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वैसे तो आप अपनी खुशियों के बहाने अक्सर ढूंढ़ ही लेती हैं ताकि आपके चारों तरफ सकारात्मकता बनी रहे। परंतु गर्भावस्था में परिस्थिति थोड़ी बदल जाती है। इस दौरान बहुत सारे लोग आपको अलग-अलग सलाह देते होंगे कि आप ऐसा करें या ऐसा न करें और यह कन्फ्यूजन आपकी छोटी-छोटी चिंताओं का कारण भी बन सकता है। यदि आपको धूप में बैठन पसंद है तो आप यह जरूर जानना चाहेंगी कि क्या आप गर्भावस्था के दिनों में भी ऐसा कर सकती हैं? यदि हाँ, तो जानने के लिए इस लेख को पूरा पढ़ें।
ऐसा कहा जाता है कि धूप में बैठने से शरीर में विटामिन ‘डी’ की आपूर्ति होती है। गर्भावस्था के दिनों में आपको भी थोड़ी देर के लिए धूप में बैठना चाहिए इससे गर्भ में पल रहे बच्चे की हड्डियां बनने में मदद मिलती है और साथ ही आपकी और आपके बच्चे की इम्युनिटी भी मजबूत होती है।
यह भी सच है कि गर्भावस्था के दौरान शरीर का हॉर्मोनल स्तर बहुत तेजी से बढ़ता है। जिसकी वजह से आपकी त्वचा पहले से ज्यादा सेंसिटिव हो जाती है। इसलिए यदि आप गर्भवती हैं तो धूप में ज्यादा देर तक न बैठें।
गर्भावस्था के समय देर तक धूप में रहने से आपको व बच्चे को क्या खतरे हो सकते हैं, आइए जानें;
स्किन कैंसर विशेषकर एक गर्भवती महिला के लिए गंभीर समस्या है। स्टडीज के अनुसार गर्भावस्था के दौरान जो महिलाएं धूप में ज्यादा समय तक रहती हैं, उन्हें स्किन कैंसर हो सकता है। यह धूप में देर तक रहने से सनबर्न होने के कारण होता है। गर्भवती महिलाओं की त्वचा सेंसिटिव होती है जिस वजह से उनमें सनबर्न होने की संभावना ज्यादा बढ़ जाती है।
इसे सामान्यतः ‘प्रेगनेंसी मास्क’ कहते है और यह समस्या त्वचा में पिग्मेंटेशन या डिकलरेशन पैदा करती है। गर्भावस्था के दौरान हॉर्मोन में होने वाले बदलावों की वजह से शरीर में बहुत ज्यादा मेलैनिन उत्पन्न होता है जिससे महिलाओं की त्वचा सेंसिटिव हो जाती है और त्वचा का रंग बदलने लगता है।
अक्सर आप धूप में एन्जॉय करते समय पर्याप्त मात्रा में पानी पीना भूल जाती हैं। इसकी वजह से आपको डिहाइड्रेशन भी हो सकता है। यद्यपि गर्भावस्था के दौरान डिहाइड्रेशन होना एक सामान्य बात है और इसके साइड इफेक्ट्स भी तुरंत दिखने लगते हैं। गर्भावस्था में यदि आपको डिहाइड्रेशन होता है तो आपके दिल की धड़कनें बढ़ सकती हैं और गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए ऑक्सीजन की कमी हो सकती है।
कुछ स्टडीज के अनुसार गर्भावस्था के दौरान बहुत देर तक धूप में बैठने से शरीर में फोलेट का स्तर कम हो जाता है। यदि एक गर्भवती महिला में फोलेट का स्तर कम होता है तो इससे मिसकैरेज हो सकता है या या बच्चे में न्यूरल ट्यूब से संबंधित विकार हो सकते हैं। विशेषकर गर्भावस्था की पहली तिमाही में फॉलिक एसिड सबसे ज्यादा जरूरी होता है इसलिए ही इस समय में गर्भवती महिलाओं को धूप में बैठने की सलाह नहीं दी जाती है।
सनस्क्रीन लगाने से आपको सनबर्न और और त्वचा से संबंधित अन्य समस्याएं नहीं होती है। पर क्या एक गर्भवती महिला इसका उपयोग कर सकती है, हाँ – एक गर्भवती महिला भी सनस्क्रीन का उपयोग कर सकती है। पर मुख्य सवाल यह है कि इस समय आपको कौन सी सनस्क्रीन लगानी चाहिए।
सनस्क्रीन दो प्रकार की होती हैं; एक फिजिकल ब्लॉकर्स और दूसरी केमिकल ब्लॉकर्स। गर्भावस्था के दौरान फिजिकल ब्लॉकर सनस्क्रीन का उपयोग करना सुरक्षित है क्योंकि इसमें टाइटेनियम ऑक्साइड और जिंक ऑक्साइड का मिश्रण होता है जो हानिकारक यू.वी. किरणों को रिफ्लेक्ट कर सकता है।
वहीं दूसरी ओर गर्भवती महिलाओं को केमिकल ब्लॉकर्स सनस्क्रीन लगाने की सलाह नहीं दी जाती है। क्योंकि इन ब्लॉकर्स में कुछ ऐसी चीजें भी होती हैं जो यू.वी. किरणों को रिफ्लेक्ट करने के बजाय त्वचा में एब्सॉर्ब कर लेती हैं। इन में से एक है ऑक्सीबेनजोन जो अक्सर केमिकल ब्लॉकर्स में पाया जाता है। ऑक्सीबेनजोन आमतौर पर त्वचा में एब्सॉर्ब हो जाता है और यह विशेषकर बच्चों की त्वचा में एलर्जी का कारण बनता है और साथ ही हॉर्मोन्स को भी अनियंत्रित करता है। इस केमिकल की वजह से जन्म के समय में बच्चे का वजन कम हो सकता है।
हो सकता है आपको धूप में बैठना बहुत पसंद हो पर गर्भावस्था के दौरान आपको अपनी और बच्चे की सुरक्षा के लिए कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए, वे इस प्रकार हैं;
यदि आप गर्मियों के दिनों में ढीले व हल्के कपड़े पहनती हैं तो इससे आपको काफी फायदे मिलते हैं। इस समय आप सफेद, पीले और आसमानी रंग के कपड़े पहन सकती हैं क्योंकि यह रंग प्रकृति को रिफ्लेक्ट करते हैं। धूप में निकलते समय आप हमेशा गॉगल व हैट लगाएं और साथ में छाता भी लेकर चलें, यह आपको धूप से बचाएगा।
पानी आपको हाइड्रेटेड रखने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है पर आप जूस और एनर्जी ड्रिंक्स भी साथ में ले सकती हैं। यदि आपको धूप में निकलना ही है तो खुद को हाइड्रेटेड रखने के लिए हमेशा पानी की बोतल साथ रखें।
यदि आपने सनस्क्रीन का उपयोग नहीं किया है तो गर्भावस्था के दिनों में आप 20 मिनट से ज्यादा के लिए धूप में न निकलें।
यदि आपको धूप में जाना पसंद नहीं है या धूप में नहीं निकलना चाहती हैं तो आप इसकी जगह पर विटामिन ‘डी’ के सप्लीमेंट्स भी ले सकती हैं।
कुछ स्टडीज के अनुसार धूप में बैठने का सबसे सही समय सुबह और शाम के बजाय दोपहर 12 बजे का होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इस समय आपके शरीर को धूप से सबसे ज्यादा विटामिन ‘डी’ मिलता है और साथ ही मेलेनोमा (एक प्रकार का स्किन कैंसर) होने का खतरा भी कम होता है।
सूरज से निकलने वाली हानिकारक अल्ट्रावायलेट किरणें बारिश के मौसम में या बादल होने पर भी आपकी त्वचा तक पहुँचती हैं पर यह बादल, गंदगी और यहाँ तक कि फॉग की वजह से बिखर जाती हैं।
अब आपको पता ही चल गया होगा कि सूर्य की किरणों से आपकी गर्भावस्था पर क्या प्रभाव पड़ सकता है इसलिए इस समय धूप में कम निकलें और यदि आपकी त्वचा बहुत ज्यादा सेंसिटिव हो गई है तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
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