गर्भावस्था

क्या प्रेगनेंसी में पेनकिलर्स खाना ठीक है?

आपको बहुत तेज सिरदर्द हो रहा है और आप इस दर्द में पेनकिलर्स का सहारा लेना चाहती हैं, पर सुरक्षा की नजर से आपको इसके बारे में दुविधा में हो सकती है। वैसे तो प्रेगनेंसी की पहली तिमाही के दौरान पेनकिलर्स लेना सुरक्षित माना जाता है, लेकिन आने वाले हफ्तों में बार-बार इसे लेने से आपके बच्चे के विकास पर असर हो सकता है। प्रेगनेंसी में इस्तेमाल किए जाने वाले पेनकिलर्स के बारे में हम आपको यहाँ बता रहे हैं। 

क्या प्रेगनेंसी के दौरान पेनकिलर्स लेना सुरक्षित है?

हालांकि, पेरासिटामोल इस्तेमाल करने के लिए सुरक्षित होता है, पर इसका ध्यान रखना चाहिए कि प्रेगनेंसी के दौरान नियमित रूप से इसे लेना सुरक्षित नहीं है, क्योंकि, इसमें मौजूद केमिकल कंपाउंड प्लेसेंटा के माध्यम से बच्चे के खून में जा सकते हैं। हालांकि, पूरी प्रेगनेंसी के दौरान दवाओं को पूरी तरह से छोड़ना संभव नहीं है, पर आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए, कि आप प्रेगनेंसी में पेनकिलर्स ले सकती हैं लेकिन, आपको इनका जरूरत से ज्यादा या नियमित उपयोग नहीं करना चाहिए। 

प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए कौन से पेनकिलर्स सही होते हैं?

प्रेगनेंसी के दौरान किसी भी समय पेरसिटामोल को लेना सुरक्षित होता है, पर इसे थोड़े समय के लिए और कम मात्रा में लिया जाना चाहिए। थोड़ी-बहुत बुखार और दर्द से राहत पाने के लिए यह सबसे भरोसेमंद दवा है।

प्रेगनेंसी में किन पेनकिलर्स से बचना चाहिए?

शुरुआती प्रेगनेंसी में आइबूप्रोफेन को लेने से बचना चाहिए, क्योंकि कुछ प्रेग्नेंट महिलाओं को यह पेट में तकलीफ दे सकता है। प्रेगनेंसी की तीसरी तिमाही के दौरान आइबूप्रोफेन के इस्तेमाल से हृदय संबंधी स्वास्थ्य और प्लेसेन्टा में एमनीओटिक फ्लूइड की कमी से संबंधित खतरे हो सकते हैं। 

एस्पिरिन, और आइबूप्रोफेन और नेपरोक्सन जैसे नन-स्टेरॉयडल एंटी इन्फ्लेमेटरी ड्रग्स जैसी दवाओं को लेने से बचें।  क्योंकि, अध्ययन बताते हैं, कि इन दवाओं को शुरुआती गर्भावस्था में लेने से गर्भपात और कोनजेनिटल डिसेबिलिटीज (बर्थ डिफेक्ट्स) की समस्या हो सकती है। 

ये 10 ओटीसी (ओवर-द-काउंटर) दवाओं और पेनकिलर्स की सूची है, जो प्रेगनेंसी के दौरान नुकसानदायक होते हैं। कृपया ध्यान रखें, कि यह एक पूरी लिस्ट नहीं है और आपको ज्यादा जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए। 

ओटीसी ड्रग में मौजूद हमारी सलाह दूसरे विकल्प
बिसमथ सबसलिसीलेट काओपेक्टेट; पेप्टो बिस्मोल प्रेगनेंसी के 20वें सप्ताह के पहले पूरी सावधानी के साथ इस्तेमाल करें और उसके बाद बिल्कुल इस्तेमाल ना करें इमोडियम (लोपेरामाइड)
एस्पिरिन बेयर; एक्सेड्रिन माइग्रेन इस्तेमाल से पहले डॉक्टर से सलाह लें टाइलेनोल (एसेटामिनोफेन)
ब्रोम्फेनिरामाइन डाइमटैप कोल्ड एंड एलर्जी 36वें सप्ताह के पहले तक पूरी सावधानी के साथ इस्तेमाल करें और उसके बाद बिलकुल ना करें क्लैरिटिन (लोराटाडाइन)

ज्यरटेक (सेटिरिजाइन)

कैफ़ीन एनासिन रेगुलर स्ट्रेंथ; एक्सेड्रिन एक्सट्रा स्ट्रेंथ; एक्सेड्रिन माइग्रेन गर्भपात और कोंजेनिटल डिसेबिलिटी के खतरे को कम करने के लिए रोज 200 एमजी से कम मात्रा में लें, चाय, कॉफी और अन्य पेय पदार्थों से प्राप्त होने वाला कैफीन भी इसमें शामिल हैं उपलब्ध नहीं
कैस्टर ऑयल हाई रिस्क – इसे लेने से बचें विकल्पों में साइलियम-बेस्ड सपलीमेंट्स शामिल हैं। शारीरिक एक्टिविटी,फाइबर से भरपूर खाना और ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थों को बढ़ाने के बारे में सोंचे
निकोटीन सिगरेट और तंबाकू पर आधारित सामग्री में हाई रिस्क – फीटल अबनॉर्मलिटिस की संभावना स्मोक करना छोड़ दें और प्रेग्नेंसी के दौरान निकोटीन के सेवन से बचें
क्लोरफेनिरामिन कलोर-ट्रिमेंटन और अल्का-सेल्टजर प्लस कोल्ड फार्मूला प्रोडक्ट्स में पाया जाता है 36वें सप्ताह के पहले सावधानी के साथ इस्तेमाल करें और उसके बाद नहीं क्लैरिटिन (लोराटाडाइन)

ज्यरटेक (सेटिरिजाइन)

आइबुप्रोफेन एडविल, मोट्रिन पहली और तीसरी तिमाही में लेने की मनाही है, दूसरी तिमाही में सावधानी के साथ इस्तेमाल करें टाइलेनोल (एसेटामिनोफेन)
फेनाइलेफ्राइन और सिउडो एफेड्रीन अलका सेल्ट्जर प्लस डे; सूडाफेड पी इ प्रेशर + दर्द; टाइलेनोल कोल्ड मल्टीसिंपटम; विक्स डेकूईल कोल्ड एंड फ्लू रिलीफ़ जैसी सामग्री में पाया जाता है पहली तिमाही में उपयोग ना करें, दूसरी और तीसरी तिमाही में सावधानी के साथ इस्तेमाल करें कंजेशन से राहत पाने के लिए तरल पदार्थ का सेवन ज्यादा करें और भाँप का इस्तेमाल करें। लक्षणों को कम करने और राहत पाने के लिए निकोटीन उत्तेजकों से बचें
नेप्रोक्सेन एलेव पहली और तीसरी तिमाही में इसका सेवन ना करें और दूसरी तिमाही के दौरान सावधानी के साथ डॉक्टर की सलाह के साथ लें टाइलेनोल (एसेटामिनोफेन)

 

प्रेगनेंसी में स्ट्रांग दवाइयों और पेनकिलर्स से दूर रहें, क्योंकि ये आपके बच्चे के विकास को नुकसान पहुंचा सकते हैं और ट्रामाडोल, ओपिएट डेरिवेटिव्स और वोल्टरोल जैसे स्ट्रांग एंटी-इन्फ्लेमेटरी दवाओं को लेने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।

नवजात शिशु पर दवाओं का प्रभाव कैसे पड़ता है?

शुरुआती प्रेगनेंसी के दौरान दवाओं का सेवन फीटल विकास पर असर डालता है, जिसके कारण ली गई दवाओं के प्रकार के अनुसार बच्चे के जन्म के समय कम वजन की समस्या होती है। नुकसानदायक दवाएं खून से प्लेसेंटा के द्वारा सीधे बच्चे तक पहुंच जाती हैं और बच्चे के विकास पर असर डालती हैं। जो माएं ओपीओइड्स लेती हैं, वे अपने बच्चे को न्यूरल ट्यूब बर्थ डिफेक्ट होने की संभावना के खतरे में डाल देती हैं। 

जिन माँओं ने दूसरी और तीसरी तिमाही के दौरान एसिटामिनोफेन जैसे पेनकिलर्स को नियमित रूप से लिया, उनके बच्चों को अटेंशन डिफिसिट डिसऑर्डर और बिहेवियर संबंधी समस्याएं अधिक मात्रा में हुई। आमतौर पर सभी महिलाओं पर दवाओं के इस्तेमाल के बिना भी कोनजेनिटल समस्याओं से ग्रस्त बच्चे को जन्म देने का 3% से 4% का खतरा होता है। जो माएँ आसानी से उपलब्ध दवाओं या नुकसानदायक दवाओं का अधिक मात्रा में सेवन करती हैं, उनके बच्चों के सोशल और इमोशनल विकास पर असर पड़ता है, साथ ही जन्म से असामान्य तकलीफें हो सकती हैं, जिसकी शुरुआत असल में दूसरी और तीसरी तिमाही के दौरान हो चुकी होती है, क्योंकि इस समय फीटस कोग्निटिव फंक्शन और अंगों के विकास के कारण, बहुत ही नाजुक दौर से गुजर रहा होता है। 

दवाओं को सुरक्षित या असुरक्षित कैसे समझा जा जाता है?

एफडीए, नई बनने वाली दवाओं के प्रभाव का अध्ययन करने के लिए और वे उनकी तय प्रणाली के आधार पर काम कर रहे हैं या नहीं, यह चेक करने के लिए जांच करती है। इन दवाओं का परीक्षण प्रेग्नेंट महिलाओं पर नहीं बल्कि प्रेग्नेंट पशुओं के ऊपर क्लिनिकल ट्रायल के रूप में किया जाता है। आजकल, नर्सिंग इंस्टीट्यूशन और प्रेग्नेंट महिलाएं, रिसर्च कंपनियों के द्वारा किए जाने वाले अध्ययनों में साइन अप करते हैं, जो कि एक राष्ट्रीय रजिस्ट्री द्वारा डाटा को इकट्ठा और मेंटेन करने का काम करते हैं। प्रेगनेंसी में पेनकिलर्स का उपयोग सुरक्षित है या असुरक्षित, यह जानने के लिए आप नीचे दिए गए बिंदुओं को देखकर जान सकती हैं: 

  • आपके क्षेत्र के आसपास एफडीए अप्रूव्ड रजिस्ट्री में साईन-अप करके आप प्रेगनेंसी की दवाओं से संबंधित जानकारी और क्लिनिकल ट्रायल तक पहुंच सकती हैं।
  • ज्यादातर मामलों में दवाओं के इस्तेमाल के इतिहास और उन के साइड इफेक्ट के आधार पर यह तय किया जाता है, कि यह दवा प्रेगनेंसी के दौरान इस्तेमाल करने के लिए सुरक्षित है या नहीं।
  • डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ एंड ह्यूमन सर्विसेज की एक वेबसाइट पर प्रेग्नेंट महिलाओं द्वारा इस्तेमाल की गई दवाओं और बच्चों पर पड़ने वाले उनके प्रभाव की सूची है, जिसे प्रेग्नेंट महिलाएं देख सकती हैं।
  • वेबएमडी के अनुसार आप के अजन्मे या नवजात शिशु पर ज्यादातर दवाओं के असर अज्ञात हैं।
  • आपका डॉक्टर आपको कुछ खास दवाओं के बारे में यह समझा सकता है, कि वह मौजूदा मेडिकल परिस्थितियों के साथ किस तरह से काम करती हैं और आपको उन दवाओं की जरूरत है या नहीं। अंत में यह ध्यान रखना जरूरी है, कि परिवार के इतिहास, जेनेटिक स्थितियों और विभिन्न दवाओं के उपयोग के हिसाब से प्रेग्नेंट महिलाओं के प्रोफाइल भिन्न हो सकते हैं। इन्हें देख कर डॉक्टर यह तय करते हैं, कि प्रेग्नेंट महिला के लिए कोई विशेष दवा सुरक्षित है या असुरक्षित।
  • आप अपनी प्रेगनेंसी की किसी भी तिमाही के दौरान, अपने डॉक्टर या हेल्थ केयर प्रोवाइडर से किसी विशेष दवा को लेने से संबंधित खतरे और सुरक्षा के बारे में बात कर सकती हैं।
  • प्रेगनेंसी के दौरान बिना प्रिसक्रिप्शन के प्रीनेटल विटामिंस को लेना सुरक्षित होता है, वहीं हर्बल दवाएं और ओवर-द-काउंटर दवाएं और असुरक्षित होती हैं और इन्हें डॉक्टर की सलाह पर ही लेना चाहिए।

यहाँ प्रेगनेंसी के दौरान अलग-अलग तिमाही के अनुसार दवाओं के सेवन के बारे में कुछ सामान्य गाइडलाइंस दी गई है। 

  1. पहली तिमाही

प्रेगनेंसी के शुरुआती महीनों में बिना किसी ऐडेड इनग्रेडिएंट के पेरासिटामोल को लेना सुरक्षित होता है। ओपीओइड को लेने से बचें, क्योंकि ये असुरक्षित होते हैं और प्रेगनेंसी की पहले तिमाही के दौरान स्पीना बिफिटा और हृदय संबंधी खराबियों से जुड़े हुए खतरों को बढ़ाते हैं। 

  1. दूसरी तिमाही

प्रेगनेंसी के दौरान एनएसएआईडी के सेवन से बचना चाहिए, क्योंकि इन्हें गर्भपात और जेनिटल डिसेबिलिटी से जोड़ा जाता है। प्रेगनेंसी की दूसरी तिमाही के दौरान ट्रामाडोल का सेवन सुरक्षित हो सकता है। 

  1. तीसरी तिमाही

तीसरी तिमाही के दौरान आइबूप्रोफेन के सेवन से बचना चाहिए, क्योंकि उनसे हृदय संबंधी समस्याएं हो सकती हैं और बच्चे के लंग में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है। इससे गर्भाशय में एमनियोटिक फ्लुएड कम हो सकता है। इस तिमाही के दौरान ट्रामाडोल लेने से बचना चाहिए क्योंकि इससे रेस्पिरेट्री परेशानियां और नवजात विड्रोल सिंप्टोम्स हो सकते हैं। 

दर्द से आराम पाने के लिए पेनकिलर्स के बजाय दूसरे उपचार

  • आपकी पेट की मांसपेशियों से संबंधित तेज दर्द और मरोड़ के लिए गुनगुने पानी से नहाना और आराम करना
  • पीठ के दर्द और जोड़ों के दर्द से छुटकारा पाने के लिए आर्निका जेल का इस्तेमाल किया जाता है, इसका इस्तेमाल वेरीकोस वेंस के इलाज में भी होता है।
  • प्रीनेटल योगा में हल्के एक्सरसाइजेज होते हैं, जो होने वाली मां के स्वास्थ्य को अच्छा बनाए रखने में मदद करते हैं। मेडिकल देखरेख में इनकी प्रैक्टिस कर के आप समय पूर्व लेबर से बच सकती हैं।
  • हार्ट बर्न से बचने के लिए करवट कर के सोएं।
  • समय पूर्व लेबर से बचने के लिए कब्ज को दूर करने वाली दवाओं से बचें।
  • कार्पल टनल सिंड्रोम, पेल्विक पेन और जोड़ों के दर्द से राहत पाने के लिए एक्यूपंचर एक बेहतरीन तरीका है। यह जरूर ध्यान रखें, कि एक्यूपंचर का ट्रीटमेंट किसी स्पेशलिस्ट से ही करवाएं, जिसे प्रेग्नेंट महिलाओं के इलाज का अनुभव हो। .
  • कमर के दर्द से लंबे समय तक राहत पाने के लिए चिरौप्रैक्टिक केयर एक बेहतरीन तरीका है, इसमें  स्पाइन के किसी मिसलिंगामेंट को ठीक करने के लिए, हाथ के दबाव का इस्तेमाल किया जाता है। प्रेग्नेंट महिलाओं को इस ट्रीटमेंट से बहुत अच्छी सफलता मिली है।
  • आप सिरदर्द और जोड़ों के दर्द के लिए फ्रैंकिसेंस एसेंशियल ऑयल का इस्तेमाल भी कर सकती हैं। इनमें एंटी-अर्थ्रिट्रिक और एंटी-इन्फ्लेमेट्री प्रॉपर्टीज होती हैं, जिन्हें सीधा त्वचा पर लगाकर या नहाने के पानी में डालकर इस्तेमाल किया जा सकता है। एसेंशियल ऑयल के उपयोग से पहले अपने डॉक्टर से बात अवश्य करें।
  • प्रेगनेंसी के दौरान सिरदर्द को दूर करने के लिए, आपका डॉक्टर एसिटामिनोफेन का इस्तेमाल करने की सलाह देगा। विकल्प के तौर पर, आप आराम पाने के लिए कोल्ड कंप्रेस का उपयोग कर सकती हैं।
  • बंद नाक से राहत पाने के लिए सलाइन नसल स्प्रे का उपयोग करें। प्रेगनेंसी के दौरान आपको और आपके बच्चे को निमोनिया के खतरे से बचाने के लिए आपको फ्लू के इंजेक्शन लेने चाहिए।
  • दर्द और तकलीफ से छुटकारा पाने के लिए अपने साथी को हल्का मसाज करने को कहें।
  • इनसोम्निया से बचने और गहरी नींद लाने के लिए गर्म दूध पिएँ और सोने से पहले गुनगुने पानी से नहाएं।
  • पैरों और एड़ियों की सूजन को कम करने के लिए सपोर्ट होज का इस्तेमाल करें।
  • अपनी प्रेगनेंसी की तिमाहियों के दौरान तनाव को कम करें और इन दिनों को इंजॉय करें। एक बार ज्यादा खाने के बजाय थोड़ी-थोड़ी देर में थोड़ा-थोड़ा खाना खाएं। प्रोटीन और कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट से भरपूर खाना खाएं।
  • अल्कोहल, मीठा खाना और पेय पदार्थ, तीखा खाना, जंक और डब्बाबंद भोजन को खाने से बचें। इनसे आपको हेमरॉयड हो सकता है, आपके स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है, जिसके कारण आपको तकलीफ हो सकती है।
  • प्रेग्नेंसी के दौरान पीठ और कमर के दर्द से बचने के लिए हीटिंग पैड का उपयोग करें। एब्डोमेन को सपोर्ट देने के लिए प्रेगनेंसी गर्डल्स या इलास्टिक रिंग का उपयोग करें।
  • ज्यादा देर तक खड़े होने से बचें। सख्त बिस्तर पर सोएं और अपने पैरों के बीच एक तकिया रखें।
  • भारी वजन ना उठाएं।
  • ब्रेस्ट को सपोर्ट देने वाले और नर्सिंग पैड वाले ब्रा का इस्तेमाल करके ब्रेस्ट की तकलीफों से बचें।
  • अच्छी पोस्चर को बनाए रखें और अपनी असुविधा, थकान और सांस की तकलीफों को कम करने के लिए अपने वजन पर नजर रखें।
  • हर दिन दो ग्लास क्रैनबेरी जूस का सेवन करके आप ब्लैडर इन्फेक्शन से आराम पा सकती हैं।
  • थकान का अनुभव होने पर आराम करें और चक्कर और सिर के हल्केपन से बचने के लिए पोजीशन बदलते वक्त धीरे से उठें और बैठें।
  • पाचन क्रिया को अच्छा बनाए रखने के लिए और अपने मल को सही रखने के लिए ताजे फल और सब्जियां, साबुत अनाज, ब्रेड और सीरियल से भरपूर खाना खाएं। आसानी से उपलब्ध कब्ज निवारण दवाओं से बचें और ढेर सारा पानी पीकर पाचन क्रिया और आंतों के अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखें।

प्रेगनेंसी के दौरान पेनकिलर्स लेते समय ध्यान रखने योग्य बातें

  • प्रेगनेंसी की किसी भी तिमाही में हल्के से मध्यम दर्द से आराम पाने के लिए पेरासिटामोल लेना सुरक्षित होता है। यह सुरक्षित केवल तभी है, जब इसका नियमित सेवन न किया जाए या अधिक मात्रा में न लिया जाए।
  • कोडीन लेने के बाद ड्राइविंग या बहुत सारा फोकस लगाने वाले काम ना करें, क्योंकि इसे लेने के बाद आपको नींद आ सकती है।
  • जो भी दवाई ले रही हैं, उनके और उनके डोज के बारे में आपने डॉक्टर को बताती रहें, ताकि सभी चीजों पर नजर रखी जाए और आपके फीटस के स्वस्थ विकास को सुनिश्चित किया जा सके।
  • प्रेग्नेंसी के दौरान फोलिक एसिड टेबलेट नियमित रूप से लेती रहें और प्रोटीन और कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट से भरपूर भोजन लें।
  • आपकी प्रेगनेंसी की पहली तिमाही के दौरान दवाओं का सेवन सबसे ज्यादा खतरनाक होता है, क्योंकि इस समय गर्भस्थ शिशु तेजी से बढ़ रहा होता है और नाजुक स्थिति में होता है। इसलिए कोई भी प्रेस्क्राइब्द दवा या ओवर-द-काउंटर दवाओं को लेने से पहले अपने डॉक्टर से बात करें।
  • अपनी फैमिली की हिस्ट्री के बारे में विचार करें और आपके शरीर में डायबिटीज, हाइपरटेंशन और हाई ब्लड प्रेशर जैसी किसी स्थिति के साथ प्रेगनेंसी के दौरान दी जाने वाली कुछ खास दवाएं मेल खाती हैं या नहीं, इसके बारे में अपने डॉक्टर से बात करें।
  • कड़ी दवाई, प्रिसक्रिप्शन पेनकिलर्स और एनएसएआईडी से दूर रहें।
  • ओवर-द-काउंटर दवाएं भले ही रेगुलर क्लिनिकल ट्रायल में सुरक्षित बताई गई हों, पर फिर भी आपके बच्चे के विकास पर असर डाल सकती हैं, क्योंकि, हो सकता है कि इनकी जांच प्रेग्नेंट स्त्रियों पर नहीं की गई हो।
  • आपने फार्मेसी से जो दवा ली है, उनके बारे में पता करें कि वह दवा ओवर-द-काउंटर दवा है या डिस्क्रिप्शन पर आधारित है। उस पर खुराक, सावधानियां, चेतावनी और मेडिकल कंडीशन और प्रेगनेंसी के बारे में लिखी जानकारियों को ध्यान से पढ़ें। कुछ दवाओं पर यह लिखा होता है, कि वह प्रेगनेंसी की अलग-अलग तिमाही में लेने के लिए सुरक्षित है या नहीं।
  • हालांकि प्रेगनेंसी में दर्द और तकलीफ में आराम पाने के लिए हर्बल दवाओं को सुरक्षित माना जाता है, पर कुछ हर्ब आपके अजन्मे शिशु को नुकसान पहुंचा सकते हैं या आपके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं। प्रेगनेंसी के दौरान ली जाने वाली दवाओं के साथ यह हर्ब रिएक्ट कर सकते हैं, इसलिए हर्बल दवाओं के उपयोग के पहले आपको अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए।
  • किसी दवा के लेबल पर प्रेगनेंसी में सुरक्षित होने का दावा करने के बावजूद, अगर किसी दवा को लेने के बाद, आपको दर्द या किसी प्रकार की तकलीफ का अनुभव होता है, तो आपको उसका सेवन बंद कर देना चाहिए और अपने डॉक्टर से तुरंत बात करनी चाहिए।

आप चाहे गर्भधारण की कोशिश कर रही हों या मां बनने वाली हों, प्रेगनेंसी के दौरान आम दर्द निवारक के बारे में जानकारी होना जरूरी है। साथ ही आपको यह भी जानना चाहिए, कि आप इनका सेवन कर सकती है या नहीं। हालांकि, किसी प्रकार की दर्द निवारक दवा को ना लेना सबसे अच्छा उपाय है, पर हम यह समझ सकते हैं, कि प्रेगनेंसी के दौरान इतने लंबे समय तक असहनीय दर्द को झेलना संभव नहीं है। खुराक, चेतावनी आदि को ध्यान से पढ़ें और किसी प्रकार के पेनकिलर्स को लेने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें। इसके अलावा अपने प्रेगनेंसी की तीनों तिमाहियों के दौरान नेचुरल सप्लीमेंट लेने के पहले भी अपने डॉक्टर से बात करें। 

डिस्क्लेमर: इस पोस्ट में उल्लिखित मेडिकल सलाह सहित पूरा लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से है और इसे ठोस मेडिकल सलाह या डॉक्टर की सलाह द्वारा परामर्श किए गए इलाज समझने की भूल ना करें। यदि आपको अपने स्वास्थ्य और अपनी प्रेगनेंसी की समस्याओं के बारे में कोई भी सवाल है, तो अपने डॉक्टर या हेल्थ केयर प्रोवाइडर से सलाह लें। 

यह भी पढ़ें: 

क्या प्रेग्नेंट महिलाएं रक्त दान (ब्लड डोनेट) कर सकती हैं

पूजा ठाकुर

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