गर्भावस्था

क्या मैं हाइपोथायरायडिज्म के साथ गर्भवती हो सकती हूँ?

बच्चे का होना आपके जीवन में बहुत बड़ा बदलाव लाता है। इस सारी प्रक्रिया में बहुत सोच विचार करना पड़ता है चाहे वह नियोजन से जुड़ी हो या जन्म देने से। गर्भधारण करने की कोशिश करते हुए आपको कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। सबसे आम बाधाओं में से एक है एक स्वास्थ्य समस्या जिसे हाइपोथायरायडिज्म (थायरायड अल्पक्रियता) के नाम से जाना जाता है। दस में से एक महिला गर्भावस्था से पहले या उसके दौरान किसी न किसी रूप में हाइपोथायरायडिज्म से जुझती है, लेकिन काफी महिलाओं को इसका पता भी नहीं होता है।

आपके डर को कम करने के लिए, हम हाइपोथायरायडिज्म की जानकारी और ऐसी स्थिति में गर्भवती होने के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।

हाइपोथायरायडिज्म क्या है?

आइए सबसे पहले हम यह समझते हैं कि वास्तव में यह समस्या क्या है। सभी मनुष्यों में एक थायरायड ग्रंथि होती है जो उनकी कंठ नाली के नीचे, गर्दन के पास स्थित होती है। यह ग्रंथि थायरायड हार्मोन नामक एक हार्मोन का उत्पादन करती है जो शरीर में उपापचय को नियंत्रित करता है।

कभीकभी थायरायड ग्रंथि सही ढंग से काम नहीं करती है और परिणामस्वरूप, थायरायड हार्मोन की उत्पादन की मात्रा कम हो जाती है। ऐसी स्थिति को हाइपोथायरायडिज्म के रूप में जाना जाता है। इसके विपरीत थायरायडअतिक्रियता तब होती है जब थायरायड ग्रंथि ज्यादा मात्रा में थायरायड हार्मोन का उत्पादन करती है। यह कहना ठीक होगा कि थायरायड ग्रंथि शरीर के प्रमुख कार्यों के सुचारु रूप से चलने के लिए महत्वपूर्ण होती है।

हाइपोथायरायडिज्म के कारण?

हाइपोथायरायडिज्म का सबसे बड़ा कारण थायरायड ग्रंथि का ठीक से काम न करना होता है। हालांकि इसके कुछ अन्य कारण भी हो सकते हैं:

  1. आयोडीन एक आवश्यक खनिज है जो थायरायड ग्रंथि को सही मात्रा में थायरायड हार्मोन का उत्पादन करने में मदद करता है। जब शरीर में बहुत कम आयोडीन होता है, तो हाइपोथायरायडिज्म हो सकता है। इसके विपरीत, बहुत अधिक आयोडीन भी एक कारण हो सकता है।
  2. थायरायड ग्रंथि में संक्रमण या सूजन (थायरॉइडाइटिस) होने से वह अपने हार्मोन का रक्तप्रवाह में रिसाव कर सकती है। इसके कारण थायरायड अतिक्रियता होती है, जो कुछ महीनों के बाद थायरायड अल्पक्रियता में बदल सकती है।
  3. जब आप बहुत अधिक तनाव में होते हैं, तो आपकी अधिवृक्क ग्रंथियां सक्रिय हो जाती हैं और बदले में, ज्यादा मात्रा में कोर्टिसोल नामक हार्मोन का उत्पादन करती हैं। कोर्टिसोल थायरायड हार्मोन के सामान्य उत्पादन में हस्तक्षेप करता है और थायरायड अल्पक्रियता का कारण हो सकता है।
  4. पारा जैसी भारी धातुओं के संपर्क में आने से भी थायरायड अल्पक्रियता हो सकती है।
  5. हाशिमोतो रोग एक स्वप्रतिरक्षण बीमारी है जो थायरायड ग्रंथि को उत्तेजित करती है और थायरायड हार्मोन के उत्पादन को प्रभावित करती है। थायरायड अल्पक्रियता के अधिक आम कारणों में से यह एक होता है।
  6. थायरायड ग्रंथि का कुछ या पूर्ण भाग गलगंड (गॉयटर), थायरायड का कैंसर आदि रोगों के उपचार हेतु हटाने पर थायरायड ग्रंथि की कार्यप्रणाली प्रभावित हो जाती है जिसके कारण थायरायडअल्पक्रियता हो सकती है।

यह गर्भाधान और गर्भावस्था को कैसे प्रभावित करता है?

यदि आपके शरीर में थायरायड हार्मोन का स्तर असामान्य रूप से निम्न (या उच्च) है, तो यह आपके मासिक धर्म चक्र में अस्थिरता का कारण बन सकता है। यह आपकी डिंबोत्सर्ग होने की क्षमता को भी प्रभावित करेगा जिससे गर्भाधान में मुश्किल होती है, या इससे भी बुरा बांझपन हो सकता है। यदि आप थायरायड अल्पक्रियता होते हुए साथ गर्भधारण के बारे में सोच रही हैं, तो याद रखें कि इसमें गर्भपात का खतरा रहता है, या आपका बच्चा जन्मजात विकलांगता के साथ पैदा हो सकता है।

हम जानते हैं कि यह कठिन लगता है, लेकिन चिंता न करें, इस समस्या के उपचार के कई तरीके हैं और यथासंभव सामान्य रूप से बच्चे हो सकते हैं! कैसे, हम आपको बताते हैं। यदि आप बच्चा चाहते हैं, तो सबसे पहले, आपको थायराइड फंक्शन टेस्ट करवाना होगा।

मुझे थायराइड फंक्शन टेस्ट के लिए कब जाना चाहिए ?

गर्भवती होने की कोशिश शुरू करने से पहले आपके चिकित्सक आपको कुछ परीक्षण करने की सलाह देंगे। दो अवसर हो सकते हैं जब आप थायरॉयड फंक्शन टेस्ट करवाने ले लिए विचार कर सकते हैं:

1. गर्भधारण से पहले थायराइड प्रोफ़ाइल टेस्ट करवाना

आपको अपने चिकित्सक के पास जाना चाहिए,

  • अगर आपके परिवार में पूर्व में थायरायड के विकारों की समस्या रही है
  • यदि आप छह महीने से गर्भवती होने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन फिर भी असफल हैं
  • यदि आप जोड़ों के दर्द, माँसपेशियों के दर्द, बालों के झड़ने, कब्ज, थकान और सुस्ती, संभोग करने की इच्छा में कमी, हृदय गति में धीमापन और गलगंड का विकास जैसे लक्षणों का अनुभव करती हैं
  • यदि आप ठंड बर्दाश्त नहीं कर पाती हैं
  • आपका मासिक धर्म चक्र अनियमित है, और आप माहवारी के समय असहनीय दर्द का अनुभव करती हैं
  • पहले ही आपके दो से ज्यादा गर्भपात हो चुके हैं
  • आपका वजन बहुत तेजी से बढ़ा है और व्यायाम और स्वस्थ आहार के सेवन के बाद भी वजन घटाना मुश्किल हो रहा है

इस स्थिति में चिकित्सक आपके शरीर में दो थायरायड हार्मोन थायरायड उत्तेजक हार्मोन (टी.एस.एच.) और थायरोक्सिन (टी4) के स्तर का पता लगाने के लिए रक्त की जांच करेंगे। यदि आपके टी4 का स्तर कम है और टी.एस.एच. का स्तर उच्च है, तो आपको हाइपोथायरायडिज्म हो सकता है। यदि इसके विपरीत होता है, तो इसका मतलब अनियमित डिंबोत्सर्ग या डिंबोत्सर्ग का अभाव हो सकता है।

2. गर्भधारण के बाद थायराइड प्रोफाइल टेस्ट

आपको अपनी गर्भावस्था के शुरुआती चरणों के दौरान थायराइड फंक्शन टेस्ट करवाना चाहिए, यदि

  • आपको उपरोक्त लक्षणों में से कोई भी है
  • आपके परिवार में पूर्व में थायरायड रोग का इतिहास रहा है
  • आपको स्वप्रतिरक्षित विकार हैं जैसे टाइप 1 मधुमेह या ल्यूपस
  • अगर आपकी गर्दन के किसी हिस्से में विकिरण हुआ है
  • यदि आप 30 वर्ष से अधिक हैं (उम्र के साथ हाइपोथायरायडिज्म बढ़ने का खतरा बढ़ता जाता है)

हाइपोथायरायडिज्म माँ और बच्चे को कैसे प्रभावित कर सकता है?

अगर गर्भावस्था के दौरान आपको हाइपोथायरायडिज्म है और आप इसका इलाज नहीं करवा पातीं, तो प्राकगर्भाक्षेपक (गर्भावस्था के बाद के चरणों में रक्तचाप में तेजी से बढ़ोत्तरी), गर्भपात, समय से पहले जन्म, हृदय की विफलता, खून की कमी और जन्म देने के बाद का अवसाद जैसी गंभीर समस्याएं होने की आशंका रहती है।

इसी तरह, आपका शिशु मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र मे क्षति, जन्म के समय कम वजन, समय से पहले जन्म, थायरायड के विकार, मानसिक मंदता और कभीकभी मृतजन्म के साथ पैदा हो सकता है।

गर्भाधान से पहले करने के उपाय

यदि आपको हाइपोथायरायडिज्म है, तो गर्भधारण करने से पहले इसे काबू में करने के लिए आपको तत्काल चिकित्सीय उपचार प्राप्त करने की आवश्यकता है। क्योंकि आपके अजन्मे बच्चे की थायरायड ग्रंथि गर्भावस्था के पहले 12 सप्ताह के बाद ही काम करना शुरू करती है। तब तक, बच्चा थायरायड हार्मोन के लिए आप पर ही निर्भर रहता है। इसलिए गर्भधारण करने का प्रयास करने से पहले आपके थायरायड हार्मोन का स्तर स्थिर और थायरायड ग्रंथि का भलीभांति कार्य करना आवश्यक है।

हाइपोथायरायडिज्म के लिए सबसे अच्छा उपचार एक गोली होती है जिसे आपका चिकित्सक निर्धारित करेगा। गोली में कृत्रिम थायरोक्सिन होता है (थायरायडग्रंथि द्वारा निर्मित टी4 के समरूप) और यह आपके शरीर में उसकी कमी की भरपाई करता है। आपका चिकित्सिक ही आपको बताएगा कि इसे कितनी बार लेना है और पहले के तीन महीनो में हर चौथे हफ्ते आपके थायरायड हार्मोन के स्तर की जांच करेगा, ताकि वह धीरेधीरे खुराक को समंजित कर सके जिससे थायरायड फिर से सामान्य रूप से कार्य करने लगे।

यह उपचार पूरी तरह से सुरक्षित है, जिसके अल्पतम दुष्प्रभाव हैं, और आप इस विकार से मुक्त होते ही गर्भवती होने की कोशिश कर सकती हैं! हालांकि, यदि आपके थायरायड हार्मोन का स्तर कम रहता है, तो किसी विशेषज्ञ से मिल लें।

उपनैदानिक अल्पक्रियता (सबक्लिनिकल हाइपोथायरायडिज्म) क्या है?

यह हाइपोथायरायडिज्म का एक हल्का रूप है जो लक्षणों की प्रत्यक्ष कमी के कारण अनदेखा हो सकता है। टी.एस.एच जांच से इसका पता लगा सकता है, लेकिन अगर यह गर्भावस्था के दौरान पाया जाता है, तो हाइपोथायरायडिज्म का उपचार ही इसका सबसे अच्छा विकल्प है।

गर्भावस्था के दौरान करने वाले उपाय

यदि अभी आप हाइपोथायरायडिज्म के लिए इलाज करवाते हुए ही गर्भवती हो गयी हों, तो तुरंत अपने चिकित्सक के पास जाएं। वह निम्नलिखित उपाय करेगा:

  • गोली (कृत्रिम थायरोक्सिन) की खुराक बढ़ाना, चूँकि आप पहले से ही इलाज करवा रही होंगी
  • गर्भावस्था के दौरान हर छह से आठ सप्ताह में थायरायड ग्रंथि की नियमित जांच
  • रक्त में हार्मोन के स्तर को स्थिर बनाए रखने के लिए थायरायड उत्तेजक हार्मोन (टी.एस.एच.) के स्तर की निगरानी करना। आपका चिकित्सक प्रत्येक जांच के बाद इसके स्तर के अनुसार दवाइयों की खुराक बदल सकता है।

आप अपनी ओर से ये कर सकती हैं:

  • यदि आपका डॉक्टर दवा की खुराक 50% तक बढ़ाता है, तो घबराएं नहीं। गर्भावस्था के दौरान, आपके शरीर को थायरायड हार्मोन की दोगुनी मात्रा की आवश्यकता होती है क्योंकि आप इसे अपने अजन्मे बच्चे को भी प्रदान कर रही हैं।
  • गर्भावस्था के दौरान कभी भी एकाएक सामान्य दवा को किसी ब्रांडेड दवा से बदलना या इसके उल्टा न करें। गर्भवती होने से पहले आप जो ले रही थीं उसे लेती रहें और इसे तब तक जारी रखें जब तक कि आपका चिकित्सक मना न करे।
  • अपने चिकित्सक द्वारा बताई गई मात्रा ही लें, न तो इससे ज्यादा और न ही कम। आपके द्वारा की जाने वाली हर छोटी से छोटी गतिविधि का आपके बच्चे पर बहुत अधिक असर हो सकता है, इसलिए ध्यान रखें।
  • अन्ततः चिंता न करें। दवा पूरी तरह से सुरक्षित होती है, और माँ एवं बच्चे दोनों को कोई नुकसान नहीं होगा।

गर्भावस्था के पहले और दौरान हाइपोथायरायडिज्म का बेहतर पक्ष यह है कि इसका आसानी से इलाज किया जा सकता है, अगर आप अपने चिकित्सक की सलाह लेने और उनके निर्देशों का बिल्कुल ठीक प्रकार पालन करने के लिए कोई समय बर्बाद नहीं करती हैं।

यदि आप बताए गए सभी उपाय करती हैं, तो कोई कारण नहीं है कि आप एक स्वस्थ, प्रसन्न बच्चे को जन्म न दे सकें और जीवन भर की खुशियाँ न पा सकें !

श्रेयसी चाफेकर

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