आप चाहे भारत के किसी भी हिस्से में हो, सर्दियों का मौसम ठंडी हवा और फ्लू लेकर आता ही है। यह पेरेंट्स के लिए भी चिंता का विषय है क्योंकि उन्हें न केवल अपने बच्चों का ध्यान रखना होता है बल्कि खुद का भी ख्याल रखना होता है। दवाएं कुछ हद तक तो राहत दे सकती हैं, लेकिन आपके फिर से बीमार पड़ने की संभावना होती है। अगर बात करें एलोपैथिक ट्रीटमेंट की तो उसके भी अपने कुछ साइड इफेक्ट्स होते हैं जो आपकी सेहत को दूसरी तरह से नुकसान पहुँचा सकते हैं। लेकिन अब भारतीय लोग घरेलू या हर्बल ट्रीटमेंट का ऑप्शन भी चुनने लगे हैं जो नेचुरल तरीके से आपको ठीक करने में मदद करता है।
आयुर्वेद प्राचीन समय से भारतीय ऋषियों और वैद्यों के लिए एक वरदान रहा है और इसका प्रयोग 5000 वर्षों से किया जाता आ रहा है। रिसर्च से पता चला है कि दैनिक जीवन में हम जिन पौधों और हर्ब का प्रयोग करते हैं, उनमें मौसमी बीमारियों से लड़ने की क्षमता होती है। आयुर्वेद का लक्ष्य पूरी हेल्थ और फिटनेस को बनाए रखना है ताकि बीमारियां हमसे दूर रह सकें। प्राचीन प्रणाली के अनुसार, मानव शरीर पाँच तत्वों से बना है – अंतरिक्ष, वायु, अग्नि, जल और पृथ्वी। ये लोगों में अलग-अलग अनुपात में तीन जीवन शक्ति (दोष) बनाते हैं जो वात, पित्त और कफ दोष हैं।
प्रत्येक जीवन शक्ति हमारे शरीर के फंक्शन को अपनी अलग-अलग क्षमताओं के अनुसार उसे कंट्रोल करती हैं। आयुर्वेद किसी भी तरह की फिजिकल प्रॉब्लम को ठीक कर सकता और उनके फंक्शन को पोषण प्रदान करके उन्हें एक्टिव कर सकता है। कई लोगों को आयुर्वेद की मदद से बेहतरीन रूप से बीमारियों का इलाज करने में सहायता, मिली है। आप इसी से कल्पना कर सकते हैं कि मामूली बीमारियों के लिए वैदिक विज्ञान कितना उपयोगी हो सकता है।
अब जब कि सर्दी बेहद करीब है, तो हर कोई सर्दियों में होने वाली कॉमन प्रॉब्लम का सामना करने वाला है, जो आप बिलकुल नहीं चाहेंगे की आपको हो। तो आप नेचुरल इंग्रीडिएंट से इन समस्याओं का इलाज करने के बारे में क्या सोचते हैं? इसके अलावा, विंटर प्रॉब्लम को ठीक करने के लिए आपको जिन इंग्रीडिएंट की आवश्यकता होती है उनमें से ज्यादातर आपको रसोई में आसानी से मिल जाएंगे। आइए सर्दियों में होने वाली कॉमन प्रॉब्लम का इलाज करने के लिए कुछ सरल और प्रभावी नेचुरल तरीकों पर एक नजर डालें।
क्या आप जानते हैं कि नमक, शहद और नारियल का तेल जैसी आम चीजें आपके गले के इन्फेक्शन को ठीक कर सकती हैं और आपकी त्वचा को सॉफ्ट बनाती हैं? तो आइए यह जानने के लिए इस लेख पढ़ते हैं कि वो कौन से ऐसे सिंपल इंग्रीडिएंट हैं जिनसे आप विंटर प्रॉब्लम का हल पा सकते हैं।
अक्सर ठंड की शुरुआत का पहला संकेत गले में दर्द या गले के इन्फेक्शन से होता है जिसके कारण गले में खुजली और कभी-कभी, असहनीय दर्द होता है। अगर आपको भोजन निगलते समय दर्द का अनुभव हो रहा है तो आप नीचे बताई गई टिप्स का उपयोग कर सकते हैं, इससे आपको गले के दर्द से राहत मिलेगी।
गले के दर्द से राहत पाने के लिए यह सबसे लोकप्रिय और आजमाए हुए तरीकों में से एक है, यहाँ तक कि आपकी दादी-नानी भी आपको नमक के पानी से गरारे करने की सलाह देंगी। ऐसा इसलिए है क्योंकि नमक में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं जो गले में मौजूद एसिड को बेअसर कर देते हैं, जिससे आपके गले में होने वाली जलन कम हो जाती है। एक गिलास गर्म पानी में 1/4 चम्मच नमक मिलाएं और दिन में कम से कम दो बार तब तक गरारे करें जब तक कि जलन दूर न हो जाए।
आयुर्वेद के अनुसार, बच्चों से लेकर बड़ों तक हर किसी को सर्दी और खांसी से बचाव के लिए हल्दी और केसर वाला दूध पीना चाहिए। सोते समय एक गिलास गर्म हल्दी वाला दूध गले में खराश और लगातार खांसी के लिए असरदार नुस्खा है।
आम फ्लू से छुटकारा पाने के लिए हर्बल चाय बहुत उपयोगी है। अपने प्याले में 2 भाग अदरक, 2 भाग दालचीनी और 3 भाग मुलेठी मिला कर चाय बनाएं और इसे दिन में कम से कम तीन बार पिएं। यह आपकी सेहत के लिए बहुत गुणकारी होता है।
ध्यान दें क्या शहद की शीशी आपकी रसोई की अलमारी के किसी कोने में बंद है? यदि आपको सर्दी हो गई है, तो उसका इलाज करने का समय आ गया है। इस इंग्रीडिएंट का यह लाभ है कि यह लंबे समय तक खराब नहीं होता है और इसे गले में सूजन को कम करने के लिए कभी भी प्रयोग किया जा सकता है। आप चाहें तो इसे सादा या फिर गले को शांत करने के लिए गरम पानी में अदरक के साथ शहद मिलाकर ले सकते है, शहद और थोड़ा सा चूने का प्रयोग गले के दर्द को शांत करने के लिए भी लाभदायक माना जाता है।
लहसुन की गंध और स्वाद के कारण कई लोग इसे पसंद नहीं करते है। लेकिन, जब आपके गले में खराश या दर्द महसूस होता है, तो कच्चे लहसुन को चबाने से गले में बहुत राहत मिलती है। इसमें एलिसिन नामक एक तत्व होता है जो आपके शरीर में मौजूद वायरस को मार सकता है। अपने मुँह में लहसुन रखें और धीरे से चबाएं। इसका रस भोजन नली से नीचे जाएगा और आपके गले को ठीक करेगा।
हालांकि कुछ महिलाओं को पूरे साल डैंड्रफ की समस्या का सामना करना पड़ता है, लेकिन यह ठंड के दिनों में ज्यादा बढ़ जाती है। कई बार, शैंपू और हेयर कंडीशनर जो आपके बालों को डैंड्रफ फ्री बनाने का दावा करते हैं, वह भी लाभकारी परिणाम नहीं देते हैं। इस सर्दियों में अपने बालों को डैंड्रफ फ्री रखने के लिए घरेलू उपचार अपनाएं।
यदि आपके सिर की त्वचा में खुजली महसूस होती है तो यह आपके बालों में रूसी का कारण बन सकती है, नीम आपके सिर में होने वाली डैंड्रफ की समस्या को दूर करता है। क्योंकि नीम में एंटी-फंगल गुण होते हैं, यह शरीर को रूसी से लड़ने में मदद करता है। यह कई कॉस्मेटिक उत्पादों में एक इंग्रीडिएंट के रूप में भी उपयोग किया जाता है, जैसे कि नीम का तेल। आप घर पर हेयर मास्क तैयार करने के लिए नीम का भी उपयोग कर सकती हैं। पत्तियों को पीस कर इसे दही के साथ मिलाएं और अपने सिर की जड़ो में अच्छे से लगाएं। 15 से 20 मिनट के लिए छोड़ दें और धो लें।
रूसी के कारणों में से एक यह भी है कि बालों की जड़ों को उतना विटामिन सी नहीं मिल पाता जितनी उन्हें जरूरत होती है। विटामिन सी सिर को स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। दो अंडों का सफेद भाग लें और उन्हें थोड़े नींबू के रस के साथ मिलाएं। इस मिश्रण को अपने बालों की जड़ों पर इस्तेमाल करें और धो लें। जल्द ही रूसी गायब हो जाएगी।
आंवला में विटामिन ‘सी’ भरपूर होता है, यह बालों की रूसी और रूखेपन को कम करता है। इसके अलावा, यह आपके सिर में हो रही खुजली को भी रोकता है। यहाँ आप आंवला पाउडर और तुलसी के कुछ पत्तों का उपयोग करके हेयर मास्क तैयार कर सकते हैं। दोनों को पीस कर पेस्ट बना लें, अच्छी तरह मिलाएं और समान रूप से पूरे बालों में लगाएं। लगभग 30 मिनट के बाद, पानी और एक माइल्ड शैम्पू के साथ बालों को धो लें ।
मेथी दाना या मेथी के छोटे बीज बालों की विभिन्न समस्याओं का इलाज करने में मददगार साबित होते हैं जैसे कि बहुत ज्यादा बाल झड़ना, रूसी, रूखापन, गंजापन और बालों का पतला होना। आप या तो उन्हें रात भर भिगोकर रख सकते हैं और सुबह खाली पेट खा सकते हैं या चाहे तो मेथी का हेयर मास्क भी बना सकते हैं। हेयर मास्क के लिए, बीजों को पीस कर पेस्ट बना लें फिर नींबू का रस मिलाएं। इस पेस्ट को बालों के सिरे और जड़ों पर लगाएं और 30 मिनट के लिए छोड़ दें। किसी माइल्ड शैम्पू के साथ बालों को धो लें ।
आंवला, रीठा और शिकाकाई प्राचीन जड़ी-बूटियों में से हैं, जिनमें विटामिन सी की बहुत अधिक मात्रा होती है। यह आपके सिर में रूसी और अन्य इन्फेक्शन को होने से भी रोकते हैं। 2-3 आंवले की फली, 5-6 रीठा की फली और 6-7 शिकाकाई के टुकड़ों को रात भर भिगो दें। सुबह में इस मिश्रण को एक साथ उबाल लें और इसे ठंडा होने दें। मिश्रण को अच्छी तरह मिलाएं और निचोड़ दें। आपका अपना हर्बल शैम्पू तैयार है।
यह आपमें से उन लोगों के लिए है जिनकी त्वचा नेचुरली ड्राई है, उनके लिए सर्द हवाएं एक मुसीबत है। रूखी और पपड़ीदार त्वचा खुजली और रैशेस पैदा करती है, इसलिए आपको घरेलु नुस्खे से त्वचा को सुंदर और चमकदार बनाने की जरूरत है। इसके अलावा आपको स्किन प्रॉब्लम तब होती है मरकरी लेवल कम हो जाता है, यहाँ आपको कुछ घरेलू उपचार बताए गए हैं जिनकी मदद से आप सर्दियों में होने वाली इस समस्या से छुटकारा पा सकती हैं।
यह सुनने में अजीब लग सकता है, लेकिन सूरजमुखी के बीज का तेल त्वचा के छिद्रों को खोलता है और त्वचा को अच्छी तरह से हाइड्रेट करता है। कौन जानता था कि इस तेल का हमारे पसंदीदा व्यंजनों को पकाने के अलावा भी एक बढ़िया उपयोग है ।
एक स्टडी से पता चलता है कि रूखी त्वचा की मरम्मत के लिए नारियल तेल पेट्रोलियम जेली जैसा ही उपयोगी होता है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि इस तेल में संतृप्त वसा अम्ल (सैचुरेटेड फैटी एसिड) होते हैं जो शुष्क त्वचा के लिए चिकनाहट देने का काम करते है।
यदि आपके घर में एलोवेरा का पौधा है, तो यह बहुत अच्छा है। इसकी एक पत्ती काट लें, इसे छील लें, और इसके गूदे को एक चम्मच से निकाल लें। आप इसे एक नेचुरल प्रिजर्वेटिव जैसे नींबू के रस के साथ मिलाकर एक जार में रख के सर्दियों के दिनों में हर रोज इस्तेमाल कर सकते है। दी गई इस सलाह के अनुसार एलोवेरा जेल लगाने के बाद, आप मोजे या दस्ताने से हाथ पैर को ढक दें। बिस्तर पर जाने से ठीक पहले अपने अंगों पर मालिश करें, यह खुरदरी त्वचा से मुक्ति पाने का एक और अच्छा तरीका है।
रूखी त्वचा के लिए घरेलू उपचार के रूप में शहद का उपयोग किया जा सकता है। इसमें मॉइस्चराइजिंग और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं। आप चाहें तो इसे सीधे त्वचा पर लगा सकते हैं।
ओट्स आपका पसंदीदा इंग्रीडिएंट होने के अलावा भी बहुत सारी खूबी रखता है, ओट्स आपकी रूखी त्वचा को राहत देने में भी मदद करता है। आप या तो अपने नहाने के पानी में ओट्स पाउडर डाल सकते हैं या अपना खुद का ओट्स फेस मास्क बना सकते हैं।
सर्दियों के दौरान होने वाली स्किन प्रॉब्लम पहले से मौजूद मुँहासों की कंडीशन को बदतर बना सकते हैं। सर्दियों के दौरान कभी-कभी, डाइट में चेंजेस करने से भी मुँहासे हो सकते हैं, जो शायद पहले आपको कभी भी नहीं हुए। यहाँ आपको कुछ घरेलू उपचार दिए गए हैं, जिनका उपयोग आप सर्दियों के दौरान मुँहासों के इलाज के लिए कर सकते हैं।
ग्रीन टी आपके शरीर को डिटॉक्स करती है जिससे यह काफी फायदेमंद है। मुँहासे शरीर में टॉक्सिन होने का संकेत हैं और ग्रीन टी उन टॉक्सिन को बाहर करने में मदद कर सकती है। नेचुरल इंग्रीडिएंट तुलसी पत्ता, लेमनग्रास, कैमोमाइल, लैवेंडर, आदि का उपयोग आप ग्रीन टी बनाते समय कर सकते हैं। इसके अलावा, आप ग्रीन टी के मिश्रण में एक कॉटन बॉल भी डुबोकर सीधे इसे मुँहासों पर लगा सकते हैं। इसे लगभग 10 मिनट के लिए छोड़ दें, फिर इसे धो लें। बस ध्यान रखें कि इसमें कोई चीनी नहीं होनी चाहिए।
सेब के सिरके में एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं और इसलिए,सर्दियों के मुँहासे को दूर करने के लिए इसे एक बेहतरीन ट्रीटमेंट के रूप में जाना जाता है। एक कप पानी में लगभग एक चम्मच सेब का सिरका मिलाएं और कॉटन बॉल का इस्तेमाल करके इसे सीधे मुँहासों पर लगाएं।
हल्दी एक नेचुरल एंटीसेप्टिक है और दही में मॉइस्चराइजिंग गुण होते हैं। जब इन नेचुरल इंग्रीडिएंट को एक साथ मिलाया जाता है, तो यह एक बेहतरीन रेमेडी के रूप में काम करता है और सर्दियों में ग्लोइंग त्वचा प्रदान करता है।
सर्दियों के दौरान पैरों की कंडीशन बहुत खराब हो जाती। जैसे जैसे तापमान नीचे गिरने लगता है और आपकी त्वचा और भी ज्यादा ड्राई होने लगती है, फटी एडियां एक और ऐसी प्रॉब्लम हैं जिनका सामना हम सर्दियों के दौरान करते हैं, यह एक काफी कॉमन प्रॉब्लम है जिसके बारे में ज्यादातर लोग शिकायत करते हैं। लेकिन चिंता न करो। इन नेचुरल होम रेमेडी का उपयोग करें और फटी एड़ियों से छुटकारा पाएं।
शहद में नेचुरल प्रॉपर्टी होती है जो मॉइस्चराइज, त्वचा को साफ करने और घाव को जल्दी ठीक करने में मदद करता है। इसलिए, यह सर्दियों में फटी एडियों का इलाज करने में भी उपयोगी साबित होता है। आप इसे अपनी एड़ी पर लगा कर कुछ मिनट के लिए छोड़ दें और गुनगुने पानी से धो लें। कुछ लोग शहद का इस्तेमाल फूट स्क्रब और फूट मास्क के रूप में भी करते हैं।
नारियल का तेल सर्दियों के दौरान उपयोग किए जाने वाले सबसे बेहतरीन नेचुरल इंग्रीडिएंट में से एक है। इसका उपयोग रूखी त्वचा, रूखे सिर, रूसी और फटी हुई एडियों का इलाज करने के लिए किया जाता है। कोल्ड-प्रेस्ड वर्जिन कोकोनट ऑयल किसी भी अन्य रूप में मौजूद नारियल तेल से बेहतर रिजल्ट देता है। बस इसे अपनी फटी एड़ियों पर सीधे लगाएं और रात भर के लिए छोड़ दें ताकि आपको बेहतर रिजल्ट मिल सके।
ऑलिव ऑयल और ओटमील स्क्रब त्वचा को मॉइस्चराइज और एक्सफोलिएट करते हैं। ऑलिव ऑयल मॉइस्चराइजर के रूप में कार्य करता है और ओटमील एक्सफोलिएट का काम करता है। इसलिए, सर्दियों के दौरान फटी एड़ी का इलाज करने के लिए यह एक अच्छा घरेलू उपचार है।
आपके होंठ बहुत सेंसेटिव होते हैं, इन्हें मॉइस्चराइज रखने के बाद भी ये अक्सर ड्राई हो जाते हैं, खासकर सर्दियों के मौसम में। उन्हें सॉफ्ट और पोषित रखने का सबसे अच्छा तरीका है नेचुरल इंग्रीडिएंट का उपयोग करें। यहाँ सर्दियों में फटे होंठों के लिए आपको कुछ घरेलू उपचार दिए गए हैं।
चीनी और ऑलिव ऑयल मिलकर सूखे होंठों को मॉइस्चराइज करते हैं और उन्हें एक्सफोलिएट करते हैं। यह ड्राई स्किन के लिए एक बढ़िया घरेलू उपचार है, लेकिन इसका उपयोग पूरे शरीर में नहीं किया जा सकता है। हालांकि, आप इसे हाथ और पैर के स्क्रब के रूप में उपयोग कर सकते हैं। ऑलिव ऑयल की कुछ बूंदों में एक चम्मच चीनी मिलाएं और इसे लगभग एक मिनट के लिए हल्के हाथों से सर्कुलर मोशन में मालिश करें।
सर्दियों के दौरान फटे होंठों का इलाज करने के लिए शहद और नमक का लिप स्क्रब एक प्रभावी उपचार है। 1 चम्मच शहद में लगभग 1/2 चम्मच नमक मिलाएं और कुछ सेकंड के लिए इस मिश्रण से होंठों पर धीरे-धीरे मालिश करें। शहद में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं और इसे सीधे सूखे, फटे और यहाँ तक कि जख्मी होंठों पर भी लगाया जा सकता है।
सर्दियों में शुष्क त्वचा का इलाज करने के लिए घी या बटर लगाना एक और बेहतरीन घरेलू उपाय है। घी की कुछ बूंदों को होंठों पर लागू करें और इसे साफ करने से पहले गर्म पानी में टॉवल भिगोए और साफ करें। आप इसे रात भर भी लगाकर छोड़ सकते हैं क्योंकि इसे लगाए रहने से आपको कोई नुकसान नहीं होगा।
सर्दियों की सुबह आपके कानों के लिए परेशानी का कारण बन सकती है और आपको अपनी कानों में गुदगुदी सी महसूस होती है, हालांकि चाहे जितना आप अपने कानों को स्कार्फ से ढककर रखते हों, लेकिन इससे नहीं बच सकते हैं। यदि आपको इस समस्या का अनुभव हो तो ई.एन.टी. डॉक्टर को दिखाना बेहतर होगा । लेकिन आप अपने कान के इन्फेक्शन को दूर करने के लिए इन घरेलू उपचारों का उपयोग कर सकते हैं।
लहसुन कान, नाक या गले में होने वाली परेशानियों के लिए एक बेहतरीन उपचार है। क्या आप जानना चाहते हैं कि नेचुरल तरीके से कानों के लिए ड्रॉप कैसे तैयार कर सकते हैं ? लहसुन के दो टुकड़े लेकर उसे मसले और उसमें सरसों का तेल मिलाएं। इस मिश्रण को तब तक गर्म करें जब तक लहसुन थोड़ा काला न हो जाए। एक बार जब यह ठंडा हो जाए तो इसकी कुछ बूंदे कान में डालें। दूसरा तरीका यह है कि तिल के तेल के साथ फली को कुचलें और उबालें। इस प्रकार लहसुन का उपयोग करने से आपके कानों में हो रहे दर्द से तुरंत राहत मिलेगी।
तुलसी का पौधा अपने औषधीय गुणों के लिए आयुर्वेद में लोकप्रिय है। जिसमें से यह कानों के दर्द में से राहत दिलाने के लिए रामबाण का काम करती है। बस तुलसी के कुछ पत्तों को मसलकर उसके रस में नारियल का तेल मिला लें। फिर आप इसका उपयोग नियमित रूप से कर सकती हैं, जब तक दर्द कम न हो जाए।
सरसों के तेल को गुनगुना करके इसकी बूंदे कान में डालने से दर्द में तुरंत राहत मिलती है। सरसों का तेल कान के दर्द को दूर करने के लिए काफी पुराना उपचार है।
पहले यह सुनिश्चित जरूर कर लें कि आप ऑर्गेनिक सिरका ही इस्तेमाल कर रहे हों। उन प्रोडक्ट से बचें जो मिलावट के साथ आते हैं। आप थोड़ा सा पानी ले कर एप्पल साइडर सिरका में डाल कर उसे पतला कर सकते हैं फिर उसे रुई की मदद से कानों में तरल डालें। 5 मिनट तक उसी पोजीशन में रुई को रहने दें। यह आयुर्वेदिक घरेलू उपाय कानों में जाने वाले खराब बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करता है ।
नमक कान के इन्फेक्शन के लिए लाभकारी होता है। इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि अपने कानों में कभी भी नमक का पानी न डालें। इसके बजाय आप यह कर सकते हैं कि लगभग 10 मिनट के लिए अपने कान में गर्म नमक के साथ रुई रख सकते हैं। ऐसा करने से खराब लिक्विड बाहर निकल जाएगा और सूजन कम हो जाएगी। क्योंकि गले के साथ कान का दर्द भी जुड़ा होता है, इसलिए आप नमक के पानी से भी गरारे कर सकते हैं।
ऊपर बताए गए घरेलू इलाज हमारे बुजुर्गों द्वारा ज्यादा बताए जाते हैं और पसंद किए जाते हैं। हर व्यक्ति में अलग-अलग शारीरिक दोष होते है, इसलिए जरूरी नहीं है कि हर व्यक्ति को हर इलाज फायदा ही करे। आयुर्वेद लंबे समय के लिए बीमारी को खत्म कर देता है और अगर आप भी नेचुरल तरीके से घर पर ठीक होना चाहते हैं, तो बिना दोबारा सोचे अपने डॉक्टर से बात करें।
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