एक समय में, होली खेलने के लिए जिन रंगों का इस्तेमाल किया जाता था उसमें फूलों के रंग का उपयोग किया जाता था लेकिन अब केमिकल बेस्ड कलर इस्तेमाल किए जाते हैं, जिन्होंने नेचर फ्रेंडली कलर को पूरी तरह से रिप्लेस कर दिया है। आइए इस वर्ष, हम सभी एक नेचुरल तरीके से होली मनाने की प्रतिज्ञा करें और अपने बच्चों को आने वाले कल के लिए पर्यावरण का रक्षक बनाने में मदद करें और इसके लिए पहले आपको अपनी जिम्मेदारी समझना होगा। अब आप सोच रहे होंगे कि घर पर होली के लिए कलर कैसे तैयार करें, तो हम आपको इस लेख में बताएंगे कि आप बच्चों को होली में खेलने के लिए नेचुरल कलर कैसे बना सकती हैं।
बाजार में आसानी से उपलब्ध कलर और डाई में हाई लेवल क्रोमियम, सिलिका, लेड और एल्कलाइन मटेरियल मौजूद होते हैं। ये खुले में बिकने वाले अनहाइजीनिक सिंथेटिक कलर होते हैं और यहाँ तक कि इसमें कांच के पार्टिकल भी पाए गए हैं। इनका इस्तेमाल शरीर पर करने से इन टॉक्सिक चीजों से सेहत को नुकसान होने का खतरा होता है जैसे स्किन और आँखों से जुड़ी परेशानियां।
इस बार अपने बच्चों के साथ इको फ्रेंडली तरीके से होली सेलिब्रेट करें। नेचुरल रंग इस्तेमाल करें जिनका यूज करना सेफ है और आपको अपने त्यौहार के साथ कोई समझौता भी नहीं करना पड़ता है। इस प्रकार आप अपनों के चेहरे पर खुशी बनाए रख सकते हैं।
इस होली में नेचुरल और सेफ कलर यूज करें। अपने घर पर 100% ऑर्गेनिक कलर तैयार करें, जो पूरी तरह से हानिरहित होते हैं:
‘पलाश’ या ‘टेसू’ के फूलों को रातभर भिगोकर रख दें या होली के ट्रेडिशनल केसरी रंग को पाने के लिए इसे उबालें। इसके अलावा केसर, जो हालांकि महंगा होता है, यह भी त्वचा के लिए बहुत अच्छा होता है और इससे आपको केसरी शेड भी मिल जाएगा।
चुकंदर को स्लाइस में काट लें या कद्दूकस करें और गुलाबी रंग पाने के लिए पानी में भिगो दें। आप गहरा गुलाबी रंग पाने के लिए इसे रात भर भिगोकर रख सकते हैं।
जब होली सेलिब्रेशन की बात आती है तो भूरा एक बहुत ही अनकॉमन कलर है। चाय या कॉफी की पत्तियों को पानी में उबालें। इसे ठंडा करें और इस ब्राउन कलर को यूज करके लोगों को सरप्राइज करें।
हरा रंग बनाने के लिए आटे में मेंहदी पाउडर या आंवला पाउडर मिलाएं। ये ग्रीन कलर का परफेक्ट शेड देता है और यह आपके बालों में लगने से इसे कंडीशन करने में मदद करता है।
पीला रंग बनाने के लिए हल्दी पाउडर और इससे दोगुनी मात्रा में बेसन लेकर दोनों को मिलाएं। इस मिश्रण का त्वचा पर एक जादुई असर होता है। बेसन की जगह आप गेहूँ का आटा, चावल का आटा और मैदा भी इस्तेमाल कर सकती हैं ।
लाल चंदन, जो त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है, उसका उपयोग लाल रंग तैयार करने के लिए किया जा सकता है। लाल रंग बनाने के लिए गुड़हल के फूलों का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
सिंथेटिक काला कलर बहुत हानिकारक होता है क्योंकि वह उपयोग की गई बैटरी से तैयार किया जाता है। इस कलर का सेफ वर्जन पाने के लिए आप सूखे आंवलों का इस्तेमाल कर सकते हैं। आंवलों को लोहे के बर्तन में उबालकर रात भर के लिए छोड़ दें। अगले दिन पानी डालकर इसे पतला कर दें।
अपने बच्चे को घर पर इन नेचुरल रंगों को बनाने में मदद करने के लिए कहें। उन्हें बताएं कि टॉक्सिक कलर स्किन और बालों को कितना ज्यादा नुकसान पहुँचाते हैं और इनके साइड इफेक्ट्स क्या होते हैं। इसके बाजय उन्हें नेचुरल कलर से खेलने के लिए कहें। जिन्हें फूल, पत्तियों और फलों के साथ एक्सपेरिमेंट करके आप तैयार कर सकते हैं। आपको यह देखकर खुशी होगी कि आपके छोटे से एफर्ट से आपके बच्चे को इको फ्रेंडली होली खेलने के लिए प्रेरणा मिलेगी।
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