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यह कहानी एक कबूतर और एक मधुमक्खी के बारे में है कि कैसे दोनों ने समय-समय पर एक दूसरे की जान बचाई। कबूतर और मधुमक्खी दोस्त नहीं थे लेकिन फिर भी जब कठिन समय आया तो दोनों एक दूसरे की मदद के लिए आगे आए। यदि आप भी किसी को मुसीबत में देखें तो आगे बढ़कर उसकी मदद जरूर करें, हो सकता है जीवन में आगे जाकर ये मदद आपके लिए फायदेमंद साबित हो जाए।
कई सालों पहले की बात है। एक जंगल में नदी के किनारे वाले पेड़ पर एक कबूतर रहता था। एक दिन उस जगह से एक मधुमक्खी निकल रही थी लेकिन अचानक से वह नदी में गिर गई। पानी में गिरने की वजह से उसके पंख गीले हो गए थे और पानी से बाहर निकलने में उसे दिक्कत हो रही थी। मधुमक्खी ने बाहर निकलने का बहुत प्रयास किया लेकिन वह नहीं निकल पा रही थी। जब उसने हार मान ली और उसे लगा वह अब मरने वाली है, तो वह मदद के लिए जोर-जोर से चिल्लाने लगी। तभी पास के पेड़ में बैठे कबूतर ने उसकी आवाज सुनी और उसकी मदद करने के लिए तुरंत वहां आ गया।
कबूतर ने मधुमक्खी को बचाने के लिए एक पत्ते को अपनी चोंच में दबाया और उसे फिर मधुमक्खी के पास नीचे नदी में गिरा दिया। मधुमक्खी तुरंत उस पत्ते के ऊपर बैठ गई। कुछ समय बाद मधुमक्खी के पंख सूख गए और अब वह उड़ सकती थी। ऐसे में मधुमक्खी ने कबूतर को उसकी जान बचाने के लिए शुक्रिया किया और वहां से चली गई।
इस घटना के कई दिन बीत जाने के बाद एक दिन कबूतर अपने पेड़ पर गहरी नींद में सो रहा था। वहां एक शिकारी आया हुआ था। उसने कबूतर को पेड़ पर देखा तो उस पर अपनी बंदूक से निशाना साध दिया। कबूतर को कुछ भी पता नहीं था क्योंकि वह आराम से सो रहा था। तभी वहां से मधुमक्खी गुजर रही थी और उसकी नजर बंदूक लिए शिकारी पर पड़ी। ये वही मधुमक्खी थी जिसकी जान कबूतर ने नदी में डूबने से बचाई थी। मधुमक्खी जल्दी से शिकारी के पास पहुंची और उसके हाथ पर डंक मार दिया।
मधुमक्खी ने जैसे ही शिकारी को डंक मारा शिकारी बहुत जोर से चिल्लाया और उसके हाथों से बंदूक गिर गई। शिकारी की आवाज सुनकर कबूतर की नींद टूट गई। मधुमक्खी के सही समय पर आने की वजह से कबूतर आज बच गया। ये सब देखकर कबूतर को सारी स्थिति समझ में आ गई। फिर उसने मधुमक्खी को उसकी जान बचाने के लिए शुक्रिया कहा और दोनों लोग जंगल की तरफ उड़ गए।
कबूतर और मधुमक्खी की कहानी से यह सीख मिलती है कि हमें उस व्यक्ति की मदद जरूर करनी चाहिए जो मुसीबत में फंसा हो। यदि हम किसी के साथ भला करेंगे तो हमारे साथ भी भला होता है।
यह कहानी नैतिक कहानियों के अंतर्गत आती है जिसमें यही बताया गया है कि हमें हमेशा अपने से कमजोर लोगों की सहायता करने के लिए तैयार रहना चाहिए और उनका सहयोग करना चाहिए।
कबूतर और मधुमक्खी की नैतिक कहानी यह है कि हमें मुसीबत के समय दूसरे की मदद करने से कभी पीछे नहीं हटना चाहिए क्योंकि हम नहीं जानते कब हमें उनकी मदद की जरूरत पड़ जाए।
दूसरों की मदद करना एक बहुत भला कार्य होता है। आज किसी को आपकी जरूरत है तो हो सकता कल आपको भी उनकी जरूरत पड़े। इसलिए कभी भी जरूरतमंद की मदद करने से पीछे नहीं हटें।
कबूतर और मधुमक्खी की कहानी में यह बताया गया है कि कैसे आपकी छोटी सी मदद से किसी की जान बच सकती है। इसका तात्पर्य यह है कि हमें कभी भी दूसरों की मदद करने से पहले संकोच नहीं करना चाहिए, क्योंकि हमारी छोटी सी मदद किसी का जीवन बदल सकती है।
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