गर्भावस्था

सामान्य प्रसव के लिए 11 प्रभावी गर्भावस्था व्यायाम

गर्भवस्था में व्यायाम करने से जुड़े मिथकों पर और इससे होने वाले नुकसान पर भरोसा करने के विपरीत, गर्भावस्था में व्यायाम वास्तव में माँ के स्वास्थ्य में सहायक होता है और एक सामान्य प्रसव की संभावना को बढ़ता है । यदि यह सही मुद्रा और सघनता के साथ किया जाए तो गर्भावस्था के दौरान व्यायाम करना वास्तव में लाभकारीहै।

गर्भावस्था के दौरान व्यायाम करने से पहले इन निर्देशों का पालन करें।

गर्भावस्था के दौरान व्यायाम आवश्यक और बहुत सहायक होता है, लेकिन कुछ महत्वपूर्ण निर्देशों का पालन किया जाना चाहिए जो माँ और बच्चे दोनों को फायदा पहुँचा सकते हैं।

  • ढीले और आरामदायक कपड़े पहनें : यह सुनिश्चित करता है कि परिसंचरण बाधित न हो।
  • मध्यम तापमान: बहुत ज़्यादा गर्म या ठंडा कमरा आपके शरीर के तापमान को प्रभावित कर सकता है, और बच्चे को नुकसान पहुँचा सकता है, इसलिए मध्यम तापमान वाले जगह पर व्यायाम करें।
  • खूब पानी पिएं: यह सुनिश्चित करता है कि आप जलयोजित बनी रहें।
  • आरामदायक जूते पहनें: यह स्थिरता प्रदान करते हैं।
  • खिंचाव: बुनियादी प्रारंभिक खिंचाव वाले व्यायाम दर्द और मोच को रोकने में सहायक होते हैं।
  • बहुत ज़्यादा मशक्कत ना करें: अगर आप बहुत ज्यादा थक गए हैं तो व्यायाम न करें।
  • लंबी अवधि के लिए स्थिर खड़े होने से बचें: इससे निचले अंगों में रक्त का एकत्रीकरण हो सकता है जिसके परिणामस्वरूप उनमें सूजन आ सकती है।

सामान्य प्रसव के लिए गर्भावस्था के दौरान 11 व्यायाम निम्नलिखित है

गर्भावस्था के चरणों के आधार पर व्यायाम करने से माँ और बच्चे को बिना किसी नुकसान के सामान्य प्रसव की तैयारी करने में मदद मिलती है।

पहली तिमाही में गर्भावस्था के व्यायाम सामान्य प्रसव के लिए

पहली तिमाही (शुरुआती 3 महीने) सबसे संवेदनशील चरण होते है और इस दौरान माताओं को किसी भी थकाऊ गतिविधि से बचने की सलाह दी जाती है, जिसमें भारी वजन उठाना, अत्यधिक कार्डियो या उच्च तीव्रता वाली कसरत शामिल हैं। केवल हल्के व्यायाम ही अनुमत किए जाते हैं, लेकिन केवल अपने चिकित्सक से परामर्श करने के बाद।

वार्म-अप व्यायाम मांसपेशियों को लचीला बनाकर और कठोरता कम करके आपके शरीर को कसरत के लिए तैयार करने में मदद करता है।

1. वार्म अप

  • सिर को दाएं और बाएं ओर घुमाएं – दस बार इसी क्रिया को दोहराएं
  • सिर को ऊपर और नीचे की ओर हिलाएं – दस बार इसी क्रिया को दोहराएं
  • सिर को गोल घुमाएं (दोनों तरफ से) – इस क्रिया को पाँच बार दोहराएं
  • दक्षिणावर्त्त और वामावर्त्त में बाँहों को घुमाएं में – इस क्रिया को दस बार दोहराएं
  • दक्षिणावर्त्त और वामावर्त्त में कंधो को घुमाएं – दस बार इस क्रिया को दोहराएं

2. वॉल स्लाइड

शुरू करने के लिए अपने सिर और नितंब को दीवार पर सटाएं, कंधों को शिथिल छोड़ें, और अपने पांव को अलग करते हुए फैलाएं।

प्रक्रिया:

  • दीवार पर अपनी पीठ सटा कर खड़ी हो जाएं । अपने पांव को सामने की ओर रखकर, दीवार से दूर ले जाएं ।
  • अब धीरे-धीरे अपनी कमर को नीचे करें, ताकि आपकी जांघे फर्श के समानांतर हो जाएं, जैसे कि आप एक अदृश्य कुर्सी पर बैठी हों ।
  • अपने हाथों को सिर के ऊपर उठाएं और उन्हें दीवार से सटा कर आराम दें। अब धीरे-धीरे उन्हें अपने सिर के दोनों तरफ नीचे खीचें, जैसे शोल्डर-प्रेस में करते हैं। इस क्रिया को 10 बार दोहराएं।

अगर आपकी पीठ में दर्द होता है तो यह व्यायाम मेरुदण्ड और निचले पेट में स्थिरता प्रदान करने में सहायक होता है।

3. क्लैम शेल

घुटने मोड़कर अपनी पीठ के बल फर्श पर लेटें और अपनी एक बांह को सिर के नीचे रखें और दूसरी को जमीन से छूते हुए शरीर को सहारा दें। अपनी एक एड़ी दूसरे के ऊपर रखें।

प्रक्रिया:

  • एक एड़ी से दूसरी एड़ी दबाते हुए अपने पैर को अधिकतम संभव ऊंचाई तक उठाएं।
  • एक पल के लिए रुकें और फिर प्रारंभिक स्थिति में लौट आएं। इसे पाँच बार दोहराएं।
  • फिर यही दूसरी तरफ से दोहराएं।

यह व्यायाम माँसपेशियों, पेट, जांघों, नितंबों और श्रोणि क्षेत्र में कसावट लाने में मदद करता है। चूंकि गर्भावस्था के दौरान पेट का आकार बढ़ जाता है इसलिए यह सलाह दी जाती है कि दीवार पर पीठ सटा कर यह व्यायाम करें।

4. कमर उठाना / सेतुबंध

फर्श पर सीधे लेट कर घुटने मोड़ें, अपनी हथेलियों को अपने कूल्हों के नीचे रखें।

प्रक्रिया:

  • धड़ को कंधों के बराबर लाने के लिए अपने कूल्हों को ऊँचा उठाएं।
  • एक सेकंड रुकें और फिर से प्रारंभिक स्थिति में नीचे आ जाएं।

यह व्यायाम पेट के बढ़ते हुए आकार को संभालने के लिए पीठ के नीचे हिस्से को संबल देगा। यह नितंबों को मजबूत करता है और प्रसव में सहायता करता है।

गर्भावस्था के दौरान टहलना आवश्यक है लेकिन तेज चलने से बचें। यह माँ को अधिक लचीला बनाने में सहायक है और शरीर में वसा के जमाव से बचने में मदद करता है। दिन में दो बार कम से कम 30 मिनट तक टहलना आपके लिए पर्याप्त है। पहली तिमाही के दौरान, मतली होना आम बात है। नियमित रूप से हल्के व्यायाम करने की सलाह दी जाती है। दूसरी तिमाही में, माँ थोड़ा बेहतर महसूस करती है, और यह उन व्यायामों के लिए एक आदर्श चरण है जो प्रसव को आसानी से होने में मदद करेंगे।

दूसरी तिमाही में गर्भावस्था के व्यायाम सामान्य प्रसव के लिए

दूसरी तिमाही (13-27 सप्ताह) तक मतली के लक्षण आमतौर पर खत्म हो जाते हैं। पेट में ऐंठन आम है और बच्चे की गतिविधि को आसानी से महसूस किया जाता है चूंकि गर्भाशय में संकुचन अक्सर होता रहता है। इस चरण में यह व्यायाम आमतौर पर सुरक्षित होते हैं, लेकिन अपने चिकित्सक से परामर्श लेना अच्छा रहेगा।

1. अधोमुख श्वानासन

पैर की अंगुलियों को सिकोड़ कर और हाथों की अंगुलियों को फैला करके बिल्ली जैसी मुद्रा बनाएं, अपनी अंगुलियों से फर्श को दबाएं।

प्रक्रिया:

सामने की ओर झुकें और अपने पैरों और हथेलियों से फर्श पर टिककर अपनी अंगुलियों को फर्श पर मजबूती से दबाएं और एक “ए” बनाएं।

  • दाहिने घुटने को मोड़ें और इसे खिंचाव महसूस करते हुए सीधा करें।
  • बाएं घुटने को मोड़ें और इसे सीधा करें।
  • जितनी बार आराम से हो सके उतनी बार दोहराएं।
  • गर्भावस्था के अंतिम चरण में यह व्यायाम करने की सलाह नहीं दी जाती है।

2. पेल्विक टिल्ट

फर्श से सटी सपाट हथेलियों और पैरों की तनी हुई अंगुलियों के साथ बिल्ली वाली मुद्रा बनाएं।

प्रक्रिया:

  • दोनों हाथो और पैरों पर स्थिर होते हुए, अपने सिर को पीछे की ओर झुकाएं।
  • अपनी पीठ को तिरछा करें ताकि आपकी रीढ़ घुमावदार हो सके।
  • इसी मुद्रा में थोड़ी देर रहे फिर प्रारंभिक स्थिति में वापस धीरे-धीरे जाएं और प्रक्रिया को फिर से दोहराएं।
  • आराम करें और फिर दोहराएं।

यह व्यायाम श्रोणि को मजबूत करता है, गर्भावस्था के दौरान पीठ के दर्द में आराम देता है, प्रसव में मदद करता है बच्चा जनने की प्रक्रिया को आसान बनाता है।

3. सुप्त बद्धकोणासन

दीवार के पास फर्श पर लेटें और पैरों को फैलाकर, दीवार से टिका कर अपने पैरों को आराम दें।

प्रक्रिया:

  • फर्श पर बैठते हुए अपने पैरो को अपने सामने फैलाएं यदि असुविधा लगे तो बैठने के लिए कंबल का उपयोग करें।
  • दोनों पैरों के तलवों को जोड़कर, अपनी एड़ियों को पकड़ें और उन्हें अपने श्रोणि के पास खींचें।
  • विश्राम करें, लेकिन अपने घुटनों को ज़मीन पर धकेलने से बचें।
  • सांस छोडते हुए जितना आराम से हो सके आगे की ओर झुकें।
  • जब तक आराम से हो सके, इस मुद्रा पर रुकें और फिर धीरे से उठकर बैठ जाएं।

तीसरी तिमाही में गर्भावस्था के व्यायाम सामान्य प्रसव के लिए

तीसरी तिमाही में, भारी व्यायाम से बचना चाहिए क्योंकि श्रमसाध्य और भारी गतिविधियां जैसे ज़्यादा वज़न उठाने से उल्बीय द्रव के रिसाव जैसी जटिलताएं हो सकती हैं।

1. ओपनिंग हिप्स

शुरुआत में दोनों कंधो के बीच की चौड़ाई जितनी दूरी पैरों के बीच बनाकर सीधे खड़ी हो जाएं ।

प्रक्रिया:

  • अपने घुटनों को मोड़कर उकडूँ बैठ जाएं ।
  • अपने श्रोणि क्षेत्र को आराम दें।
  • उकडूँ बैठे हुए पाँच बार गहरी सांस लें।
  • धीरे-धीरे वापस प्रारंभिक स्थिति में पहुँचे ।

2. श्रोणि के खिंचाव के व्यायाम

प्रसव की तैयारी के लिए श्रोणि क्षेत्र की माँसपेशियों का व्यायाम आवश्यक है। कीगल व्यायाम जो सामान्य प्रसव होने के लिए किया जाता है, श्रोणि- क्षेत्र की माँसपेशियों को मजबूत करता है। इन माँसपेशियों में पृथकता से व्यायाम करने के लिए, अपने पेट की माँसपेशियों, जांघों या नितंबों का उपयोग किए बिना मूत्र के प्रवाह को रोकने की कोशिश करें। हल्का कीगल व्यायाम शुरू करने के लिए, कसरत करने वाली बॉल पर पीठ सीधी करके आराम से बैठ जाएं।

प्रक्रिया:

  • धीमी गति का कीगल व्यायाम
  • धीमी गति का कीगल व्यायाम
  • माँसपेशियों को संकुचित करके 3-10 सेकंड के लिए रुकें और ऐसा 10 बार दोहराएं ।
  • तेज़ गति का कीगल व्यायाम
  • श्रोणिक क्षेत्र की माँसपेशियों में 25-30 संकुचन और विश्राम की क्रिया करें और फिर 5 सेकंड तक आराम करें। ऐसा 4 बार दोहराएं ।

3. योग

सामान्य प्रसव के लिए गर्भावस्था में होने वाली माताओं की के लिए योग बहुत उपयुक्त है और इसके बहुत सारे रूप और आसन हैं जो होने वाली माँ में लचीलापन और धैर्य बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। कुछ करने योग्य आसनों में ये सम्मिलित हैं:

यस्तिकासन:

  • अपने हाथों को अपने सिर के ऊपर फैलाकर और पैरों को खींचकर सीधे लेटें।
  • बांहों और पैरों को जितना संभव हो एक-दूसरे के करीब रखें ।
  • जितनी देर तक आराम से हो सके इस मुद्रा में लेटे रहें ।

वक्रासन:

  • फर्श पर बैठ कर अपने पैरों को सामने की ओर फैलाएं ।
  • बाएं घुटने को मोड़कर बायां पद को दाहिने घुटने के पास रखें।
  • श्वास लें और हाथों को कंधे की ऊँचाई तक ले जाएं।
  • श्वास छोड़ें और जितना आप आराम से मुड़ सकती हैं उतना मुड़कर दाहिने हाथ से अपने दाहिने घुटने को पकड़ें और इस मुद्रा में थोड़ी देर रुकें ।

कोणासन :

  • आराम से फर्श पर बैठें ।
  • अपने पैरों के तलवों को एक साथ दबाएं और उन्हें धीरे-धीरे अपने शरीर की ओर खींचें ।
  • जितना आराम से हो सके आगे की ओर झुकें।
  • इसे पाँच बार साँसों को लेने तक रुकी रहें।

4. स्क्वॉट

स्क्वॉट महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वे श्रोणि की माँसपेशियों के संकुचन और विश्राम में मदद करते हैं और प्रसव पीड़ा को कम करने में भी मदद करते हैं। कसरत वाली बॉल के सहारे वांछित मुद्रा में आने से श्रोणिक क्षेत्र और जांघों पर अच्छा दबाव पड़ेगा।

प्रक्रिया:

  • सांस लें और बैठने की स्थिति में आने के लिए नीचे झुकें
  • एक सेकंड रुकने के बाद अपनी प्रारंभिक स्थिति में वापस लौटें
  • स्क्वॉट को दोहराएं और इस बार अपनी कोहनी को अपनी जांघों के अंदर रखें और उन्हें धीरे से धकेलते हुए अपने कूल्हों को खोलने की कोशिश करें
  • आलंबित किए पादों के साथ धीरे-धीरे खड़े होने की स्थिति में वापिस आ जाएं

गर्भवती महिला के लिए व्यायाम के लाभ

गर्भावस्था में में व्यायाम करने से माँ को कई फायदे मिलते हैं और सामान्य सुरक्षित प्रसव की संभावना बढ़ जाती है। यह निम्नलिखित लाभ भी प्रदान करता है।

  • वजन बढ़ने से रोकता है
  • सामान्य प्रसव के लिए माँ का शरीर तैयार करता है
  • प्रसव प्रीड़ा कम करता है
  • परिसंचरण में सुधार करता है और हृदय गति को स्थिर रखता है
  • आपके प्रधान बल को बढ़ाता है और आपको अधिक लचीला बनाता है
  • प्रसव के बाद जल्दी ठीक होने में आपकी मदद करता है
  • उच्च रक्तचाप और गर्भावस्था से उत्प्रेरित मधुमेह की संभावना को कम करता है

गर्भावस्था में व्यायाम कब रोकें?

आम तौर पर, लगभग आधे घंटे का व्यायाम पर्याप्त और अनुशंसित होता है। होने वाली माँ को व्यायाम से बचनाचाहिए अगर वह बताई गई निम्नलिखित बातों का अनुभव करती हैं:

  • थकान
  • पहले से मौजूद रक्तचाप की समस्याएं, दमा की स्थिति, हृदय विकार, मधुमेह आदि
  • योनि से खून बहना
  • पूर्व में समय से पहले प्रसव या असफल प्रसव होना
  • व्यायाम करने के तुरंत बाद संवर्धित संकुचन अनुभव करना

एक गर्भवती महिला के लिए उचित प्रकार से किया गया नियमित व्यायाम सामान्य प्रसव को अधिक संभावित बनाता है, और इसके साथ प्रसव में लगने वाले समय और उसकी पीड़ा को कम करने में बहुत सहायक हो सकता है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि आप सुरक्षित तरीकों से व्यायाम कर रही हैं, विस्तार से डॉक्टर से इनके बारे में पूछें और किसी कि देख रेख में ही इसे करें।

समर नक़वी

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