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ये कहानी एक लालची मिठाई वाले रमेश की है। इसमें रमेश ने ज्यादा पैसे के लालच में पूरे गांव वालों को बेवकूफ बनाया। लेकिन जब उसका सच सबके सामने आया तो गांव वालों की नजरों में उसने अपना सम्मान खो दिया। इसलिए हमेशा कहा जाता है कि लालच एक बुरी बला है। लालच न सिर्फ इंसान का दिमाग खराब कर देता है, बल्कि उसे गलत रास्ते पर जाने के लिए भी मजबूर कर देता है।
एक बार की बात है, बलरामपुर नाम का एक गांव था। इस गांव में रमेश नाम का एक हलवाई रहता था। वह तरह-तरह की स्वादिष्ट मिठाइयां बनाया करता था। अपनी स्वादिष्ठ मिठाइयों की वजह से रमेश पूरे गांव में प्रसिद्ध था। रमेश और उसकी पत्नी साथ मिलकर शुद्ध देसी घी में मिठाइयां बनाया करते थे। देसी घी की वजह मिठाइयां और भी ज्यादा स्वादिष्ट बनती थीं। सुबह से शाम होने तक उसकी सभी मिठाइयां बिक जाती थीं और रमेश को उससे मुनाफा भी काफी होता था।
जैसे-जैसे रमेश की आमदनी बढ़ने लगी, उसके मन में और अधिक पैसे कमाने का लालच भी बढ़ गया था। अपने इस लालच के कारण उसने दिमाग लगाया और शहर जाकर वहां से चुम्बक के दो टुकड़े ले आया। उन टुकड़ों को उसने अपने तराजू के नीचे चिपका दिया।
अगले दिन रमेश की दुकान पर नया ग्राहक आया और उसने एक किलो जलेबी खरीदी। लेकिन इस बार तराजू पर चुम्बक चिपके होने की वजह से रमेश को ज्यादा फायदा हुआ। उसने अपनी इस चालाकी के बारे में अपनी बीवी को भी बताया, लेकिन उसकी पत्नी रमेश की इस तरकीब से बिल्कुल सहमत नहीं थी। उसने उसे समझाया भी कि उन्हें अपने ग्राहकों के साथ छल नहीं करना चाहिए, लेकिन रमेश ने अपनी बीवी की कोई बात नहीं मानी।
फिर क्या, रमेश हर दिन चुम्बक के सहारे अपने ग्राहकों को धोखा देने लगा था। उसका मुनाफा भी पहले से बहुत ज्यादा हो गया था। इस वजह से रमेश भी बहुत खुश था।
एक दिन रमेश की मिठाई की दुकान पर दीपक नाम का एक लड़का आया और उसने दो किलो जलेबी खरीदी। रमेश ने अपने चुम्बक लगे तराजू में उस जलेबी को तौला और दीपक को दे दिया।
दीपक ने जब जलेबी उठाई, तो उसे लगा कि ये दो किलो नहीं है। उसने अपनी शंका दूर करने के लिए रमेश से जलेबी को दोबारा तौलने के लिए कहा।
लेकिन दीपक की बातों को सुनकर रमेश बहुत चिढ़ गया और कहने लगा –
“मेरे पास इतना फालतू का वक्त नहीं है कि मैं बार-बार तुम्हारी जलेबी को तौलूं। यहां और भी ग्राहक आते हैं। अगर मैं यही करता रहा तो हो चुका मेरा व्यापार।”
रमेश की बातों को सुनने के बाद दीपक वहां से जलेबी लेकर चला गया। फिर दीपक एक दूसरी मिठाई की दुकान पर गया और वहां मिठाई वाले से जलेबी तौलने के लिए कहा। जब दुकानदार ने जलेबी को तौला, तो वह बस डेढ़ किलो ही निकली। दीपक को अब सारा माजरा समझ में आ गया। उसे मालूम पड़ गया कि रमेश ने तराजू के साथ कोई छेड़छाड़ कर रखी है।
दीपक ने तराजू की गड़बड़ सबके सामने लाने के लिए एक योजना बनाई। उसने अपने लिए भी एक तराजू लिया और रमेश की मिठाई की दुकान के पास में ही रख दिया।
दीपक वहां पर सभी गांव वालों को इकठ्ठा करने लगा। जैसे ही लोग वहां आना शुरू हो गए, उसने गांव वालों के सामने कहा कि आज मैं आप सभी को एक चमत्कार दिखाऊंगा। ये चमत्कार देखने के लिए बस आपको रमेश के यहां से मिठाई लेनी होगी और उस मिठाई को मेरे इस तराजू में तौलना होगा। तब आप देखेंगे कि कैसे रमेश के यहां से ली गई मिठाई मेरे तराजू पर तौलने में कम हो जाएगी।
कुछ समय बाद कुछ लोगों ने रमेश के यहां से मिठाई लेकर दीपक के पास पहुंचे, तो दीपक ने जैसा कहा था वैसा कर के दिखाया। इसके बाद रमेश की दुकान से जिसने भी मिठाई ली, सभी ने दीपक के तराजू में तौला और देखा कि किसी की मिठाई 200 ग्राम, किसी की 250 ग्राम और किसी की तो आधा किलो तक कम निकल रही थी। ये सब देखकर बहुत सारे लोग हैरान हुए।
रमेश अपनी दुकान के पास ये सब देखते हुए दीपक से लड़ने लगा। रमेश बोलने लगा कि दीपक सब नाटक कर रहा है। लेकिन अपनी बातों को सही साबित करने के लिए दीपक सीधा रमेश की दुकान जाकर तराजू ले आया और उसमें चिपका चुम्बक निकालकर सबको दिखाने लगा।
चुम्बक को देखकर गांव वालों को रमेश पर बहुत गुस्सा आया और सबने मिलकर उसे बहुत पीटना शुरू कर दिया। अब रमेश को अपनी गलती का अहसास हुआ और वह अपनी हरकत पर पछताने लगा। रोते हुए रमेश गांव वालों से माफी मांगने लगा और उसने वादा किया कि आगे जिंदगी में अब कभी ऐसी हरकत नहीं करेगा।
लेकिन रमेश की इस जालसाजी से पूरा गांव नाराज हो गया था, इसलिए सबने उसकी दुकान से मिठाई खरीदना कम कर दिया। अब रमेश के पास पछताने के अलावा कुछ नहीं बचा, क्योंकि गांव वालों का उसपर से भरोसा उठ गया था।
लालची मिठाईवाला की कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि लालच बहुत बुरी बला है और हमें कभी लालच नहीं करना चाहिए।
यह कहानी नैतिक कहानियों के अंतर्गत आती है जिसमें बताया गया है कि हमेशा ईमानदारी से काम करना चाहिए। लालच से आपको कुछ समय तक ही फायदा होगा, लेकिन सच सामने आने पर आपकी इज्जत लोगों के सामने कम होगी साथ ही लोगों का आप पर से भरोसा सब उठ जाएगा।
लालची मिठाईवाले की कहानी में बताया गया है कि कैसे व्यक्ति को अधिक लालच से बचना चाहिए, अधिक लालच से आपको कुछ नहीं हासिल होता है। बल्कि जो आपने इतने समय से कमाया है वह भी आपके हाथों से चला जाता है।
लालच बहुत ही बुरी चीज है, एक बार इंसान इसके चुंगल में फंस गया तो जिंदगी भर का पछतावा उसे रहता है। व्यक्ति को लालच नहीं करना चाहिए और उसके पास जो है, जितना है उसमें संतुष्ट रहना चाहिए।
लालची मिठाईवाले की इस कहानी में हमें ये बताया गया है कि कैसे थोड़े पैसों के लालच के लिए व्यक्ति अपनी सालों की कमाई हुई इज्जत को खो सकता है। इसलिए थोड़े से मुनाफे के लिए कभी भी लालच का सहारा नहीं लेना चाहिए। हम मेहनत करें और उससे पैसा कमाएं, ऐसा करने से हमारी इज्जत और प्रतिष्ठा दोनों बानी रहेगी।
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