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महिलाओं में बांझपन की समस्या होने पर चिकित्सक गर्भधारण की संभावना को बढ़ाने के लिए प्रजनन की दवाइयां निर्धारित करते हैं। हालांकि इन दवाओं को लेने से फायदा और नुक्सान दोनों ही हैं, तो आइए जानते हैं इन दवाओं के लाभ और इनका उपयोग करने से क्या दुष्प्रभाव होते हैं।
महिलाओं में प्रजनन क्षमता को बढ़ाने वाली दवाओं को प्रजनन की दवा कहा जाता है। प्रजनन की दवा का उपयोग उन हॉर्मोन को सक्रिय करने के लिए किया जाता है जो अंडाशय से डिंब मुक्त करते हैं – इसे डिंबोत्सर्जन की प्रक्रिया कहते हैं।
प्रजनन दवाएं अधिकतर महिलाओं में प्रजनन संबंधी समस्याओं के लिए निर्धारित की जाती हैं। हालांकि, इसका उपयोग अन्य स्वास्थ्य स्थितियों में भी किया जा सकता है जैसे:
प्रजनन की दवाएं निम्नलिखित लाभ प्रदान करती हैं:
दुर्भाग्य से, महिलाओं को प्रजनन की दवाओं का उपयोग करने से गंभीर परिणामों का सामना करना पड़ सकता है, जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं:
इन दवाओं के सेवन से महिलाओं का मिजाज बदलता रह सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि सभी प्रजनन दवाएं शरीर में हॉर्मोन के स्तर को बदलती हैं, विशेष रूप से एस्ट्रोजेन के। इसकी की उच्च खुराक मिजाज़ में बदलाव और अवसाद का कारण बनती हैं।
जुड़वा या उससे ज़्याद बच्चे, माँ के लिए तथा बच्चों के लिए खतरा हो सकते हैं। जन्म के समय शिशु का बहुत कम वज़न हो सकता है जो दीर्घ-कालिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा करता है और कुछ मामलों में घातक भी साबित हो सकता है।
यदि प्रजनन दवाओं का उपयोग किया जाता है तो एकाधिक जन्म आम है जिसके कारण समय से पूर्व प्रसव हो सकता है और इस कारण बच्चे के पैदा होने पर कई समस्याएं हो सकती हैं।
यदि हॉर्मोन इंजेक्शन की प्रतिक्रिया के कारण अंडाशय सूज जाता है, तो यह ओ.एच.एस.एस. का कारण बन सकता है। इस स्थिति में दर्द, तेजी से वज़न बढ़ना, पेशाब कम आना, मतली, उल्टी और सांस लेने में समस्या होती है। गंभीर मामलों में यह समस्याएं, महिलाओं के लिए घातक साबित हो सकती हैं।
प्रजनन की दवाओं से अस्थानिक गर्भधारण का खतरा चार गुना बढ़ जाता है। यह एस्ट्रोजेन के उच्च स्तर और बहु- अंडाणु के कारण होता है।
प्रजनन दवाओं को केवल तभी लिया जाना चाहिए जब आप एक साल से अधिक समय तक प्रयास करने के बाद भी गर्भधारण करने में असमर्थ हों। हालांकि, 1 वर्ष तक कोशिश करने के बाद, डॉक्टर निम्नलिखित प्रजनन दवाएं दे सकते हैं।
यह बाज़ार में उपलब्ध सबसे आम प्रजनन की दवा है और संभवत: यह पहली प्रजनन दवा है जो डॉक्टर आपको बता सकते हैं। यह दवा लोकप्रिय है क्योंकि यह काफी सस्ती है और इसे लेने वाले 80% लोगों को दवा लेने के 6 महीने के भीतर गर्भधारण होता है। इंजेक्शन से दी जाने वाली दवाओं के विपरीत, यह खाने की गोली है जिसे लेना सरल है।
यह आमतौर पर दी जाने वाली ऐसी प्रजनन की दवा है जो महिलाओं के साथ-साथ पुरुषों को भी दी जा सकती है। इसका उपयोग प्रोलैक्टिन हॉर्मोन के अधिक उत्पादन को रोकने के लिए किया जाता है। महिलाओं में, यह मासिक धर्म की समस्याओं के इलाज के लिए भी प्रयोग किया जाता है। पुरुषों में, प्रोलैक्टिन के उच्च स्तर के कारण कम शुक्राणु या कम टेस्टोस्टेरॉन की समस्याओं में मदद करता है।
इसके अलावा पार्किंसन रोग का इलाज करने के लिए, पिट्यूटरी ट्यूमर के विकास को धीमा करने के लिए और कई बार टाइप 2 मधुमेह के लिए भी इस दवा का उपयोग किया जा सकता है।
बाज़ार में महिलाओं के लिए कई प्रकार की प्रजनन दवाएं उपलब्ध हैं। लेकिन आमतौर पर जो दवाएं दी जाती हैं वे निम्नलिखित हैं:
मुख्य रूप से यह उन महिलाओं को दी जाती है जो अंडोत्सर्ग की समस्या से पीड़ित होती हैं। यह पी.सी.ओ.एस. से पीड़ित महिलाओं को भी दी जा सकती है और जिन महिलाओं में नियमित अंडोत्सर्ग होता है उनमें डिंब के उत्पादन में वृद्धि के लिए भी दी जाती है।
यह दवा प्रोजेस्टेरोन के स्तर को कम कर के फॉलिकल बढ़ाने वाले हॉर्मोन (एफ.एस.एच.) के अधिक उत्पादन के लिए मस्तिष्क को प्रेरित करती है जिससे अधिक अंडोत्सर्ग होता है और अधिक डिंब का भी निर्माण होता है। यह पी.सी. से पीड़ित महिलाओं और सामान्य अंडोत्सर्ग करने वाली महिलाओं में डिंब की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद करता है।
यह दवा दो हॉर्मोन से बनी है, जिनका नाम है फॉलिकल स्टिमुलेटिंग हॉर्मोन (एफ.एस.एच.) और ल्यूटिनाइजिंग हॉर्मोन (एल.एच.)। दोनों अंडाशय को अच्छी गुणवत्ता वाले डिंब का उत्पादन करने में मदद करते हैं और डिंब विकसित करने में भी मदद करते हैं।
यह दवा इंजेक्शन के रूप में उपलब्ध है और यह डिंब को परिपक्व होने में मदद करती है। यह ज़्यादातर पी.सी.ओ.एस से पीड़ित महिलाओं के लिए निर्धारित की जाती है या यदि क्लोमीफीन दवा काम नहीं करती है तब दी जाती है या फिर बांझ महिला अगर आई.वी.एफ. उपचार करा रही है, तब इस दवा का उपयोग किया जाता है।
यह दवा आई.वी.एफ. के साथ-साथ नियंत्रित अंडाशय की उत्तेजना तकनीक से उपचार हेतु महिलाओं के लिए निर्धारित किया गया है। यह एल.एच. और एफ.एस.एच. को बाधित करके प्रेरित अंडोत्सर्ग को रोकता है और आई.वी.एफ. के समय में ही डिंब को विकसित करने देता है।
अधिकांश प्रजनन दवाओं की तरह, यह पी.सी.ओ.एस. से पीड़ित महिलाओं में अंडोत्सर्ग की समस्याओं का इलाज करने में मदद करता है। यह एस्ट्रोजेन स्तर और टेस्टोस्टेरोन स्तर को बराबर करने में मदद करता है, जिससे शरीर को नियमित रूप से अंडोत्सर्ग करने में मदद मिलती है।
इस दवा से प्रोलैक्टिन हॉर्मोन के अत्यधिक उत्पादन की समस्या के कारण अंडोत्सर्ग में समस्याओं का इलाज किया जाता है। यह गोली/टैबलेट के रूप में या योनि सपोसिटरी के रूप में उपलब्ध है।
प्रजनन की दवाएं एक दूसरे से रूपों में भिन्न हो सकती हैं, कुछ टैबलेट/गोलियों के रूप में हैं और कुछ इंजेक्शन के रूप में।
क्लोमिफीन जैसी कुछ प्रजनन की दवाएं पी.सी.ओ.एस. से पीड़ित महिलाओं को अंडोत्सर्ग करने में मदद कर सकती हैं, जबकि कुछ महिलाएं को मेटफ़ॉर्मिन से अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। कुछ के लिए, दोनों दवाओं का एक संयोजन अच्छी तरह से कार्य करता है।
प्रोलैक्टिन हॉर्मोन के उच्च स्तर से पीड़ित महिलाओं को अंडोत्सर्ग समस्याओं के उपचार के लिए ब्रोमोक्रिप्टीन या कैबर्जोलिन की सलाह दी जाती है।
प्रजनन की दवा की एक उचित खुराक महिलाओं में प्रजनन समस्याओं के सफलतापूर्वक इलाज में महत्वपूर्ण होती है। खुराक और प्रजनन दवा का प्रकार समस्या के कारण और गंभीरता पर निर्भर करता है। दवा की कम खुराक आपकी सफल परिणाम प्राप्त करने की संभावनाओं को दूर कर सकती है और उच्च खुराक के परिणामस्वरूप ओ.एच.एस.एस. जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या हो सकती है।
महिलाओं में बांझपन के उपचार में प्रजनन की दवा चिकित्सा का पहला चरण है। कई अत्यधिक फायदेमंद दवाएं हैं जो आपको गर्भ-धारण करने में मदद कर सकती हैं। इस बारे में डॉक्टर से बेझिझक बात करें और उनके द्वारा निर्धारित प्रजनन की दवाओं का उपयोग करें। सही खुराक के साथ सही प्रजनन की दवा आपको गर्भ-धारण करने में मदद करेगी।
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