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दांत निकलते समय बच्चों को काफी दर्द होता है। कई बार विकास की यह प्रक्रिया उनके बहुत कठिन होती है क्योंकि इस दौरान बच्चों को लार टपकती है, वे चिड़चिड़े हो जाते हैं और उनके लिए हर चीज चबाने वाला एक खिलौना बन जाती है। पेरेंट्स होने के नाते बच्चे को दर्द में देखना आपके लिए कठिन हो सकता है। ऐसे में बच्चे के दर्द को दूर करने में लौंग का तेल आपकी काफी मदद कर सकता है। बच्चों के दांत के दर्द में आराम के लिए अक्सर लोग लौंग के तेल का उपयोग करते हैं। दांत के दर्द में लौंग का तेल कैसे मदद करता है, इसके क्या फायदे व नुकसान हैं, यह जानने के लिए आगे पढ़ें।
शिशुओं के दांतों के लिए लौंग के तेल के कुछ निम्नलिखित फायदे हैं, आइए जानें;
लौंग के तेल में सुन्न करने वाले गुण होते हैं और जब इसे पतला करके बच्चे के मसूड़ों में लगाया जाता है तो इससे दर्द में आराम मिलता है और सभी समस्याएं खत्म हो जाती हैं।
दांत निकलते समय बच्चे के मसूड़े खराब हो जाते हैं। लौंग के तेल में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जिससे मसूड़ों के दर्द में आराम मिलता है और ये ठीक भी रहते हैं।
एक नए दांत को ठीक से बाहर आने में कुछ दिन लग सकते हैं और इसमें दर्द भी होता है। लौंग का तेल बच्चों के दांतों के दर्द को खत्म करने में काफी मदद करता है।
हां, दांत निकलते समय बच्चों के सिर में दर्द भी होता है। सिर दर्द से राहत पाने के लिए आप एक कपड़े में लौंग के तेल की कुछ बूंदें डालें और इसे बच्चे के सिर पर रखें।
बच्चों के दांत निकलते समय सिर दर्द के साथ-साथ उनके गले में खराश हो सकती है। बच्चे के गले की खराश को कम करने के लिए आप उसके मसूड़ों और मुंह में लौंग के तेल को पतला करके लगाएं।
छोटे बच्चों की सांस में बदबू आ सकती है। यह आमतौर पर जीभ पर जमे दूध या बच्चे द्वारा खाए गए कुछ खाद्य पदार्थों की वजह से हो सकता है। हालांकि लौंग के तेल से इस समस्या का इलाज किया जा सकता है। आप लौंग के तेल की कुछ बूंदें पानी में मिलाएं और उसमें एक साफ कपड़ा डुबोकर उसी कपड़े से बच्चे की जीभ और मुंह को साफ करें।
छोटे बच्चे ठीक से ब्रश नहीं कर पाते हैं और इस वजह से कभी-कभी उनके दांतों में कैविटी होने का खतरा हो सकता है। आप रोजाना लौंग के तेल से बच्चे का मुंह व दांत साफ करें। इससे सभी समस्याएं कम होने में मदद मिलेगी।
हम सभी जानते हैं कि छोटे बच्चों का शुरूआती चरण कठिन होता है। लौंग का तेल उन्हें शांत करने में मदद करता है।
शुरुआत में एक टूथपेस्ट शिशुओं और छोटे बच्चों के दांत की सफाई अच्छी तरह से नहीं कर पाता है। लौंग के तेल का उपयोग करने से बच्चे के मुंह की स्वच्छता बनी रहती है।
आजकल मार्केट में बहुत सारे ऐसे टूथपेस्ट उपब्ध हैं जिसमें लौंग का तेल होता है। ऐसा टूथपेस्ट खरीदें जो बेबी के लिए सुरक्षित हो। इसके अलावा आप बाजार से लौंग का तेल भी ले सकती हैं। हालांकि इस बात का ध्यान रहें कि बच्चे के लिए एक माइल्ड व सुरक्षित टूथपेस्ट या लौंग का तेल लें। बच्चे के मसूड़ों पर इसका सीधे उपयोग करने के बजाय आप लौंग के तेल को आल्मंड ऑयल या किसी माइल्ड एसेंशियल ऑयल में मिलाएं क्योंकि यह तेल बहुत स्ट्रांग होता है और बिना पतला किए इसका इस्तेमाल करने से बच्चे को हानि हो सकती है।
यदि आप लौंग के तेल का उपयोग पूरी सावधानी और देखभाल के साथ करती हैं तो लौंग का तेल दांत के दर्द व तकलीफ के लिए बहुत अच्छा है। ऐसा इसलिए है क्योंकि लौंग के तेल में एनेस्थेटिक गुण होते हैं और इससे दांतों की समस्याओं में आराम मिलता है। हालांकि शिशुओं के लिए लौंग के तेल का उपयोग पूरी सावधानी से करना चाहिए। ऐसा इसलिए है क्योंकि यदि इसका उपयोग आवश्यकता से ज्यादा किया गया तो इससे बच्चे का पेट खराब हो सकता है और उसे मसूड़ों में छाले या ब्लीडिंग भी हो सकती है।
बच्चे की सेहत और पूर्ण स्वास्थ्य के लिए लौंग का तेल बहुत अच्छा है। पर यह एक ऐसा एसेंशियल ऑयल है जिसका उपयोग दो साल से कम उम्र के बच्चों के लिए नहीं करना चाहिए क्योंकि इसके गुण काफी प्रभावी होते हैं। यद्यपि यदि आपने दो साल से कम उम्र के बच्चे के मसूड़ों में इस ऑयल का उपयोग कर भी लिया है तो अब आप इसका उपयोग करना बंद कर दें और पहले उसे दो साल का हो जाने दें तभी उपयोग करें क्योंकि दो साल से कम उम्र के बच्चों में लौंग के तेल से इरिटेशन, छाले, रेडनेस और अन्य समस्याएं होना शुरू हो जाती हैं।
लौंग के तेल के अलावा आप बच्चे को फ्रोजन केले की स्लाइस, ब्लंट फ्रोजन स्पून या दूध की बोतल में फ्रोजन वॉटर चबाने के लिए दे सकती हैं। फ्रीजर में एक सॉफ्ट कपड़े को रखें और उसे बच्चे को चबाने के लिए दें या इससे उसके मसूड़ों में मालिश करें। इन सभी ट्रिक से बच्चे के दांत के दर्द में आराम मिलेगा।
बच्चों के दांत के दर्द को ठीक करने के लिए लौंग का तेल बहुत फायदेमंद है। फिर भी यदि आप बच्चे के लिए लौंग का तेल या कोई भी एसेंशियल ऑयल का उपयोग करना चाहती हैं तो हमारी सलाह है कि पहले डॉक्टर से बात करें।
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