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जब अपने नन्हे से बच्चे का पहला दाँत निकलता है तो उसे देखकर माता-पिता को बहुत ख़ुशी होती है, लेकिन एक शिशु के लिए, दाँत का निकलना कष्टकारी अनुभव हो सकता है, खासकर जब वह अपना दर्द आपको बताने में असमर्थ हो। बच्चों में पहली बार दाँत निकलने के कई लक्षण होते हैं और दस्त उनमें से एक है। यदि आपका बच्चा दाँत निकलने की समस्या से और दस्त से पीड़ित है, तो आपको क्या करना चाहिए यह जानने के लिए आगे पढ़ें।
दाँत निकलने के दौरान शिशुओं को दस्त क्यों होता है
बच्चे के पहली बार दाँत निकलने के साथ दस्त का संबंध इसलिए जोड़ा जाता है क्योंकि कई माता-पिता ने अपने बच्चों में इसका अनुभव किया है हालांकि, इस बात का कोई प्रमाण नहीं है जो यह सिद्ध कर सके कि दस्त तथा दाँत निकलने के मध्य कोई संबंध है। शिशु के दाँत निकलने के समय लार में वृद्धि को भी दाँत निकलने के समय होने वाले दस्त का एक कारण समझा जाता है। दाँत निकलने के दौरान मुँह में लार का उत्पादन अधिक होता है और बच्चे इस अवस्था में बहुत अधिक लार निगल सकते हैं, जिससे उदर प्रणाली का संतुलन बिगड़ सकता है, जिससे स्वतः ही दस्त हो सकते हैं । फिर भी शिशुओं में दस्त को सटीक कारण के रूप में नहीं माना जा सकता है।
माना जाता है कि ये दोनों गतिविधियां अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ी हुई हैं, जिसके कारण वो आकस्मिक है लेकिन असमान्य नहीं । शिशुओं के लिए दाँत का निकलना एक कठिन समय हो सकता है। मसूढ़ों में लगातार जलन और सनसनाहट से वे विभिन्न वस्तुओं को मुँह में डालते हैं और चबाते हैं। आवश्यक नहीं है कि ये वस्तुएं साफ हों, उन पर बैक्टीरिया और अन्य कीटाणु हो सकते हैं। चूंकि शिशु उनके हाथ में आने वाली हर चीज को मुँह में डालते हैं, इसलिए बैक्टीरिया के शरीर में प्रवेश करने की संभावना बहुत अधिक होती है, जिससे उन्हें दस्त शुरू हो सकते हैं । शिशु की इम्युनिटी भी पूरी तरह से विकसित नहीं होती है और इसलिए उसका शरीर बैक्टीरिया और संक्रमणों से लड़ने में असमर्थ होता है, और परिणामस्वरूप उसे दस्त हो सकता है।
हालांकि दस्त के इन कारणों को समझा जा सकता है लेकिन ये बच्चे के लिए गंभीर खतरा हैं । शिशु के शुरुआती वर्षों में वह अक्सर अलग-अलग संक्रमणों की चपेट में आता रहता है । चाहे वह आंतों का संक्रमण हो या कान का संक्रमण, जब तक शिशु की इम्युनिटी उन पर पार पाने के लिए पर्याप्त मजबूत नहीं हो जाती, वह इनसे जूझता रहता है । वास्तव में दाँत निकलने के समय होने वाला दस्त वास्तविक संक्रमण के लक्षणों को छुपा देता है। दस्त के लिए, अस्वच्छ को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है और इसे एक सामान्य घटना के रूप में देखा जाएगा लेकिन वास्तव में, यह एक अधिक खतरनाक संक्रमण की उपस्थिति का संकेत दे सकता है जिसपर तत्काल उपचार हेतु ध्यान देने की आवश्यकता है।
दाँत निकलने के समय का दस्त कब तक रहता है
यदि दस्त प्राथमिक रूप से उस समय शुरू होता है जब बच्चे में दाँत निकलने की शुरूआत होती है, तो सही सावधानियां बरतने पर लक्षण आमतौर पर कुछ दिनों में दूर हो जाते हैं। हालांकि, यदि समस्या लगभग एक सप्ताह या उससे अधिक समय तक बनी रहती है और हर महीने दोहराई जाती है, तो आपको अपने बच्चे को डॉक्टर के पास ले जाना पड़ सकता है।
शिशुओं में दाँत निकलने के समय होने वाले दस्त से निपटने के लिए सलाह
जब आपका बच्चा पहली बार दाँत निकलने के दौर से गुजर रहा होता है, तब दस्त काफी परेशान करता है, लेकिन इनके लिए किसी विशेष उपचार की आवश्यकता नहीं है। तथापि यदि दस्त लगातार हो रहे हों और उसने एक ही दिन में लगभग 5-6 बार पतला मल निकाला हो तो आपको उपाय करने की आवश्यकता होगी । आप निम्नलिखित उपाय आजमा सकती हैं:
1. डॉक्टर से बात करें
दाँत निकलने के समय दस्त की लगातार उपस्थिति के बारे में जल्द से जल्द अपने डॉक्टर को अवगत कराएं । इससे समान लक्षण वाले किसी भी अन्य संक्रमण की उपस्थिति का निदान करने में मदद मिलती है। कई बार, इस समस्या या बैक्टीरिया की उपस्थिति से निपटने के लिए कुछ दवाइयों की भी सलाह दी जा सकती है। डॉक्टर से बात अवश्य करें क्योंकि कभी-कभी ये दस्त शिशु में डिहाइड्रेशन का कारण बन सकते हैं ।
2. स्वच्छता बनाए रखें
दाँत निकलने की प्रक्रिया में शिशु के मसूढ़ों में काफी जलन होती है। जबकि अधिकांश शिशु इसके कारण रोते हैं, वहीं अन्य शिशु उनकी पहुँच में होने वाली किसी भी कठोर वस्तु, खिलौनों आदि को चबाकर मसूढ़ों की तकलीफ को कम करने और खुद को शांत करने का प्रयास करते हैं। यदि इन वस्तुओं को नियमित रूप से स्वच्छ और कीटाणुरहित नहीं रखा जाता है, तो यह कई रोगाणुओं के लिए उनके शरीर में प्रवेश करने का एक खुला निमंत्रण हो सकता है, जिससे संक्रमण फैल सकता है, और उनकी सेहत बिगड़ सकती है।
3. शिशु के आहार में बदलाव करें
यदि आपका बच्चा दाँत निकलने के परिणामस्वरूप दस्त का सामना कर रहा है, तो उसके आहार का समायोजन उसके शरीर को कुछ महत्वपूर्ण लाभ प्रदान कर सकता है। इसके लिए स्तनपान या फार्मूला दूध देने की मात्रा बढ़ाएं । उसके शरीर को हाइड्रेटेड रखने के लिए पर्याप्त तरल पदार्थ पिलाएं । आप उसे आलू, गाजर, और केले जैसी सब्जियों की प्यूरी बनाकर भी दे सकती हैं। चावल का पानी भी दिया जा सकता है। ये सभी खाद्य पदार्थ दस्त को नियंत्रण में रख सकते हैं। इसके अलावा, यदि आप अपने बच्चे को गाय का दूध या फलों का जूस देते हैं, तो इसे अस्थाई रूप से तब तक रोक दें जब तक कि दस्त से राहत न मिल जाए।
उपर्युक्त युक्तियों के साथ, आप शुरूआत में ही शिशु को अधिक दस्त होने से रोक सकते हैं। दाँत निकलना बच्चे के विकास की एक प्राकृतिक प्रक्रिया है और दस्त इसके लक्षणों में से एक है, लेकिन, चिंता न करें क्योंकि आपका शिशु कुछ ही दिनों में ठीक हो जाएगा। हालांकि, यदि समस्या लंबे समय तक बनी रहती है, तो डॉक्टर से परामर्श अवश्य करें!