गर्भधारण

महिला नसबंदी के बाद गर्भावस्था

गर्भधारण होने से रोकने यानि महिला नसबंदी के लिए महिलाओं की दोनों डिंबवाही नलिकाओं को बांधना (ट्यूबल लिगेशन) एक प्रभावी तरीका है और आमतौर पर इसे जन्म नियंत्रण का एक स्थाई तरीका माना जाता है। अंडों को गर्भाशय में प्रवेश करने से रोकने की इस प्रक्रिया को “बंध्याकरण क्रिया” के रूप में भी जाना जाता है, इस प्रक्रिया में डिंबवाही नलिका को काटा और बांधा जाता है। यद्यपि आधुनिक सर्जरी तकनीकों की मदद से बंध्याकरण को फिर से खोला जा सकता है, लेकिन इसके बाद गर्भधारण की संभावना का आश्वासन नहीं दिया जा सकता है।

महिला नसबंदी के बाद गर्भावस्था की क्या संभावनाएं है?

यह प्रक्रिया निश्चित तौर से गर्भधारण रोकने का असरदार तरीका है लेकिन एक साल के बाद 1000 में से 1 महिला के गर्भवती होने की संभावना रहती है। बंध्याकरण का शल्यक्रिया करते समय, चिकित्सक डिंबवाही नलिकाओं को काटते हैं और फिर उसे बंद करके बांध देते हैं। यदि इस प्रक्रिया के बाद डिंबवाही नलिका वापस बढ़ती है तो गर्भावस्था हो सकती है। हालांकि, पाँचवें वर्ष के बाद, 1000 में लगभग 2 से10 के बीच महिलाओं के गर्भधारण करने की संभावना रहती है । डिंबवाही नलिकाओं के बांधने के बाद भी कुछ मामलों में गर्भावस्था हो सकती है। इसमें ‘अस्थानिक गर्भावस्था’ के जोखिम की संभावना सबसे अधिक होती है। यदि बंध्याकरण के बाद भी आपको गर्भावस्था के लक्षण दिखाई देते हैं, तो इस मामले में अपने डॉक्टर से बात करना ज्यादा बेहतर होगा।

महिला नसबंदी की विफलता के कारण

नसबंदी की विफलता के संभावित कारण निम्नलिखित हैं:

  • बंध्याकरण के दौरान डिंबवाही नलिकाओं को ठीक तरह से बंद ना किया जाना
  • शल्यक्रिया के दौरान होने वाली तकनीकी गलतियां
  • डिंबवाही नलिकाओं की सही तरीके से पहचान न हो पाने के कारण उनके स्थान पर किसी अन्य शारीरिक भाग को बांधना
  • पुनर्निधारण – सही तरीके से बंद न किए जाने के कारण डिंबवाही नलिकाओं का दोबारा निर्माण होना
  • ल्यूटल फेज प्रेगनेंसी (पीतपिंड प्रावस्था) – जहाँ गर्भावस्था ट्यूबल बंधाव शल्यचिकित्सा से पहले अप्राप्य रहती है
  • बांधने की प्रक्रिया के लिए गलत उपकरणों का उपयोग करना
  • घाव न भर पाने के कारण डिंबवाही नलिकाओं में नासूर हो जाता है

महिला नसबंदी के बाद गर्भावस्था की संभावना

सभी ऑपरेशन की तुलना में, बंध्याकरण की प्रक्रिया हालांकि सुरक्षित है, लेकिन इसके कुछ जोखिम भी है। आपका सर्जन आपको एक ‘सहमति फॉर्म’ प्रदान करेगा जिसमें डिंबवाही नलिकाओं को बांधने से जुड़े जोखिमों के बारे में बताया गया होगा। संभावित जोखिमों में निम्नलिखित शामिल हैं:

  • अस्थानिक गर्भावस्था, जहाँ अंडा गर्भाशय के बाहर उत्पादित होता है
  • पेट के अंदर कट जाने के कारण रक्तस्राव
  • संक्रमण
  • डिंबवाही नलिकाओं को सही तरीके से बंद न किया जाना जो आगे गर्भावस्था की संभावना बढ़ाता है
  • अन्य अंगों का नुकसान
  • निश्चेतना (एनेस्थीसिया) से जुड़े जोखिम

कुछ अन्य जोखिम इस प्रकार है जो आपके विशिष्ट स्वास्थ्य स्थिति के कारण हो सकते हैं :

  • अतीत में की गई पेट की सर्जरी
  • फेफड़ों की बीमारी
  • वजन ज़्यादा होना
  • मधुमेह
  • श्रोणि सूजन संबंधी बीमारियाँ

नसबंदी के बाद गर्भधारण करने के लक्षण और संभावनाएं

यदि बंध्याकरण किए जाने के बाद भी आपकी डिंबवाही नलिकाएं एक साथ वापस बढ़ती है, तो आपको पूर्ण अवधि की गर्भावस्था हो सकती है। बंध्याकरण के बाद के गर्भावस्था से जुड़े लक्षण निम्नलिखित हैं:

  • लगातार पेशाब आना
  • स्तनों में कोमलता
  • लगातार थकान
  • विशिष्ट खाद्य पदार्थों के खाने की इच्छा होना
  • सुबह-सुबह जी मिचलाना
  • मासिक धर्म का न आना
  • विशिष्ट खाद्य पदार्थों के बारे में सोचने या देखने के बाद उबकाई आना

अस्थानिक गर्भावस्था

एक सामान्य गर्भावस्था में, अंडा डिंबवाही नलिका से गुजरता है और गर्भाशय में प्रत्यारोपित हो जाता है। गर्भावस्था तब होती है जब एक निषेचित अंडा गर्भाशय के बाहर कहीं भी – आमतौर पर डिंबवाही नलिका के अंदर प्रतिस्थापित हो जाता है, इसे अस्थानिक गर्भावस्था के रूप में जाना जाता है। हालांकि ऐसी गर्भावस्था दुर्लभ होती है और उनकी प्राथमिकता पर इलाज करने की आवश्यकता है, क्योंकि वे एक जटिल स्थिति पैदा कर सकते हैं। इसे ट्यूबल गर्भावस्था के रूप में भी जाना जाता है।

लक्षण

  • पारंपरिक गर्भावस्था के लक्षणों के अलावा, अस्थानिक गर्भावस्था के निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं :
  • योनि से हल्का रक्तस्राव
  • पेट दर्द
  • मल त्याग के दौरान श्रोणि में दबाव
  • श्रोणी का दर्द
  • कंधों में दर्द होना
  • प्रकाश-प्रधानता की भावना
  • योनि से अत्यधिक रक्तस्राव
  • होश खोना या दम टूटनामहिला नसबंदी के बाद गर्भावस्था

जटिलताएं

अस्थानिक गर्भावस्था से जुड़ी जटिलताएं निम्नलिखित हैं:

  • डिंबवाही नलिकाओं का टूटना
  • आंतरिक रक्तस्राव
  • संक्रमण
  • बड़ी मात्रा में रक्त की हानि
  • इलाज न किए जाने से मौत

अस्थानिक गर्भावस्था का खतरा किसे हो सकता है?

निम्नलिखित जोखिम जिनसे महिलाओं को अस्थानिक गर्भावस्था होने का खतरा रहता है:

  • कई बार गर्भपात कराना
  • प्रजनन संबंधी दवाओं का सेवन या उपचार
  • 35 से 44 की उम्र में गर्भवती होना
  • अतीत में पेट या श्रोणि का ऑपरेशन
  • पहले भी अस्थानिक गर्भावस्था होना
  • श्रोणि सूजन की बीमारी (पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज)
  • नसबंदी के बाद गर्भावस्था
  • अन्तर्गर्भाशय-अस्थानता (एन्डोमेट्रिओसिस)
  • धूम्रपान

महिला नसबंदी के बाद गर्भावस्था के विकल्प क्या हैं?

यदि आप यह सोच रहीं हैं कि बंध्याकरण के बाद गर्भवती कैसे हो सकती हैं, तो निम्नलिखित विकल्पों पर गौर करें:

1. नसबंदी को खोलना

एक महिला द्वारा नसबंदी के बाद उसकी प्रजनन क्षमता को बनाए रखने के लिए डिंबवाही नलिकाओं को वापस से खोल दिया जाता है । इस प्रक्रिया के दौरान, डिंबवाही नलिकाओं के अवरुद्ध भागों को दोबारा से जोड़ा जाता है । यह प्रक्रिया अंडों को डिंबवाही नलिकाओं तक जाने में मदद करती है जो शुक्राणुओं के साथ भी मिलती है । यदि डिंबवाही नलिकाएं कम से कम क्षतिग्रस्त हुई हों, तो गर्भधारण करने की संभावना अधिक बढ़ जाती है।

2. आई.वी.एफ.

यदि आपने नसबंदी करवा ली है और इसके बाद दोबारा बच्चा चाहती हैं, तो ‘इन विट्रो निषेचन’ या आई.वी.एफ. एक विकल्प है। यह प्रक्रिया मूल रूप से ब्लॉकेज आदि जैसी समस्याओं से जूझ रही महिलाओं की मदद करने के लिए बनाई गई है। यह बंध्याकरण के बाद महिलाओं को गर्भ धारण करने का एक लोकप्रिय विकल्प है। बढ़ती चिकित्सा विशेषज्ञता के कारण यह प्रक्रिया कई महिलाओं के लिए विशेष रूप से एक सुरक्षित विकल्प है।

3. स्थानापन्न मातृत्व या सरोगेसी

यदि कोई महिला, नसबंदी करवाने के बावजूद गर्भधारण करने का निर्णय लेती है तो इस मामले में स्थानापन्न मातृत्व या सरोगेसी का उपाय सुझाया जाता है। इस मामले में, एक सरोगेट माँ एक ऐसे बच्चे को गर्भ में धारण करती है, जो जैविक रूप से उससे जुड़ा नहीं है। इस प्रक्रिया में माता या अंडाणु दान करने वाली महिला के अंडों को पिता या दाता के शुक्राणु द्वारा निषेचित किया जाता है और फिर आई.वी.एफ की प्रक्रिया के माध्यम से इसे प्रत्यारोपित किया जाता है। एक महिला जिसने नसबंदी कराया है, वह इस प्रक्रिया के माध्यम से गर्भधारण करने में सक्षम होती है, हालांकि इस मामले में अभी तक सरोगेट माँ का उपयोग उतना नहीं किया जा रहा है।

हालांकि महिला नसबंदी गर्भावस्था को रोकने का एक प्रभावी तरीका है, लेकिन यह 100% सुरक्षा नहीं देता है और इसके कई जोखिम भी होते हैं। चूंकि यह आपको यौन संचारित रोगों से नहीं बचाता है, इसलिए कंडोम का उपयोग करने की अत्यधिक अनुशंसा की जाती है। यदि आप बंध्याकरण की प्रक्रिया और इसकी प्रभावशीलता के बारे में अनिश्चित है, तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

समर नक़वी

Recent Posts

अ अक्षर से शुरू होने वाले शब्द | A Akshar Se Shuru Hone Wale Shabd

हिंदी वह भाषा है जो हमारे देश में सबसे ज्यादा बोली जाती है। बच्चे की…

19 hours ago

6 का पहाड़ा – 6 Ka Table In Hindi

बच्चों को गिनती सिखाने के बाद सबसे पहले हम उन्हें गिनतियों को कैसे जोड़ा और…

19 hours ago

गर्भावस्था में मिर्गी के दौरे – Pregnancy Mein Mirgi Ke Daure

गर्भवती होना आसान नहीं होता और यदि कोई महिला गर्भावस्था के दौरान मिर्गी की बीमारी…

19 hours ago

9 का पहाड़ा – 9 Ka Table In Hindi

गणित के पाठ्यक्रम में गुणा की समझ बच्चों को गुणनफल को तेजी से याद रखने…

3 days ago

2 से 10 का पहाड़ा – 2-10 Ka Table In Hindi

गणित की बुनियाद को मजबूत बनाने के लिए पहाड़े सीखना बेहद जरूरी है। खासकर बच्चों…

3 days ago

10 का पहाड़ा – 10 Ka Table In Hindi

10 का पहाड़ा बच्चों के लिए गणित के सबसे आसान और महत्वपूर्ण पहाड़ों में से…

3 days ago