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जब आप शिशु को ठोस आहार देना शुरू करती हैं तो वह नए–नए स्वाद आजमाने के लिए लिए उत्सुक होता है । भले बच्चों को दिए जाने वाले आहार पौष्टिक होते हैं लेकिन जरूरी नहीं है कि उन्हें सारी सब्जियों और फलों से लाभ पहुँचे और वो उनके लिए सुरक्षित हों।
तो क्या शिशुओं के लिए नींबू हानिकारक है? नींबू में साइट्रिक एसिड नामक एक अम्ल होता है, जो कई बार बच्चे के पाचन तंत्र के लिए सख्त होता है। आप अपने बच्चे को एक साल का होने के बाद नींबू दे सकती हैं यदि आप इसे और पहले देना चाहती हैं तब भी 10 महीने से पहले इसे बच्चे को न दें। इसके अलावा यह जांच करना भी बेहद जरूरी है कि कहीं बच्चे को इससे कोई एलर्जी तो नहीं हो रही है ।
नींबू साइट्रस समूह का एक महत्वपूर्ण फल है, और इसमें स्वास्थ्य से जुड़े बहुत सारे फायदे हैं।
नींबू में पाए जाने वाले पोषक तत्व | मूल्य (प्रति 100 ग्राम) | नींबू में पाए जाने वाले पोषक तत्व | मूल्य (प्रति 100 ग्राम) |
कुल लिपिड | 0.30 ग्रा | नियासिन | 0.100 मि.ग्रा. |
फाइबर | 2.8 ग्रा | चीनी | 2.50 ग्रा. |
कैल्शियम | 26 मि.ग्रा. | विटामिन ‘ई’ | 0.15 मि.ग्रा. |
पानी | 88.98 ग्रा. | आयरन | 0.60 मि.ग्रा. |
प्रोटीन | 1.10 ग्रा | विटामिन ‘ए’ | 22 आई.यू. |
मैग्नीशियम | 8 मि.ग्रा. | सोडियम | 2 मि.ग्रा. |
विटामिन बी -6 | 0.080 मि.ग्रा | जिंक | 0.06 मि.ग्रा. |
फोलेट | 11 माइक्रोग्राम | फास्फोरस | 16 मि.ग्रा. |
कार्बोहाइड्रेट | 9.32 ग्रा | पोटैशियम | 138 मि.ग्रा. |
राइबोफ्लेविन | 0.020 मि.ग्रा. | विटामिन ‘सी’ | 53 मि.ग्रा. |
थायमिन | 0.040 मि.ग्रा. | ऊर्जा | 29 किलो कैलोरी |
स्रोत: https://nutritiondata.self.com/facts/fruits-and-fruit-juices/1938/2
बच्चों को नींबू का रस देना (रस रूप में) फायदेमंद होता है और इसके कारण कुछ इस प्रकार हैं:
गर्मियों के दौरान अपने बच्चे के आहार में नींबू शामिल करना एक बेहतरीन विचार है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि नींबू का रस शरीर को हाइड्रेट करने में मदद करता है और इसे आवश्यक विटामिन और खनिज प्रदान करता है।
यह एक प्रकार का त्वचा और मौखिक रोग है, जो आहार में एस्कॉर्बिक एसिड की भारी कमी के कारण होता है।स्कर्वी जैसी बीमारी से अपने बच्चे के बचाव के लिए आप उसे एक गिलास पानी में चीनी और दो बड़े चम्मच नींबू का रस मिलाकर दें।
नींबू का रस पाचन तंत्र से संबंधित बहुत सारी समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि नींबू के रस में कृमिनाशक गुण होते हैं, जो आंतों में मौजूद कीड़ों को खत्म करने में मदद करते हैं। यदि आपके बच्चे को अपच, कब्ज, और मतली जैसी बिमारियों की शिकायत है, तो आप उन्हें नींबू का रस दे सकती हैं ।
आमतौर पर उल्टी लंबे समय से अपच की परेशानी, गैस्ट्रिक रिफ्लक्स और तंत्रिका संबंधी विकारों के कारण होती है। यदि आप आधा चम्मच नींबू के रस में आधा चम्मच शहद मिलाकर देती हैं तो, यह बच्चे की उल्टी की समस्या को जल्दी ठीक करने में मदद करेगा। लेकिन ध्यान रहे की शहद उन्हीं बच्चों को दिया जाना चाहिए जो 1 वर्ष और उससे अधिक आयु के हो गए हों।
एक गिलास गुनगुने पानी और शहद में 1 से 2 चम्मच नींबू का रस डालकर देने से यह टॉन्सिल्स का उपचार करने में बेहतरीन रूप से कार्य करता है ।
शिशुओं में दस्त की परेशानी एक आम बात है, इससे राहत देने के लिए आपको सबसे पहली चीज जो करनी चाहिए वह यह है कि अपने बच्चे के शरीर में पानी के स्तर को बनाए रखें । आप बच्चे को एक गिलास पानी में एक बड़ा चम्मच नींबू का रस थोड़ा नमक और चीनी मिलाकर दे सकती हैं।
अभी शिशुओं की प्रतिरक्षा प्रणाली पूरी तरह से विकसित नहीं हुई होती है, इसलिए वे बीमारी के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। नींबू के रस का नियमित रूप से सेवन करने से यह बच्चों को बीमार होने से रोकता है, ऐसा इसलिए क्योंकि नींबू में मौजूद विटामिन ‘सी’ उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद करता है।
जुकाम दूर करने के लिए नींबू का उपयोग करना एक अच्छा उपाय है। शहद और नींबू को मिलाकर देने से यह काफी हद तक खांसी का भी इलाज करने में मदद करता है।
बच्चों को गर्मियों के दौरान ताजे नींबू का रस देना उनकी सेहत के लिए बहुत अच्छा होता है और यह केवल उन्हीं बच्चों को दिया जा सकता है, जो 8 महीने और उससे अधिक उम्र के हों।
सामग्री:
एक छोटे आकार का नींबू
पानी – 1.5 कप
एक चम्मच चीनी (वैकल्पिक)
एक चुटकी नमक (वैकल्पिक)
निर्देश:
नींबू को अच्छी तरह से धोएं और इसे बीच से आधा काट लें।
अब इसे निचोड़ कर इसका रस गिलास में डाल लें। रस छान लें और उसमें पानी, नमक, और चीनी डालें। अच्छी तरह मिलाएं।
ध्यान दें
आप शक्कर को अपने हिसाब से कम – ज्यादा कर सकती हैं।
नींबू को निचोड़ते वक्त उसका तापमान सामान्य होना चाहिए । अगर आपने नींबू को फ्रिज में लंबे समय तक रखा हुआ है तो इसे सामान्य तापमान पर लाने के लिए उसे 15 से 20 सेकंड तक माइक्रोवेव में गर्म करें।
अपने बच्चे के आहार में कोई भी नई चीज शामिल करने से पहले अपने डॉक्टर से पूछें।
यदि आप बच्चे को नींबू का रस देने जा रहीं है तो, इसकी बहुत कम मात्रा से शुरुआत करें और रस को पानी के साथ मिलाकर दें।
यदि आपका बच्चा एक वर्ष से कम उम्र का है, तो यह रस उसे केवल कभी–कभार ही दिया जाना चाहिए, क्योंकि आपके बच्चे के लिए स्तनपान ही उसके पोषण का मुख्य स्रोत होता है ।
यहाँ आपके बच्चे को नींबू देने से पहले कुछ टिप्स बताए गए हैं:
जब बच्चा लगभग 10 महीने का हो जाए तो आप उसे पानी में नींबू का रस मिलाकर देना शुरू कर सकती हैं। आप इसके साथ थोड़ी चीनी मिला लें ताकि यह बहुत खट्टा न लगे। लेकिन बच्चे को नींबू के टुकड़े नहीं देना चाहिए भले ही वह एक वर्ष से अधिक का ही क्यों न हों। ऐसा इसलिए है क्योंकि नींबू में मौजूद एस्कॉर्बिक एसिड के कारण दाँतों का इनेमल खराब होता है जो दाँतों की संवेदनशीलता को बढ़ा सकता है।
यदि आपके परिवार में लोगों को साइट्रस एलर्जी होने का इतिहास रहा है, तो बच्चे को कम से कम 1 वर्ष का होने तक नींबू देने से बचें। यदि नींबू का रस पिलाने के बाद बच्चे के होंठ और मुँह के आसपास रैशेजआ गए हों या डायपर रैशेज पड़ गए हों, तो बच्चे को डॉक्टर के पास ले जाएं । जब आप शिशु के लिए बाजार से कोई आहार संबंधी सामान खरीद रही हों तो उस पर लगे लेबल की हमेशा जांच करें। जैसे–जैसे आपका शिशु बड़ा होता जाएगा, हो सकता है वो खट्टे फलों को खाने लगे लेकिन, फिलहाल उन्हें खट्टे फलों से दूर रखें। हालांकि जब भी अपने बच्चे को नींबू का रस देने की शुरुआत करें उससे पहले अपने बाल रोग विशेषज्ञ से एक बार जरूर परामर्श कर लें।
यह संभावना है, कि जब आप अपने बच्चे को नींबू दें तो वो इसका सेवन करने से इंकार कर सकता है। किसी भी नए भोजन को देते समय पहले उसे एक चम्मच देने से शुरुआत करें, ताकि अगर बच्चे को किसी खाद्य पदार्थ से एलर्जी हो तो आप इसे आसानी से पहचान सकें। जिन बच्चों के दाँत निकल रहे हों उन्हें नींबू के रस की बहुत कम मात्रा देनी चाहिए और साथ ही इसे पानी में मिलाकर ही देना चाहिए ।
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