शिशु

नवजात शिशुओं में पीलिया के लिए 10 प्राकृतिक उपचार

नवजात शिशुओं में पीलिया बहुत आम है। यह तब होता है, जब रक्त में बिलीरुबिन (रक्तिम-पित्तवर्णकता) का स्तर अधिक होता है। आमतौर पर, नवजात बच्चे को होने वाला पीलिया हानिरहित होता है। यह आसानी से बच्चे के जन्म के बाद एक से दो सप्ताह के भीतर अपने आप ठीक हो जाता है। अगर, बिलीरुबिन का स्तर अधिक है, तो बच्चे को अस्पताल में भर्ती करना जरूरी हो जाता है और अगर बात की जाए घरेलू उपचार की, यदि ईमानदारी से अमल किया जाए, तो नवजात शिशुओं में पीलिया का इलाज किया जा सकता है, लेकिन ऐसा करने से पहले हमेशा बाल रोग विशेषज्ञ से परामर्श करें।

नवजात शिशुओं में पीलिया के लिए सर्वश्रेष्ठ प्राकृतिक उपचार

शिशु का जन्म के समय पीलिया से पीड़ित होना आजकल काफी सामान्य है। घर पर ही नवजात शिशुओं के पीलिया के इलाज के कई तरीके हैं, जो बिलीरुबिन का स्तर नीचे ला सकते हैं। आइए जानते है;

1. बार-बार स्तनपान कराएं

शिशु को दूध पिलाने से अक्सर उसके रक्तप्रवाह से बिलीरुबिन को खत्म करने और मल और मूत्र के माध्यम से बाहर निकालने में मदद मिलेगी। पीलिया होने पर शिशु बहुत अधिक सोते हैं, इसलिए आपको उसे दूध पिलाने के लिए नियमित अंतराल पर जगाना अति आवश्यक है। यदि आप उसे स्तनपान नहीं करवा रहीं, तो उसे 60 मि.ली. डिब्बे का फार्मूला दूध दें।

2. बिली-कंबल

बिली-कंबल या ब्लैंकेट का उपयोग करना नवजात शिशुओं में पीलिया के इलाज का एक सुविधाजनक और सस्ता तरीका है। यह एक पोर्टेबल फोटोथेरेपी उपकरण है, जो घर पर ही नवजात शिशुओं में कुछ हद तक पीलिया के इलाज में प्रभावी है।

3. सूरज की रौशनी

यदि आपके शिशु को पीलिया है, तो उसे रोजाना 1-2 घंटे धूप में रखें। हालांकि, यह सुनिश्चित करें कि शिशु को सुबह 8 बजे से पहले सूर्य की तिरछी किरणें मिल रही हैं। सूरज की किरणें रक्त में बिलीरुबिन के अंश को कम करने और पीलिया को ठीक करने में मदद करेंगी।

4. बेर

बेर का 1 मि.ली. अर्क नवजात शिशु को रोजाना तीन बार पिलाएं, जब तक कि वह पूरी तरह से ठीक न हो जाए। यह रक्त से बिलीरुबिन को पूरी तरह से बाहर निकालकर उसके अंश को कम कर देगा।

5. पूरक आहार

जिन शिशुओं में स्वास्थ्य संबंधी कोई तकलीफ नहीं है उन शिशुओं की तुलना में पीलिया पीड़ित नवजात शिशुओं को ज्यादा दूध पिलाना चाहिए। यदि माँ का दूध पर्याप्त नहीं है, तो आप नवजात शिशु को डिब्बे का दूध देकर शिशु के सेवन को पूरा कर सकती हैं।

6. गाजर और पालक का रस

दोनों सब्जियों को बारीक काटकर रस निचोड़ लें और इस रस की कुछ बूँदें अपने बच्चे को दें।

7. गन्ने का रस

गन्ने में मौजूद महत्वपूर्ण शक्कर लिवर को पीलिया से लड़ने में बेहतर मदद करता है। इसलिए दिन में 3-4 बार कुछ चम्मच रस देने से छोटे बच्चों में पीलिया के इलाज में मदद मिलेगी। और हम यह सलाह देंगे कि, सड़क विक्रेताओं से खरीदने के बजाय अपने घर पर रस निकालकर इस्तेमाल करें।

8. गेंहू के जवारे का रस (व्हीट ग्रास जूस)

शिशु को दिए गए दूध में गेंहू के जवारे के रस की कुछ बूंदें यकृत से अतिरिक्त बिलीरुबिन को खत्म करने में मदद करती हैं। माँ को भी एक गिलास गेंहू के जवारे का रस पीना चाहिए जो की शिशु को उनके स्तन के दूध के माध्यम से मिल जाता है।

9. धूप-दीप चिकित्सा (सन-लैंप थेरेपी)

शिशु को एक विशेष धूप-दीप के नीचे रखें। यह एक घरेलू फोटोथेरेपी विधि है, जो तब की जा सकती है जब आपके शिशु का बिलीरुबिन स्तर घटने के बजाय लगातार बढ़ रहा हो।

10. टमाटर का रस

टमाटर लाइकोपीन का एक समृद्ध स्रोत हैं और रक्त के लिए अच्छे हैं। अगर टमाटर का जूस सुबह जल्दी लिया जाए, तो यह लीवर को स्वस्थ बनाएगा और पीलिया को ठीक करने में मदद करेगा। चूंकि नवजात शिशु टमाटर का रस नहीं पी सकते है, इसलिए माताओं को इसे पीने की सलाह दी जाती है। माँ के दूध के माध्यम से नवजात शिशु के शरीर में पोषक तत्व पहुँच जाएंगे।

नवजात शिशु में पीलिया के इलाज के लिए हर्बल उपचार भी हैं, लेकिन उन्हें सीधे नहीं दिया जा सकता है। इसलिए माँ को हर्बल सप्लीमेंट आहार लेना चाहिए जैसे डंडेलियन चाय, तुलसी चाय, कॉम्फ्रे चाय आदि। नवजात शिशु को माँ का दूध पीने से एंटीऑक्सिडेंट प्राप्त होते है, जो शिशु के शरीर से विषैले पदार्थों को निकालने में मदद करता है।

अगर नवजात शिशु को माँ के दूध से पीलिया हो जाता है, तो आपको तुरंत बच्चे को स्तनपान कराना बंद कर देना चाहिए।

अधिकांश नवजात शिशुओं को पीलिया होता है और इसके लिए शायद ही किसी उपचार की आवश्यकता होती है। एक या दो सप्ताह के भीतर, पीलिया अपने आप ठीक हो जाता है। इस तरह के हल्के पीलिया के लिए, आपके शिशु के डॉक्टर से परामर्श करने के बाद, आप बेशक घरेलू उपचार की मदद ले सकते हैं। यदि बिलीरुबिन स्तर नीचे आने के बजाय बढ़ता रहता है, तो आपको तुरंत अपने नवजात शिशु को डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए। यदि आपके नन्हे को पीलिया होता है तो ज्यादा चिंता की बात नहीं है। लेकिन, इसका उपचार जरुर करें।

जया कुमारी

Recent Posts

करण नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Karan Name Meaning In Hindi

ऐसे कई माता-पिता होते हैं जो अपने बच्चे का नाम इतिहास के वीर महापुरुषों के…

6 days ago

डॉ. भीमराव अंबेडकर पर निबंध (Essay On Bhimrao Ambedkar In Hindi)

भारत में कई समाज सुधारकों ने जन्म लिया है, लेकिन उन सभी में डॉ. भीमराव…

1 week ago

राम नवमी पर निबंध (Essay On Ram Navami In Hindi)

राम नवमी हिंदू धर्म का एक अहम त्योहार है, जिसे भगवान श्रीराम के जन्मदिन के…

1 week ago

रियान नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल – Riyan Name Meaning in Hindi

आज के समय में माता-पिता अपने बच्चों के लिए कुछ अलग और दूसरों से बेहतर…

2 weeks ago

राजीव नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल – Rajeev Name Meaning In Hindi

लगभग हर माता-पिता की ख्वाहिश होती है कि उनके बच्चे का नाम सबसे अलग और…

2 weeks ago

35+ पति के जन्मदिन पर विशेस, कोट्स और मैसेज | Birthday Wishes, Quotes And Messages For Husband in Hindi

एक अच्छा और सच्चा साथी जिसे मिल जाए उसका जीवन आसान हो जाता है। कहते…

2 weeks ago