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गर्भनिरोधक गोलियां अनियोजित गर्भधारण को रोकने का सबसे प्रभावी तरीका है। यह गोलियां हार्मोन की गोलियां होती हैं जो निषेचित अंडे को आरोपण से बचाने के लिए गर्भाशय ग्रीवा श्लेम को गाढ़ा करके शुक्राणु को पार होने और गर्भाशय के अस्तर को परिवर्तित कर शरीर को डिंबक्षरण करने से रोकती हैं। हालांकि, गर्भनिरोधक गोलियों के कई दुष्प्रभाव होते हैं। महिलाओं में अक्सर होने वाले सामान्य दुष्प्रभावों में से एक भूरा योनि स्राव होता है। यह लेख भूरे रंग के स्राव, इसे कैसे रोका जाए, और कब आपको डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए, इसके बारे में बताता है।
गर्भनिरोधक गोलियां भूरे रंग के स्राव का कारण बनती हैं, लेकिन कई अन्य बातें भी हैं जो महिलाओं में भूरे रंग के स्राव का कारण बन सकती हैं। गर्भनिरोधक गोलियां लेने के दौरान भूरे रंग का स्राव होने के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं:
ज़्यादातर, भूरे रंग का स्राव और कुछ नहीं बल्कि पुराना रक्त होता है। आपके मासिक धर्म के बाद, शरीर गर्भाशय के अस्तर के अवशेषों को बाहर निकालता है जो अभी भी अंदर रह गए हैं। पुराने रक्त में लौह की मात्रा ऑक्सीजन के मिलने से भूरी हो जाती है।
गर्भनिरोधक गोलियां लेने के शुरुआती 6 महीनों में, आपका शरीर गोलियों में उपस्थित हार्मोन को समायोजित करने की कोशिश करता है और इसके परिणामस्वरूप मासिक धर्म के दौरान रक्तस्राव भूरे रंग का होता है। गोलियां शरीर में ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन (एल.एच.) और फॉलिकल स्टिमुलेटिंग हार्मोन (एफ.एस.एच) की मात्रा को प्रभावित करती हैं। इससे गर्भाशय का अस्तर पतला हो जाता है, और अतिरिक्त एंडोमेट्रियल ऊतक (गर्भाशय की आंतरिक परत) उतर जाता है और भूरे रंग के स्राव के रूप में बाहर निकल जाता है।
कुछ मामलों में, भूरे रंग का स्राव मूल रूप तब दिखते हैं जब गर्भनिरोधक की गोलियों में मौजूद हार्मोन का स्तर बहुत कम मौजूदहोता है। यह जोखिम भरा होता है क्योंकि यह गोलियों की प्रभावशीलता को कम करता है। यदि यह कारण है, तो अपने डॉक्टर से पूछें कि क्या खुराक बढ़ाने की आवश्यकता है।
गर्भनिरोधक गोलियां प्रभावी रूप से तभी काम करती हैं जब उन्हें प्रत्येक दिन एक ही समय पर लिया जाता है। यदि आप 1 या 2 गोलियां लेने से चूक जाती हैं, तो आपके शरीर का हार्मोनल संतुलन बिगड़ जाता है जिससे भूरे रंग का स्त्राव होने लगता है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि एंडोमेट्रियम फिर से पतला होने लगता है।
गर्भनिरोधक गोलियों में आमतौर पर अलग-अलग सांद्रता में ओेसट्रोजन और प्रोजेस्टिन हार्मोन होते हैं। यदि आप किसी विशिष्ट गर्भनिरोधक गोली के प्रति संवेदनशील हैं तो भूरे रंग का स्राव एक दुष्प्रभाव के रूप में हो सकता है।
फाइब्रॉएड गर्भाशय के अंदर कैंसर रहित उपज होती है। ये भूरे रंग के स्राव के रूप में मासिक धर्म के दौरान रक्तस्राव का कारण बन सकता है। आपके डॉक्टर द्वारा अल्ट्रासाउंड टेस्ट के द्वारा इसका निदान किया जा सकता है। भूरे रंग के स्राव के साथ समाप्त होने वाला असामान्य रूप से अधिक मासिक धर्म भी चिंता का कारण है क्योंकि यह गर्भाशय के फाइब्रॉएड या डिम्बग्रंथि अल्सर का कारण हो सकता है। ऐसे लक्षणों का अनुभव होने पर डॉक्टर से सलाह लें।
यदि आप गर्भनिरोधक गोलियां ले रहीं हैं, लेकिन फिर भी डिंबोत्सर्जन हो रहा है, तो आप गर्भवती हो सकती हैं। इस मामले में, भूरे रंग के स्राव का कारण आरोपण का रक्तस्राव होता है। जब एक निषेचित अंडा अपने आप को गर्भाशय के अस्तर में प्रत्यारोपित करता है, तो रक्त की थोड़ी सी मात्रा बाहर आ जाती । मासिक धर्म के दौरान यह रक्तस्राव भूरे रंग के स्राव की तरह लग सकता है। यदि आपको इस पर संदेह है, तो पुष्टि करने के लिए एक प्रारंभिक जाँच यानि घरेलू गर्भावस्था परीक्षण करें यदि आप गर्भवती हैं तो अपने गर्भनिरोधक को बंद करें और तुरंत अपने डॉक्टर को बुलाएं ।
जन्म नियंत्रण की गोलियां डिंबक्षरण को दबा देती हैं। हालांकि, यदि आप एक खुराक छोड़ देती हैं या बहुत कम खुराक लेती हैं, तो आप डिंबोत्सर्जन कर सकती हैं। जब आप डिंबोत्सर्जन करती हैं तो आमतौर पर भूरे रंग का स्राव होता है। यह अगले मासिक धर्म से 10-14 दिन पहले हो सकता है। इसके लिए, आपको गर्भनिरोधक की दूसरी पद्धति का उपयोग करने और तुरंत अपने डॉक्टर से बात करने की आवश्यकता पड़ सकती है।
कभी-कभी, भूरे रंग का स्राव योनि के संक्रमण या यौन संचारित संक्रमण (एस.टी.आई.) का संकेत हो सकता है। यह बैक्टीरियल वेजिनोसिस, गोनोरिया या क्लैमाइडिया हो सकता है। यदि आपको भूरे रंग के स्राव के साथ योनि क्षेत्र में लालिमा, दर्द, खुजली, मछली जैसी दुर्गंध या असुविधा होती है, तो तुरंत अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
पैप स्मीयर सर्वाइकल कैंसर की जाँच के लिए महिलाओं पर किया जाने वाला ग्रीवा स्मीयर परीक्षण होता है। इसमें कैंसर या पूर्व कैंसर कोशिकाओं की जाँच करने के लिए स्पेकुलम का उपयोग कर योनि को खोलना और गर्भाशय ग्रीवा के बाहरी मुख से ऊतक को निकाला जाता है। कुछ महिलाओं में, ऊतक को निकालने से कुछ दिनों तक यह हल्के रक्तस्राव का कारण बन सकता है। यह रक्तस्राव एक भूरे रंग का स्राव हो सकता है।
भूरा स्राव विभिन्न कारणों से हो सकता है। भूरे रंग के स्राव से निपटने के लिए यहाँ कुछ सुझाव दिए गए हैं:
गर्भनिरोधक गोलियां लेने के दौरान भूरे रंग के स्राव को रोकने के कुछ तरीके इस प्रकार हैं:
हालांकि भूरे रंग का योनि स्राव गर्भनिरोधक गोलियों का एक सामान्य दुष्प्रभाव है, लेकिन कुछ ऐसे उदाहरण हैं जब स्राव एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या का संकेत दे सकता है। यदि आपको निम्नलिखित परिस्थितियों में भूरे रंग का स्राव होता है, तो आपको गंभीर चिंतित होना चाहिए:
जब आप गर्भनिरोधक गोलियां लेना शुरू करती हैं, तो आपका शरीर उन गोलियों में मौजूद अतिरिक्त हार्मोन से निपटने के लिए समायोजन करता है। सभी महिलाओं को एक ही जैसे दुष्प्रभावों का अनुभव नहीं होगा। कुछ महिलाओं को हल्के धब्बे (स्पॉटिंग) आ सकते है, कुछ को एक चक्र में दो बार माहवारी आ सकती है, और कुछ को भूरे रंग का स्राव हो सकता है। यह सामान्य बात है; 6 महीने के बाद, आपके शरीर को गोलियों की आदत हो जाती है, और स्पॉटिंग या भूरे रंग का स्राव स्वचालित रूप से कम या गायब हो जाएगा । हालंकि, यदि कुछ दिनों के भीतर भूरे रंग का स्राव अपने आप नहीं जाता है तो, अपने चिकित्सक से परामर्श करें।
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