मोगली की कहानी | Mowgli Story In Hindi

Mowgli Story In Hindi

मोगली की कहानी सालों से बच्चों के बीच काफी लोकप्रिय रही है। सभी ने इस कहानी को एक बार जरूर पढ़ा, सुना और देखा होगा। ये कहानी बच्चों को बहुत पसंद आती हैं और उन्हें इसे बार-बार पढ़ने के लिए आकर्षित भी करती हैं। यदि आपने ये कहानी नहीं पढ़ी है, तो इसे जरूर पढ़ें कि कैसे एक इंसान के बच्चे ने अपना जीवन जंगल के जानवरों के साथ बिताया और उसकी जिंदगी में कितनी मुश्किलें आई।

कहानी के पात्र (Characters Of Story)

इस कहानी के मुख्य पात्र कुछ किस प्रकार है:

  • दारुका (भेड़िया)
  • मोगली 
  • शेर खान 
  • रक्षा (दारुका भेड़िया की पत्नी)
  • बल्लू (भालू)
  • बघीरा (पैंथर)
  • मेसुआ

मोगली की कहानी | Mowgli Story In Hindi

सालों पहले की बात है, गर्मियों के दिन थे और सभी जंगल के जानवर आराम कर रहे थे। शाम में आराम करने के बाद भेड़ियों का झुंड अपने शिकार पर निकला। उनमें एक दारुका नाम का भेड़िया था, जिसे कहीं दूर झाड़ियों से किसी बच्चे के रोने की आवाज आ रही थी।

भेड़िए ने जब झाड़ियों के पास जाकर देखा, तो उसे वहां एक इंसान का बच्चा बिना कपड़ों के जमीन पर पड़ा हुआ दिखाई दिया। बच्चे को देखकर भेड़िए को हैरानी हुई और फिर वह उसको अपने साथ घर ले गया। भेड़िए का परिवार अपने साथ एक इंसान के बच्चे को पालने लगता है। मनुष्य के बच्चे को भेड़ियों के बीच में पलता हुआ देखकर, जंगल में रहने वाला शेर खान बहुत नाराज हो जाता है क्योंकि वह उस बच्चे को खाने के लिए लाया था। भेड़िया अपने बच्चे की तरह ही उस इंसान के बच्चे का पालन-पोषण कर रहा था। भेड़िए के परिवार में उसकी पत्नी रक्षा और कुछ छोटे भेड़िए भी थे। रक्षा ने उस बच्चे का नाम मोगली रखा। मोगली अब भेड़िए के परिवार को ही अपना परिवार मानने लगा और भेड़िए के बच्चों को अपना भाई-बहन समझने लगा।

दारूका ने अपनी पत्नी से पहले ही बता दिया था कि वह मोगली का ध्यान रखे क्योंकि शेर खान की नजरे उस पर हैं और वो उसे खाना चाहता है। रक्षा भी मोगली का बहुत ध्यान रखती थी और अपने बच्चों और मोगली को अपने से दूर नहीं करती थी। 

जैसे-जैसे समय बीतता गया, मोगली का जंगल में रहने वाले अन्य जानवरों से बहुत अच्छा रिश्ता हो गया और सब उसके अच्छे दोस्त बन गए थे। वहीं शेर खान मोगली पर बुरी नजर रखे हुए था और उस पर हमला करने के लिए सही वक्त का इंतजार कर रहा था। 

भेड़ियों के झुंड का ध्यान एक समझदार और होशियार भेड़िया रख रहा था, उनके दल में एक बल्लू नाम का भालू और बघीरा पैंथर भी था। सभी जानवर एक जगह पर मिलकर मोगली के बारे में बातें करते थे। उन लोगों का मानना था कि मोगली को भेड़िये की तरह ही पालना चाहिए। ऐसे में भेड़ियों का सरदार अपने साथी बघीरा और बल्लू को कहता है कि तुम दोनों मोगली का ध्यान रखोगे और जंगल के सभी नियम और कानून सिखाओगे। 

ऐसे में मोगली को जंगल में रहते हुए सालों निकल गए। जैसे-जैसे बड़ा होता गया, बघीरा और बल्लू ने उसे जंगल के सभी नियम और खुद ही रक्षा करना भी सिखा दिया। मोगली को अब जंगल के कुछ जानवरों की भाषा भी बोलनी आ गई थी। इसके साथ ही पेड़ों पर चढ़ना, नदी में तैरना और शिकार करना भी आ गया था। बघीरा ने मोगली को ये भी सिखाया कि इंसानों के बिछाए जाल और फंदों से कैसे दूर रहना है और यदि फंस गए तो उससे कैसे बचना है। 

एक दिन भेड़िये का छोटा बच्चा शिकारियों के बिछाए जाल में फंस गया। उस भेड़िये के बच्चे को ‘शेर खान’ खाने के लिए आगे बढ़ता है, तभी वहां मोगली आ जाता है और भेड़िये के बच्चे को जाल से छुड़ा लेता है। ये सब देखने के बाद शेर खान बहुत गुस्सा होता है। शेर खान कुछ दिनों में मोगली को पकड़ने का प्रयास करता है लेकिन वह असफल हो जाता है। 

Mowgli ki kahani

गुस्से में आग बबूला शेर खान, मोगली को पकड़ने के लिए बंदरों की मदद लेने का फैसला करता है। जंगल के सारे बंदर जंगल के दूसरी तरफ रहते थे और वे सभी बहुत खतरनाक थे। शेर खान की बात को सुनने के बाद बंदरों के राजा ने मोगली को पकड़ने के लिए हां कर दी।

बंदरों का राजा अपने बंदरों को मोगली को पकड़ने का आदेश दे देता है। कुछ दिनों तक बंदर मोगली पर निगरानी रखते हैं और सही वक्त मिलते ही उसे अगवा कर लेते हैं और घने जंगल के एक पहाड़ पर ले जाते हैं। इस समय मोगली बस ये सोच रहा था कि बस किसी तरह से बल्लू और बघीरा को उसके पहाड़ पर होने की जानकारी मिल जाए। तभी उसे आसमान में एक चील उड़ता हुआ नजर आया। मोगली उस चील से मदद मांगता है और कहता है कि मेरे यहां होने की बात बघीरा और बल्लू को दे दो, उन्हें बताना कि बंदरों ने उसका अपहरण कर के यहां रखा है। चील, मोगली की मदद करने के लिए तैयार हो गई थी और वह तुरंत बघीरा और बल्लू के पास जंगल पहुंची।

बल्लू और बघीरा को जैसे ही मोगली की अपहरण की बात पता चलती है, दोनों ‘का’ नाम के अजगर के पास मदद मांगने पहुंचे। पहले तो अजगर बल्लू और बघीरा को न कर देता है। फिर वह दोनों अजगर को मोगली के बारे में विस्तार से बताते हैं। मोगली की जानकारी मिलने के बाद अजगर उनकी मदद के लिए तैयार हो जाता है। सभी लोग मोगली को बचाने के लिए निकल जाते हैं। जल्द ही बघीरा, बल्लू और का, बंदरों के इलाके में पहुंच जाते हैं। तीनों लोग छुपकर देखते हैं। तीनों ने देखा कि वहां बंदरों का बहुत बड़ा झुंड है। उसके बाद का, बघीरा कर बल्लू से कहता है कि मोगली को बचाने का वक्त आ गया है और चलो उसे बचाते हैं।  

तीनों लोग मिलकर बंदरों पर आक्रमण कर देते हैं। बघीरा अपने पंजों से बंदरों पर हमला करता है, जिससे बंदर जोर-जोर से चिल्लाने लगते हैं। उसके बाद कुछ बंदर बल्लू पर चढ़ जाते हैं। ये सब देखकर का अजगर अपनी पूंछ से उन बंदरों को मारने लगता है। फिर बंदर डरकर भाग जाते हैं। उसके बाद बल्लू, बघीरा और का सुकून की सांस लेते हैं और का फंदे को तोड़कर मोगली को बचा लेता है। मोगली जैसे ही आजाद हुआ वैसे वह पेड़ के पीछे छुप गया। 

लेकिन बंदर एक बार फिर हमला कर देते हैं और इस बार वह बघीरा को घेर लेते हैं। बघीरा को घेरने के बाद वो मोगली को फिर पकड़ लेते हैं। मोगली जब बघीरा को घिरा हुआ देखता है, तो उसे याद आता है कि बंदरों को पानी से डर लगता है। मोगली चिल्लाता है, बघीरा पानी में कूद जाओ बंदर पानी से डरते हैं। बघीरा ये सुनकर तुरंत पानी में कूद गया और बंदरों के जाल से बच गया। 

कुछ देर बाद मोगली भी बंदरों की पकड़ से छूट जाता है और वहां से भागकर एक इंसानों की बस्ती में पहुंचता है। वहां पहुंचने के बाद उसे एक औरत मिलती है। उस औरत का नाम मेसुआ था, जिसका बच्चा सालों पहले जंगल का एक शेर उठाकर ले गया था। मोगली फिर उसी औरत के साथ उस इंसानों की बस्ती में रहने लगता है। गांव वाले भी मोगली को वहां रहने की अनुमति दे देते हैं और उसे जानवरों को संभालने का काम दिया जाता है। 

कुछ समय बाद मोगली का भेड़िया भाई उसे वहां इंसानों के गांव में देखता है। उसे देखने के बाद भेड़िया मोगली को बताता है कि शेर खान उसे मारने की योजना बना रहा है। मोगली को समझ आ गया था कि शेर खान उसका पीछा नहीं छोड़ेगा, इसलिए फिर मोगली ने शेर खान को मारने की योजना बनाई। इस योजना में मोगली ने अपने भेड़िया भाइयों की मदद ली। उसने भेड़िया से कहा कि वह शेर खान को एक घाटी पर ले आए।

जब शेर खान घाटी पर पहुंचा, तो उसके वहां मोगली ने दोनों तरफ भैंसों का झुंड छोड़ दिया और खुद भी एक भैंस पर बैठकर आ रहा था। शेर खान घबरा जाता है और भैंसों के झुंड के नीचे आ जाता है। उसके बाद शेर खान की मृत्यु हो जाती है। इसके बाद मोगली बेफिक्र होकर गांव वालों के साथ रहने लगता है। कुछ दिनों बाद गांव के लोगों ने मोगली को वहां से भगा दिया क्योंकि उन्हें लगा कि वह कोई जादू करता है। 

उस दौरान मोगली बहुत बड़ा हो गया था। गांव से निकलने के बाद वह सीधे जंगल चला गया। वहां पर रहने के कुछ ही दिनों बाद उसके भेड़िया भाई-बहनों की मौत हो गई। वह वहां बहुत अकेला हो गया था और उदास रहने लगा था। एक दिन उसकी मुलाकात फिर से मेसुआ से होती है। मोगली अपनी सारी घटना उसे बताता है और उसके बाद मेसुआ को विश्वास हो जाता है कि शेर उसके जिस बेटे को उठाकर ले गया था, वह मोगली ही है। मेसुआ भी अपनी आपबीती मोगली को बताती है और फिर उसके बाद दोनों लोग साथ में रहने का फैसला करते हैं। इतना कुछ होने के बाद मोगली इंसानों की तरह उनकी बस्ती खुशी-खुशी जीवन बिताने लगता है और समय निकालकर अपने जंगल के दोस्तों से भी मिल आता है। 

मोगली की कहानी से सीख (Moral of Mowgli Hindi Story)

मोगली की कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि यदि आप खुद विश्वास और हौसला बनाए रखते हैं, तो हर मुश्किल दूर हो जाती है। 

मोगली की कहानी का कहानी प्रकार (Story Type of Mowgli Hindi Story)

मोगली की कहानी जातक कहानियों के अंतर्गत आती है, जिसमें यह बताया गया है कि हर इंसान को जानवरों से प्यार करना चाहिए क्योंकि जरूरत पड़ने पर वो दोस्त बनकर मदद कर सकते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

1. क्या मोगली की कहानी सच्ची कहानी है?

मोगली एक काल्पनिक पात्र है और रुडयार्ड किपलिंग की ‘द जंगल बुक’ कहानियों में दिखाया गया मोगली कहानियों का मेन कैरेक्टर है।

2. हमें मुसीबत में खुद पर भरोसा कैसे रखना चाहिए?

यह कहानी भी हमें ये सिखाती है कि जीवन में चाहे कितनी बड़ी मुसीबत क्यों न आ जाए, हमें खुद पर भरोसा रखना चाहिए। ऐसा करना से आपको मुसीबत से जूझने के लिए हिम्मत मिलती है।  

निष्कर्ष (Conclusion)

इस कहानी का निष्कर्ष ये है कि जिंदगी हमें हर हाल और परिस्थिति में जीना सिखा देती है। फिर चाहे आप किसी आलिशान घर में रह रहे हो या किसी जानवरों के बीच किसी जंगल में, जीवन जीने की कोई न कोई राह निकल आती है। बस आपको खुद पर भरोसा रखना चाहिए।