In this Article
जन्म के बाद पहले 6 महीने तक बच्चे को माँ का दूध पिलाने की सलाह दी जाती है। ब्रेस्टफीडिंग से बच्चे को जन्म के पहले कुछ महीनों में ही सभी आवश्यक न्यूट्रिएंट्स और एंटीबॉडीज मिल जाते हैं। आप अपने बच्चे को जितना ज्यादा स्तनपान कराएंगी, दूध की आपूर्ति भी उतनी अधिक होगी। हालांकि दूध की मात्रा में अंतर हो सकता है और अक्सर बच्चा भूखा भी रह सकता है। इसलिए हाल ही बनी माएं दूध की आपूर्ति को बढ़ाने के लिए अक्सर लैक्टेशन कुकीज़ खाती हैं और यह एक लोकप्रिय तरीका है।
लैक्टेशन कुकीज़ स्नैक्स का एक प्रकार हैं जो गलैक्टागॉग या ब्रेस्टमिल्क बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों का उपयोग करके बनाई जाती हैं और ऐसा माना जाता है कि इसे खाने से माँ के दूध की आपूर्ति बढ़ती है। इसका उपयोग बहुत पहले से किया जा रहा है पर पिछले कुछ सालों में इसकी लोकप्रियता बढ़ी है। इन कुकीज़ को खाने के बाद कई मांओं ने ब्रेस्टमिल्क की आपूर्ति बढ़ने का अनुभव किया है। इस बारे में थोड़ी बहुत साइंटिफिक रिसर्च हुई है कि बेक्ड लैक्टेशन कुकीज़ से ब्रेस्टमिल्क की आपूर्ति बढ़ती है। वास्तव में डॉक्टर के अनुसार भी जिन महिलाओं को लगता है कि उनमें पर्याप्त दूध की आपूर्ति नहीं हो रही है तो वे मेडिकल मदद लेने के बजाय लैक्टेशन कुकीज़ का सेवन कर सकती हैं। ये कुकीज़ काफी हेल्दी होती हैं और इससे स्तनपान कराने वाली मांओं को कई न्यूट्रिशनल फायदे भी मिलते हैं।
पहले भी बताया गया है कि गलैक्टागॉग दूध बढ़ाने की सामग्री है पर इसका कोई स्पष्ट प्रमाण नहीं है। हालांकि लैक्टेशन कुकीज़ में मौजूद गलैक्टागॉग स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है।
ओट्स न्यूट्रिशियस खाद्य पदार्थ होते हैं जिनमें हेल्दी कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और इत्यादि चीजों की उच्च मात्रा होती है। सैपोनिन जैसे कंपाउंड इम्यून सिस्टम को प्रभावित करते हैं और शरीर में प्रोलैक्टिन के स्तर को बढ़ाते हैं जिसे दूध बढ़ाने का सिंथेसिस भी कहा जाता है। इसका कार्ब और फाइबर की मात्रा शरीर में शुगर के अब्सॉर्प्शन को नियंत्रित करती है और ब्लड शुगर को बढ़ने से रोकती है।
मेथी दाने भारतीय भोजन का एक सामान्य भाग हैं। यह हेल्दी फाइटोस्ट्रोजन से भरपूर हैं जो शरीर में एस्ट्रोजन को प्रभावित करते हैं। इसके बदले में यह प्रोलैक्टिन और दूध की आपूर्ति को नियंत्रित करता है। यह भी माना जाता है कि इससे पसीना अधिक निकलता है जो रिफ्लेक्स को उत्तेजित करके दूध को बढ़ाने में मदद करता है।
फ्लेक्स सीड यानी सन के बीज हेल्दी फैट्स से भरपूर है, जैसे ओमेगा 3, ओमेगा 6 फैटी एसिड। ये न्यूट्रिएंट्स कार्डियोवस्कुलर हेल्थ और इम्यून सिस्टम में सुधार करते हैं। यह ब्रेस्टमिल्क को बढ़ाने के लिए भी जाने जाते हैं। फ्लेक्स सीड में फाइबर, विटामिन बी, विटामिन इ, पोटैशियम और कैल्शियम भी होता है जो संतुलित आहार का एक जरूरी भाग है।
ब्रूवर्स यीस्ट का उपयोग विभिन्न खाद्य पदार्थों में होता है, जैसे ब्रेड, डोसा, केक इत्यादि। यह विटामिन बी कॉम्प्लेक्स से भी भरपूर है जो दूध की आपूर्ति को बढ़ाता है और सेलुलर मेटाबॉलिज्म के लिए भी जरूरी है। यीस्ट में प्रोटीन और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स जैसे सेलेनियम और क्रोमियम भी हैं। हालांकि यीस्ट खाने से डायरिया या गैस जैसी समस्याएं हो सकती हैं। यदि आपका बच्चा सेंसिटिव है या उसे यीस्ट से एलर्जिक हो जाती है तो आप इस सामग्री का उपयोग न करें।
स्तनपान कराने वाली मांओं के लिए ब्रेस्टमिल्क की आपूर्ति बढ़ाने के अलावा लैक्टेशन कुकीज़ के अनेक फायदे हैं, आइए जानें;
लैक्टेशन कुकीज़ में मौजूद सामग्रियां प्रोटीन्स, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन, मिनरल, फाइटोहॉर्मोन्स, एंटी-ऑक्सीडेंट्स और कई प्रभावी न्यूट्रिएंट्स का स्रोत भरपूर मात्रा में हैं जो शरीर के लिए आवश्यक है और मेटाबॉलिक के फंक्शन को प्रभावित करते हैं। उदाहरण के लिए, फ्लैक्सीड और ओट्स में मौजूद आयरन खून की आपूर्ति को बनाए रखता है जिससे हाल ही में बनी माओं की एनीमिया जैसी आम समस्या ठीक रहती है।
ओट्स में डायटरी फाइबर या रफेज (बीटा-ग्लूकन्स का विशेष रूप) भरपूर मात्रा में होते हैं। यह बच्चे के जन्म के बाद बॉवल मूवमेंट की कठिनाइयों और कब्ज को ठीक करता है। यह गर्भावस्था के वजन को भी कम करने में मदद करता है।
कुछ रिसर्च के अनुसार फ्लैक्सीड और ब्रूवर्स यीस्ट में मौजूद न्यूट्रिएंट्स का कॉम्बिनेशन जन्म के बाद के डिप्रेशन को कम करता है जिसे वास्तव में बेबी ब्लूज भी कहा जाता है। कभी-कभी लैक्टेशन कुकीज़ में मौजूद शुगर की मात्रा आपके मूड को ठीक कर सकती है।
लैक्टेशन कुकीज़ में मौजूद सभी सामग्रियां पूरी तरह से प्राकृतिक होती हैं इसलिए यह बिलकुल भी हानिकारक नहीं है। ओट्स की वजह से थोड़ी बहुत समस्याएं हो सकती हैं, जैसे गैस या यदि आप इसे अधिक मात्रा में खा लेती हैं तो आपका वजन भी बढ़ सकता है। इसके अलावा कुछ मामलों में गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य को देखते हुए मेथी लेने की सलाह नहीं दी जाती है पर लैक्टेशन कुकीज़ में इसकी मात्रा बहुत थोड़ी सी होती है जिसकी वजह से कोई भी गंभीर समस्या नहीं होगी।
लैक्टेशन कुकीज़ स्वादिष्ट और हेल्दी भी होती हैं। चूंकि आप इसे घर में खुद बनाती हैं इसलिए इसके स्वाद, टेक्सचर और फ्लेवर को अपने अनुकूल नियंत्रित कर सकती हैं। यदि आपको थोड़ी बहुत भूख लगती है तो आपके लिए यह एक बेहतरीन स्नैक्स है। आप प्रोसेस्ड फूड का सेवन करने के बजाय होममेड कुकीज़ का ही सेवन करें क्योंकि यह आपके लिए अधिक फायदेमंद है।
यहाँ पर स्वादिष्ट और हेल्दी लैक्टेशन कुकीज़ की रेसिपीज दी हुई हैं जिन्हें आप घर में भी बना सकती हैं, आइए जानें;
इस चॉकलेट चिप्स लैक्टेशन कुकीज़ में बहुत सरल सामग्रियां होती हैं और इसे बनाने में भी 10 मिनट से कम समय ही लगता है।
सामग्री
विधि
इन न्यूट्रिशनल कुकीज़ में शुगर नहीं होती है और यह विभिन्न सामग्रियों से भरपूर हैं।
सामग्री
विधि
यह बिना बेक किए हुए स्वादिष्ट लैक्टेशन कुकीज़ बेरीज और किशमिश से भरपूर हैं जिससे इसे एक बेहतरीन फ्लेवर मिलता है।
सामग्री
विधि
कद्दू की यह लैक्टेशन कुकीज़ आपके लिए एक स्वादिष्ट ट्रीट है।
सामग्री
विधि
यह एगलेस लैक्टेशन कुकीज़ शाकाहारी महिलाओं के लिए सबसे बेहतरीन स्नैक्स है।
सामग्री
विधि
लैक्टेशन कुकीज़ से संबंधित कुछ आवश्यक सवाल निम्नलिखित हैं, आइए जानें;
यदि दूध की आपूर्ति में कोई भी अंतर आता है तो ज्यादातर महिलाएं पहले दो या तीन दिन के भीतर इस बारे में बता सकती हैं। वैसे तो इस बारे में निश्चित रूप से जानने के लिए आपको लगभग एक सप्ताह तक का इंतजार करना चाहिए।
आप सभी लैक्टेशन बिस्कुट को एक सील्ड कंटेनर या जिपलॉक बैग में स्टोर करें। आप इसे लगभग एक सप्ताह या खाने के लिए अयोग्य होने तक स्टोर कर सकती हैं। यदि आपने बहुत सारी कुकीज़ बेक कर ली हैं तो बची हुई को फ्रिज में रख लें ताकि वे कुछ महीनों तक फ्रेश रहें।
यह आप पर निर्भर करता है। कई महिलाएं दिन में एक या दो कुकीज़ ही लेती हैं।
हाँ, ब्रेस्टफीडिंग कुकीज़ बड़े बच्चों के लिए भी पूरी तरह से सुरक्षित है। हालांकि इस बात का पूरा ध्यान रखें आपका बच्चा नियमित रूप से दिन में 2 बार ब्रश और फ्लॉस करता है ताकि उसके दाँतों से खाद्य पदार्थ के टुकड़े निकल जाएं।
नहीं! इन्हें ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसमें वो सामग्रियां होती हैं जो ब्रेस्टमिल्क की आपूर्ति को बढ़ाने में मदद करती हैं।
यह निश्चित रूप से संभव है। आप किसी भी डेयरी प्रोडक्ट को अन्य प्रभावी सब्स्टीट्यूट से बदल सकती हैं। उदाहरण के लिए दूध की जगह कोकोनट मिल्क लिया जा सकता है, बटर को आल्मंड बटर से बदला जा सकता है।
यदि आपको ब्रेस्टमिल्क की आपूर्ति में समस्याएं हो रही हैं तो लैचिंग पर्याप्त न होने से लेकर फीडिंग शेड्यूल ठीक न होने तक इसके कई कारण हो सकते हैं। यदि बच्चे को दूध पिलाने में आपको कठिनाई हो रही है तो आप डॉक्टर से सलाह जरूर लें। यदि डॉक्टर की जांच में कॉम्प्लीकेशंस निकलती हैं तो वे आपको लैक्टेशन कंसल्टेंट के पास जाने की सलाह दे सकते हैं। लैक्टेशन कंसल्टेंट को विशेषकर इन्हीं समस्याओं को आसानी से समझकर ठीक करने की ट्रेनिंग दी जाती है।
यह भी पढ़ें:
ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली माँओं के लिए एनर्जी और लेक्टेशन बढ़ाने के लिए रेसिपीज
स्तनपान कराने वाली मांओं के लिए एसेंशियल ऑयल – फायदे और सावधानियां
क्या ब्रेस्टमिल्क बढ़ाने के लिए मेथी फायदेमंद है?
हिंदी वह भाषा है जो हमारे देश में सबसे ज्यादा बोली जाती है। बच्चे की…
बच्चों को गिनती सिखाने के बाद सबसे पहले हम उन्हें गिनतियों को कैसे जोड़ा और…
गर्भवती होना आसान नहीं होता और यदि कोई महिला गर्भावस्था के दौरान मिर्गी की बीमारी…
गणित के पाठ्यक्रम में गुणा की समझ बच्चों को गुणनफल को तेजी से याद रखने…
गणित की बुनियाद को मजबूत बनाने के लिए पहाड़े सीखना बेहद जरूरी है। खासकर बच्चों…
10 का पहाड़ा बच्चों के लिए गणित के सबसे आसान और महत्वपूर्ण पहाड़ों में से…