कभी-कभी अच्छा न महसूस होना या उदासी महसूस करना सभी के लिए एक बहुत ही नॉर्मल बात है, और हममें से अधिकांश लोग ऐसी भावनाओं से कभी न कभी गुजरते हैं। हालांकि, यदि आप लगातार उदासी से घिरे रहते हैं या आप ज्यादातर समय खुद को बेकार महसूस करते हैं, तो इस बात की संभावना बहुत अधिक है कि आप डिप्रेशन से जूझ रहे होंगे। क्योंकि मानसिक रोगों को समझने के लिए हमारे समाज आज भी बहुत पीछे है। इसलिए लोग अक्सर यह तक नहीं बता पाते कि वो डिप्रेशन से जूझ रहें हैं। हालांकि, जब स्वास्थ्य की बात आती है, तो जैसे ही आपको असहज महसूस होने लगे वैसे ही आपको जल्द से जल्द मदद लेनी चाहिए।
यहाँ डिप्रेशन के कुछ संकेत बताए गए हैं, जो आपको यह जानने में मदद कर सकते हैं कि आप डिप्रेशन में हैं या नहीं:
डिप्रेशन से पीड़ित लोग उन कार्यों से दूर हो सकते हैं जिन्हें वह पहले बड़ी उत्साह के साथ करना पसंद करते थे। उदाहरण के तौर पर, वह अपने दोस्तों के साथ घूमना या जिम जाना बंद कर सकते हैं। जो चीजें उनको खुशी देती थी अब उन एक्टिविटीज का उनके लिए कोई महत्व नहीं रहेगा।
डिप्रेशन से नींद न आने की समस्या हो सकती है। जिसकी वजह से डिप्रेशन में रह रहे लोगों को सोने के लिए संघर्ष करना पढ़ सकता हैं, वहीं कुछ लोगों का बिस्तर से बाहर उतरना मुश्किल हो सकता है और वे अपना पूरा दिन बिस्तर पर ही रह कर बिता देते हैं।
यह डिप्रेशन के सबसे आम लक्षणों में से एक है। डिप्रेशन में रहने वाले लोगों का जीवन के प्रति बहुत ही निराशाजनक या नकारात्मक दृष्टिकोण हो सकता है। वे खुद से घृणा, खुद को दोष देने जैसी भावनाओं से पीड़ित हो सकते हैं।
डिप्रेशन लोगों को उनमें मौजूद उनकी खूबियों को भूला सकता है। इसकी वजह से यह तो वो बेहद खाने लगते हैं या बिलकुल ही खाना छोड़ देते हैं। डिप्रेशन के यह लक्षण बच्चों में अधिक पाए जाते हैं।
यह पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए सामान्य है जिन्हें ज्यादातर समय चिड़चिड़ापन महसूस होता है। हालांकि, डिप्रेशन से पीड़ित महिलाओं की तुलना में पुरुषों में चिड़चिड़ापन का अनुभव ज्यादा पाया जाता है। इसलिए, ज्यादा चिड़चिड़ापन पुरुषों में होने वाले डिप्रेशन के लक्षणों में से एक है।
डिप्रेशन की भावनाएं किसी व्यक्ति को इतना प्रभावित कर सकती हैं कि वह आत्महत्या करके अपने जीवन को समाप्त कर सकता है। डिप्रेशन में लोग अक्सर जीवन में मौजूद अंधेरे के बारें में ज्यादा सोचते है जैसे कि मृत्यु या आत्महत्या।
ज्यादा उलझन होना भी शुरुआती डिप्रेशन के लक्षणों में से एक हो सकता है। वह व्यक्ति हर समय उलझन और चिड़चिड़ापन महसूस कर सकता है जिससे उसे किसी भी चीज पर ध्यान केंद्रित करने में मुश्किल हो सकती है।
ऐसे लोगों का अचानक से भावनाओं के उतार चढ़ाव से गुजरना बहुत सामान्य बात है। यह एक पल में क्रोधित और चिड़चिड़े हो सकते हैं, तो अगले ही पल वह दुखी हो कर रोना शुरू कर सकते हैं ।
अक्सर यह देखा गया है कि डिप्रेशन से जूझ रहे लोगों को अपनी देखभाल करने और खुद का ध्यान रखने में मुश्किल होती है। वह बिखरे हुए दिखते हैं क्योंकि वह कैसे दिख रहे है इसमें उनकी कोई रुचि नहीं होती। यह महिलाओं में पोस्टपार्टम डिप्रेशन के लक्षणों में से एक हो सकता है।
ऐसे लोग कभी-कभी अपनी भावनाओं को अभिव्यक्त करने में विफल हो सकते हैं। इनका व्यवहार अपने पति, पत्नी या बच्चों के प्रति अजीब हो सकता है। वह अपनी भावनाओं से बाहर आने के लिए लगातार संघर्ष करते रहते हैं।
महिलाओं, पुरुषों और बच्चों में डिप्रेशन से जुड़े कुछ लक्षण बताए गए हैं। अगर इनमें से कोई भी समस्या एक सप्ताह से अधिक समय तक आपको महसूस हो तो, किसी पेशेवर की मदद आवश्यक लें ।
डिप्रेशन से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न इस प्रकार हैं:
ज्यादातर लोग डिप्रेशन को सिर्फ दो भागों में बांटते हैं, क्लीनिकल डिप्रेशन और रेगुलर डिप्रेशन। लेकिन दिमाग को समझना इतना आसान नहीं है, दिमाग पर दबाव देने वाली कई प्रकार की कंडीशन होती है जो लोगों को प्रभावित कर सकती है। कुछ कंडीशन हैं जो विभिन्न प्रकार के डिप्रेशन का कारण बन सकती हैं जैसे बाइपोलर विकार, परसिस्टेंट डिप्रेसिव डिसऑर्डर, प्रीमेन्स्ट्रुअल डिस्फोरिक डिसऑर्डर, एटिपिकल डिसऑर्डर, सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर आदि।
जब आप लगातार उदासी महसूस करते हैं और यह खत्म होते हुए नहीं दिखाई दे रही हो, या फिर आप अन्य डिप्रेशन के लक्षणों में से किसी का अनुभव करते हैं, तो यह जरूरी है कि आप डॉक्टर से परामर्श करें। डिप्रेशन से मुक्त होने के लिए असरदार उपचार उपलब्ध हैं जो जल्द से जल्द आपको उससे लड़ने में मदद करेगा। इस प्रकार आप डिप्रेशन से मुक्त होने के लिए अपना पहला कदम उठा सकते हैं। ओरल मेडिकेशन और सायकोटिक थैरेपीस, डिप्रेशन से लड़ रहे लोगों के लिए बेहतरीन उपचार है। यहाँ तक कि डिप्रेशन के गंभीर मामलों के इलाज के लिए भी यह उपयोगी है।
आप अपने दिमाग के अंदर उथल-पुथल का अनुभव कर सकते हैं और यह कुछ ऐसे विचार हैं जो आपके दिमाग में चल सकते हैं:
हाँ, जब कोई डिप्रेशन से गुजरता है तो उस व्यक्ति में व्यवहार परिवर्तन होना बहुत आम बात है। आप अपने आप को दुनिया से अलग कर लेते है। आप बेचैनी और उलझन भी महसूस करते हैं। जो लोग पहले ऊर्जावान थे, वह अपने अंदर दिन-प्रतिदिन ऊर्जा की कमी महसूस करते हैं। आप आपने काम में देरी और सुस्त महसूस करते हैं। विलंब करना आपका दूसरा स्वभाव बन सकता है। इसलिए, यदि आप अपने व्यवहार में बदलाव का अनुभव करते हैं, तो इस बात की अधिक संभावना है कि आप डिप्रेशन से जूझ रहे हैं।
डिप्रेशन एक ऐसी चीज है जो आपको अंदर से खोखला बना सकती है। यह एक मानसिक विकार है, हालांकि, कभी-कभी यह इतना गंभीर हो सकता है कि यह जीवन के लिए खतरा बन सकता है। इसलिए, जिस समय आप किसी भी डिप्रेशन से संबंधित लक्षणों को महसूस करते हैं, आपको उसी वक्त किसी पेशेवर से मदद लेनी चाहिए। हममें से बहुत से लोग ऐसा सोचते है कि दिमागी बीमारी को बिना किसी मेडिकल देख रेख के ठीक किया जा सकता है। लेकिन मामला उतना आसान नहीं है। डिप्रेशन आमतौर पर अपने आप ठीक नहीं होता है, और आपको उसके लिए डॉक्टर की सहायता लेना जरूरी होता है।
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