गर्भधारण

क्या आप अधिक वज़न की हैं और गर्भवती होने की कोशिश कर रही हैं?

यह एक सर्वविदित तथ्य है कि यदि आप स्वस्थ हैं और स्वस्थ जीवनशैली का पालन करती हैं तो गर्भवती होने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। अधिक वज़न होने की वजह से हॉर्मोन के स्तर में आने वाले उतार-चढ़ाव के कारण गर्भवती होने की संभावना कम हो जाती है। यह महिलाओं के डिंबोत्सर्जन (ओव्यूलेशन) चक्र और अंडों की गुणवत्ता को प्रभावित करता है। ज़्यादा वज़न डिंबोत्सर्जन चक्र को प्रभावित करने के लिए जाना जाता है, जिसकी वजह से अनियमित माहवारी होती है। हालांकि मोटी महिलाएं भी बिना किसी चिकित्सीय मदद के गर्भवती हो सकती हैं, पर जितना अधिक वज़न बढ़ता जाता है, मासिक चक्र उतना ही अनियमित होता है।

क्या मोटापा महिला की प्रजनन क्षमता को प्रभावित करता है?

क्या अधिक वज़न होने से बांझपन हो सकता है? हाँ, यह बिल्कुल प्रभावित करता है। हम जिस जीवन शैली का पालन करते हैं, वो हमारे स्वस्थ या अस्वस्थ होने के लिए ज़िम्मेदार होते है। एक स्वस्थ गर्भावस्था एक स्वस्थ नवजात शिशु का आधार है। अधिक वज़न होना निःसंदेह स्वस्थ गर्भावस्था होने की संभावना को प्रभावित करता है। तो आइए देखें गर्भधारण करने का प्रयास करते समय प्रजनन क्षमता पर मोटापे का क्या प्रभाव पड़ता है।

1. हॉर्मोन में असंतुलन

सभी अंगों के कार्य सुचारू रूप से होते रहें, यह सुनिश्चित करने के लिए ऐसे बहुत सारे हॉर्मोन हैं जो शरीर पैदा करता है। अतिरिक्त वज़न के कारण हॉर्मोन के स्तर में असंतुलन होता है, जो बदले में शरीर के कार्यों को प्रभावित करता है। अधिक वज़न वाली महिलाओं में लेप्टिन का स्तर अधिक होता है – यह एक ऐसा हॉर्मोन है जिसका उत्पादन मुख्य रूप से शरीर के वसायुक्त ऊतकों द्वारा होता है और जो शरीर के हॉर्मोन संतुलन को बाधित करने में एक प्रमुख भूमिका निभाता है।

2. अनियमित माहवारी

हॉर्मोनल असंतुलन के कारण, मस्तिष्क विश्वास करने लगता है कि माहवारी अभी जल्दी नहीं आने वाली है इसके परिणामस्वरूप मासिक धर्म का चक्र अनियमित हो जाता है। इसका प्रभाव एकत्रित रूप से होता है। हॉर्मोन्स के कारण मिजाज़ में अचानक बदलाव होते रहने के अलावा अंडे का निर्गमन भी अनियमित हो जाता है। इस वजह से सम्भोग करने का सही समय निश्चित करना भी कठिन हो जाता है और गर्भधान करने की संभावनाएं भी कम हो जाती है।

3. अंडे की गुणवत्ता

शरीर द्वारा उत्पादित अंडों की गुणवत्ता काफी हद तक महिला के स्वास्थ्य पर निर्भर करती है। एक स्वस्थ शरीर से स्वस्थ अंडों का उत्पादन होगा, साथ ही, यदि आप अधिक वज़न वाली हैं, तो आपके अंडों की गुणवत्ता प्रभावित हो जाएगी। मोटापा असफल अंडोत्सर्ग (अनोव्यूलेशन) के लिए भी ज़िम्मेदार होता है, जिसका अर्थ है कि अंडाशय एक सफल गर्भावस्था के लिए गर्भाशय में कोई अंडे नहीं छोड़ता है।

4. इन्सुलिन प्रतिरोध

अधिक वज़न का संबंध इन्सुलिन के प्रतिरोध का स्तर बढ़ने से भी है, इसमें रक्त शर्करा को सामान्य स्तर पर रखने के लिए शरीर अधिक इन्सुलिन का उत्पादन करता है। पेट में अधिक वसा वाली महिलाएँ इस समस्या के लिए ज़्यादा संवेदनशील होती हैं। शरीर में इंसुलिन के स्तर में वृद्धि के कारण प्रोटीन को बाँध कर रखने वाले हॉर्मोन, ग्लोब्युलिन, में गिरावट आ जाती है, जो कि एस्ट्रोजन और एंड्रोजन को नियंत्रित करने के लिए जिम्मेदार है।

5. प्रजनन क्षमता को प्रभावित करता है

अनियमित माहवारी के साथ-साथ यदि अंडे का उत्पादन भी अनियमित हो तो गर्भवती होने की संभावना कम हो जाती है। अधिक वज़न या मोटापे का आपकी प्रजनन क्षमता पर बहुत प्रभाव पड़ता है, और यह आपके आई.वी.एफ. के असफल होने की संभावना को भी बढ़ा सकता है।

यदि आप अधिक वज़न वाली हैं तो गर्भवती होने के लिए सुझाव

अधिक वज़न है और गर्भवती होना चाहते हैं? हम यहाँ आपकी सहायता के लिए उपलब्ध हैं। यदि आप अधिक वज़न के पैमाने पर हैं, तो भी गर्भवती होना कोई मुश्किल काम नहीं है। हम आपको सफल गर्भावस्था के लिए कुछ सुझाव प्रदान करते हैं।

1. स्वस्थ जीवनशैली

शराब, धूम्रपान और ड्रग्स से बचें। पौष्टिक भोजन खाएं। यह वो समय है जब आप अपना भोजन खुद तैयार करना शुरू कर दें ताकि आप जान सकें कि आप क्या खा रही हैं और अपने द्वारा उपयोग की जाने वाली सामग्रियों पर नियंत्रण कर सकें।

2. गर्भाधान से पूर्व जाँच

अधिक वज़न वाली बहुत सी महिलाओं के अंडाशय में छोटी गाठें पाई जाती हैं, जिन्हें पी.सी.ओ.एस. भी कहा जाता है, जो अधिक वज़न के परिणामस्वरूप शरीर में होने वाले हार्मोनल असंतुलन के कारण होता है। वज़न कम करने से और दवाएं लेने से पीसीओएस को कम करने में सफलता मिलती है।

3. सही समय जरूरी है

अतिरिक्त वज़न अनियमित अण्डोत्सर्ग चक्र का कारण बनता है। दवाई की दुकानों पर उपलब्ध ओव्यूलेशन किट का उपयोग करें जिससे आप संभोग का सही समय निश्चित कर सकें और गर्भधारण की संभावनाओं को बढ़ा सकें ।

4. अधिक व्यायाम

30 या उससे अधिक बी.एम.आई. वाली महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान मधुमेह या गर्भावस्था के दौरान उच्च रक्तचाप के होने का अधिक खतरा होता है। स्वस्थ रहने और गर्भवती होने की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए घर पर व्यायाम करें या नियमित रूप से पार्क में जाएं।

5. संपूर्ण (जो अपने प्राकृतिक रूप से ज़्यादा परिवर्तित न हों) खाद्य पदार्थों का सेवन करें

संपूर्ण खाद्य पदार्थ आपको अधिक समय तक तृप्त रखते हैं। वे स्वस्थ होते हैं और पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं जो आपके शरीर को और प्रतिरक्षा प्रणाली को समृद्ध करते हैं। आपकी गर्भावस्था में सहयोग देने के लिए यह आपको सही वज़न बनाए रखने में मदद करेगा।

स्वस्थ व अच्छी आदतें स्वस्थ गर्भावस्था और स्वस्थ बच्चा होने में पूरी तरह से साथ देती है। माँ बनने के अपने सपने को अपने वज़न की वजह से बर्बाद न होने दें। यदि आप अपने गर्भधारण की योजना को सफल बनाने और अपनी वज़न-सम्बन्धी समस्याओं को सुलझाने के लिए प्रयास करती हैं, तो बहुत कम ही समय में आप एक सफल गर्भधारण कर सकती हैं।

समर नक़वी

Recent Posts

शेर और चालाक खरगोश की कहानी | Lion and The Cunning Rabbit Story In Hindi

शेर और चालाक खरगोश की कहानी में, जंगल में एक क्रूर शेर रहता था जो…

2 days ago

भारतीय किसान पर निबंध (Essay On Indian Farmer In Hindi)

भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहां की अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा खेती पर आधारित…

6 days ago

तोता पर निबंध (Essay On Parrot In Hindi)

तोता एक सुंदर और बुद्धिमान पक्षी है। इसके रंग-बिरंगे पंख, तेज तर्रार चोंच और चमकीली…

6 days ago

वसंत ऋतु पर निबंध (Essay On Spring Season In Hindi)

वसंत ऋतु साल का सबसे सुहावना और खूबसूरत मौसम माना जाता है। वसंत ऋतु ठंड…

6 days ago

ढ अक्षर से शुरू होने वाले शब्द | Dh Akshar Se Shuru Hone Wale Shabd

भाषा और अक्षर बच्चों के संपूर्ण विकास का अहम हिस्सा होते हैं। ये उनके मानसिक,…

6 days ago

एचएमपीवी वायरस – बच्चों में लक्षण, सावधानियां और उपचार – HMPV Virus – Baccho Me Lakshan, Sawdhaniyan Aur Upchar

कुछ वायरस ऐसे होते हैं जिनके लक्षण देखने में एक जैसे लगते हैं लेकिन वे…

7 days ago