शिशु

नवजात शिशु को सही तरीके से कैसे गोद में लें (चित्रों के साथ)

पहली बार बने मातापिता, बच्चे को गोद में लेने में घबराते हैं क्योंकि वे सुनिश्चित करना चाहते हैं कि बच्चे को किसी भी तरह की परेशानी न हो। हालांकि , शिशु को गोद में लेने से संबंधित इस भय और घबराहट से आसानी से उभरा जा सकता है अगर आप समझ जाएं कि शिशु किसी विशिष्ट तरीके से गोद में लेने पर किस तरह से प्रतिक्रिया दिखाएंगे और फिर आप उन्हें उसी स्थिति में गोद में लें जिसमें शिशु को आराम मिले।

नवजात शिशु को सही तरीके से गोद में लेंने के लिए सुझाव

शिशु को गोद में लेने से पहले, यहाँ पर कुछ बातें बताई गई हैं जिनका आपको पालन करना चाहिए :

1. अपने हाथ धोएं

शिशुओं में पूरी तरह से प्रतिरक्षा प्रणाली विकसित नहीं होती है, और गंदे हाथों से उसको छूने से कीटाणु और बैक्टीरिया शिशु को संक्रमित कर सकते हैं। बच्चे को गोद में लेने से पहले अपने हाथों को किसी सौम्य साबुन और पानी से धोएं। मातापिता आपात स्थिति में सैनिटाइज़र भी प्रयोग कर सकते हैं।

2. सहज रहें

फिसलन या गलतियों न हों, इसके लिए खुद शारीरिक रूप से सहज रहें। आवश्यक है कि बच्चे को गोद में लेने से पहले आप आश्वस्त और शांत रहें। इसके अलावा, पहनावे से घड़ी या पिन जैसी चीजों को हटा दें जिन से बच्चे को खरोंच लग सकती है।

3. अपने लिए सहज स्थिति चुनें

यदि आपको बच्चे को गोद में लेने का अनुभव नहीं है, तो सबसे पहले उस आरामदायक स्थिति को समझें, जिसमें बच्चा सही तरीके से गोद में रह सके और उसे सहारा भी मिले।

4. सहारा दें

शिशुओं की गर्दन भारी होती है और उनकी गर्दन की मांसपेशियों पर उनका नियंत्रण नहीं रहता है। इसलिए, जरूरी है कि आप उन्हें पकड़ते समय उनके सिर और गर्दन को पर्याप्त सहारा दें। तीन महीने की आयु तक शिशुओं की गर्दन और सिर को तो सहारा दिया ही जाना चाहिए क्योंकि उसके बाद उन में अपनी गर्दन को संभालने की क्षमता विकसित हो जाती है।

बच्चे को गोद में कैसे उठाना चाहिए?

बच्चे को गोद में लेते समय, अपना एक हाथ शिशु के सिर के नीचे और दूसरे हाथ को उनके नितंब के नीचे रखते हुए उन्हें अपने सीने तक उठाएं। जब भी आप शिशु को उठा रहे हों या उसे गोद में लिए हों हमेशा बच्चे के सिर को सहारा देना सुनिश्चित करें।

बच्चे को गोद में लेने की विभिन्न स्थितियाँ

यहाँ बच्चे को गोद में लेने की कुछ सबसे उत्तम स्थितियों की सूची दी गई है।

1. अपने कंधे के सहारे शिशु को गोद में लेना

यह शिशु को गोद में लेने की सबसे आम स्थिति है जिसमें आपका शिशु आपके दिल की धड़कन सुन सकता है।

अपने शिशु को अपने कंधे की ऊँचाई पर उठाएं जिससे शिशु की शरीर की स्थिति आपके समानांतर रहे और उसके सिर को अपने कंधे पर टिका दें। अपने बच्चे के सिर और गर्दन को एक हाथ से सहारा दें और दूसरे हाथ से उसके नितंब को सहारा दें।

2. फुटबॉल पकड़

कई माताओं के लिए फुटबॉल की पकड़ वाली स्थिति शिशु को दूध पिलाने के लिए पसंदीदा स्थिति होती है।

अपने बच्चे के सिर और गर्दन को एक हाथ से सहारा दें और उसी हाथ के अग्र बाहु से शिशु की पीठ को सहारा दें। अपने शरीर की ओर अपने बच्चे को घुमा लें और उसके पैरों को लटकने दें। इस स्थिति में दूध पिलाते समय उसे अपनी छाती के करीब ले जाएं और दूसरे हाथ का उपयोग उसके गर्दन और सिर को अतिरिक्त सहारा देने के लिए इस्तेमाल करें।

3. गोद में लेने जैसी पकड़

यह एक आरामदायक बैठने की स्थिति है और इसे शिशु को दूध पिलाते समय इस्तेमाल की जा सकती है।

अपने पैरों को जमीन पर मजबूती से रखें, बच्चे को अपनी गोद में इस तरह रखें कि शिशु का सिर आपके घुटने के पास हो और उसका चेहरा आपकी तरफ हो। अपने दोनो हाथों को बच्चे के सिर के नीचे रखें और अग्र बाहु को बच्चे के नीचे रखें।

4. कुर्सी पर बैठे होने जैसी पकड़

इसे हैलोवर्ल्ड होल्डभी कहा जाता है, यह ऐसे बच्चे के लिए एकदम सही स्थिति है जो उत्सुक है और देखना चाहता है कि सामने क्या चल रहा है।

अपने बच्चे को अपने सीने पर टेक लगाने दें जिससे उसके सिर को सहारा मिल सके। एक हाथ शिशु की छाती पर रखें और दूसरा हाथ उसके नितंब पर रखते हुए उसे पर्याप्त सहारा दें।

5. पालने में लेटने जैसी पकड़

यह बच्चे को गोद में रखने की सबसे स्वाभाविक स्थियों में से एक, इस स्थिति का उपयोग बच्चे को सुलाने के लिए किया जा सकता है।

अपने बच्चे को अपनी छाती की ऊँचाई पर क्षैतिज रखने के लिए उसके सिर और गर्दन के नीचे एक हाथ रखें और दूसरा हाथ उसके नितंब और कूल्हों के नीचे रखें। ध्यान से अपने हाथ को शिशु की गर्दन और सिर के नीचे से निकालते हुए दूसरी तरफ ले जाएं जिससे उसकी गर्दन आपकी कोहनी पर टिकी रहे और अपना वही हाथ उसके नितंब के नीचे सहारा देने के लिए रखें।

6. कमर पर पकड़ना

यह स्थिति केवल तीन महीने से अधिक उम्र के ऐसे बच्चे के लिए अनुशंसित है जो अपने सिर और गर्दन को बिना सहारे के सीधा रख सकते हैं।

अपने शिशु का चेहरा अपनी ओर करें और उसे बैठने की स्थिति में अपने कूल्हे की हड्डी पर बिठाएं। अपने हाथ को अपने बच्चे की कमर के चारों ओर लपेटें और बच्चे को मजबूती से पकड़ें।

7. आमने सामने वाली स्थिति

यह स्थिति आपके बच्चे के साथ खेलने और उससे बातें करने के लिए बिलकुल सही स्थिति है।

अपने बच्चे के सिर और गर्दन को एक हाथ से सहारा दें और दूसरे हाथ से उसके नितंब को सहारा दें। अपने सीने से थोड़ा नीचे बच्चे को ऐसे पकड़ें कि उसका चेहरा आपके सामने हो।

स्तनपान के बाद अपने बच्चे को कैसे गोद में लें?

बच्चे को दूध पिलाने के तुरंत बाद, बच्चे को सीधा बैठाएं और पीठ पर तब तक थपथपाएं जब तक कि वह डकार नहीं लेता। बच्चे को दूध पिलाने के बाद ज्यादा उछालें या हिलाएं नहीं क्योंकि इससे आपका बच्चा उल्टी कर सकता है।

सही तरीके से बच्चे को गोद में लेने के लिए सुझाव

इस बात पर ध्यान दें कि आपका शिशु गोद में लिए जाने पर क्या प्रतिक्रिया करता है और यदि आपका बच्चा परेशान हो रहा है तो स्थिति बदल दें। यहाँ कुछ सुझाव हैं जिससे आप अपने शिशु सही तरीके से पकड़ सकती हैं। यहाँ स्तनपान कराने का सही तरीका बताया गया है।

  • बच्चे के सिर को कस कर न पकड़ें जिससे वह आराम से सिर हिला सके और सांस ले सके।
  • उसे गर्माहट देने और उसे मातृभाव महसूस करने देने के लिए उसको आपके स्पर्श को महसूस करने दें।
  • यदि आप घबरा रही हैं तो शिशु को बैठ कर गोदी में लें।
  • खाना बनाते समय, सफाई करते समय या चाकू जैसे खतरनाक सामान को संभालते समय बच्चे को हानि से बचाने के लिए उसे गोद में न लें।
  • यदि आपको अपने बच्चे को बहुत अधिक समय तक गोदी में रखना है, तो शिशु के लिए शिशु को सहारा देने वाला तकिया लें जो स्तनपान कराते समय भी फायदेमंद रहेगा।
  • सीढ़ियों पर चढ़ते या उतरते समय, सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दोनों हाथों से बच्चे को पकड़े।
  • जब आप बहस कर रही हों और परेशान हों, तब अपने बच्चे को गोद में न लें क्योंकि आप बहुत ज्यादा हिल सकती हैं जिससे बच्चे के मस्तिष्क को क्षति जैसे गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
  • यदि आपको बच्चे को लंबे समय तक गोद में रखने की जरूरत है तो आप बेबी कैरियर का उपयोग कर सकती हैं।

रोते हुए बच्चे को कैसे पकड़ा जाए?

जहाँ रोने हुए सोने की प्रशिक्षण पद्धति पर बहस छिड़ी हुई है, पेसिफिक ओशन पीडियाट्रिक्स के डॉ. रॉबर्ट हैमिल्टन ने एक ऐसी स्थिति के बारे में बताया है जो शिशु को रोने से लगभग तुरंत रोक सकती है। यह स्थिति तीन महीने से कम उम्र के शिशुओं के लिए उपयुक्त है क्योंकि इसके बाद वे इसके लिए काफी भारी हो जाते हैं।

  • बच्चे के हाथों को उसकी छाती पर एक दूसरे पर रखें अपने हाथ से उस स्थिति में उसके हाथ पकड़ें रहें।
  • बच्चे की ठोड़ी को सहारा देने के लिए उसी हाथ का उपयोग करें।
  • आरामदायक पकड़ के लिए अपने दूसरे हाथ के मांसल हिस्से को बच्चे के नितंब पर रखें।
  • अब, बच्चे को 45 डिग्री के कोण पर पकड़ें, धीरे धीरे उसे अपने हाथों में झुलाएं जिससे वह रोना बंद कर देगा।

स्नान कराने के दौरान अपने नवजात शिशु को कैसे पकड़ें?

आप स्नान के समय को अपने बच्चे के लिए मज़ेदार बना सकती हैं उसे इस स्थिति में रख कर।

  • अपने बच्चे को टब में नीचे रखते समय अपने बच्चे के पीठ और कंधे पर एक हाथ रखें और दूसरे को उसके नितंब पर।
  • एक बार जब आप बच्चे को टब में बिठा लें तो उसके नितंब से अपना हाथ हटा कर उससे अपने बच्चे को स्नान कराएं जबकि दूसरे हाथ से उसके सिर को सहारा देकर पानी से ऊपर रखें।

याद रखें कि अपने बच्चे को गोद में लेने से पहले शांत और आत्मविश्वास से भरा रहना आवश्यक है, ताकि बच्चे को आराम और चैन मिले।

जया कुमारी

Recent Posts

लाल बहादुर शास्त्री पर निबंध (Essay On Lal Bahadur Shastri In Hindi)

लाल बहादुर शास्त्री एक प्रसिद्ध भारतीय नेता और स्वतंत्रता सेनानी थे, जो भारत के दूसरे…

6 days ago

समय का महत्व पर निबंध (Essay On Importance Of Time In Hindi)

सालों से सभी ये कहावत सुनते आ रहे हैं कि 'समय बहुत कीमती है', 'समय…

6 days ago

कंप्यूटर पर निबंध (Essay On Computer in Hindi)

देश के कल्याण में आधुनिक चीजों का अहम योगदान रहा है और हाल के समय…

6 days ago

मंकीपॉक्स – गर्भवती महिलाएं और बच्चे रहे एमपॉक्स से सावधान

क्या आपने भी एम पॉक्स के बारे में सुना है? और सोच रहे हैं कि…

6 days ago

वायु प्रदूषण पर निबंध (Essay On Air Pollution In Hindi)

जीवन जीने के लिए हमारा साँस लेना जरूरी है उसके लिए वायु का शुद्ध होना…

1 week ago

बाढ़ पर निबंध (Essay On Flood In Hindi)

प्रकृति द्वारा पृथ्वी पर रहने वाले सभी जीवों के जीवन यापन के लिए कई संसाधन…

1 week ago