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अंडे हाई क्वालिटी प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत माने जाते हैं और इसके साथ ही अंडों का सेवन करने के बहुत सारे फायदे हैं। आप बिना ज्यादा मेहनत किए इसे अलग-अलग तरह से खा सकती हैं फिर चाहे फ्राई करें, उबालें या किसी डिश में इसका उपयोग करें। अंडे एक हेल्दी ब्रेकफास्ट हैं और इसलिए आप इसे अपने बच्चे के खाने में शामिल करना चाहेंगी। लेकिन आप यह भी सोच रही होंगी कि आप बच्चे को कितने अंडे खिला सकती हैं। इसके अलावा अंडे का सेवन करने के फायदे और नुकसान (अगर कोई हो) क्या है। यहाँ पर अंडे से जुड़ी वो सभी जानकारी दी गई हैं, जो आपको आपके बच्चे के खाने में अंडा शामिल करने के बारे में विस्तार से समझने में मदद करेगी।
नीचे दी गई टेबल में आपको सौ ग्राम अंडे के हिसाब से इसकी न्यूट्रिशनल वैल्यू बताई गई है।
न्यूट्रिएंट्स | मात्रा प्रति 100 ग्राम |
प्रोटीन | 12.56 ग्राम |
कार्बोहाइड्रेट्स | 0.72 ग्राम |
कोलेस्ट्रॉल | 372 मिलीग्राम |
पानी | 76.15 ग्राम |
चीनी | 0.37 ग्राम |
आयरन | 1.75 मिलीग्राम |
सोडियम | 142 मिलीग्राम |
फोलेट | 0.047 मिलीग्राम |
नियासिन | 0.075 मिलीग्राम |
जिंक | 1.29 मिलीग्राम |
कैल्शियम | 56 मिलीग्राम |
मैग्नीशियम | 12 मिलीग्राम |
राइबोफ्लेविन | 0.457 मिलीग्राम |
विटामिन ए | 0.16 मिलीग्राम |
विटामिन डी | 0.002 मिलीग्राम |
विटामिन के | 0.003 मिलीग्राम |
विटामिन ई | 1.05 मिलीग्राम |
विटामिन बी-6 | 0.170 मिलीग्राम |
विटामिन बी-12 | 0.009 मिलीग्राम |
अंडे बहुत तरह के होते हैं, जिनमें से कुछ प्रकार आपको दिए गए हैं:
ये अंडे उन मुर्गियों के होते हैं, जिन्हें एक जगह में खुला छोड़ दिया जाता है और वो खुद अपना घोंसला बनाकर अंडे देती हैं।
यह उन मुर्गियों का अंडा होता है जिन्हें दिन में एक सीमित समय में अंडा देने के लिए खुला छोड़ दिया जाता है।
ये अंडे उन मुर्गियों के होते हैं जिन्हें शाकाहारी या ऑर्गेनिक खाना खिलाया जाता है। इनको अक्सर खुला ही रखा जाता है, बजाय इसके कि उनको दड़बे में रखा जाए ।
ये अंडे उन मुर्गियों के होते हैं जिन्हें सिर्फ शाकाहारी खाना खिलाया जाता है। इन मुर्गियों को हर तरह के मांसाहारी खाने से दूर रखा जाता है। ये मुर्गियां ऑर्गेनिक अंडे देने वाली मुर्गियों से अलग होती है, क्योंकि उनकी तरह इन्हें आजाद नहीं रखा जाता। ये मुर्गियां दड़बे में रखी जाती हैं, ताकि वो किसी भी तरह का कीड़ा-मकौड़ा न खा पाए।
इन अंडों को बाजार में बेचने से पहले ट्रीट किया जाता है। ये अंडे एक पाश्चुरीकरण की प्रक्रिया से गुजरते हैं जहाँ अंडे को पहले से गरम किया जाता है, ताकि इसको खाने से पहले इसमें मौजूद बैक्टीरिया खत्म हो जाएं।
बच्चों को अंडे खिलाने के कई फायदे हैं, जिनमें से कुछ नीचे बताए गए हैं:
प्रोटीन शरीर में नए सेल बनाने के साथ-साथ उसके पुनः निर्माण में भी मदद करता है और बच्चों को जरूरी ताकत भी देता है, ताकि दिनभर एक्टिविटी करने के लिए बच्चे के शरीर में एनर्जी बनी रहे।
बच्चे के शरीर में हेल्दी ब्लड सेल बनाए रखने के लिए आयरन की जरूरत होती है, यह उसकी बेहतर ग्रोथ में मदद करता है, शरीर के सभी अंगों में पर्याप्त रूप से ऑक्सीजन पहुंचाता है। अंडों का सेवन करने से बच्चे को आयरन मिलता है।
अंडे में कोलाइन होता है, जो बच्चे के दिमाग के विकास में मदद करता है। कोलाइन बच्चे की लर्निंग प्रोसेस और मेमोरी को बूस्ट करने में मदद करता है, जो बच्चे की ग्रोथ का एक अहम हिस्सा है।
अंडे में सेलेनियम और जिंक होता है, जो बच्चे के इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में मदद करता है। सेलेनियम फ्री रेडिकल बनाता है जो खतरनाक बैक्टीरिया को खत्म करता है और जिंक माइक्रो ऑर्गेनिज्म को हराने के लिए अच्छे सेल्स को बनाए रखता है।
अंडे में विटामिन ए, डी, के, ई और विटामिन बी-6 और बी-12 जैसे विटामिन होते हैं। अंडे में फोलेट, राइबोफ्लेविन और नियासिन भी होते हैं। ये सभी विटामिन किसी न किसी रूप में बच्चे के विकास में मदद करते हैं। जैसे, विटामिन डी हड्डियों की मजबूती के लिए अच्छा है, विटामिन ए आंखों के लिए अच्छा माना जाता है, विटामिन बी -6 दिमाग के विकास के लिए और बी 12 एनीमिया को कम करने के लिए अच्छा माना जाता है।
अंडे में सैचुरेटेड और अनसैचुरेटेड फैट, दोनों का सही संतुलन होता है, जो इसे बच्चों के लिए एक अच्छा खाद्य पदार्थ बनाता है। बच्चों को मोटापे के खतरे के बिना अंडे खाने को दिए जा सकते हैं, लेकिन फिर भी तले हुए अंडे की जगह पर बच्चों को उबले हुए अंडे खिलाने ज्यादा बेहतर होता है।
जैसा कि अंडों में फैट की मात्रा एकदम बैलेंस में होती है, इसलिए बच्चे इसे आसानी से पचा पाते हैं। बच्चों में पाचन सही से होना बहुत जरूरी होता है, क्योंकि वे अभी भी अपने विकास के चरण में होते हैं।
अंडे में ल्यूटिन और जेक्सैन्थिन होते हैं जो आँखों की रोशनी को सुधारने में मदद करते हैं और हानिकारक अल्ट्रावायलेट रेंज से आँखों की रक्षा करते हैं।
आप अपने बच्चे के खाने में रोज एक से दो अंडे शामिल कर सकती हैं, लेकिन आपको इससे ज्यादा उन्हें अंडा नहीं देना चाहिए। बहुत ज्यादा अंडे खाने की वजह से उन्हें इसे पचाने में परेशानी हो सकती है, क्योंकि बच्चों का डाइजेस्टिव सिस्टम अभी काफी कमजोर होता है।
बच्चे को कभी भी कच्चा या आधा पका हुआ अंडा नहीं खिलाना चाहिए, क्योंकि उनमें बैक्टीरिया भारी मात्रा में मौजूद हो सकते हैं, जो बच्चे को बीमार कर सकते हैं।
अंडे कभी भी कच्चे नहीं खाने चाहिए, क्योंकि उससे सालमोनेला पॉइजनिंग का खतरा हो सकता है। हालांकि ये लोगों में अपने आप ही ठीक हो जाता है, मगर बच्चों के साथ ऐसा नहीं होता क्योंकि बच्चों का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है।
यहाँ आपको यह कुछ ऐसी टिप्स दी गई हैं, जिन्हें बच्चों को अंडा खिलाते वक्त आपको ध्यान में रखना चाहिए।
इसमें कोई संदेह नहीं है कि अंडा बच्चे के लिए बहुत पौष्टिक होता है जिसके बहुत से फायदे हैं मगर सिर्फ तभी जब इसे सही मात्रा में उन्हें दिया जाए। इसलिए, बच्चे के नाश्ते और खाने में अंडे शामिल करते वक्त इस बात का खास ध्यान रखें कि आपको इसे सीमित मात्रा में ही शामिल करना है।
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