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एक नवजात शिशु की संवेदनशील त्वचा को गर्मी और नमी सहित सूरज के हानिकारक प्रभावों से बचाने की जरूरत होती है। अपने बच्चे को सीधी धूप से दूर रखना एक अच्छा विचार है, लेकिन नवजात बच्चों को हल्की धूप में रखना – विशेष रूप से सुबह की धूप में – कई मायनों में फायदेमंद होता है। अगर बच्चे के लिए यूवी किरणों का उपयोग सही तरीके से किया जाता है तो यह स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होती हैं।
यह सबसे बड़ा लाभ है जो आपके बच्चे को सूरज के प्रकाश के संपर्क में आने से मिलेगा। हमारे शरीर को विटामिन डी की आवश्यकता होती है, और इसे बनाने के लिए, शरीर को हर दिन कम से कम 15 मिनट यूवी किरणों की आवश्यकता होती है जो कि बच्चे की त्वचा के रंग पर निर्भर करता है – सांवले रंग के बच्चों को धूप में अधिक समय रहने की आवश्यकता होती है, लेकिन 30 मिनट से अधिक बच्चे को धूप में नहीं रखना चाहिए। कैल्शियम को अवशोषित करने में विटामिन डी मददगार है, जो बदले में हड्डियों और दाँतों को मजबूत करता है। इम्युनिटी सिस्टम कुशलता से काम करता है और शरीर बीमारियों से बचा रहता है।
सूरज के प्रकाश को सेरोटोनिन का उत्पादन बढ़ाने के लिए जाना जाता है तब, जब बच्चे इसे आवश्यक मात्रा में प्राप्त करते हैं। सेरोटोनिन, जिसे अक्सर ‘हैप्पी हार्मोन’ कहा जाता है, खुशी और सुरक्षा की भावना को बढ़ाता है। सेरोटोनिन शिशुओं में नींद और पाचन तंत्र को नियंत्रित करता है।
छोटी आयु से ही सूरज की रोशनी लेते रहने से डायबिटीज जैसी बीमारियों को कुछ हद तक रोकने में मदद मिल सकती है। हालांकि यह इंसुलिन के अच्छे स्तर का एकमात्र फार्मूला नहीं है, यह निश्चित रूप से एक अतिरिक्त लाभ है क्योंकि शरीर में विटामिन डी इंसुलिन के स्तर को बढ़ने से रोकने में मदद करता है। बच्चे के बढ़ते वर्षों के दौरान एक स्वस्थ आहार और एक्सरसाइज डायबिटीज को दूर रखने में बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है।
सूरज की रोशनी बिलीरुबिन यानी एक पीले रंग का कंपाउंड जो प्राकृतिक कैटोबोलिक मार्ग में होता है, उसे तोड़ने में मदद करती है, ताकि बच्चे का लिवर इसे और अधिक आसानी से प्रोसेस कर सके। बिलीरुबिन की अनियंत्रित वृद्धि एक नवजात बच्चे की त्वचा के पीले होने का कारण बन सकती है। हर दिन, 15 से 20 मिनट के लिए अपने बच्चे को बिना कपड़े पहनाए सुबह की धूप में रखना, हल्के जॉन्डिस में मददगार हो सकता है। फिर भी, गंभीर मामलों में, अधिक ध्यान देने की आवश्यकता होगी।
जब एक नवजात बच्चा सूरज की किरणों के संपर्क में आता है, तो यह मेलाटोनिन के उत्पादन को रेगुलेट करने में मदद करता है। बच्चे में मेलाटोनिन का स्तर उसके नींद के चक्र को प्रभावित कर सकता है, जो कि नवजात बच्चे के शुरुआती वर्षों में सबसे अधिक महत्व रखता है। धूप के कारण मेलाटोनिन के स्तर में गिरावट होती है और सेरोटोनिन बढ़ता है, जिससे ऊर्जा का स्तर बढ़ता है।
यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज, नई दिल्ली द्वारा किए गए 2017 के एक अध्ययन से पता चला है कि बच्चों को नियमित रूप से धूप में रखने से उन्हें पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी प्राप्त होता है जो उन्हें स्वस्थ रखता है। अध्ययन में पाया गया है कि एक 6 सप्ताह के बच्चे को हफ्ते में 30 मिनट के लिए यदि धूप में रखा जाए तो उसे पर्याप्त विटामिन डी मिल सकता है जो उसके अधिकतम विकास और वृद्धि में सहायता के लिए भरपूर हैं। स्टडीज में यह भी पता चला है कि शिशु के शरीर के 40% भाग को सूरज की किरणों में लाने से भी यह काम हो सकता है। यद्यपि, दिलचस्प बात यह है कि अध्ययन से पता चला है कि बच्चे के लिए धूप सेंकने का आदर्श समय सुबह 10 से दोपहर 3 बजे के बीच है, लेकिन भारत एक ट्रॉपिकल (उष्णकटिबंधीय) देश है, इसलिए सूरज की रोशनी बहुत तेज होती है। यदि आप काफी ठंडे प्रदेश में रहती हैं, तो उपर्युक्त समय का पालन किया जा सकता है। हालांकि, अगर आप ऐसी जगह पर रहती हैं, जो आमतौर पर गर्म होती है, तो अपने नन्हे से बच्चे को सूर्य के प्रकाश में रखने के लिए सुबह 7 से 10 बजे तक का समय चुन सकती हैं जो आमतौर पर प्रचलित है। इस सरल नियम को याद रखें – शरीर का जितना अधिक भाग धूप में खुला रखा जाएगा, उतना ही आपके बच्चे के लिए बेहतर है।
अब जब आप जानती हैं कि नवजात शिशु की वृद्धि और सूर्य के प्रकाश के बीच गहरा संबंध है, तो इसके ज्यादा से ज्यादा फायदे पाने के लिए यहाँ कुछ टिप्स दिए गए हैं:
यह सुनिश्चित करें कि आपके बच्चे को ज्यादा से ज्यादा फायदे के लिए सुबह 7 से 10 बजे के बीच 10 से 15 मिनट के लिए सूर्य के प्रकाश के संपर्क में रखें। सूर्योदय से एक घंटे बाद और सूर्यास्त से एक घंटा पहले बच्चे को सूरज की रोशनी में लाने का सबसे अच्छा समय माना जाता है। चूंकि बच्चों की त्वचा संवेदनशील होती है, इसलिए उन्हें सूर्य के प्रकाश के संपर्क में 30 मिनट से अधिक नहीं होना चाहिए। यूवी किरणों के संपर्क में ज्यादा देर तक आने से आपके बच्चे की त्वचा को नुकसान होता है, जिससे रेडनेस, जलन और खुजली हो सकती है।
यह महत्वपूर्ण है कि बच्चे की छाती और पीठ सहित, पूरा शरीर समान धूप प्राप्त करता है। इसलिए, यह ध्यान रखें कि आपका बच्चा पूरी तरह से कपड़े पहने हुए न हो। बच्चे की आँखों की सुरक्षा के लिए यदि संभव हो तो उन्हें ढंक दें।
यह आवश्यक नहीं है कि आपके बच्चे का धूप सेंकने का काम पूरी तरह से खुली जगह पर किया जाए। खिड़की को खोल दें जिससे सूरज की रोशनी कमरे के अन्दर आ सके, या बच्चे को प्राकृतिक धूप वाले कमरे में रखा जा सकता है। यदि मौसम तेज हवा वाला है, तो बच्चे की आँखों को प्रभावित करने वाले धूल या अन्य कणों से बचने के लिए उसे घर के अंदर रखना ही सबसे अच्छा है। आपका बच्चा एक स्पष्ट कांच की खिड़की के माध्यम से आने वाली सूरज की रोशनी में भी धूप सेंक सकता है।
यदि आपका बच्चा समय से पहले जन्मा है, तो शुरुआती कुछ हफ्तों के दौरान उसे धूप में न रखें। शिशु गर्म तापमान से एडजस्ट नहीं हो सकता, और यह उसके लिए असुरक्षित साबित हो सकता है। प्रीमैच्योर बच्चे को शरीर के एक स्थिर टेम्परेचर की आवश्यकता होती है, और इस प्रकार शुरूआती दिनों में उसे सीधे सूर्य के प्रकाश से दूर रखा जाना चाहिए। स्वस्थ वजन के साथ बच्चे को एक स्पष्ट कांच की खिड़की के पास रखा जा सकता है।
यदि आपके बच्चे की त्वचा संवेदनशील है, तो अपने डॉक्टर से पूछ लें कि क्या उसे सीधे सूर्य के प्रकाश के संपर्क में लाना ठीक है। अन्यथा, बच्चे की त्वचा को नुकसान पहुँच सकता है क्योंकि यह त्वचा को सूखा बना देता है, जिससे चकत्ते, छिलना या सामान्य जलन हो सकती है।
क्या आपको पता है कि हड्डी बनने की प्रक्रिया टीन एज (किशोरावस्था) तक चलती है? चूंकि विटामिन डी हड्डियों के निर्माण के लिए जरूरी है, प्रत्येक आयु में सूर्य के प्रकाश के संपर्क में रहना अनिवार्य है। नवजात बच्चों के लिए, यदि यह पहले कुछ हफ्तों में किया जाता है तो यह बिलीरुबिन के स्तर को मैनेज करने में मदद करता है । तो याद रखें कि आपको भी विटामिन डी की उतनी ही आवश्यकता है जितनी कि आपके बच्चे को है, इसलिए अपने बच्चे को धूप में रखने पर स्वयं भी धूप सेंकने में संकोच न करें!
बच्चे को रोज स्नान से पहले धूप में रखना बेहतर होगा। इससे उसके उन अंगों को साफ करने में मदद मिलेगी, जिनकी अक्सर अनदेखी की जाती है, जैसे पेट, जांघ, पैर और कानों के पीछे का हिस्सा।
लंबे समय तक सूर्य के प्रकाश के संपर्क में रहने के कारण बच्चे के शरीर के तापमान में कोई असामान्य वृद्धि चिंता का कारण बन सकती है। बच्चे के शरीर और मस्तिष्क के कार्य हाई टेम्परेचर से प्रभावित हो सकते हैं, इसलिए समय और तापमान पर सावधानीपूर्वक नजर रखी जानी चाहिए।
जब आपका बच्चा गर्म धूप में आनंद ले रहा है, आप इस अवसर का उपयोग बच्चे के साथ समय बिताने के लिए कर सकती हैं। आप त्वचा की समस्याओं से बचाव के लिए उसकी हल्की तेल मालिश कर सकती हैं। बच्चे को सहलाना उसे सुरक्षा और गर्मी का एहसास कराता है, और उसकी हेल्थ को बेहतर करने में मदद करता है। इस दौरान पूरे समय बच्चे से बात करती रहें। अच्छी तरह से उपयोग किए गए इस समय के कई शारीरिक और भावनात्मक फायदे माँ और बच्चे दोनों को मिलेंगे।
अब आप बच्चे को सूर्य के प्रकाश में रखने के सभी तरह के फायदों को जान गई हैं। फिर भी, ऐसा करने से पहले अपने बच्चे की त्वचा की स्थिति और सामान्य स्वास्थ्य पर विचार करना जरूरी है । सूर्य का प्रकाश नेचुरल चीज है और हमारे देश के अधिकांश भागों में भरपूर उपलब्ध है, अच्छी सेहत के लिए हमें इसका अधिकतम उपयोग करना चाहिए।
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