जंगल घूमने जाते थे और बकरी को ये आकर बताते थे कि किस पेड़ पर फल लगे हुए हैं। इसी तरह चारों लोग मस्ती के साथ एक दूसरे के साथ रहते थे।
हाथी और बकरी की कहानी से सीख (Moral of Elephant And Goat Hindi Story)
हाथी और बकरी की इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है कि यदि आप से अनजाने में कोई गलती हो जाती है तो समय रहते उसे सुधार लेना चाहिए।
हाथी और बकरी की कहानी का कहानी प्रकार (Story Type of Elephant And Goat Hindi Story)
यह कहानी नैतिक कहानियों के अंतर्गत आती है जिसमें यही बताया गया है कि अगर हमें अपनी गलती का अहसास होता है तो उसे स्वीकार लेना चाहिए।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
1. हाथी और बकरी की नैतिक कहानी क्या है?
ये कहानी, अच्छी दोस्ती और समय रहते दूसरों की मदद करना सिखाती है। इसमें कैसे अनजाने में हुई गलती को सुधारने से बाकी सब सही हो जाता है बताया गया है।
2. हमें हमेशा दूसरों की मदद क्यों करनी चाहिए?
मुसीबत के समय दूसरों की मदद करना बहुत बड़ा पुण्य का काम माना जाता है। आज आप किसी की मदद करते हैं, तो हो सकता है कल आपको उनकी मदद की जरूरत पड़े। सही समय अपर मदद करने से आपस में मन-मुटाव दूर हो जाते हैं।
निष्कर्ष (Conclusion)
इस कहानी का मकसद आपको ये बताना है कि अगर दोस्त अच्छा और सच्चा हो, तो वो आपका किसी भी मुसीबत में साथ देगा। जैसे हाथी बकरी को डूबता देखकर तुरंत तालाब में उसे बचाने के लिए कूद गया। दूसरी, यदि आप से अनजाने में कोई गलती हो जाए तो समय रहते उसे जरूर सुधार लें। उससे सामने वाले को भी कोई दिक्कत नहीं होती है और वो आपको माफ भी कर देता है।
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