बड़े बच्चे (5-8 वर्ष)

क्या बच्चों के लिए नूडल्स सही है?

नूडल्स आजकल लोगों का एक मुख्य स्नैक बन गया है। यदि बच्चे को भूख लगी है और पेरेंट्स के पास ज्यादा समय नहीं है तो वे अक्सर नूडल्स ही चुनते हैं। अब नूडल्स अनेक ब्रांड में आने लगा है और बच्चे का पसंदीदा फ्लेवर मार्केट में आसानी से मिल भी जाता है। पर आपको यह सब बंद करके सोचना होगा कि क्या नूडल्स खाना बच्चे के लिए सही है। इस आर्टिकल में यही चर्चा की गई है। पहले आप समझें कि क्या नूडल्स खाना बच्चों के लिए सुरक्षित है। 

क्या बच्चों को नूडल्स खिलाना सही है?

नूडल्स पास्ता की तरह ही होता है जिसे मैदे से बनाया जाता है। दुनिया में कई जगहों पर होममेड नूडल्स को मुख्य रूप से खाया जाता है और इसे खाना सुरक्षित भी है क्योंकि इसमें केमिकल्स व प्रिजर्वेटिव्स नहीं होते हैं। पर मार्केट में मिलने वाले नूडल्स और इंस्टेंट नूडल्स में केमिकल और प्रिजर्वेटिव्स भी होते हैं जो बच्चों के लिए बिलकुल भी फायदेमंद नहीं हैं। छोटे बच्चों के लिए होममेड या मार्केट में मिलने वाले नूडल्स सुरक्षित नहीं होते हैं क्योंकि ये गले में अटक सकते हैं। बड़े बच्चों को आप हमेशा कुछ हेल्दी चीजें ही खिलाना चाहेंगे और इंस्टेंट नूडल्स खिलाने से बचेंगे। नूडल्स या इंस्टेंट नूडल्स बच्चों के लिए सुरक्षित क्यों नहीं हैं, आइए जानें। 

बच्चों के लिए इंस्टेंट नूडल्स सही क्यों नहीं है?

बच्चों के लिए इंस्टेंट नूडल्स हेल्दी क्यों नहीं होते हैं इसके कुछ अन्य कारण निम्नलिखित हैं, आइए जानें;

1. बहुत ज्यादा प्रोसेस्ड

इंस्टेंट नूडल्स मुख्य रूप से मैदे का बनता है और यह प्रोसेस्ड भी होता है ताकि इसकी पैकिंग की जा सके इसलिए इसकी बहुत कम या बिलकुल भी न्यूट्रिशनल वैल्यू नहीं है। ऐसे फूड आइटम्स में कैलोरी की मात्रा भी बहुत कम होती है। 

2. ट्रांस फैट्स

लाइफ बढ़ाने के लिए नूडल्स को स्टीम करके डीप फ्राई किया जाता है। इसकी वजह से तेल का ट्रांस फैट नूडल्स का एक भाग बन जाता है और इससे बच्चे का वजन बढ़ सकता है। 

3. वैक्स कोटिंग

नूडल्स अच्छे दिखने चाहिए इसलिए इसमें मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस से वैक्स की कोटिंग कर दी जाती है। वैक्स बच्चों के लिए हानिकारक होती है और इससे लिवर डैमेज हो सकता है। 

4. प्रोपिलीन ग्लाइकोल

नूडल्स कभी भी ड्राई नहीं होते हैं और इसमें अंदर से ही नमी होती है। जिसकी वजह से नूडल्स में प्रोपिलीन ग्लाइकोल बढ़ जाता है। बच्चों को केमिकल्स से खतरा होता है क्योंकि इससे लंबे समय के लिए दिल, लिवर और किडनी जैसे अंग डैमेज हो सकते हैं।  

5. मोनो सोडियम ग्लूटामेट

आपने कई बार सुना होगा कि एमएसजी को इंस्टेंट नूडल्स में किसी विशेष कारण के लिए उपयोग किया जाता है। यह फ्लेवर को बढ़ाता है। हालांकि यह केमिकल बच्चों व बड़ों के लिए हानिकारक है क्योंकि इससे ब्रेन डैमेज हो सकता है। 

6. प्रिजर्वेटिव के रूप में सोडियम

नूडल्स में बहुत ज्यादा नमक होता है ताकि इसे लंबे समय तक प्रिजर्व किया जा सके। नमक में मौजूद सोडियम भी सीधे अंगों को प्रभावित करता है और यदि इसे ज्यादा खाया गया तो शरीर के अंग डैमेज हो सकते हैं। 

7. हानिकारक केमिकल्स

ऊपर बताए हुए कारणों के अलावा भी कुछ अन्य केमिकल्स, जैसे प्लास्टिसिजर्स और डायोक्सिन मटेरियल में मौजूद होते हैं जिन्हें नूडल्स की पैकेजिंग में उपयोग किया जाता है। यह केमिकल कार्सिनोजेनिक होते हैं और नूडल्स को पकाने के बाद भी इसमें रहते हैं। आप भले ही खाते समय इसकी मात्रा पर ध्यान दें या पकाते समय इस बात का ध्यान रखें पर कुछ फैक्टर्स हैं जिससे कैंसर हो सकता है इसलिए यह खतरा लेना ठीक नहीं है। 

कभी-कभी यह जानते हुए भी कि नूडल्स या इंस्टेंट नूडल्स बच्चों के लिए सही नहीं है फिर भी आप कुछ न मिलने पर नूडल्स का एक पैकेट खरीद ही लेते हैं। बच्चे को बहुत ज्यादा भूख लगने पर अक्सर मांएं जल्दी से नूडल्स बनाकर अपने बच्चे को खिला देती हैं। पर बच्चों के नूडल्स बनाने के कुछ सुरक्षित तरीके भी हैं जिनका उपयोग आसानी से किया जा सकता है। 

बच्चों को नूडल्स खिलाते समय ध्यान देने योग्य कुछ बातें

नूडल्स चाहे जितने भी टेस्टी हों पर एक बार इसके हानिकारक प्रभाव जानने के बाद आप इसे अपने बच्चे को खिलाते समय सावधानी बरतेंगे। आप इसे कम हानिकारक बनाने के लिए निम्नलिखित कुछ चीजें कर सकती हैं। पर यह भी कहा गया है कि बच्चों को सिर्फ नूडल्स खिलाना नहीं चाहिए। बच्चों को नूडल्स खिलाते समय निम्नलिखित सावधानियां बरतें, आइए जानते हैं;

  • नूडल्स पकाते समय इस बात का ध्यान रखें कि इसका पानी पूरी तरह से निकल गया हो ताकि इसमें ज्यादा फैट और नमक न हो।
  • इंस्टेंट नूडल्स के पैकेट में सीजनिंग और फ्लेवर के पैकेट का उपयोग करने के बजाय आप होममेड सीजनिंग के विकल्पों का उपयोग करें जिसमें बहुत ज्यादा नमक व केमिकल्स नहीं होते हैं।
  • नूडल्स पकाते समय रिफाइंड की जगह पर हेल्दी ऑयल का उपयोग करें। आप इसके लिए ऑलिव ऑयल का उपयोग कर सकते हैं और इसमें अन्य कोई भी तेल न मिलाएं।
  • चूंकि नूडल्स में कोई भी न्यूट्रिशनल वैल्यू नहीं होती है इसलिए आप इसमें कुछ सब्जियां, जैसे पत्ता गोभी, गाजर, मटर, बीन्स आदि काटकर डालें ताकि यह स्वादिष्ट बन सके।
  • मार्केट से नूडल्स खरीदते समय आप यह जरूर चेक कर लें कि इसमें सोडियम और अन्य फैट्स की मात्रा कितनी है। यह नूडल्स ज्यादातर बड़ों के लिए ही होते हैं इसलिए आप बच्चों के लिए नूडल्स चेक करके ही खरीदें।

यदि आप मानते हैं कि नूडल्स बच्चों के लिए हेल्दी स्नैक नहीं होता है तो आप बच्चे के भूख मिटाने के लिए अन्य विकल्पों का स्टॉक भी रखना चाहेंगे जो उन्हें नूडल्स की जगह पर दिया जा सकता है। 

इंस्टेंट नूडल्स के हेल्दी विकल्प

आप नूडल्स की जगह पर बच्चे को अन्य कौन सी न्युट्रिश्यस चीजें खिला सकती हैं इस बारे में यहाँ बताया गया है, आइए जानें; 

  1. रोस्टेड ड्राई फ्रूट्स: आप एक बाउल में बादाम, अखरोट, काजू आदि लें और बच्चे को नूडल्स की जगह पर ये खिलाएं। इस बात का ध्यान रखें कि बच्चा काजू को अच्छी तरह से चबा ले और उसे ड्राई फ्रूट्स से एलर्जी न हो।
  2. रोस्टेड मूंगफली: नूडल्स का एक सबसे बेहतरीन विकल्प रोस्टेड मूंगफली भी है। बस इस बात का ध्यान रखें कि आपके बच्चे को इससे एलर्जी न हो।
  3. भेल: आप बच्चे को इंस्टेंट नूडल्स के बजाय भेल खिलाएं। स्वच्छता का ध्यान रखते हुए आप इसे घर में ही बनाएं क्योंकि बाहर का खाने से पेट खराब हो सकता है।
  4. दही: दही खाने से सिर्फ बच्चे की भूख ही खत्म नहीं होती है बल्कि यह पाचन संबंधी समस्याओं को खत्म करता है और पेट को ठंडा रखता है। आप इसमें प्यूरी और कटे हुए फल मिलाकर बच्चे के लिए एक स्वादिष्ट रेसिपी बनाएं।
  5. ओट्स: ओट्स एक अन्य स्नैक है जिसे बनाने में ज्यादा समय नहीं लगता है। आप इसे दूध, फल, शहद आदि के साथ बना लें या इसे भारतीय तड़का देकर एक स्वादिष्ट डिश पकाएं।
  6. ऑर्गेनिक नूडल्स: कुछ प्रकार के ऑर्गेनिक नूडल्स घर में ही बनाए जाते हैं, जैसे सेवई या वर्मिसेली, राइस नूडल्स आदि। ये नूडल्स के ही प्रकार हैं जिन्हें बच्चों को खिलाया जा सकता है।

नूडल्स की जगह पर आप अपने बच्चे को बहुत सारी दूसरी चीजें खिला सकते हैं, जैसे सूप या अन्य घर में बनाई हुई रेसिपीज। हालांकि यदि बच्चे को सिर्फ इंस्टेंट नूडल्स ही पसंद हैं तो आप इसे कम ही खरीदें और कुछ विशेष अवसर पर ही बनाएं। 

स्रोत: 

यह भी पढ़ें:

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