गर्भावस्था

क्या गर्भावस्था के दौरान बहुत ज्यादा सोना नॉर्मल है?

जब आप प्रेग्नेंट होती हैं, तो यह बहुत ही आम बात है कि लोग आपसे ज्यादा से ज्यादा आराम करने के लिए कहेंगे, क्योंकि जब बच्चा आ जाएगा तो उसके बाद आपका ठीक से सो पाना मुश्किल हो जाएगा। लेकिन, ज्यादातर महिलाओं को झपकी लेने के लिए इस बहाने की जरूरत नहीं होती, प्रेगनेंसी के दौरान आप कभी भी कहीं भी झपकी ले सकती हैं। दिन के समय बहुत ज्यादा देर तक सोना प्रेगनेंसी हार्मोन के कारण होता है, लेकिन कुछ गर्भवती महिलाओं के लिए अच्छी नींद लेना संभव नहीं होता है। हार्मोनल चेंजेस और शरीर में हो रहे बदलावों के कारण गर्भवती महिलाओं के लिए सो पाना बहुत मुश्किल हो जाता है और इससे उन्हें स्ट्रेस और थकावट हो जाती है। गर्भवती महिलाओं को इस समय आराम की बहुत जरूरत होती है ताकि बच्चे का ठीक से विकास हो सके।

गर्भावस्था के दौरान आपको थकावट और नींद क्यों महसूस करती हैं?

गर्भावस्था के दौरान आपके शरीर का मेटाबोलिज्म तेजी से बदलता है जिससे आपको थकावट महसूस होती है। प्रेगनेंसी को मेन्टेन करने के लिए आपका शरीर प्रोजेस्टेरोन हार्मोन बनाना शुरू कर देता है और शरीर में रिप्रोडक्टिव साइकिल को चलाता है। इस हार्मोन के कारण प्रेगनेंसी के दौरान आपको अत्यधिक नींद और थकान महसूस होती है। लगातार हार्मोनल चेंजेस के कारण आपको थकान होती है और नींद आती है।

गर्भावस्था के दौरान आप क्यों नहीं सो पाती हैं

जिस तरह गर्भावस्था की दूसरी तीसरी तिमाही के दौरान आपको बहुत ज्यादा नींद आती है ठीक इसी तरह आपको हार्मोनल चेंजेस के कारण रात में ठीक से नींद न आने की समस्या हो जाती है। इस प्रकार, गर्भावस्था एक दोधारी तलवार की तरह हो सकती है, यहाँ प्रेगनेंसी के दौरान नींद न आने के कुछ कारण दिए गए हैं:

1. शरीर का असहज महसूस करना

शरीर के अंदर हो रहे बदलावों के कारण आपका शरीर बहुत ज्यादा खिंचता है। प्रेगनेंसी के दौरान आपका पेट पहले से कहीं अधिक बड़ा हो जाता है और शरीर में हार्मोन लगातार काम कर रहे होते हैं, जिससे शरीर के अंदर तेजी से चेंजेस होने लगते हैं। इन सब चीजों की वजह से आपको सोने में परेशानी होने लगती है। बार बार पेशाब महसूस होना और प्रेगनेंसी के दौरान होनी वाली मॉर्निंग सिकनेस के कारण आपका सो पाना काफी चुनौतीपूर्ण बन सकता है।

2. स्लीप एपनिया

शरीर में मौजूद हार्मोन मांसपेशियों को भी प्रभावित करते हैं जिससे आपको परेशानी महसूस होती है, खासकर यदि आप मोटापे की समस्या से पीड़ित हैं। अधिक बीएमआई वाली महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान स्लीप एपनिया विकसित होने का खतरा होता है। स्लीप एपनिया के दौरान सांस लेने में भारीपन महसूस होता है और बिना रुकावट के लगातार सांस चलने लगती है। यदि आप स्लीप एपनिया से पीड़ित हैं, तो आपके बच्चे को लो हार्ट रेट, समय से पहले जन्म और कम वजन की समस्या हो सकती है।

3. रात में एसिड रिफ्लक्स

एसिड रिफ्लक्स गर्भावस्था का एक सामान्य लक्षण माना जाता है, गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (जीईआरडी), आपकी नींद को तो प्रभावित करता ही है, कई तरीकों से यह आपको नुकसान पहुँचाता है। प्रेगनेंसी के दौरान सीने में जलन की समस्या रात में काफी बढ़ जाती है, इससे आपकी भोजन नलिका की वॉल को भी नुकसान पहुँचने का खतरा होता है।

4. एंग्जायटी

गर्भावस्था एक रोलरकोस्टर की तरह होती है और इससे जुड़ी बहुत सारी जानकारियां उपलब्ध हैं, जिसकी वजह से आपको स्ट्रेस हो सकता है। इसकी वजह से अक्सर गर्भवती महिलाएं अनिद्रा की समस्या को लेकर चिंतित हो जाती हैं। यह समस्या विशेष रूप से उन महिलाओं को ज्यादा होती है जो पहली बार गर्भवती होती हैं।

गर्भावस्था के दौरान कितनी नींद लेने की सलाह दी जाती है?

गर्भावस्था के दौरान, आपको हर दिन कम से कम 7 से 9 घंटे की नींद की आवश्यकता होती है, इसके अलावा आप दिन भर छोटी-छोटी झपकी भी ले सकती हैं। यह पहली तिमाही के दौरान ज्यादा होता है, इस समय आपके शरीर में प्रोजेस्टेरोन का लेवल बहुत ज्यादा होता है, जिसकी वजह से आपको सुस्ती महसूस होती है। जितना भी संभव हो, ज्यादा से ज्यादा नींद लेने का प्रयास करें, हालांकि दूसरी और तीसरी तिमाही में आपकी सुस्ती खत्म हो जाएगी लेकिन दूसरी समस्याएं जैसे पेट का लगातार बढ़ना, बार बार पेशाब आना आदि के कारण नींद ले पाना मुश्किल हो सकता है।

प्रेगनेंसी के दौरान ज्यादा नींद लेना किसी समस्या का कारण नहीं। लेकिन नींद न आना काफी परेशानी भरा हो सकता है। अगर आपको सोने में परेशानी होती है, तो आप अच्छी नींद पाने के लिए कुछ टिप्स आजमा सकती हैं। शुरुआत करने के लिए, हमेशा अपनी बाईं ओर सोएं। आप सपोर्ट के लिए घुटनों के बीच और पीठ के पीछे कुछ तकिए लगा सकती हैं। इस बात का खयाल रखें कि आप एक रूटीन का पालन करें और समय से सोएं और जागें। दिन की शुरुआत में ज्यादा से ज्यादा पानी और तरल पदार्थ पिएं और शाम के बाद कम, ताकि रात में पेशाब के लिए बार-बार जाने से छुटकारा मिले। इससे आपको नींद के दौरान परेशानी नहीं होगी।

यह भी पढ़ें:

प्रेगनेंसी पिलो का उपयोग करना कब शुरू करें

समर नक़वी

Recent Posts

प्रिय शिक्षक पर निबंध (Essay On Favourite Teacher In Hindi)

शिक्षक हमारे जीवन में अत्यधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वह केवल किताबों से ज्ञान नहीं…

4 hours ago

मेरा देश पर निबंध (Essay On My Country For Classes 1, 2 And 3 In Hindi)

मेरा देश भारत बहुत सुंदर और प्यारा है। मेरे देश का इतिहास बहुत पुराना है…

4 hours ago

शिक्षा का महत्व पर निबंध (Essay On The Importance Of Education In Hindi)

शिक्षा यानी ज्ञान अर्जित करने और दिमाग को सोचने व तर्क लगाकर समस्याओं को हल…

1 day ago

अच्छी आदतों पर निबंध (Essay On Good Habits in Hindi)

छोटे बच्चों के लिए निबंध लिखना एक बहुत उपयोगी काम है। इससे बच्चों में सोचने…

3 days ago

कक्षा 1 के बच्चों के लिए मेरा प्रिय मित्र पर निबंध (My Best Friend Essay For Class 1 in Hindi)

बच्चों के लिए निबंध लिखना बहुत उपयोगी होता है क्योंकि इससे वे अपने विचारों को…

3 days ago

मेरा प्रिय खेल पर निबंध (Essay On My Favourite Game In Hindi)

खेल हमारे जीवन में बहुत अहम भूमिका निभाते हैं। ये न सिर्फ मनोरंजन का साधन…

5 days ago