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गर्भधारण करने के लिए आपका स्वस्थ रहना बहुत जरूरी है, क्योंकि इससे आपकी स्वस्थ गर्भावस्था की संभावना बढ़ती है। लेकिन, अगर आपको कोई मेडिकल समस्या है, जैसे कि यूटीआई (यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन) यानी मूत्र मार्ग का संक्रमण, तो आपके मन में इससे जुड़े कई सवाल उठ सकते हैं। अगर आप सोच रही हैं कि यूटीआई होने पर गर्भधारण करना सुरक्षित है या नहीं, तो यह लेख आपकी सभी चिंताओं को दूर करेगा। लेकिन उससे पहले, आइए इस समस्या को थोड़ा बेहतर तरीके से समझते हैं।
यूटीआई यानी पेशाब की नली में संक्रमण। यह एक तरह का इंफेक्शन है जो पुरुषों और महिलाओं, दोनों को हो सकता है, लेकिन महिलाओं में इसके होने की अधिक संभावना होती है। इसका कारण यह है कि महिलाओं का मूत्र मार्ग छोटा होता है, इसलिए बैक्टीरिया और वायरस वहां आसानी से पहुंच सकते हैं। ज्यादातर महिलाओं में यूटीआई की वजह ई.कोली नाम का एक बैक्टीरिया होता है। यह बैक्टीरिया पेशाब की नली में ऊपर की ओर जाकर पेट में दर्द, पेशाब करते समय जलन, ठंड लगना जैसी समस्याएं पैदा कर सकता है।
यूटीआई हमेशा किडनी, गर्भाशय, मूत्राशय और लिवर को प्रभावित करता है, जो शरीर से गंदगी निकालने वाले अंग हैं। अगर यह संक्रमण बार-बार हो और लंबे समय तक रहे, तो यह गर्भधारण में रुकावट डाल सकता है और प्रजनन क्षमता संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
यूटीआई और प्रजनन पथ के संक्रमण के लक्षण मिलते-जुलते हो सकते हैं, लेकिन ये दोनों अलग-अलग तरह के संक्रमण होते हैं। मूत्र मार्ग संक्रमण में समस्या किडनी, मूत्राशय, और लिवर जैसी जगहों पर होती है, जबकि प्रजनन पथ का संक्रमण उन अंगों में होता है जो गर्भधारण में मदद करते हैं, जैसे कि अंडाशय, फैलोपियन ट्यूब, और गर्भाशय।
यूटीआई का इलाज इस बात पर निर्भर करता है कि किस तरह के बैक्टीरिया से संक्रमण हुआ है। डॉक्टर आपके पेशाब की जांच करेंगे और फिर उचित दवाएं देंगे। आमतौर पर, बैक्टीरिया के लिए एंटीबायोटिक दवाएं दी जाती हैं।
अगर संक्रमण फंगल या वायरस की वजह से है, तो डॉक्टर एंटीफंगल या एंटीवायरल दवाएं भी लिख सकते हैं।
आप कुछ घरेलू उपाय भी अपना सकती हैं, जैसे क्रैनबेरी जूस पीना, जो यूटीआई को ठीक करने में मदद करता है और इसके दोबारा होने के खतरे को भी कम करता है।इसके अलावा नारियल पानी पीने से भी यूटीआई के उपचार में मदद मिलती है।
अगर आपको यूटीआई नहीं है और आप इससे बचना चाहती हैं, तो संक्रमण से दूर रहना बहुत जरूरी है। यहां कुछ उपाय दिए गए हैं जिनसे आप मूत्रमार्ग में संक्रमण होने से बचा सकती हैं:
जब आपके आसपास का माहौल साफ होता है, तो हानिकारक बैक्टीरिया को पनपने का मौका नहीं मिलता। हर बार टॉयलेट जाने के बाद अपनी साफ-सफाई का ध्यान रखें। सार्वजनिक टॉयलेट का उपयोग करने से बचें। अगर मजबूरी हो, तो खड़े होकर पेशाब करने के लिए एक विशेष उपकरण का उपयोग कर सकती हैं।
ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं ताकि शरीर से टॉक्सिन्स (गंदगी) बाहर निकल जाएं। पानी आपके पेशाब को पतला और कम अम्लीय बनाता है। जितनी बार आप पेशाब करने जाएंगी, उतनी ही बार संक्रमण फैलाने वाले बैक्टीरिया के बचने की संभावना कम होगी।
तंग और लेस या साटन वाले अंतर्वस्त्र पहनने से बचें। इसके बजाय, सूती अंडरगारमेंट्स पहनें। अगर आप गर्म और शुष्क क्षेत्र में रहती हैं, तो दिन में दो बार पैंटी बदलें।
जब पेशाब लगे, टॉयलेट जरूर जाएं। पेशाब को लंबे समय तक रोककर रखने से शरीर में टॉक्सिन्स और बैक्टीरिया जमा हो सकते हैं और यह मूत्राशय पर दबाव डालता है।
अगर आपको बार-बार यूटीआई की समस्या होती है, तो इसका मतलब है कि बैक्टीरिया अभी भी पेशाब की नली में मौजूद हो सकते हैं। कुछ दवाएं, जिनमें विटामिन C और जिंक होता है, बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकने में मदद करती हैं।
आपको साफ-सफाई की अति नहीं करनी है, जैसे बार-बार पानी का स्प्रे करके योनि के हिस्से को धोना, डियोडरेंट स्प्रे, और खुशबूदार पाउडर का उपयोग करना आदि। ये चीजें लक्षणों को और बढ़ा सकती हैं और असुविधा पैदा करती हैं। ये आपकी योनि का पीएच संतुलन भी बिगाड़ सकती हैं। साफ-सफाई के लिए सिर्फ सौम्य साबुन और पानी की जरूरत होती है।
संबंध बनाने से पहले सौम्य साबुन और पानी से योनि की सफाई करें। इससे बैक्टीरिया के पेशाब की नली में जाने की संभावना कम हो जाती है।
संभोग के बाद पेशाब करना कभी न भूलें। इससे किसी भी हानिकारक बैक्टीरिया को बाहर निकालने में मदद मिलती है जो अंदर जा सकते हैं।
स्पर्मीसाइड से युक्त कंडोम का उपयोग करने से यूटीआई होने की संभावना बढ़ सकती है। अगर आपको पहले से यह समस्या है या इससे बचना चाहती हैं, तो पानी-आधारित लुब्रिकेंट का इस्तेमाल करें।
प्रोबायोटिक्स आंत में अच्छे बैक्टीरिया का संतुलन बनाए रखते हैं। एक शोध के अनुसार, प्रोबायोटिक खाद्य पदार्थों में मौजूद लैक्टोबैसिलस बैक्टीरिया महिलाओं में मूत्र मार्ग का इंफेक्शन रोकने में मदद करते हैं।
भले ही यूटीआई आपकी प्रजनन क्षमता को प्रभावित न करता हो, फिर भी इसके कारण आप काफी असहज महसूस कर सकती हैं। इसलिए, यूटीआई इंफेक्शन से छुटकारा पाने के लिए तुरंत उपचार लेना बहुत जरूरी है। जल्द इलाज न लेने से यह संक्रमण आपके गुर्दे तक फैल सकता है। इसलिए समय रहते जल्द से जल्द इसका उपचार लें।
इसके अलावा यदि आप पेट में दर्द, मूत्र में झाग, मूत्र में रक्त, या ज्यादा पेशाब होने से परेशान हैं, तो बिलकुल देर न करें और तुरंत अपने डॉक्टर से मिलें।
हालांकि यूटीआई सीधे बांझपन का कारण नहीं बनता है, लेकिन इसका इलाज न किए जाने पर यह अप्रत्यक्ष रूप से प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकता है। यूटीआई मूत्र पथ के भीतर सूजन और जलन की समस्या को बढ़ा सकता है, जो संभावित रूप से शुक्राणु को अंडे से मिलने की प्रक्रिया में बाधा डाल सकता है। इसके अलावा, अगर संक्रमण गुर्दे तक बढ़ जाता है, तो यह अधिक गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकता है जो आपके गर्भधारण के प्रयास को मुश्किल बना सकता है।
नहीं, गर्भावस्था के दौरान मूत्र मार्ग में संक्रमण हो यह जरूरी नहीं है। हालांकि कुछ गर्भवती महिलाएं हार्मोनल परिवर्तन और अन्य कारकों के कारण यूटीआई के प्रति अधिक संवेदनशील हो सकती हैं, लेकिन हर गर्भावस्था में ऐसा हो यह जरूरी नहीं है। ऐसा न हो इससे बचने के लिए आप साफ सफाई का ध्यान रखें।
अगर मूत्र मार्ग के संक्रमण का इलाज समय पर न हो, तो यह बड़ी स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। जैसे ही आपको यूटीआई के लक्षण दिखें, तुरंत डॉक्टर से मिलें और इसका इलाज शुरू कर दें। जल्दी इलाज कराने से इस समस्या को काबू में किया जा सकता है और गर्भधारण की संभावना भी बढ़ जाती है।
References/Resources:
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