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अक्सर लोग सोने से पहले कुछ गर्म पेय लेना पसंद करते हैं, जैसे कुछ लोग गुनगुना या गर्म दूध पीते हैं और कुछ गुनगुना पानी। पर क्या आप जानते हैं, सोने से पहले एक कप ग्रीन टी शरीर को काफी हद तक फायदा देती है। प्लांट कंपाउंड और न्यूट्रिएंट्स से भरपूर ग्रीन टी वजन कम करने के लिए और साथ ही अच्छी नींद के लिए हेल्थ कॉन्शस लोगों में काफी प्रसिद्ध है।
ग्रीन टी का उपयोग दुनिया भर में किया जाता है, पिछले कुछ सालों में हेल्थ के लिए अपने फायदों की वजह से यह काफी पॉपुलर हो गई है, ग्रीन टी को गर्म या ठंडे दोनों ही रूप में भी पिया जाता है। इस आर्टिकल में हम आपको एक कप ग्रीन टी से होने वाले फायदों के बारे में बता रहे हैं, आइए जानें;
इन दिनों हमारी जो लाइफस्टाइल है, उसके हिसाब से यह देखा गया है कि ज्यादातर महिलाओं को नींद न आने की समस्या होती है। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि ज्यादातर महिलाओं को एक दिन में केवल 5 घंटे ही आराम मिल पाता है बल्कि एक वयस्क के लिए 8 घंटे की नींद आवश्यक है। इससे कम कुछ भी आपकी हेल्थ और पूरे शरीर को प्रभावित कर सकता है।
ग्रीन टी में एमिनो एसिड एल-थिएनिन होता है जिसमें आराम देने और चिंता-मुक्त करने के गुण होते हैं, जो आपकी नींद को बेहतर बनाते हैं और यह एंग्जायटी के लिए एक नेचुरल रेमेडी भी है। यदि आपको नींद देर से आती है या सोने में कठिनाई होती है तो आप ग्रीन टी लें। शरीर के अच्छे स्वास्थ्य के लिए बेहतर नींद बहुत जरूरी है।
भीनी सुगंध वाली चाय पीने से एलडीएल कोलेस्ट्रॉल कम हो जाता है और इससे ट्राइग्लिसराइड्स को कम करने में भी मदद मिलती है। कोलेस्ट्रॉल कम होने से दिल स्वस्थ रहता है और ग्रीन टी पीने से कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ अच्छी रहती है। जापान में हुई स्टडी के अनुसार रोजाना कम से कम 5 कप ग्रीन टी पीने से हार्ट अटैक या स्ट्रोक आने की संभावनाएं लगभग 15% तक कम हो जाती हैं।
कैंसर पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा खतरनाक समस्या है। यह बीमारी सेल्स के बहुत ज्यादा व घातक रूप से बढ़ने से होती है। यह कहा जाता है कि ऑक्सीडेटिव डैमेज से शरीर में कैंसर विकसित होता है। ग्रीन टी में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट्स इस समस्या से सुरक्षित रखने में मदद करते हैं। आप कैंसर जैसी समस्याओं से बचने के लिए अपनी डायट में ग्रीन टी शामिल करें।
पॉजिटिव रहने से कई सारी समस्याएं कम हो जाती हैं। ग्रीन टी में मौजूद कैफीन से आपका मूड ठीक रहता है और आराम महसूस हो सकता है। ग्रीन टी में एल-थेनाइन भी होता है जो डिप्रेशन के लक्षणों को खत्म करने में मदद करता है। ग्रीन टी की एक सर्विंग से दिमाग में तरंगें उत्तेजित होती हैं। ये अल्फा वेव्स हैं जो दिमाग को रिलैक्स और खुश रखती हैं। न्यूरोट्रांसमीटर्स के विभिन्न लेवल, जैसे सेरोटोनिन और डोपामाइन मूड को प्रभावित करने के लिए जाने जाते हैं। ग्रीन टी में कैफीन के अलावा एल-थेनाइन भी होता है जो एंग्जायटी कम करता है और फ्रेशनेस व खुशी का अनुभव प्रदान करता है।
क्या आपने कभी सोचा है कि सोने से पहले ग्रीन टी पीने से कैलोरीज कम हो जाती हैं? हाँ, ऐसा होता है। आप अपना वजन कम करने के लिए रात को सोने से पहले ग्रीन टी पिएं। इससे आपको मेटाबॉलिज्म बढ़ने का भी अनुभव होगा।
आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि ग्रीन टी में थर्मोजेनिक गुण होते हैं जो शरीर के अतिरिक्त फैट को बर्न करते हैं। एक कप ग्रीन टी पीने से ब्लड शुगर कंट्रोल होता है और भूख से संबंधित समस्याएं ठीक होती हैं। ग्रीन टी पीने से नींद अच्छी आती है, मेटाबॉलिज्म में सुधार होता है, शारीरिक स्वास्थ्य ठीक रहता है और साथ ही वजन कम करने में भी मदद मिलती है।
हम सभी के लिए हेल्थ अच्छी रखना बहुत जरूरी है और ग्रीन टी से इसे पूरा करने में मदद मिलती है। इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट्स के गुण होते हैं जो शरीर के अंदर फ्री रैडिकल्स को सुरक्षित रखने में मदद करते हैं। ग्रीन टी कोलेस्ट्रॉल के लेवल को काफी हद तक कम करने में मदद करती है। कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करने के लिए नियमित रूप से एक्सरसाइज करें, फ्राइड फूड कम खाएं और सोने से पहले गर्म ग्रीन टी पिएं।
ओरल हाइजीन बेहतर होना बहुत जरूरी है इससे इन्फेक्शन या मसूड़ों में रोग होने की संभावनाएं कम हो जाती हैं। नियमित ग्रीन टी पीने से दाँतों व मसूड़ों को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है। ग्रीन टी पिरियोडोंटल रोगों की संभावनाओं को कम करता है।
पिरियोडोंटल समस्याओं, क्रोनिक और इंफ्लेमेटरी रोगों से दाँतों को सपोर्ट करने वाले मसूड़ों और हड्डियों पर प्रभाव पड़ता है। ग्रीन टी शरीर में इंफ्लेमेटरी रिएक्शंस में सुधार करने के लिए भी जाना जाता है जिससे पिरियोडोंटल रोगों से लड़ने में मदद मिलती है।
ग्रीन टी में मौजूद पोलीफेनॉल्स नामक एंटीऑक्सीडेंट्स एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के लिए भी जाने जाते हैं। ये ऑटो-इम्यून रोगों से सुरक्षित रखने में मदद करते हैं, जैसे रुहमेटॉइड आर्थराइटिस। ग्रीन टी शरीर में इम्यून सिस्टम को मजबूत रखने में मदद करती है। इस बात का ध्यान रखें कि आप खाली पेट ग्रीन टी या कोई भी चाय न पिएं। यह शरीर में विटामिन ‘बी1’ के अब्सॉर्प्शन को कम करता है जिससे बेरीबेरी नामक समस्या हो सकती है।
ग्रीन टी में मौजूद गुण एजिंग की प्रोसेस को धीमा कर देते हैं और साथ ही त्वचा हेल्दी रहती है और इसमें चमक भी आती है।
इससे शरीर में कोलेजन उत्पन्न होता है। जिन लोगों की त्वचा सेंसिटिव है उन्हें ग्रीन टी में मौजूद विटामिन ‘ई’ के बहुत सारे फायदे मिलते हैं। यह सेल्स के नष्ट होने की प्रक्रिया को धीमा करने में सक्षम है।
टाइप 2 डायबिटीज जैसी बीमारी पूरी दुनिया में फैल रही है और यह समस्या ज्यादातर लोगों को गंभीर रूप से प्रभावित करती है। यह अनुमान लगाया जाता है कि पूरी दुनिया में लगभग 400 मिलियन लोग इस समस्या से ग्रसित हैं। यह खून में शुगर बढ़ने और इन्सुलिन कम होने से होता है। सरल शब्दों में कहा जाए तो इस रोग से शरीर में शुगर के लेवल को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त इन्सुलिन उत्पन्न नहीं होता है। ग्रीन टी पीने से शरीर में इन्सुलिन सेंसिटिविटी में सुधार आता है और ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल होता है।
ग्रीन टी पीने से फ्रेश तो लगता ही है साथ ही इससे स्मार्टनेस आती है और दिमाग तेज काम करता है। ग्रीन टी में कैफीन होता है जो स्टिम्युलेंट की तरह काम करता है। ग्रीन टी में कैफीन की मात्रा कॉफी से कम होती है और इससे चिड़चिड़ाहट महसूस नहीं होती है जो अक्सर बहुत ज्यादा कैफीन का सेवन करने से होने लगती है। कैफीन एडेनोसाइन को ब्लॉक करता है जो दिमाग में मौजूद न्यूरोट्रांसमीटर है। इस प्रकार से यह न्यूरॉन्स को उत्तेजित करता है और विभिन्न न्यूरोट्रांसमीटर्स को कंसन्ट्रेट करता है, जैसे नोरएपिनेफ्रीन और डोपामाइन। कैफीन से दिमाग के विभिन्न फंक्शन में सुधार होता है, जैसे मूड, रिएक्शन का समय, विजिलेंस और मेमोरी। ग्रीन टी में एल-थेनाइन भी होता है जो दिमाग में मौजूद खून से संबंधित समस्याओं को कम करता है। इसमें एंटी-एंग्जायटी गुण भी होते हैं जो भावनाओं को कम करके आपको रिलैक्स्ड महसूस करने में मदद करते हैं।
ग्रीन टी से सिर्फ दिमाग व शरीर को ही फायदे नहीं मिलते हैं बल्कि यह दिमाग को पुरानी समस्याओं से भी बचाती है, जैसे पार्किंसन्स और अल्ज़ाइमर्स। ज्यादातर वृद्ध लोगों को अल्ज़ाइमर्स जैसी समस्याओं से प्रभाव पड़ता है और यह न्यूरोडीजेनेरेटिव रोग है जिससे डिमेंशिया होता है। पार्किंसन्स भी न्यूरोडीजेनेरेटिव समस्या है जो दिमाग में डोपामाइन उत्पन्न करने वाले न्यूरॉन्स नष्ट कर देता है। ग्रीन टी में मौजूद कैटेचिन कंपाउंड न्यूरॉन्स को सुरक्षित रखने में मदद करते हैं और उम्र बढ़ने पर इन दो न्यूरोजेनेरेटिव रोगों से बचाते हैं।
रात को ग्रीन टी पीने से निम्नलिखित साइड-इफेक्ट्स भी होते हैं, जैसे;
अन्य कैफीन-युक्त ड्रिंक की तरह ही ग्रीन टी पीने से भी सिर में दर्द, इरिटेशन, एंग्जायटी, हार्टबर्न और सोने में कठिनाई होती है। इसलिए दिन भर में सिर्फ 2 या 3 कप ग्रीन टी पीने की सलाह दी जाती है।
ग्रीन टी में पोलीफेनॉल्स होते हैं जिसे टैनिस कहा जाता है। यह पेट में एसिड को बढ़ाता है जिससे पेट में दर्द, मतली या कब्ज की समस्याएं हो सकती हैं। ये समस्याएं खत्म करने के लिए आप खाना खाते समय या खाने के बाद ग्रीन टी पिएं।
ग्रीन टी को नेचुरल डाइयुरेटिक भी कहते हैं। इसे पीने से बहुत ज्यादा पेशाब लगती है जिससे शरीर में पानी कम हो जाता है। यह शरीर में इलेक्ट्रोलाइट को असंतुलित करता है और डिहाइड्रेशन की समस्या भी हो जाती है।
यहाँ पर रात में ग्रीन टी पीने से संबंधित कुछ सवालों के जवाब बताए गए हैं, आइए जानें;
कैफीन से हर व्यक्ति में रिएक्शन अलग-अलग होते हैं इसलिए यदि आपको कैफीन से सेंसिटिविटी है तो आपको रात में खाने के बाद ग्रीन टी नहीं पीनी चाहिए। हालांकि इसमें माइल्ड कैफीन के साथ एल-थेनाइन भी होता है जिससे स्ट्रेस कम होता है और नींद भी अच्छी आती है।
आपको सोने से लगभग 1 घंटे पहले ग्रीन टी पीनी चाहिए।
नहीं, खाली पेट ग्रीन टी पीने से पेट खराब होने और डिहाइड्रेशन की समस्याएं होती हैं।
सोने से पहले एक कप ग्रीन टी पीना अच्छा है।
250 मिलीलीटर के एक कप में लगभग 30-50 मिलीग्राम ग्रीन टी होता है। रात में सोते समय लगभग 100 मिलीलीटर ग्रीन टी पीना अच्छा होता है।
ग्रीन टी वास्तव में एक बेहतरीन ड्रिंक है जिसे संयमित मात्रा में पीने से बहुत सारे फायदे होते हैं। यदि आपको इससे संबंधित कोई भी शंका है तो डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही ग्रीन टी लें। इस बात का ध्यान रखें कि आप सोने से लगभग एक घंटे पहले ग्रीन टी पिएं ताकि आपको देर तक जागने और बार-बार पेशाब के लिए उठने के कारण चिड़चिड़ाहट न हो। आप नींद में सुधार लाने के साथ-साथ फैट कम करने व बीमारियों क खत्म करने के लिए संयमित मात्रा में ग्रीन टी जरूर पिएं।
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