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चाहे आपके पेरेंट्स हों या भाई-बहन, रिश्तेदार और दोस्त, ये सभी कभी न कभी बच्चों के साथ खेलते समय उन्हें गुदगुदी करने लगते हैं ताकि वे खिलखिला कर हँस दें। पर बहुत कम लोग सोचते हैं कि क्या बच्चों को गुदगुदी करने से उन्हें हानि भी हो सकती है या इससे बच्चे के साथ रिश्ता मजबूत होता है। ज्यादातर लोग सोचते हैं कि गुदगुदी करने से हँसी आती है इसलिए यह सही है। पर कुछ स्टडीज के अनुसार हमेशा ऐसा नहीं होता है क्योंकि कई मामलों में गुदगुदी करने से लोगों को दर्द का अनुभव भी हुआ है। तो क्या बच्चे को गुदगुदी करनी चाहिए? यह जानने के लिए आगे पढ़ें।
क्या आप बच्चे को गुदगुदी कर सकती हैं?
गुदगुदी करने से बच्चों को हँसी आती है पर साथ ही उसके बारे में कहना कठिन है। कुछ बच्चे बहुत तेज हँस पड़ते हैं पर बड़े बच्चों या एडल्ट्स की तरह ही कई छोटे बच्चों को शरीर में अचानक से सेंसेशन का अनुभव अच्छा नहीं लगता है।
छोटे बच्चे अक्सर नहीं बता पाते हैं कि वे कैसा महसूस कर रहे हैं। इसलिए यदि बच्चे को यह सेंसेशन अच्छा नहीं लगता है तो इस बारे में आपको तब तक पता नहीं चलेगा जब तक यह बहुत ज्यादा न हो जाए और अंत में वह रोने लगेगा। हालांकि पेट और एड़ी में हल्का स्पर्श ठीक है पर जब तक बच्चा इतना बड़ा न हो जाए कि कम्यूनिकेट कर सके तब तक उसे गुदगुदी नहीं करनी चाहिए।
गुदगुदी करने से संबंधित समस्याएं
यदि यह सोचा भी जाए कि बच्चे को गुदगुदी से हानि हो सकती है पर फिर भी कई पेरेंट्स यह नहीं समझ पाते हैं कि इससे क्या समस्या होगी। गुदगुदी करने से हँसी आती है इसलिए आपका बच्चा जरूर हँसेगा, है न? खैर, शायद नहीं। गुदगुदी की प्रतिक्रिया अपने आप ही दिमाग में रहती है जो अक्सर हँसी के रूप में दिखाई देती है। गुदगुदी करने से व्यक्ति के दिमाग में सिग्नल जाता है और इसके परिणामस्वरूप हँसी आती है। कई बच्चे सिर्फ हँसने पर भी दर्द का अनुभव करते हैं। चूंकि इसकी प्रतिक्रिया अपने आप होती है इसलिए बड़े बच्चे अपनी हँसी को रोक नहीं पाते हैं और गुदगुदी करने के लिए आपको मना करते हैं। गुदगुदी करने पर यह समझ नहीं आता है कि बच्चे को दर्द हो रहा है इसलिए अक्सर लोग यह करना बंद नहीं करते हैं क्योंकि इससे बच्चा लगातार हँसता है।
ऊपर बताई गई समस्याओं के अलावा गुदगुदी से संबंधित कई मिथक भी हैं, जानने के लिए आगे पढ़ें।
बच्चों के विकास और गुदगुदी से संबंधित मिथक
गुदगुदी करने से तुरंत प्रतिक्रिया होती है इसलिए कई लोग सोचते हैं कि इससे बच्चे का विकास तेजी से होता है जिसमें हँसना, रोना और यहाँ तक कि आवाजें निकालना भी शामिल है। बच्चे को गुदगुदी करने से संबंधित यहाँ कुछ मिथक बताए गए हैं, आइए जानें;
1. गुदगुदी से बच्चे को बोलने में मदद मिलती है
कुछ लोग सोचते हैं कि गुदगुदी करने से बच्चा बोलना शुरू कर देता है। गुदगुदी करना एक प्रभावी स्पर्श है जिसके परिणामस्वरूप हँसी आती है। इसलिए ऐसा करने से आपके बच्चे को पहल शब्द बोलने में मदद जरूर मिलती है। हालांकि शरीर में हल्की-हल्की सेंसेशन से भी गुदगुदी का अनुभव होता है और चूंकि शुरूआती दिनों में बच्चों को स्पर्श की समझ होती है इसलिए इससे काफी हद तक उसकी भाषा का विकास हो सकता है।
इसलिए बच्चे की हथेली, पैर, पेट आदि पर सौम्यता से छूने और आसान शब्द दोहराने से उसे छोटे-छोटे शब्द बोलने में मदद मिल सकती है। जैसे, बार-बार ‘आ’ शब्द दोहराकर और बच्चे के गाल छूकर आप बच्चे को मुँह खोलना सिखा सकती हैं। यही अन्य कई तरीकों से भी किया जा सकता है।
2. गुदगुदी करने से बच्चे में हकलाने की आदत पड़ सकती है
इस बात का कोई भी प्रमाण नहीं है कि गुदगुदी से बच्चा हकला सकता है। बच्चे की यह आदत विकास के शुरूआती दिनों में ही पड़ने लगती है पर इसके वास्तविक कारण की खोज अब भी जारी है।
3. गुदगुदी करना बच्चों के लिए एक बेहतरीन एक्सरसाइज/ एक्टिविटी है
जैसा पहले भी कहा जा चुका है कि गुदगुदी करने से हँसी आती है और यह एक प्रतिक्रिया है इसलिए इसका यह अर्थ नहीं है कि बच्चा एन्जॉय ही कर रहा है। बहुत ज्यादा गुदगुदी करने से सीने और पेट में दर्द हो सकता है। गुदगुदी करने से बच्चा छोटी-छोटी सांसें लेता है और हांफने लगता है। इससे बच्चे को हिचकियां भी आने लगती हैं इसलिए गुदगुदी बच्चों के लिए एक बेहतर एक्सरसाइज नहीं है।
अब आप जानती हैं कि बच्चों के लिए गुदगुदी बिलकुल भी हेल्दी नहीं है इसलिए यहाँ बच्चों के साथ एक अच्छा बॉन्ड बनाने के कुछ तरीके बताए गए हैं जानने के लिए आगे पढ़ें।
बच्चे से बॉन्ड मजबूत करने के अन्य तरीके
यदि आप अपने बच्चे के साथ एक अच्छा बॉन्ड बनाना चाहती हैं तो गुदगुदी करने के बजाय यहाँ अन्य तरीके भी बताए गए हैं, आइए जानें;
- आप बच्चे की नाक पर प्यार से ‘किस’ करें और आस-पास उंगलियां मूव करके उसके साथ खेलें।
- आप बेबी ऑयल से बच्चे की नियमित मालिश करें ताकि उसे आपका स्पर्श मिलता रहे।
- बच्चे की हथेली, हाथ और पैरों को प्यार से स्पर्श करना बच्चे के हाथ पैरों में उत्तेजना लाने का एक हेल्दी तरीका है और इससे बॉन्ड मजबूत होता है।
- जैसे-जैसे आपके बच्चे की उम्र बढ़ती है आप उसके लिए किताबें पढ़ें और पेरेंट्स व बच्चे के बीच का बॉन्ड बेहतर बनाएं।
- बड़े बच्चों के साथ आप क्लैपिंग गेम्स खेलें, जैसे पैटी केक, मिस मेरी मैक, टिक टैक टो, रॉकिंग रॉबिन्स आदि।
- बच्चे को गले लगाने से उसे एहसास होगा कि आप हमेशा उसके साथ हैं और उसके माथे पर ‘किस’ करने से उसके साथ आपका बॉन्ड मजबूत भी होगा।
यद्यपि बचपन में आपको गुदगुदी से कोई भी प्रभाव नहीं पड़ा होगा पर आपके लिए यह जानना जरूरी है कि क्या इससे आपके बच्चे को कोई भी हानि हो सकती है। बच्चे के साथ बेहतर तरीकों से व्यस्त रहने से आपके और उसके बीच के बॉन्ड को बेहतर बनाने में मदद मिलती है।
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