In this Article
हम सभी को चाय और कॉफी पसंद होती है। हमारे दिन की शुरुआत और कभी कभी अंत भी चाय या कॉफी से ही होती है। और जब हम अपनी उस गरम चाय या कॉफी को सुकून से पी रहे होते हैं, हमारे बच्चे हमें इस आशा में देखते हैं कि हम उन्हें भी एक घूंट पीने देंगे। कभी कभी ऐसा भी होगा की आप उनको थोड़ा बहुत चाय या कॉफी पिलाने का सोचेंगी, मगर क्या यह एक सही फैसला है? आइए जानते हैं कि क्या बच्चों को चाय या कॉफी दी जा सकती है।
आमतौर पर बच्चों को चाय पीने की सलाह नहीं दी जाती है, लेकिन अगर आपका बच्चा जिद कर रहा हो तो कभी कभी आप उसे एक कप चाय पीने दे सकती हैं। लेकिन उसे ग्रीन टी या हर्बल टी ही पिलाएं। ग्रीन टी एक हेल्दी पेय है; इसमें कैटेचिन होते हैं, जो नेचुरल एंटीऑक्सीडेंट हैं और कीटाणुओं को मारने, ध्यान केंद्रित करने की क्षमता में सुधार करने, दांतों की सड़न से निपटने और दिल के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करते हैं।
ग्रीन टी आपके बच्चे के स्वास्थ्य को बहुत फायदा पहुंचा सकती है लेकिन इसे सप्ताह में एक या दो बार सीमित मात्रा में पिलाना चाहिए। क्योंकि ग्रीन टी में कैफीन होता है, इसलिए आपको इसे बच्चे को कभी-कभी और थोड़ी ही मात्रा में देना चाहिए। आप अपने बच्चे को कैफीन मुक्त ग्रीन टी दे सकती हैं।
यदि आप अपने बच्चे को चाय देने का सोचती हैं, तो हमारा सुझाव है कि आप इसे जितना हो सके उतना हेल्दी बनाएं। यहाँ चाय के लिए एक रेसिपी है जिसे आप आजमा सकती हैं:
चाय पीने से आपके बच्चे को निम्नलिखित तरीकों से फायदा हो सकता है:
बच्चे चिंता से ग्रस्त होते हैं क्योंकि उनकी रीजनिंग और समझने की क्षमता विकसित नहीं होती है। गला काट प्रतिस्पर्धा की दुनिया और एकेडमिक दबाव कभी-कभी बच्चों को चिंतित कर सकता है। समय-समय पर एक कप चाय उन्हें आराम दे सकती है और उनके एंग्जाइटी के लेवल को कम करने में मदद कर सकती है।
ओट स्ट्रॉ चाय और कैमोमाइल चाय आमतौर पर एंग्जाइटी के दौरान मदद करती है। आप इन्हें किसी न्यूट्रिशनिस्ट से जांच करवाने के बाद अपने बच्चे को दे सकती हैं।
अगर आपके बच्चे को कब्ज है, तो आप उसे एक कप गर्म चाय दे सकती हैं। यह उसे रिलैक्स होने और सामान्य मल त्याग में मदद करेगी। बच्चों में कब्ज के इलाज के लिए अलसी के बीज यानी फ्लैक्स सीड की चाय सबसे अच्छा उपाय माना जाता है।
चाय पीने से भी बुखार को ठीक करने में मदद मिल सकती है। अगर आपके बच्चे को बुखार है, तो आप उसे एक कप चाय दे सकती हैं। चाय में अदरक का एक टुकड़ा और 2-3 इलायची की फली मिलाने से उसे जल्दी ठीक होने में मदद मिल सकती है। पेपरमिंट, लेमन टी या कैमोमाइल कुछ ऐसी चाय हैं जो आप अपने बच्चों को बुखार के समय दे सकती हैं।
खराब पेट और उल्टी मतली के प्रमुख लक्षण हैं। बच्चों में मतली आम है क्योंकि उनका इम्यून सिस्टम अभी भी विकसित हो रहा होता है और इसलिए उन्हें बीमारी या मतली होने का खतरा अधिक होता है। अदरक की चाय देने से मतली का इलाज करने में मदद मिल सकती है।
चाय न केवल वयस्कों में बल्कि बच्चों में भी खांसी और आम सर्दी जुकाम को ठीक करने में मदद कर सकती है। चाहे वह खराब गला हो या खराब खांसी, चाय दोनों समस्याओं का आसान समाधान है।
स्लिपरी एल्म टी या मार्शमैलो टी खांसी से पीड़ित बच्चों को दी जाने वाली सबसे अच्छी चाय हैं। यदि आपके बच्चे की नाक बंद है, तो उन्हें कोल्टस फूट या पेपरमिंट टी पिलाएं।
बहुत ज्यादा पेट दर्द का अर्थ कोलिक हो सकता है जो बच्चों में बहुत आम है। बच्चों में पेट के दर्द के इलाज के लिए गुनगुनी चाय पिलाना एक अच्छा उपाय है और पेट के दर्द के इलाज के लिए पिपरमिंट चाय और कैमोमाइल चाय शामिल हैं।
चूंकि चाय में कैफीन होता है, इसलिए बेहतर होगा कि आप इसे अपने बच्चे को न दें। चाय में मौजूद चीनी भी बच्चों के लिए हानिकारक साबित हो सकती है। अगर आप उसे चाय देना ही चाहती हैं तो आपको हर्बल टी ही देनी चाहिए। 4 से 10 साल के बच्चों को केवल हर्बल चाय ही पिलानी चाहिए क्योंकि इसमें कैफीन नहीं होता है। 12 से 13 साल की उम्र के बच्चों को ब्लैक टी, ग्रीन टी या मिल्क टी पिला सकते हैं।
बच्चों के लिए कई प्रकार की हर्बल चाय मौजूद हैं, जिनमें से कुछ हैं:
सौंफ बच्चों के लिए एक सुरक्षित सामग्री मानी जाती है क्योंकि यह पेट के दर्द और सांस संबंधी समस्याओं से राहत दिलाती है। यह बच्चों में पाचन समस्याओं का भी इलाज करता है।
इसे कैसे बनाएं
पानी में एक चम्मच सौंफ डालकर करीब 10-15 मिनट तक उबालें। जब पानी में उबाल आ जाए और इसका रंग पूरी तरह से बदल जाए, तो इसे छान लें और चाय को ठंडा करके अपने बच्चे को पिलाएं।
इलायची की चाय पाचन समस्याओं से राहत देती है, पेट दर्द को कम करती है, सिरदर्द से राहत देती है और कफ और खांसी को भी कम करती है। आप अपने बच्चे को इलायची की चाय दे सकती हैं।
इसे कैसे बनाएं
एक गिलास पानी उबाल लें और उसमें कुछ इलायची की फली या इलायची पाउडर मिलाएं। इसे चलाएं और उबाल आने दें और फिर छानकर बच्चे को पिलाएं।
अदरक की चाय बच्चों में गैस्ट्रिक अल्सर, पाचन समस्याओं, मतली, सर्दी और खांसी के इलाज में मदद कर सकती है। यह चाय आप अपने बच्चे को दे सकती हैं।
इसे कैसे बनाएं
अदरक का एक छोटा टुकड़ा लें और उसे कद्दूकस कर लें। थोड़े से पानी में कद्दूकस किया हुआ अदरक डालें और उबाल आने दें। इसे लगभग 5-7 मिनट तक उबलने दें, फिर इसमें नींबू का रस और एक चम्मच शहद मिलाएं। इसे ठंडा करके बच्चे को पिलाएं।
कैमोमाइल चाय बच्चों को कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करती है। यह पेट दर्द को दूर करने और पाचन से जुड़ी परेशानी, गैस की परेशानी, इनसोम्निया, सर्दी आदि को ठीक करने में मदद करती है।
इसे कैसे बनाएं
एक बर्तन में एक कप पानी उबालें और उसमें दो चम्मच कैमोमाइल फूल डालें। उसे ढक दें और लगभग 10 मिनट तक उबलने दें। ठंडा होने पर इसे छानकर अपने बच्चे को दें।
मुलीन चाय खांसी को ठीक करने में मदद करती है और निमोनिया, पेट के दर्द, दस्त, बुखार, सर्दी और यहां तक कि ब्रोंकाइटिस का भी इलाज करती है।
इसे कैसे बनाएं
एक गिलास पानी में एक चम्मच मुलीन मिलाकर लगभग 10 मिनट तक उबालें। पत्तियों को छान लें और ठंडा होने पर अपने बच्चे को पिलाएं।
आपको अपने बच्चे को कॉफी नहीं पीने देना चाहिए। कॉफी में कैफीन की मात्रा बच्चे के लिए बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं होती है इसलिए बच्चों को अधिक मात्रा में कॉफी देनी ही नहीं चाहिए। बच्चों पर कैफीन का प्रभाव आम तौर पर बुरा ही होता है और इसीलिए यह बच्चों के लिए पीने के लिए अच्छी नहीं मानी जाती है।
कॉफी पीना एक चलन बन गया है, और ज्यादातर बच्चे इसे दूध का दूसरा विकल्प समझ बैठते हैं, जो सच नहीं है। इसके अलावा कॉफी का स्वाद अच्छा होता है जिसकी वजह से बच्चे कॉफी पीना पसंद करते हैं।
कॉफी में मौजूद कैफीन आपके बच्चे के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकती है। अगर आपका बच्चा बहुत ज्यादा कॉफी पीता है तो उसे ये परेशानियां हो सकती हैं:
कॉफी में कैफीन होता है जो स्टीमुलेंट की तरह काम करता है और दिमाग में स्लीप इंड्यूसिंग केमिकल को ब्लॉक करके जगाए रखता है। इस प्रकार अगर आपका बच्चा कॉफी पीता है, तो वह सो नहीं पाएगा और लंबे समय तक जागता रहता है। बच्चों को अच्छी नींद की आवश्यकता होती है, लेकिन अगर वे कॉफी पीते हैं, तो वे जागे रह सकते हैं।
कॉफी पेशाब के बनने को बढ़ावा देती है जो बदले में शरीर में कैल्शियम की कमी का कारण बनती है और इस प्रकार हड्डियों को नुकसान पहुंचाती है।
कैफीन भूख को कम करने का काम करता है और पोषण से भरपूर खाने की जगह बच्चे के स्वास्थ्य को बुरे तरह से प्रभावित कर सकता है। आपके बढ़ते बच्चे को संतीलित न्यूट्रिशन की जरूरत होती है इसलिए हो सके तो अपने बच्चे को कॉफी न दें।
कॉफी को आमतौर पर एसिडिक माना जाता है जिससे दांतों में कैविटी हो सकती है और इनेमल भी कमजोर हो सकता है, जिसके कारण बच्चों में ओरल हेल्थ की परेशानियां हो सकती हैं।
कॉफी बच्चों को बहुत नुकसान पहुंचाती है क्योंकि यह हाइपर स्टीमुलेंट है जिससे हाइपरएक्टिविटी, एकाग्रता की कमी, चिंता और बेचैनी होती है जो उनकी उम्र में बिलकुल भी अच्छा नहीं होता है।
अपने बच्चों को कैफीन न दें क्योंकि इससे हड्डियों का नुकसान और अनिद्रा जैसी समस्याएं हो सकती हैं। चाय और कॉफी में से चाय आपके बच्चे के लिए थोड़ी अच्छी होती है और अगर आप चाय देना ही चाहती हैं तो उसे केवल हर्बल और ग्रीन टी ही दें।
यह भी पढ़ें:
बच्चों के लिए सेब – फायदे और मजेदार तथ्य
क्या बच्चों के लिए अंडों का सेवन करना अच्छा है?
बच्चों के लिए प्रोटीन: फायदे, जरूरत और फूड आइटम्स
हिंदी वह भाषा है जो हमारे देश में सबसे ज्यादा बोली जाती है। बच्चे की…
बच्चों को गिनती सिखाने के बाद सबसे पहले हम उन्हें गिनतियों को कैसे जोड़ा और…
गर्भवती होना आसान नहीं होता और यदि कोई महिला गर्भावस्था के दौरान मिर्गी की बीमारी…
गणित के पाठ्यक्रम में गुणा की समझ बच्चों को गुणनफल को तेजी से याद रखने…
गणित की बुनियाद को मजबूत बनाने के लिए पहाड़े सीखना बेहद जरूरी है। खासकर बच्चों…
10 का पहाड़ा बच्चों के लिए गणित के सबसे आसान और महत्वपूर्ण पहाड़ों में से…