शिशु

क्या बच्चों में गैगिंग होना नॉर्मल है?

बच्चों के डेवलपमेंट माइलस्टोन में से एक होता है – गैगिंग या खाना मुँह से निकालना! इससे अक्सर पहली बार बने पेरेंट्स को चिंता भी हो सकती है और वे इसे चोकिंग भी समझ सकते हैं। पर बच्चों में गैगिंग और चोकिंग एक जैसे नहीं है। आपका बच्चा गैगिंग करना शुरू करता है तो चिंता न करें। यह वृद्धि व विकास की तरफ बच्चे का एक कदम है। यह हर बच्चे को विभिन्न तरीकों से अलग-अलग समय पर होती है और इसका रिएक्शन भी अलग ही होता है। आपका बच्चा सॉलिड फूड खाना शुरू करते समय विशेषकर जब वह माँ का दूध छोड़ रहा होता है तब गैगिंग कर सकता है। 

बच्चे गैगिंग क्यों और कब करते हैं?

बच्चों को अक्सर खाना खाते समय ही गैगिंग होती है। बच्चा शुरू से ही गैगिंग कर सकता है। यह तब होता है जब बच्चे का मुँह असामान्य तरीके से उत्तेजित होता है। यदि बोतल से बहुत ज्यादा दूध आता है तो बच्चा दूध पीते समय गैग कर सकता है क्योंकि उसकी जीभ दूध को बाहर की तरफ निकाल देती है। यह एक आम तरीका है। 

बच्चा जब 4 से 6 महीने का हो जाता है और आप उसे सॉलिड फूड खिलाना शुरू करते हैं तब भी उसे गैगिंग हो सकती है। जब बच्चा सॉलिड फूड खाता है तो वह खाने को चबाते समय गैगिंग कर सकता है। यह जरूरी है क्योंकि बच्चे का शरीर उसे चोकिंग से बचाता है और वह अच्छी तरह से खाना चबाना सीखता है। यदि बच्चों को कोई खाना पसंद नहीं है तो वे उसे मुँह से बाहर निकाल देते हैं जिसे गैगिंग कहा जाता है। इसलिए आपको यह समझने की जरूरत है कि आपके बच्चे को गैगिंग क्यों हुई है। 

बच्चों के लिए गैगिंग क्यों सही है?

गैगिंग बच्चे का मुँह में खाने को चेक करने का एक तरीका है। यह चोकिंग से बचने के लिए शरीर का अपना एक तरीका है। पर इसका यह मतलब नहीं है कि बच्चे का शरीर उसे चोकिंग से सुरक्षा प्रदान करता है। यदि बच्चे को गैगिंग हो रही है तो इसका मतलब यह है कि किसी नए स्वाद से बच्चे की जीभ उत्तेजित हो गई है या उसने बहुत ज्यादा खा लिया है। या इसका यह भी मतलब हो सकता है कि बच्चे को खाना अच्छा नहीं लगा है। पर इन कारणों की वजह से गैगिंग सही है और इससे पता लगता है कि बच्चे की जीभ का पिछला भाग अच्छी तरह से काम कर रहा है। यह बच्चे को खुद से खाना खाने व चबाना सीखने का एक तरीका है। 

बच्चे को अक्सर जीभ के बीचों बीच में गैगिंग होती है। बड़े होने पर बच्चे का मुँह उत्तेजित होता है जिससे उसका यह भाग और पीछे की ओर चला जाता है। 

क्या बच्चे का बार-बार गैगिंग करना नॉर्मल है?

इसका कोई भी सीधा जवाब नहीं है। हाँ बच्चे बहुत ज्यादा गैगिंग करते हैं। यदि आपका बच्चा रोजाना या किसी पदार्थ को चबाने के दौरान बहुत ज्यादा गैगिंग करता है तो उसे वह फूड आइटम नापसंद भी हो सकता है। बच्चा खाना खाते समय बहुत ज्यादा गैगिंग करता है इसलिए उस पर ध्यान दें। यदि बच्चे का खाना गले में वापस आ रहा है तो इससे बच्चे को परेशानी हो सकती है। 

चिंता कब करें?

यदि बच्चा बिना किसी कारण के लगातार गैगिंग कर रहा है और उसे तकलीफ होती है तो आप बहुत ध्यान से उसकी देखभाल करते होंगे। हाँ बच्चे को बार-बार गैगिंग होना बहुत आम है पर जब यह खाने के दौरान नहीं होता है तो यह रिफ्लक्स गैस की वजह से भी हो सकता है। इससे बच्चे के बाहरी विकास पर प्रभाव पड़ सकता है। इससे बच्चे में खाने की खराब आदतें भी लग सकती हैं क्योंकि वह थोड़ी सी असुविधा होने पर भी खाना नहीं खाएगा। यदि बच्चे को ठीक होने के लिए मदद की जरूरत है तो पेडिअट्रिशन से संपर्क करें। 

बच्चे में गैगिंग होने पर आपको क्या करना चाहिए?

यदि बच्चा गैगिंग कर रहा है तो आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है। आप इसे निम्नलिखित तरीके से ठीक करें; 

  • शांत रहें व रिएक्ट न करें क्योंकि इससे मदद नहीं मिलेगी।
  • बच्चे को ऑब्जर्व करें और उसे खुद सीखने दें।
  • यदि चोकिंग के लक्षण हैं तो इसे पहचानें और आवश्यक चीजें करें।
  • आप कुछ ऐसा न करें जिससे बच्चे को गैगिंग नेगेटिव लगने लगे।
  • यदि बच्चे को कप से पानी पीने में कठिनाई होती है तो आप उसे स्ट्रॉ या सिपी कप से पानी पिलाएं। बच्चे के लिए कोई अच्छा कप खोजें।
  • बच्चे को कोई भी चीज सेमी सॉलिड पेस्ट में ही खिलानी चाहिए। फिक्र न करें, बड़ा होने पर बच्चा गैगिंग नहीं करेगा।

बच्चे को गैगिंग से कैसे बचाएं

बच्चे में सेंसिटिव गैग रिफ्लक्स या गैगिंग होने पर आप इससे बचने के लिए निम्नलिखित चीजें करें, आइए जानते हैं;

1. जब खाना खाते समय बच्चे को गैगिंग होती है

यदि बच्चे को खाना खाते समय गैगिंग होती है तो उसे उबली हुई सब्जियों या फलों की प्यूरी बनाकर खिलाएं। आप बच्चे के मुँह में या जीभ के अंत में रखकर बच्चे को प्यूरी खिलाएं। उसे अपने आप प्यूरी को निगलने दें। बहुत जल्दी ही बच्चा बड़े-बड़े टुकड़े भी खा सकेगा और कुछ सप्ताह में वह चम्मच भरकर प्यूरी खाने लगेगा। आप उसके रिएक्शन देखते रहें और जल्दी ही आपको पता चल जाएगा कि वह क्या निगल सकता है और क्या नहीं। आप उसे कोई भी चीज जबरदस्ती खाने के लिए न दें क्योंकि उसमें गैगिंग रिफ्लक्स का विकास होने की जरूरत है। आपका बच्चा एक दिन चम्मच से खाने लगेगा। इस प्रकार से बच्चा ग्रिपिंग स्किल्स प्रैक्टिस करेगा और उसकी पकड़ में सुधार होगा।

2. जब बोतल से दूध पिलाते समय बच्चे को गैगिंग होती है

यदि बोतल से जल्दी-जल्दी दूध निकलता है तो बच्चे को गैगिंग हो सकती है। ऐसे में आप बोतल का निप्पल बदल दें ताकि थोड़ा दूध निकले या उसे थोड़ा-थोड़ा करके दूध पिलाएं। कल्पना करें कि जब आप एक बार में एक जग पानी पी लेती हैं तो आपका गैग रिफ्लक्स बहुत ज्यादा सेंसिटिव होता है और बिलकुल इसी प्रकार से बच्चे को भी होता है। 

गैगिंग और चोकिंग में क्या अंतर है?

कई पेरेंट्स को यह सोचकर चिंता होती है कि यह चोकिंग का ही एक हिस्सा है पर शुक्र है कि इसे सबसे अलग कहा जा सकता है। इस बात का ध्यान रखें कि नवजात शिशुओं में गैग रिफ्लक्स बहुत नाजुक बात है इसलिए यह आम है। इसमें मुख्य अंतर आवाज का है। गैगिंग के दौरान बच्चा शोर मचाएगा क्योंकि इसमें खाना बच्चे के मुँह से बाहर निकलता है। चोकिंग के दौरान आपको कोई भी आवाज नहीं सुनाई देगी। इसलिए आपको यह ध्यान देने की जरूरत है कि बच्चा खाने को चबाकर खाए। आप बच्चे से छोटी-छोटी चीजें दूर रखें क्योंकि वह इसे तुरंत मुँह में डाल सकता है। 

गैगिंग के दौरान बच्चा चिड़चिड़ा जाता है और चोकिंग में बच्चे को दर्द हो सकता है। उसे सांस लेने में भी तकलीफ हो सकती है क्योंकि इससे बच्चे के सांस लेने की नली आधी या पूरी ब्लॉक हो जाती है। जिसके परिणामस्वरूप बच्चे को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिलती है और उसका चेहरा, मुँह के आस-पास की जगह या होंठ नीले पड़ सकते हैं। गैगिंग में सांस की नली से खाना हटाने के लिए बच्चा खाना शुरू कर सकता है। उसे थोड़ी सी खांसी हो सकती है और वह शोर मचा सकता है। यदि बच्चे को एक बार चोकिंग होती है तो चिंता न करें और उसके सांस लेने की नली को साफ करें, उससे माँ का दूध छुड़ाएं और खयाल रखें। 

कुछ भी हो पर आप उसके इस बदलाव की खुशी को कम न होने दें और उसे खुद खाने दें व उसपर नजर रखें – आपका बच्चा सुरक्षित रहेगा। 

यह भी पढ़ें:

फॉर्मूला फीडिंग के संबंध में आवश्यक जानकारी
1 वर्षीय शिशु के लिए आहार संबंधी सुझाव
शिशु का आहार – क्या और कितना खिलाएं

सुरक्षा कटियार

Recent Posts

अ अक्षर से शुरू होने वाले शब्द | A Akshar Se Shuru Hone Wale Shabd

हिंदी वह भाषा है जो हमारे देश में सबसे ज्यादा बोली जाती है। बच्चे की…

1 day ago

6 का पहाड़ा – 6 Ka Table In Hindi

बच्चों को गिनती सिखाने के बाद सबसे पहले हम उन्हें गिनतियों को कैसे जोड़ा और…

1 day ago

गर्भावस्था में मिर्गी के दौरे – Pregnancy Mein Mirgi Ke Daure

गर्भवती होना आसान नहीं होता और यदि कोई महिला गर्भावस्था के दौरान मिर्गी की बीमारी…

1 day ago

9 का पहाड़ा – 9 Ka Table In Hindi

गणित के पाठ्यक्रम में गुणा की समझ बच्चों को गुणनफल को तेजी से याद रखने…

3 days ago

2 से 10 का पहाड़ा – 2-10 Ka Table In Hindi

गणित की बुनियाद को मजबूत बनाने के लिए पहाड़े सीखना बेहद जरूरी है। खासकर बच्चों…

3 days ago

10 का पहाड़ा – 10 Ka Table In Hindi

10 का पहाड़ा बच्चों के लिए गणित के सबसे आसान और महत्वपूर्ण पहाड़ों में से…

3 days ago