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गर्भावस्था के दौरान हॉर्मोन्स में बदलाव होने की वजह से महिलाओं की त्वचा, बालों और कॉम्प्लेक्शन में भी काफी बदलाव आता है। इसकी वजह से महिलाओं के शरीर में भी अनचाहे बाल बढ़ते हैं, जैसे पेट, अपर लिप्स, बगल, ठोढ़ी और प्यूबिक क्षेत्र में भी। अत्यधिक बालों से कोई भी क्षति नहीं होती है पर इससे महिलाओं को संकोच महसूस हो सकता है। गर्भावस्था के दौरान यदि आपके शरीर में अत्यधिक बाल होते हैं तो आप इनसे छुटकारा पाने के लिए कई तरीकों का उपयोग कर सकती हैं। महिलाएं इन में से वैक्सिंग के तरीके को अक्सर अपनाती हैं पर क्या गर्भावस्था में वैक्सिंग करवाना चाहिए? जानने के लिए यह लेख पूरा पढ़ें।
इसका कोई भी प्रमाण नहीं है कि गर्भावस्था के दौरान वैक्सिंग करवाना असुरक्षित है। हालांकि यदि आप घर में या सैलून में वैक्सिंग करवाती हैं तो आपके लिए कुछ चीजें ध्यान में रखना फायदेमंद हो सकता है। इससे पुष्टि हो जाती है कि आपको किसी भी प्रकार के इन्फेक्शन होने का खतरा नहीं है। गर्भावस्था के दौरान वैक्सिंग करवाने से पहले आप हमेशा अपनी त्वचा पर पैच टेस्ट (त्वचा में थोड़ी सी जगह पर किसी भी प्रकार की जलन व रिएक्शन की जांच के लिए किया जाता है) जरूर करवाएं।
यह माना जाता है कि गर्भावस्था के दौरान वैक्सिंग करवाना हानिकारक नहीं होता है। पर गर्भवती होने पर कुछ मामलों में आपको वैक्सिंग नहीं करवानी चाहिए:
गर्भावस्था के दौरान वैक्सिंग करवाते समय आप कुछ सावधानियां बरत सकती हैं, आइए जानें;
गर्भावस्था के दौरान हॉर्मोन में उतार-चढ़ाव होने की वजह से भी आपके शरीर तेजी से थिक हेयर्स आते हैं। हॉर्मोनल बदलाव की वजह से शरीर में पानी भी ठहरता है जिसकी वजह से महिलाओं के चेहरे, पैरों, पैर के पंजों और हाथों में सूजन आ सकती है। इससे त्वचा ज्यादा सेंसिटिव हो जाती है और इसमें इरिटेशन भी होती है। इसलिए वैक्सिंग करवाते समय कई महिलाओं को सामान्य से अधिक दर्द होता है। पर यह हर महिला में अलग-अलग होता है क्योंकि हर किसी में दर्द सहन करने की क्षमता अलग होती है। इसके अलावा चूंकि शारीरिक हेयर्स को जबरदस्ती निकाला गया था इसलिए दोबारा से इन्हें निकालने व इन्फेक्शन भी हो सकता है। इसलिए यदि आपको कोई भी संदेह है तो आप तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
कई गर्भवती महिलाएं बिकनी वैक्स करवाने से डरती हैं। यदि गर्भावस्था में आप बिकनी वैक्स करवाती हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि इसके बाद आपको अजीब महसूस हो सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि त्वचा में खून का बहाव बढ़ने से आपके पेल्विक क्षेत्र में हेयर्स दोबारा से बढ़ सकते हैं जिन्हें फिर से हटाने की जरूरत है जिसमें अधिक दर्द होता है। वैक्सिंग करवाते समय स्ट्रेस और दर्द को कम करने के लिए आपके लिए लगातार ब्रेक लेना जरूरी है। इसके अलावा कई मामलों में महिलाओं को पूरे शरीर की वैक्सिंग करवाने की सलाह नहीं दी जाती है। वैक्सिंग करवाने से त्वचा के छोटे-छोटे ब्लड वेसल्स विभाजित हो जाते हैं जिनमें बैक्टीरिया व कीटाणु लगने का खतरा हो सकता है। इसके अलावा कई हॉस्पिटल में डिलीवरी के दौरान ही महिलाओं के प्यूबिक के हेयर्स साफ कर दिए जाते हैं।
गर्भावस्था के दौरान त्वचा में संभावित इरिटेशन या सूजन को कम करने के लिए आप वैक्सिंग करवाने के बाद ऐसा लोशन लगा सकती हैं जो सुरक्षित हो या आप एलोएवेरा जेल भी लगा सकती हैं। कुछ एलोएवेरा लोशन एनेस्थेटिक भी होते हैं जो वैक्सिंग के दर्द में भी आराम देते हैं। कुछ समय के लिए आप डाई या परफ्यूम्स और केमिकल-युक्त प्रोडक्ट्स का उपयोग करना बंद कर सकती हैं। इस दौरान आप वैक्सिंग करवाने के बाद सीधे धूप में भी न जाएं। यदि आपकी त्वचा में चटकन या जलन होती है या त्वचा फटती है तो आप आराम के लिए डॉक्टर से सलाह लेने के बाद इसमें गर्भावस्था के लिए सुरक्षित एंटीसेप्टिक क्रीम लगा सकती हैं।
गर्भावस्था जीवन का एक सबसे खूबसूरत भाग है। इसमें महिलाओं को कुछ चैलेंजेस का भी सामना करना पड़ सकता है पर आपको इस चरण में एन्जॉय करने से कोई भी नहीं रोक सकता है। इसलिए चिंताएं करने के बजाय अपनी गर्भावस्था के ग्लो का पूरा आनंद लें।
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