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इस कहानी में एक कुम्हार के बारे में बताया गया है, जो गांव में मिट्टी के खिलौने बनाया करता था, लेकिन इस काम से उसके घर का खर्चा नहीं चल पा रहा था, इसलिए उसने शहर जाकर नौकरी करने का फैसला लिया। शहर पहुंचकर उसने नौकरी करना शुरू कर दिया, लेकिन कुम्हारी का काम उसके दिमाग में बसा हुआ था। आगे जीवन में उसके साथ क्या हुआ और कैसे बदलाव आए सके लिए आपको कहानी को पढ़ना पड़ेगा।
कुछ सालों पहले की बात है, एक गांव में एक कुम्हार रहता था। कुम्हार हर दिन मिट्टी के बर्तन बनाता और शहर बेचने जाता था। इसी वजह से उनका गुजारा चल रहा था। लेकिन रोज-रोज की तंगी से परेशान होकर कुम्हार की बीवी ने उससे कहा कि अब मिट्टी के बर्तन बनाना बंद कर दो, इसे बेहतर सीधे शहर जाकर वहां कोई नौकरी करो, ताकि हम कुछ पैसे कमा सकें।
कुम्हार भी अपनी बीवी की बात से सहमत था। वह खुद भी ऐसी तंगी भरी जिंदगी से परेशान हो चुका था। वह शहर चला गया और वहां नौकरी करने लगा। कुम्हार भले ही शहर में नौकरी कर रहा था, लेकिन उसका मन मिट्टी के बर्तन बनाने में ही लगा रहता था। लेकिन वह अपने मन को बहलाकर शांति से नौकरी कर रहा था।
शहर में नौकरी करते हुए कुम्हार को काफी समय बीत गया था। एक दिन जहां वह काम करता था, उसके मालिक ने अपने बेटे के जन्मदिन पर उसे बुलाया। जन्मदिन में लोग महंगे-महंगे तोहफे लेकर आए थे। कुम्हार ने यही सोचा कि इतने महंगे तोहफों में उसके उपहार को कौन देखेगा। इसलिए वह मिट्टी का खिलौना बनाकर मालिक के बेटे को देने के लिए सोचता है।
कुम्हार ने फिर मिट्टी का एक खिलौना बनाया और मालिक के बेटे को तोहफे के रूप में दे दिया। जब जन्मदिन की पार्टी खत्म हुई, तो मालिक के बेटे और उसके दोस्तों को कुम्हार द्वारा दिया गया मिट्टी का खिलौना बहुत पसंद आया। उस दावत में मौजूद सभी बच्चे उस मिट्टी के खिलौने लेने की जिद करने लगे।
हर कोई बस यह जानना चाहता था कि आखिर ये खिलौना कौन लेकर आया है? तभी वहां पर किसी ने बताया कि ये खिलौना घर का नौकर लेकर आया है। ये सब सुनकर सभी को हैरानी हुई।
फिर क्या! सभी कुम्हार से उस खिलौने के बारे में पूछने लगे। आखिर इतना महंगा और प्यारा खिलौना कहां से लेकर आए हो? हमें भी बता दो ताकि हम अपने बच्चों के लिए भी ये खिलौना लेकर आ सकें।
कुम्हार ने सबको बताया कि ये कोई कीमती खिलौना नहीं है, बल्कि इसे मैंने खुद अपने हाथों से बनाया है। पहले मैं अपने गांव में कुम्हारी का काम करता था। मिट्टी के बर्तन बनाता और बेचता था, लेकिन उससे कमाई बहुत कम होती थी। इसी वजह से मैं गांव छोड़कर शहर नौकरी करने आया हूं।
कुम्हार के मालिक को ये सब सुनकर हैरानी हुई। उसने कुम्हार से बोला – “क्या तुम ऐसा ही खिलौना यहां पर मौजूद हर बच्चे के लिए बना सकते हो?’’
कुम्हार ने खुशी-खुशी बोला – “हां, बिलकुल ये तो मेरा काम है। मुझे मिट्टी के खिलौने बनाना बेहद पसंद है। मैं अभी इन सारे बच्चों के लिए ऐसा ही खिलौना बना देता हूं।”
इसके बाद कुम्हार ने मिट्टी इकठ्ठा की और खिलौने बनाने लगा। थोड़ी देर बाद वहां रंग-बिरंगे कई तरह के खिलौने बनकर तैयार थे।
कुम्हार की ऐसी कलाकृति देखकर उसके मालिक को हैरानी के साथ-साथ खुशी भी हुई। उसने मन में मिट्टी के खिलौने बनाने का व्यापार सोच लिया था। उसने सोचा कि वह कुम्हार से ऐसी शानदार मिट्टी के खिलौने बनवाएगा और खुद बेचेगा। उसके बाद मालिक ने कुम्हार को खिलौने बनाने का काम दे दिया।
कुम्हार का मालिक उसकी इस कलाकारी से बहुत खुश था, इसलिए उसने उसे रहने के लिए घर और अच्छी पगार भी देने का फैसला किया। अपने मालिक के इस प्रस्ताव से कुम्हार बहुत खुश था। वह तुरंत अपने गांव जाकर अपने पूरे परिवार को शहर लेकर आ गया।
इतने सालों से परेशान कुम्हार का परिवार अब उसके मालिक द्वारा दिए घर में आराम से रह रहा था। कुम्हार जो भी मिट्टी के खिलौने बनाता था, उससे व्यापारी को बहुत फायदा भी होता था। इसी के साथ सभी लोग अपना जीवन हंसी-खुशी जीने लगे।
मिट्टी के खिलौने की इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है कि यदि हमारे अंदर हुनर है, तो वह कभी भी खत्म नहीं होता है। व्यक्ति का वही हुनर उसको बुरी से बुरी परिस्थिति से बाहर लाने में मदद जरूर करता है।
यह कहानी पंचत्रत की कहानियों में से एक है, जिसमें यह बताया गया है कि कोई कला छोटी या बड़ी नहीं होती बस उसे परखने के लिए लोग चाहिए होते हैं।
इस कहानी में ये बताने का प्रयास किया गया है कि व्यक्ति चाहे पैसे ही चाह में दूर भागे, लेकिन उसका हुनर एक न एक दिन उसके काम जरूर आता है।
हर एक व्यक्ति को अपने अंदर छुपे हुनर की पहचान जरूर करनी चाहिए, क्योंकि हो सकता है आप जिस चीज में माहिर हो वो आपको जीवन में सफल बना दे।
हमें इस कहानी से बहुत कुछ सीख के साथ-साथ ये भी पता चलता है कि कभी अपने अंदर के हुनर को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। सफलता मिलने में थोड़ी देर हो सकती है, इसलिए कभी हार नहीं माननी चाहिए बल्कि मुसीबत का डट के सामना करना चाहिए। क्योंकि आपका हुनर आपको नई पहचान, सफलता और पैसा सब लाकर देगा।
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