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कबूतर और बहेलिया की इस कहानी में हमें बड़ों के अनुभव का महत्वता को बताने का प्रयास किया है। सारे कबूतर अपने से बड़े बूढ़े कबूतर की बातों को नजरअंदाज करके एक बहेलिया के जाल में फंस जाते हैं। लेकिन बूढ़े कबूतर की समझदारी की वजह से कैसे वह बहेलिया के चुंगुल से बचे ये सब कहानी में विस्तार से बताया गया है। आप सब भी पूरी कहानी पढ़कर इसका आनंद उठा सकते हैं साथ ही अपने बच्चों को इससे बहुत कुछ सिखा सकते हैं।
सालों पहले एक जंगल हुआ करता था, जिसमें एक बहुत बड़ा बरगद का पेड़ था। उस बरगद के पेड़ पर बहुत सारे कबूतर रहा करते थे। सभी कबूतर जंगल में हर तरफ घूमकर अपने खाने का इंतजाम करते और अपना पेट भरते थे। इनमें एक बूढ़ा कबूतर भी था। बूढ़े कबूतर की समझदारी की वजह से सारे कबूतर उसकी बातें माना करते थे।
एक दिन जंगल में घूमते हुए एक बहेलिया आ गया। उस बहेलिया की नजर कबूतरों पर पड़ी और उसकी आंखों में एक अलग से चमक आ गई। बहेलिया के मन में तभी कुछ ख्याल आया और वो वहां से चला गया। लेकिन बूढ़े कबूतर ने उसे देख लिया था।
अगले दिन गर्मी भरी दोपहर में सारे कबूतर पेड़ पर विश्राम कर रहे थे। उस दिन बहेलिया ही पेड़ के पास पहुंचा और उसने देखा की गर्मी के कारण सभी कबूतर पेड़ पर आराम कर रहे हैं। फिर से बरगद के पेड़ के नीचे जाल बिछाया और उसमें कुछ दाने डाल दिए। ये सब कर के वह दूसरे पेड़ के पीछे छुप गया।
सभी कबूतरों में से एक कबूतर की नजर दाने पर पड़ी और उसने अपने साथी कबूतरों से बोला, ‘देखो भाइयों! आज किस्मत ने हमारा साथ दिया है। हमें आज खाना ढूंढने कही जाना नहीं पड़ेगा बल्कि खाना खुद हमारे पास आया है। चलो आराम से इसे खाते हैं।
भूख से बेहाल और गर्मी से परेशान सभी कबूतर खाने के लिए नीचे जाने लगे, तभी बूढ़े कबूतर ने उन्हें रोका, लेकिन किसी ने भी उसकी बात नहीं मानी और नीचे दाना चुगने लगे।
तभी बूढ़े कबूतर की नजर पेड़ के पीछे छिपे बहेलिया पर पड़ी और उसे समझ आ गया था ये कबूतरों का फंसाने जाल का है, लेकिन वो जब तक रोकता बहुत देर हो चुकी थी। जब दाना चुगने के बाद कबूतर उड़ने की कोशिश करने लगे, लेकिन सभी जाल में फंस चुके थे। कबूतरों ने जितना उड़ने को कोशिश की वह उतना ही उस जाल में उलझते गए। सभी कबूतरों को जाल में फंसा हुआ देखकर बहेलिया पेड़ के पीछे से निकलकर उन्हें पकड़ने के लिए आगे बढ़ने लगा। बहेलिया को देखकर सभी कबूतर बहुत घबरा गए और बूढ़े कबूतर से मदद की गुहार लगाने लगे।
ऐसे में बूढ़ा कबूतर कुछ सोचा और बोला कि जब मैं कहूं तब तुम सब एक साथ उड़ने का प्रयास करना और उड़ कर मेरे पीछे-पीछे आना। जाल में फंसे कबूतर कहने लगे, हम फंसे हुए हैं कैसे उड़ पाएंगे। इस बात पर बूढ़े कबूतर ने उन्हें समझाया की सभी एक साथ प्रयास करोगे, तो जरूर उड़ पाओगे।
सभी कबूतरों ने उसकी बात मान ली और उसके कहने पर एक साथ उड़ने का प्रयास करने लगे। कबूतरों की एक साथ कोशिश से वह जाल के साथ ही हवा में उड़ गए और बूढ़े कबूतर के पीछे जाने लगे।
जब कबूतर उड़ने लगे तो बहेलिया उन्हें देखकर हैरान हो गया, क्योंकि ऐसा मंजर उसने पहली बार देखा था। वह उन कबूतरों के पीछे भागने लगा लेकिन तब तक कबूतर नदी और पहाड़ को पार करते हुए आगे निकल गए थे। इसलिए बहेलिया उनका पीछा नहीं कर सका।
वहीं बूढ़ा कबूतर जाल में फंसे अन्य कबूतरों को एक पहाड़ पर ले गया, जहां उसका दोस्त चूहा रहता था। अपने मित्र को देखकर चूहा बहुत खुश हुआ, लेकिन जब बूढ़े कबूतर से उसे सारी घटना बताई, तो वह दुखी भी हुआ। उसने बूढ़े कबूतर से कहा परेशान मत हो, मैं अभी अपने दांतों की सहायता से जाल को काट देता हूं।
चूहे ने अपने दांतों से जाल को काट दिया और सारे कबूतर उससे आजाद हो गए। सभी कबूतर बहुत खुश थे और उन्हें चूहे को धन्यवाद किया और बूढ़े कबूतर से उसकी बात न मानने के लिए माफी भी मांगी।
कबूतर और बहेलिया इस कहानी से हमें ये सीखने को मिलता है कि यदि आप सभी में एकता है तो आप कोई भी मुश्किल काम हल कर सकते हैं। इतना ही नहीं आपको हमेशा अपनों से बड़े की बातों को सुनना और समझना चाहिए।
यह कहानी नैतिक कहानियों के अंतर्गत आती हैं जिसमें यह सीखने को मिलता है कि एकता में बल होता होता।
इस कहानी में हमें ये बताया गया है कि हमें कभी भी लालच में आ कर कोई काम नहीं करना चाहिए, क्योंकि हो सकता है वह काम आपको जाल में फंसाने के लिए किया जा रहा है। दूसरा ये कि अपने बड़े और अनुभवी लोगों की बातों को अनसुना न करें और उन्हें समझे क्योंकि वह आपका भला ही चाहेंगे।
एकता में ही शक्ति है, यदि आप सब में एकता है तो आपको आसानी से कोई नहीं हरा सकता है और आप कोई भी मुश्किल काम आसानी से कर सकते हैं। जैसे कबूतरों की एकता की वजह से वह जाल समेत ही उड़ गए और बहेलिया से बच पाएं।
कबूतर और बहेलिया की ये कहानी अनुभवों से भरी हुई है। इसमें हमें एकता के महत्व और अपने से बड़ों की बातों की महत्वता के बारे में बताया गया है। इस कहानी से बच्चों को भी बहुत कुछ सीखने को मिलेगा और वह अपने माता-पिता व अन्य बड़ों की बातों माना करेंगे।
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