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जब एक महिला गर्भवती होती है तो जाहिर है उसका पेट निकलता है, वजन बढ़ता है और मूड स्विंग्स भी होते हैं पर गर्भावस्था के दौरान सिर्फ यही चीजें ही नहीं हैं। महिलाओं के शरीर के भीतर बहुत सारे बदलाव होते हैं, विशेषकर हॉर्मोन्स में वृद्धि होती है, जैसे एस्ट्रोजन, प्रोजेस्टेरोन और एचसीजी जिनकी वजह से शरीर के बाहर भी बहुत सारे बदलाव दिखाई देते हैं। इस दौरान आपके चेहरे के बाल भी पहले से ज्यादा निकलने लगे होंगे। इससे महिलाओं को सबसे ज्यादा चिंता होती है और इस समय इसे निकलना भी बहुत कठिन होता है। तो क्या आपको लेजर हेयर रिमूवल का उपयोग करना चाहिए? आइए जानते हैं।
यदि आप गर्भवती हैं तो कई डॉक्टर या लेजर हेयर रिमूवल टेक्निशियन खुद से ही आपको लेजर हेयर रिमूवल ट्रीटमेंट से दूर रहने की सलाह देते हैं। यह बात चूहों पर की गई लेजर ट्रीटमेंट की रिसर्च के आधार पर कही जाती है, हालांकि इसे आधारिक रूप से स्वीकृति नहीं दी गई है। ऐसे मामलों में आप पूरी सावधानी बरतें और लेजर ट्रीटमेंट के जोखिम से बचें।
यदि सिर्फ शेविंग करने से शरीर के बाल ऊपर से निकल सकते हैं तो लेजर हेयर रिमूवल एक ऐसा तरीका है जो बालों को अंदर तक जाकर निकालता है। क्लिनिक में प्रोफेशनल्स एक छोटे से इंस्ट्रूमेंट का उपयोग करते हैं जिसमें से कंसन्ट्रेटेड लाइट बीम्स निकलती हैं। इसकी किरणें प्रभावी रूप से त्वचा में मौजूद बालों के फॉलिकल्स पर पड़ती हैं और बालों को अंदर से डैमेज कर देती हैं। इसका थर्मल डैमेज होने की वजह से इसके फॉलिकल्स भी डैमेज हो जाते हैं और बाल अपने आप ही निकलने लगते हैं। इस पर अब भी तर्क-वितर्क होता है कि इन तरीकों से शरीर के बाल हमेशा के लिए निकल जाते हैं या नहीं।
चूंकि, लेजर ट्रीटमेंट का उपयोग शरीर के बालों को पर्मानेंट तरीके से निकालने के लिए किया जाता है इसलिए इसकी पूरी प्रक्रिया में 6 महीने से 2 साल भी लग सकते हैं। इसमें इतना समय लगने के कई कारण हैं, जैसे बालों की मात्रा में वृद्धि, बालों की बनावट, पिछला सेशन और इत्यादि। शुरूआती दिनों में प्रोफेशनल्स इसकी प्रोग्रेस देखने के लिए कम से कम 6 लेजर ट्रीटमेंट के सेशन करने की सलाह देते हैं। एक बार जब शुरूआती चरण पूरा हो जाता है तब 6 सप्ताह में एक बार यह ट्रीटमेंट करवाने की जरूरत पड़ती है। इसके बाद भी शरीर में थोड़े बहुत बाल आते ही हैं जिसमें एक और सेशन करने की जरूरत पड़ सकती है।
शरीर के बालों को हटाने के लिए लेजर हेयर रिमूवल का उपयोग करना सबसे ज्यादा प्रभावी होता है। जिन महिलाओं के शरीर में बहुत सारे और घने बाल आते हैं उन्हें यह करवाने की सलाह दी जारी है। इस तरीके का उपयोग करने से शरीर के बाल अस्थायी रूप से भी हट सकते हैं। हालांकि, लेजर सेशन की मदद से शरीर के बाल कम हो जाते हैं पर गर्भावस्था होने पर इसके सेशन को पोस्टपोन भी किया जा सकता है।
यद्यपि गर्भावस्था के दौरान लेजर हेयर रिमूवल ट्रीटमेंट का उपयोग करना आप पर निर्भर करता है पर इसे करवाने से पहले आप इसके कुछ पहलुओं को जरूर जान लें। वे क्या हैं, आइए जानें;
गर्भावस्था के दौरान लेजर हेयर रिमूवल करवाने से कोई हानिकारक प्रभाव पड़ता है या नहीं या इससे विपरीत प्रतिक्रिया का भी कोई प्रमाण नहीं है। इसके बारे में पूरी जानकारी न होने की वजह से गर्भावस्था के दौरान इसका निर्णय आपको दुविधा में डाल सकता है। इसलिए जरूरी है कि यदि आपको लेजर ट्रीटमेंट के प्रभावों की जानकारी नहीं है तो आपको इससे दूर रहना चाहिए।
महिलाओ के शरीर में ब्रेस्ट और वजायना के आसपास की एरिया को बिकनी एरिया कहते हैं। गर्भावस्था के दौरान हेल्दी डिलीवरी और बच्चे के विकास के लिए यह दोनों अंग सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होते हैं। गर्भवती महिलाओं को लेजर हेयर रिमूवल की किरणों से ट्रीटमेंट नहीं करवाना चाहिए क्योंकि इसकी किरणों से आपके शरीर को हानि भी हो सकती है।
यदि आपका ट्रीटमेंट पूरा होने वाला है और आप गर्भवती भी हैं तो ज्यादातर डॉक्टर या प्रोफेशनल लेजर ट्रीटमेंट का फाइनल सेशन करेंगे। हालांकि यदि आपका ट्रीटमेंट अभी शुरू ही हुआ है या थोड़ा बहुत हो चुका है तो गर्भावस्था पूर्ण होने तक इसके सेशंस को पोस्टपोन करना ही बेहतर है। लेजर हेयर ट्रीटमेंट के क्युम्युलेटी इफेक्ट नहीं होते हैं इसलिए सेशन पोस्टपोन करने के बाद भी आपको पिछले सेशन के फायदे मिलते रहेंगे। गर्भावस्था पूरी होने और बच्चा थोड़ा सा बड़ा होने के बाद आप हेयर रिमूवल ट्रीटमेंट को शुरू कर सकती हैं। तब तक आप चाहें तो अपने शरीर के बाल हटाने के लिए अन्य तरीकों का उपयोग कर सकती हैं पर इसे करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
शरीर के बाल हटाने के लिए लेजर ट्रीटमेंट के अलावा भी बहुत सारे तरीके हैं जिनकी मदद से आप अपने शरीर के बाल हटा सकती हैं। गर्भावस्था के दौरान शरीर के बाल हटाने के लिए आप निम्नलिखित तरीकों का उपयोग कर सकती हैं, आइए जानें;
इस मेथड की प्रक्रिया को सुनकर ही कई महिलाएं इससे दूर रहती हैं क्योंकि इसमें बहुत दर्द होता है। गर्भावस्था के दौरान इस तरीके का उपयोग करने से अधिक खतरे हो सकते हैं। यह ट्रीटमेंट भी लेजर की तरह ही होता है जिसमें बिजली का उपयोग करके शरीर के बालों को डैमेज किया जाता है। इस प्रक्रिया को गैल्वेनिक इलेक्ट्रोलाइसिस कहते हैं जिसमें शरीर से जुड़े हेयर फॉलिकल्स को बिजली के करंट से निकाला जाता है। गर्भावस्था के दौरान इससे बचना चाहिए क्योंकि बिजली का करंट बच्चे तक भी पहुँच सकता है।
ज्यादातर महिलाएं अपने शरीर के बाल निकालने के लिए वैक्सिंग करवाती हैं और कुछ महिलाएं तो इसे अपने आप ही कर लेती हैं। यह सिर्फ घर में किया जाने वाला आसान और प्रभावी तरीका ही नहीं है बल्कि इससे आप बाहर जाने व पैसे खर्च करने से भी बचती हैं। हालांकि वैक्सिंग से त्वचा खिचती है और गर्भावस्था के दौरान त्वचा सेंसटिव होने की वजह से इस पर ज्यादा प्रभाव पड़ता है। इसे करते समय बहुत ज्यादा सावधानी बरतें क्योंकि यह प्रक्रिया आपके शरीर में चोट के निशान छोड़ सकती है।
मार्केट में मिलने वाली कुछ क्रीम्स में केमिकल और अन्य एलिमेंट्स का उपयोग भी किया जाता है जिससे शरीर के बाल निकलते हैं। इन क्रीम्स में मुख्य रूप से बेरियम सल्फाइड का पाउडर और कैल्शियम थिओगलयकोलिक एसिड जैसे पदार्थों का उपयोग किया जाता है। इस क्रीम का उपयोग करने से त्वचा में केमिकल अब्सॉर्ब होने का खतरा होता है और सेंसिटव त्वचा में केमिकल रिएक्शन की वजह से यह बिलकुल भी उपयोगी नहीं है।
गर्भवती महिलाओं के लिए यह तरीका सबसे बेसिक, आसान, सस्ता और सुरक्षित है। बस अपनी त्वचा पर रेजर का उपयोग करते समय आप थोड़ी सावधानी बरतें क्योंकि इससे आपकी त्वचा कट सकती है। निचले हिस्से के बाल निकालने के लिए अपने पति की मदद भी ले सकती हैं।
गर्भावस्था के दौरान लेजर हेयर रिमूवल का उपयोग और इसके प्रभाव अभी तक प्रमाणित नहीं हैं पर यदि आप गर्भवती हैं तो इसका उपयोग बिलकुल भी न करें। गर्भावस्था का समय ज्यादा से ज्यादा 9 महीने का होता है और इस समय आप किसी भी केमिकल-युक्त तरीके, लेजर या एलेक्ट्रोलाइसिस का उपयोग करने के बजाय शेवर्स या वैक्स का उपयोग भी कर सकती हैं। आप खुद की व बच्चे की सुरक्षा के लिए वह सब कुछ करें जो जरूरी है और आपके शरीर के बाल तो कभी भी हटाए जा सकते हैं।
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