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वायरल इन्फेक्शन किसी पर भी अटैक कर सकता है और एसाइक्लोवीर एक बहुत ही प्रसिद्ध मेडिसिन है जिसका उपयोग वायरल इन्फेक्शन के ट्रीटमेंट के लिए किया जाता है, जिसमें एचएसवी (हर्पीज सिम्प्लेक्स वायरस) या वैरिसेला-जोस्टर वायरस से होने वाला इन्फेक्शन शामिल है। लेकिन क्या गर्भावस्था के दौरान इन वायरल इन्फेक्शन का इलाज करने के लिए एसाइक्लोवीर मेडिसिन का इस्तेमाल कर सकते हैं? क्या इसके कोई साइड इफेक्ट्स होते हैं? आइए जानते हैं कि आप इस मेडिसिन का इस्तेमाल प्रेगनेंसी के दौरान कर सकती हैं या नहीं।
एसाइक्लोवीर एक एंटीवायरल दवा है, जो टैबलेट, टॉपिकल ऑइंटमेंट, इंट्रावेनस इंजेक्शन के रूप में दी जाती है, ये चिकनपॉक्स, दाद, जेनिटल हर्पीस, और कोल्ड सोर जैसी समस्याओं का उपचार करने और इसे रोकने में मदद करती है। जिन लोगों की इम्युनिटी कमजोर होती है उनकी इम्युनिटी को मजबूत करने के लिए यह दवा दी जाती है। हालांकि यह वायरस को पूरी तरह से खत्म नहीं करती, लेकिन यह वायरल अटैक को कम करने में मदद करती है।
एसाइक्लोवीर मेडिसिन दाद और चिकनपॉक्स जैसे वायरस को कम करने में मदद करती है। यह इस प्रकार की बीमारी की गंभीरता को कम करती है। इस दवा के उपयोग से घाव तेजी से ठीक होते हैं और दर्द भी कम होता है। हालांकि, यह दवा तब ज्यादा इफेक्टिव होती है जब आप समस्या की शुरुआत में इसका सेवन किया जाए।
एसाइक्लोवीर को एक सुरक्षित दवा माना जाता है और गर्भावस्था के दौरान भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। हालांकि, इसका उपयोग आपको तभी करना चाहिए जब आपके डॉक्टर इसे लेने की सलाह दें। इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं देखा गया है। लेकिन, अगर गर्भावस्था की पहली तिमाही के दौरान एसाइक्लोवीर ली जाती है, तो इससे आपकी प्रेगनेंसी में कुछ कॉम्प्लिकेशन हो सकते हैं या आपके बच्चे में कांजेनिटल डिसएबिलिटी यानी जन्मजात दोष हो सकते हैं। इसलिए, ज्यादातर मामलों में, डॉक्टर गर्भावस्था के लास्ट स्टेज में ही आपको यह दवा प्रेसक्राइब्ड कर सकते हैं।
गर्भावस्था के दौरान एसाइक्लोवीर के कितने डोज आपको देना है यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपकी तकलीफ क्या है। आपको 200 मिलीग्राम डोज प्रेसक्राइब्ड की जा सकती है जिसे दिन में 4 से 5 बार या 400 मिलीग्राम को दिन में 3 बार लिया जा सकता है। आपको एक सप्ताह से 10 दिनों तक या कुछ मामलों में लंबे समय तक ये दवा लेनी पड़ सकती है। दवा को नियमित रूप से लेने से न केवल बीमारी ठीक होती है, बल्कि यह इन्फेक्शन को बच्चे तक पहुँचने से भी रोकती है।
एसाइक्लोवीर एक सेफ दवा है, हालांकि इससे कभी-कभार लोगों को कुछ मामूली से गंभीर साइड इफेक्ट्स तक हो सकते हैं। यहाँ आपको एसाइक्लोवीर के कुछ साइड इफेक्ट्स के बारे में बताया गया है।
यदि इस दवा को लेने के बाद इनमें से कोई भी साइड इफेक्ट्स आपको नजर आते हैं, तो तुरंत अपने डॉक्टर को इसके बारे में बताएं।
यहाँ आपको प्रेगनेंसी के दौरान एसाइक्लोवीर लेते समय कुछ सावधानियां बरते के लिए बताया गया है, ताकि आप इसके साइड इफेक्ट्स से बचाव कर सकें:
यहाँ एसाइक्लोवीर मेडिसिन को लेने से संबंधित कुछ प्रश्न और उसके उत्तर दिए गए हैं, जो आपके लिए मददगार साबित हो सकता है:
आपके बच्चे के इंटरनल ऑर्गन पहली तिमाही के दौरान बन रहे होते हैं, अगर इस समय के दौरान किसी भी प्रकार की दवा का साइड इफेक्ट होता है, तो इससे बच्चे में कांजेनिटल डिसएबिलिटी हो सकती है। हालांकि, इस बात का कोई साइंटिफिक प्रूफ नहीं है कि गर्भावस्था की दूसरी तीसरी तिमाही के दौरान एसाइक्लोवीर लेने से बच्चे में कोई बर्थ डिफेक्ट दिखाई देते हैं।
बच्चे के दिमाग का विकास गर्भावस्था के बाद के चरणों में भी जारी रहता है। इसलिए, अक्सर माएं इसके सेवन को लेकर चिंता जताती हैं कि क्या इस दवा के सेवन से उनके बच्चे में कोई समस्या होगी। हालांकि, इससे जुड़ी कोई पर्याप्त मेडिकल स्टडी उपलब्ध नहीं है, जो गर्भावस्था के दौरान एसाइक्लोवीर के सेवन से बच्चे में होने वाले बिहेवरियल और लर्निंग इशू के बारे में बताती हो।
इस बात का कोई साइंटिफिक प्रूफ उपलब्ध नहीं है कि गर्भावस्था के दौरान एसाइक्लोवीर लेने से मिसकैरेज प्रीटर्म बर्थ, स्टिलबर्थ या बच्चे में लो बर्थ वेट की समस्या पैदा होती है।
हर गर्भवती महिला एक हेल्दी प्रेगनेंसी की उम्मीद करती है, हालांकि अगर कोई मेडिकल इमरजेंसी हो जाए तो आपको अपने डॉक्टर पर भरोसा करना चाहिए और उनके द्वारा प्रेसक्राइब मेडिसिन लें ताकि आपको बेहतर महसूस हो और आप जल्दी ठीक हो जाएं।
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