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2000 से भी ज्यादा सालों से नीम को दक्षिण एशियाई भाग में एक अहम दवा माना जाता है क्योंकि इसमें कई औषधीय गुण पाए जाते हैं। नीम के पेड़ के सभी भाग हमें कई लाभ प्रदान करते हैं और इस प्रकार दवाओं को बनाने में इसका उपयोग किया जाता है। पत्तियों का उपयोग त्वचा की समस्याओं और बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है, लोग इसे चबा कर भी खाते हैं, इससे उनकी इम्युनिटी बेहतर होती है। इसके बीजों से तेल निकाल कर इसका उपयोग कॉस्मेटिक्स, मेडिसिन आदि बनाने में किया जाता है और अब तो ऑर्गनिक पेस्टिसाइड के रूप में भी इसका उपयोग किया जाता है।
नीम की टहनियों का उपयोग डेंटल हाइजीन के लिए किया जाता है, जबकि छाल और जड़ों के पाउडर का उपयोग कई तरह की बीमारियों का इलाज करने के लिए किया जाता है क्योंकि इसमें जल्दी ठीक होने और खून को साफ करने जैसे गुण पाए जाते हैं। इसके फल और फूल दोनों का ही सेवन किया जा सकता है, इससे भी आपको लाभ प्राप्त होता है।
नीम आयुर्वेदिक दवा के रूप में एक हर्ब की तरह इस्तेमाल किया जाता है, ये कई सदियों से आयुर्वेदिक मेडिसिन के लिए इस्तेमाल होता रहा है। इसमें 130 से अधिक एक्टिव बायोलॉजिकल कंपाउंड पाए जाते हैं साथ ही इसमें एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण भी होते हैं जो आपके इम्यून सिस्टम को बेहतर करने में मदद करते हैं। यह रक्त को शुद्ध करके, शरीर से विषाक्त पदार्थों को हटाने व लोगों में अल्सर का इलाज करने में भी मदद करता है। हालांकि, गर्भावस्था के दौरान नीम का उपयोग करना चिंता का कारण बन सकता है।
गर्भावस्था के दौरान नीम के पत्तों का सेवन करना उचित नहीं होता है, लेकिन आप बाहरी लाभों के लिए नीम का उपयोग कर सकती हैं। इस प्रकार, आप बिना सेवन किए इसका फायदा उठा सकती हैं, ये एक बेहतरीन तरीका है प्रेगनेंसी के दौरान नीम जैसे फायदेमंद हर्ब का लाभ उठाने का। यहाँ आपको प्रेगनेंसी जैसे नाजुक समय में नीम का उपयोग करने के कुछ फायदे बताए गए हैं:
आयुर्वेद में, महिलाओं को गर्भावस्था के पहले पाँच महीनों के दौरान किसी भी प्रकार से नीम का सेवन करने की सलाह नहीं दी जाती है क्योंकि इससे शरीर में बहुत अधिक गर्मी पैदा होती है। यह आपके शरीर के लिए बहुत खतरनाक साबित हो सकता है और इससे आपके बच्चे को नुकसान पहुँच सकता है, जिससे मिसकैरेज होने का खतरा होता है। इस वजह से प्रेगनेंसी के दौरान कई महिलाएं नीम का इस्तेमाल किए जाने पर मिसकैरेज के खतरे को लेकर चिंतित होती है।
इस विषय पर कोई ठोस साइंटिफिक रिसर्च नहीं की गई है, सिर्फ एक ही रिसर्च की गई है, जो चूहे पर की गई है, इसमें नीम सीड्स और एक्सट्रेक्ट सीड की सबसे हाई डोज से बबून में मिसकैरेज पाया गया।
गर्भावस्था के दौरान गलती से कम मात्रा में नीम का सेवन करना ठीक है, लेकिन बेहतर होगा कि आप जानकर होने वाली किसी भी समस्या को नजरअंदाज न करें, क्योंकि इसके बारे में कोई अंदाजा नहीं है कि यह आपके बच्चे के लिए कितना हानिकारक हो सकता है। प्राइमेट्स काफी हद तक मनुष्यों जैसे होते हैं, इसलिए आपको कोई जोखिम नहीं लेना नहीं चाहिए।
यहाँ आपको कुछ सावधानियों के बारे में बताया गया है जिनका ध्यान आपको नीम का उपयोग करते समय रखना चाहिए:
जब तक आप इसे बड़ी मात्रा में नहीं लेती हैं, तब तक नीम का उपयोग गर्भावस्था के दौरान होने वाली विभिन्न समस्याओं से राहत पाने के लिए किया जा सकता है। यदि आपको ऐसा लग रहा है कि नीम आपके लिए फायदेमंद है और आपको इसका सेवन करना चाहिए तो इस विषय पर अपने डॉक्टर से परामर्श करना सबसे अच्छा है।
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