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आपको बहुत तेज सिरदर्द हो रहा है और आप इस दर्द में पेनकिलर्स का सहारा लेना चाहती हैं, पर सुरक्षा की नजर से आपको इसके बारे में दुविधा में हो सकती है। वैसे तो प्रेगनेंसी की पहली तिमाही के दौरान पेनकिलर्स लेना सुरक्षित माना जाता है, लेकिन आने वाले हफ्तों में बार-बार इसे लेने से आपके बच्चे के विकास पर असर हो सकता है। प्रेगनेंसी में इस्तेमाल किए जाने वाले पेनकिलर्स के बारे में हम आपको यहाँ बता रहे हैं।
हालांकि, पेरासिटामोल इस्तेमाल करने के लिए सुरक्षित होता है, पर इसका ध्यान रखना चाहिए कि प्रेगनेंसी के दौरान नियमित रूप से इसे लेना सुरक्षित नहीं है, क्योंकि, इसमें मौजूद केमिकल कंपाउंड प्लेसेंटा के माध्यम से बच्चे के खून में जा सकते हैं। हालांकि, पूरी प्रेगनेंसी के दौरान दवाओं को पूरी तरह से छोड़ना संभव नहीं है, पर आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए, कि आप प्रेगनेंसी में पेनकिलर्स ले सकती हैं लेकिन, आपको इनका जरूरत से ज्यादा या नियमित उपयोग नहीं करना चाहिए।
प्रेगनेंसी के दौरान किसी भी समय पेरसिटामोल को लेना सुरक्षित होता है, पर इसे थोड़े समय के लिए और कम मात्रा में लिया जाना चाहिए। थोड़ी-बहुत बुखार और दर्द से राहत पाने के लिए यह सबसे भरोसेमंद दवा है।
शुरुआती प्रेगनेंसी में आइबूप्रोफेन को लेने से बचना चाहिए, क्योंकि कुछ प्रेग्नेंट महिलाओं को यह पेट में तकलीफ दे सकता है। प्रेगनेंसी की तीसरी तिमाही के दौरान आइबूप्रोफेन के इस्तेमाल से हृदय संबंधी स्वास्थ्य और प्लेसेन्टा में एमनीओटिक फ्लूइड की कमी से संबंधित खतरे हो सकते हैं।
एस्पिरिन, और आइबूप्रोफेन और नेपरोक्सन जैसे नन-स्टेरॉयडल एंटी इन्फ्लेमेटरी ड्रग्स जैसी दवाओं को लेने से बचें। क्योंकि, अध्ययन बताते हैं, कि इन दवाओं को शुरुआती गर्भावस्था में लेने से गर्भपात और कोनजेनिटल डिसेबिलिटीज (बर्थ डिफेक्ट्स) की समस्या हो सकती है।
ये 10 ओटीसी (ओवर-द-काउंटर) दवाओं और पेनकिलर्स की सूची है, जो प्रेगनेंसी के दौरान नुकसानदायक होते हैं। कृपया ध्यान रखें, कि यह एक पूरी लिस्ट नहीं है और आपको ज्यादा जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए।
ओटीसी ड्रग | में मौजूद | हमारी सलाह | दूसरे विकल्प |
बिसमथ सबसलिसीलेट | काओपेक्टेट; पेप्टो बिस्मोल | प्रेगनेंसी के 20वें सप्ताह के पहले पूरी सावधानी के साथ इस्तेमाल करें और उसके बाद बिल्कुल इस्तेमाल ना करें | इमोडियम (लोपेरामाइड) |
एस्पिरिन | बेयर; एक्सेड्रिन माइग्रेन | इस्तेमाल से पहले डॉक्टर से सलाह लें | टाइलेनोल (एसेटामिनोफेन) |
ब्रोम्फेनिरामाइन | डाइमटैप कोल्ड एंड एलर्जी | 36वें सप्ताह के पहले तक पूरी सावधानी के साथ इस्तेमाल करें और उसके बाद बिलकुल ना करें | क्लैरिटिन (लोराटाडाइन) ज्यरटेक (सेटिरिजाइन) |
कैफ़ीन | एनासिन रेगुलर स्ट्रेंथ; एक्सेड्रिन एक्सट्रा स्ट्रेंथ; एक्सेड्रिन माइग्रेन | गर्भपात और कोंजेनिटल डिसेबिलिटी के खतरे को कम करने के लिए रोज 200 एमजी से कम मात्रा में लें, चाय, कॉफी और अन्य पेय पदार्थों से प्राप्त होने वाला कैफीन भी इसमें शामिल हैं | उपलब्ध नहीं |
कैस्टर ऑयल | – | हाई रिस्क – इसे लेने से बचें | विकल्पों में साइलियम-बेस्ड सपलीमेंट्स शामिल हैं। शारीरिक एक्टिविटी,फाइबर से भरपूर खाना और ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थों को बढ़ाने के बारे में सोंचे |
निकोटीन | सिगरेट और तंबाकू पर आधारित सामग्री में | हाई रिस्क – फीटल अबनॉर्मलिटिस की संभावना | स्मोक करना छोड़ दें और प्रेग्नेंसी के दौरान निकोटीन के सेवन से बचें |
क्लोरफेनिरामिन | कलोर-ट्रिमेंटन और अल्का-सेल्टजर प्लस कोल्ड फार्मूला प्रोडक्ट्स में पाया जाता है | 36वें सप्ताह के पहले सावधानी के साथ इस्तेमाल करें और उसके बाद नहीं | क्लैरिटिन (लोराटाडाइन) ज्यरटेक (सेटिरिजाइन) |
आइबुप्रोफेन | एडविल, मोट्रिन | पहली और तीसरी तिमाही में लेने की मनाही है, दूसरी तिमाही में सावधानी के साथ इस्तेमाल करें | टाइलेनोल (एसेटामिनोफेन) |
फेनाइलेफ्राइन और सिउडो एफेड्रीन | अलका सेल्ट्जर प्लस डे; सूडाफेड पी इ प्रेशर + दर्द; टाइलेनोल कोल्ड मल्टीसिंपटम; विक्स डेकूईल कोल्ड एंड फ्लू रिलीफ़ जैसी सामग्री में पाया जाता है | पहली तिमाही में उपयोग ना करें, दूसरी और तीसरी तिमाही में सावधानी के साथ इस्तेमाल करें | कंजेशन से राहत पाने के लिए तरल पदार्थ का सेवन ज्यादा करें और भाँप का इस्तेमाल करें। लक्षणों को कम करने और राहत पाने के लिए निकोटीन उत्तेजकों से बचें |
नेप्रोक्सेन | एलेव | पहली और तीसरी तिमाही में इसका सेवन ना करें और दूसरी तिमाही के दौरान सावधानी के साथ डॉक्टर की सलाह के साथ लें | टाइलेनोल (एसेटामिनोफेन) |
प्रेगनेंसी में स्ट्रांग दवाइयों और पेनकिलर्स से दूर रहें, क्योंकि ये आपके बच्चे के विकास को नुकसान पहुंचा सकते हैं और ट्रामाडोल, ओपिएट डेरिवेटिव्स और वोल्टरोल जैसे स्ट्रांग एंटी-इन्फ्लेमेटरी दवाओं को लेने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
शुरुआती प्रेगनेंसी के दौरान दवाओं का सेवन फीटल विकास पर असर डालता है, जिसके कारण ली गई दवाओं के प्रकार के अनुसार बच्चे के जन्म के समय कम वजन की समस्या होती है। नुकसानदायक दवाएं खून से प्लेसेंटा के द्वारा सीधे बच्चे तक पहुंच जाती हैं और बच्चे के विकास पर असर डालती हैं। जो माएं ओपीओइड्स लेती हैं, वे अपने बच्चे को न्यूरल ट्यूब बर्थ डिफेक्ट होने की संभावना के खतरे में डाल देती हैं।
जिन माँओं ने दूसरी और तीसरी तिमाही के दौरान एसिटामिनोफेन जैसे पेनकिलर्स को नियमित रूप से लिया, उनके बच्चों को अटेंशन डिफिसिट डिसऑर्डर और बिहेवियर संबंधी समस्याएं अधिक मात्रा में हुई। आमतौर पर सभी महिलाओं पर दवाओं के इस्तेमाल के बिना भी कोनजेनिटल समस्याओं से ग्रस्त बच्चे को जन्म देने का 3% से 4% का खतरा होता है। जो माएँ आसानी से उपलब्ध दवाओं या नुकसानदायक दवाओं का अधिक मात्रा में सेवन करती हैं, उनके बच्चों के सोशल और इमोशनल विकास पर असर पड़ता है, साथ ही जन्म से असामान्य तकलीफें हो सकती हैं, जिसकी शुरुआत असल में दूसरी और तीसरी तिमाही के दौरान हो चुकी होती है, क्योंकि इस समय फीटस कोग्निटिव फंक्शन और अंगों के विकास के कारण, बहुत ही नाजुक दौर से गुजर रहा होता है।
एफडीए, नई बनने वाली दवाओं के प्रभाव का अध्ययन करने के लिए और वे उनकी तय प्रणाली के आधार पर काम कर रहे हैं या नहीं, यह चेक करने के लिए जांच करती है। इन दवाओं का परीक्षण प्रेग्नेंट महिलाओं पर नहीं बल्कि प्रेग्नेंट पशुओं के ऊपर क्लिनिकल ट्रायल के रूप में किया जाता है। आजकल, नर्सिंग इंस्टीट्यूशन और प्रेग्नेंट महिलाएं, रिसर्च कंपनियों के द्वारा किए जाने वाले अध्ययनों में साइन अप करते हैं, जो कि एक राष्ट्रीय रजिस्ट्री द्वारा डाटा को इकट्ठा और मेंटेन करने का काम करते हैं। प्रेगनेंसी में पेनकिलर्स का उपयोग सुरक्षित है या असुरक्षित, यह जानने के लिए आप नीचे दिए गए बिंदुओं को देखकर जान सकती हैं:
यहाँ प्रेगनेंसी के दौरान अलग-अलग तिमाही के अनुसार दवाओं के सेवन के बारे में कुछ सामान्य गाइडलाइंस दी गई है।
प्रेगनेंसी के शुरुआती महीनों में बिना किसी ऐडेड इनग्रेडिएंट के पेरासिटामोल को लेना सुरक्षित होता है। ओपीओइड को लेने से बचें, क्योंकि ये असुरक्षित होते हैं और प्रेगनेंसी की पहले तिमाही के दौरान स्पीना बिफिटा और हृदय संबंधी खराबियों से जुड़े हुए खतरों को बढ़ाते हैं।
प्रेगनेंसी के दौरान एनएसएआईडी के सेवन से बचना चाहिए, क्योंकि इन्हें गर्भपात और जेनिटल डिसेबिलिटी से जोड़ा जाता है। प्रेगनेंसी की दूसरी तिमाही के दौरान ट्रामाडोल का सेवन सुरक्षित हो सकता है।
तीसरी तिमाही के दौरान आइबूप्रोफेन के सेवन से बचना चाहिए, क्योंकि उनसे हृदय संबंधी समस्याएं हो सकती हैं और बच्चे के लंग में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है। इससे गर्भाशय में एमनियोटिक फ्लुएड कम हो सकता है। इस तिमाही के दौरान ट्रामाडोल लेने से बचना चाहिए क्योंकि इससे रेस्पिरेट्री परेशानियां और नवजात विड्रोल सिंप्टोम्स हो सकते हैं।
आप चाहे गर्भधारण की कोशिश कर रही हों या मां बनने वाली हों, प्रेगनेंसी के दौरान आम दर्द निवारक के बारे में जानकारी होना जरूरी है। साथ ही आपको यह भी जानना चाहिए, कि आप इनका सेवन कर सकती है या नहीं। हालांकि, किसी प्रकार की दर्द निवारक दवा को ना लेना सबसे अच्छा उपाय है, पर हम यह समझ सकते हैं, कि प्रेगनेंसी के दौरान इतने लंबे समय तक असहनीय दर्द को झेलना संभव नहीं है। खुराक, चेतावनी आदि को ध्यान से पढ़ें और किसी प्रकार के पेनकिलर्स को लेने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें। इसके अलावा अपने प्रेगनेंसी की तीनों तिमाहियों के दौरान नेचुरल सप्लीमेंट लेने के पहले भी अपने डॉक्टर से बात करें।
डिस्क्लेमर: इस पोस्ट में उल्लिखित मेडिकल सलाह सहित पूरा लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से है और इसे ठोस मेडिकल सलाह या डॉक्टर की सलाह द्वारा परामर्श किए गए इलाज समझने की भूल ना करें। यदि आपको अपने स्वास्थ्य और अपनी प्रेगनेंसी की समस्याओं के बारे में कोई भी सवाल है, तो अपने डॉक्टर या हेल्थ केयर प्रोवाइडर से सलाह लें।
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