गर्भावस्था

क्या ब्रेस्टफीडिंग के दौरान टैटू बनवाना चाहिए?

माँ बनने के बाद किसी भी महिला के लिए अपने न्यूबॉर्न बेबी की सुरक्षा सबसे ज्यादा जरूरी होती है और वह उसकी अच्छी देखभाल के लिए हरसंभव कोशिश करती है। गर्भावस्था के दौरान या डिलीवरी के बाद अपने बच्चे को पालने के दौरान महिलाएं अपनी लाइफस्टाइल को अनुकूल रूप से बदल देती हैं। हालांकि कुछ माएं बच्चे के जन्म के बाद खुद में अच्छा महसूस करने के लिए टैटू बनवाना पसंद करती हैं। इस आर्टिकल में यह बताया गया है कि स्तनपान कराने के दौरान टैटू बनवाने से आपको क्या संभावित जोखिम हो सकते हैं, जानने के लिए यह आर्टिकल पूरा पढ़ें। 

क्या ब्रेस्टफीडिंग के दौरान माँ टैटू बनवा सकती है?

अक्सर टैटू मशीन से बनाए जाते हैं जिसमें सुई की मदद से त्वचा पर स्याही लगाई जाती है और यह पियर्सिंग एक मिनट में लगभग 100 बार की जाती है ताकि एक अच्छी डिजाइन बनाई जा सके। यह सुई केवल त्वचा की ऊपरी परत में कुछ मिलीमीटर तक ही जाती हैऔर त्वचा की सतह के ठीक नीचे स्याही छोड़ देती है।यद्यपि ब्रेस्टफीडिंग के दौरान टैटू बनवाने के कोई भी प्रमाणित खतरे नहीं हैं पर फिर भी बचाव के लिए सावधानी बरतना बहुत जरूरी है। सबसे पहले टैटू बनाने वाली सुई में मौजूद स्याही से ब्रेस्टमिल्क में इन्फेक्शन हो सकता है। हालांकि यह चिंता का विषय नहीं होना चाहिए क्योंकि ब्रेस्टमिल्क को दूषित करने के लिए टैटू की स्याही के कण बहुत बड़े हैं। 

इसमें अन्य चिंताएं भी हो सकती हैं जैसे इस प्रक्रिया से इन्फेक्शन होने का खतरा होता है। टैटू बनवाने से दो प्रकार के इन्फेक्शन होना संभव है। लोकल इन्फेक्शन, जिसमें टैटू बनवाने के बाद देखभाल करना जरूरी है और इसमें टैटू के आसपास सूजन आ सकती है और निशान पड़ सकते हैं। लोकल इन्फेक्शन से ब्रेस्टफीडिंग के दौरान बच्चे को कोई भी हानि नहीं होती है। इसके अलावा है सिस्टेमेटिक इन्फेक्शन, जो टैटू आर्टिस्ट की लापरवाही की वजह से होता है। चूंकि टैटू बनाने के लिए सुई से स्किन पर पियर्सिंग का उपयोग किया जाता है और यदि यह उपकरण स्टेरलाइज्ड नहीं है और अस्वच्छ जगह पर रखा हुआ है तो इससे आपके खून में भी इन्फेक्शन फैल सकता है, जैसे हेपेटाइटिस या एचआईवी। ब्रेस्टफीडिंग के दौरान एचआईवी इन्फेक्शन दूध के माध्यम से बच्चे को भी हो सकता है और साथ ही निप्पल के क्रैक होने से गर्भ में पल रहे बच्चे को हेपेटाइटिस वायरस भी हो सकता है। 

ब्रेस्टफीडिंग के दौरान ब्रैस्ट में टैटू बनवाने की सलाह नहीं दी जाती है क्योंकि इस समय पर इसकी उचित देखभाल नहीं हो पाती है और यदि टैटू में इन्फेक्शन होता है तो इसका अर्थ यह होगा कि जब तक इन्फेक्शन ठीक न हो जाए तब तक आप बच्चे को दूध नहीं पिला सकती हैं। 

ब्रेस्टफीडिंग के दौरान टैटू बनवाते समय कुछ सावधानियां बरतें

टैटू बनवाने से पहले आपको कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए क्योंकि चाहे आप बच्चे को दूध पिलाती हैं या नहीं पर सभी के लिए यह बचाव करना बहुत जरूरी हैं। ब्रेस्टफीडिंग के दौरान टैटू बनवाते समय आप निम्नलिखित कुछ सावधानियां बरतें, आइए जानते हैं;

  • वैसे तो टैटू बनवाने के लिए आपको तब तक इंतजार करना चाहिए जब तक आपका बच्चा एक साल का न हो जाए और पूरी तरह से माँ के दूध पर निर्भर न हो।
  • आपको अपने ब्रेस्ट में टैटू नहीं बनवाना चाहिए।
  • टैटू को बनवाने से पहले आप टैटू आर्टिस्ट या पार्लर के बारे में पहले से जानकारी ले लें।
  • इस बात का ध्यान रखें कि टैटू आर्टिस्ट टैटू बनाने के लिए स्टेरलाइज्ड उपकरण, मशीन, इंक कप इत्यादि का उपयोग करे और ये चीजें आपके आसपास रखी नहीं होनी चाहिए।
  • इस बात पर ध्यान दें कि पार्लर में पर्याप्त रोशनी होनी चाहिए। इससे सिर्फ टैटू ही अच्छा नहीं बनेगा बल्कि वातावरण भी साफ और हेल्दी रहेगा।
  • आपके लिए यह देखना भी जरूरी है कि इस प्रक्रिया को शुरू करने से पहले आर्टिस्ट अच्छी तरह से हाथ धोए।
  • आप टैटू बनवाने के लिए नेचुरल स्याही और पिगमेंट्स का उपयोग करें क्योंकि इंडस्ट्रियल पिगमेंट्स से आपको इन्फेक्शन भी हो सकता है।
  • टैटू बनवाने के बाद इसके ठीक होने के लिए कुछ समय और थोड़ी सी सावधानी रखनी बहुत जरूरी है। इसके अलावा यह लगभग 1 से 3 सप्ताह में ठीक हो जाता है । यदि आपने टैटू बनवाया है तो अपने बचाव के लिए आप सीधे धूप में न जाएं, अल्कोहल का सेवन न करें, नियमित रूप से एंटीबायोटिक जेल का उपयोग करें और इसके आसपास इन्फेक्शन के लक्षणों को जांचती रहें।

ब्रेस्टफीडिंग के दौरान टैटू बनवाने से संबंधित कुछ खतरे

ब्रेस्टफीडिंग के दौरान टैटू बनवाने से निम्नलिखित कुछ खतरे हो सकते है, आइए जानें;

  • यद्यपि यह बहुत दुर्लभ है पर कभी-कभी स्तनपान कराने वाली मांओं को टैटू बनाने वाले पिग्मेंटेशन और स्याही से एलर्जिक रिएक्शन हो सकता है। इस इन्फेक्शन की वजह से ब्रेस्टफीडिंग में अस्थायी ठहराव आ सकता है।
  • चूंकि टैटू बनाने के लिए सुई से त्वचा पर पियर्सिंग की जाती है इसलिए इससे आपको कुछ इन्फेक्शन भी हो सकते हैं। जिसमें हेपेटाइटिस और एचआईवी भी शामिल हैं जो कुछ मामलों में माँ से बच्चे तक भी पहुँच सकते हैं। इससे बचने का एक ही तरीका है कि आप किसी अच्छे आर्टिस्ट से ही टैटू बनवाएं जो हाइजीनिक प्रक्रिया का उपयोग करता है।
  • टैटू से अनेक समस्याएं होती हैं, जैसे बंप्स होना और निशान पड़ना या ग्रॅन्युलोमास होना। यद्यपि इस इन्फेक्शन से बच्चे को कोई भी खतरा नहीं होता है पर फिर भी इसे ठीक करने के लिए माँ को डॉक्टर के पास जाना चाहिए।
  • जो महिलाएं टैटू बनवाती हैं उन्हें मैग्नेटिक इमेजिंग स्कैन (एमआरआई) करवाने के बाद टैटू की जगह पर सूजन और दर्द होता है। ये लक्षण ज्यादातर कुछ समय के लिए रहते हैं और जल्दी ही ठीक हो जाते हैं।

क्या ब्रेस्टफीडिंग के दौरान टैटू निकलवाना सुरक्षित है?

लेजर की मदद से सरलता से टैटू हटाया जा सकता है और वास्तव में इसके साइड-इफेक्ट्स भी नहीं होते हैं। लेजर से ऊर्जा की तेज रोशनी निकलती है जो स्याही को तोड़ देती है और फिर इसके छोटे-छोटे कण शरीर से इम्यून सिस्टम द्वारा निकल जाते हैं। स्तनपान कराने वाली मांओं के लिए यह तरीका पूरी तरह से सुरक्षित है और कई महिलाएं बच्चे को दूध पिलाने के दौरान इसका उपयोग करती हैं। 

क्या टैटू का कोई और विकल्प है?

हिना एक नेचुरल पिग्मेंट है जिसका उपयोग पिछले कई सालों से होता आ रहा है। यद्यपि इसे लोग अपने बालों में लगाते हैं पर इससे शरीर में टैटू भी बनाए जा सकते हैं। यदि आप टैटू से होने वाले खतरों के बिना ब्रेस्टफीडिंग के दौरान टैटू बनवाना चाहती हैं तो हिना टैटू आपके लिए सबसे सही विकल्प है। पर्मानेंट टैटू तभी बनवाएं जब आप पूरी तरह से सुरक्षित महसूस कर रही हों।

ब्रेस्टफीडिंग के दौरान टैटू बनवाना हानिकारक प्रमाणित नहीं भी हो सकता है पर फिर भी यह सलाह दी जाती है कि जब तक बच्चा एक साल का न हो जाए तब तक आपको टैटू बनवाने का निर्णय नहीं लेना चाहिए और ऊपर बताए गए सभी खतरों व बचाव के तरीकों के बारे में आप एक बार विचार जरूर करें। 

यह भी पढ़ें:

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सुरक्षा कटियार

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