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डॉक्टर 6 महीने तक के शिशु को सिर्फ मां का दूध पिलाने की सलाह देते हैं। हालांकि ब्रेस्टफीडिंग उतना आसान नहीं है जितना लगता है। इसके साथ कभी-कभी कई कॉम्प्लिकेशंस आते हैं। इस दौरान कभी-कभी आपको अपना एक ब्रेस्ट दूसरे से ज्यादा भारी लगेगा या सिर्फ एक ही ब्रेस्ट से दूध तेजी से आएगा।
ब्रेस्ट में दूध की अलग-अलग आपूर्ति के बारे में जानने और दोनों ब्रेस्ट में इसकी आपूर्ति बढ़ाने के लिए इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें।
ब्रेस्ट में दूध की आपूर्ति बच्चे की आवश्यकता के अनुसार होती है। मान लीजिए आप या आपका बेबी दाहिने के बजाय बाएं ब्रेस्ट से फीडिंग करना पसंद करता है तो बाएं ब्रेस्ट में दूध की आपूर्ति ज्यादा होगी। इसके परिणामस्वरूप दाहिने ब्रेस्ट में दूध कम बनेगा जो एक आम बात है। जब आपके शरीर को ऐसे संकेत मिलते हैं कि एक तरफ के ब्रेस्ट में दूध की मांग ज्यादा है, तो इस मांग को पूरा करने के लिए उस तरफ के ब्रेस्ट में ज्यादा से ज्यादा दूध बनने लगता है।
स्तनपान कराने वाली मांओं के एक ब्रेस्ट में ज्यादा दूध आने के निम्नलिखित कई कारण हैं, आइए जानें;
यदि बच्चा सिर्फ एक ही ब्रेस्ट से दूध पीना चाहता है और उसी तरफ से ज्यादा से ज्यादा दूध पीता है तो उस ब्रेस्ट में ज्यादा से ज्यादा दूध की आपूर्ति होगी। यदि मां बेबी को सिर्फ एक ब्रेस्ट से फीडिंग कराती है तो उसी ब्रेस्ट में ज्यादा दूध उत्पन्न होगा। ऐसा इसलिए है क्योंकि बच्चे के निप्पल चूसने से दूध का प्रोडक्शन और बहाव उत्तेजित होता है।
यदि मां के एक ब्रेस्ट का ऑपरेशन हुआ है तो उस ब्रेस्ट में कम दूध बनेगा। चोट लगने से भी दूध की आपूर्ति में प्रभाव पड़ता है। यदि पहले कभी ब्रेस्ट में चोट लगी है तो इससे मिल्क डक्ट्स डैमेज हो सकते हैं और दूध का प्रोडक्शन कम हो सकता है।
दोनों स्तनों की बनावट बिल्कुल एक जैसी नहीं हो सकती है। निप्पल का स्ट्रक्चर भी अलग-अलग हो सकता है। एक स्तन में दूसरे की तुलना में अधिक मिल्क डक्ट्स हो सकते हैं। हो सकता है कि आपके बेबी के लिए एक स्तन के निप्पल के मुकाबले दूसरे स्तन पर लैचिंग करना आसान हो।
ब्रेस्ट में दूध के बहाव की तेजी से भी फर्क पड़ता है। यदि एक ब्रेस्ट में दूध का बहाव, जिसे लेट-डाउन रिफ्लेक्स कहते हैं, दूसरे से कम है तो बच्चा उस ब्रेस्ट से दूध नहीं पिएगा। इसके विपरीत यदि एक ब्रेस्ट में दूध का बहाव बहुत तेजी से होता है तो बच्चे को दूध निगलने में दिक्कत हो सकती है इसलिए भी वह उस ब्रेस्ट से दूध नहीं पिएगा।
ब्रेस्ट में एक समान मात्रा में दूध उत्पन्न करने के लिए आप निम्नलिखित कुछ उपाय कर सकती हैं, आइए जानें;
शिशु को लगातार ब्रेस्टफीड कराने से उसे अपनी न्यूट्रिशनल आवश्यकताओं के अनुसार पर्याप्त दूध मिलेगा। यहां तक कि यदि एक ब्रेस्ट से कम दूध आता है तो दूसरे ब्रेस्ट में पर्याप्त दूध आएगा। यदि आप बच्चे को सिर्फ एक ही तरफ से स्तनपान कराती हैं तो इसमें चिंता की कोई बात नहीं है क्योंकि ऐसी कई महिलाएं हैं जो बच्चे को सिर्फ एक ब्रेस्ट से ही फीडिंग कराती हैं। इसकी वजह से दोनों ब्रेस्ट का साइज अलग हो सकता है, लेकिन साइज को बराबर करने के लिए बच्चे को दोनों तरफ से दूध पिलाएं।
बच्चों को दूध पिलाने से संबंधित हर मां का अनुभव अलग होता है। यदि आपके एक ब्रेस्ट में कम दूध आता है तो आप चिंतित हो सकती हैं पर जब तक बच्चे को दूसरे ब्रेस्ट से दूध पिला रही हैं तो चिंता करने की जरूरत नहीं है। ब्रेस्ट मिल्क की आपूर्ति पूरी करने में आपका स्वास्थ्य भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है इसलिए ज्यादा से ज्यादा आराम करें, न्यूट्रिशियस डाइट लें और भरपूर पानी व लिक्विड पीकर हाइड्रेटेड रहें।
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