ऊँट और सियार की कहानी | The Camel And The Jackal Story In Hindi

ऊंट और सियार एक बेहद प्रसिद्ध कहानी है जो सैकड़ों सालों से सुनाई जा रही है। यह उन कहानियों में से एक है जो आपके माता-पिता, दादा-दादी और शायद परदादा-परदादी ने भी बताई थी। इस कहानी का मूल कहां से है इस बारे में तो जानकारी नहीं है लेकिन यह नैतिक शिक्षा देने वाली एक प्रासंगिक कहानी है और बच्चों को बहुत पसंद आती है। कहानी में एक धूर्त सियार और उसका दोस्त ऊँट है, जो स्वभाव से सीधा-सादा है। जब सियार ऊँट के भोलेपन का फायदा उठाता है तो ऊँट क्या करता है और कैसे बदला लेता है, इस बारे में जानने के लिए कहानी पढ़ें।

कहानी के पात्र (Characters Of The Story)

इस प्रसिद्ध कहानी के मुख्य पात्र इस प्रकार हैं –

  • एक भोला भाला ऊँट
  • धूर्त सियार
  • खेत का मालिक

ऊँट और सियार की कहानी (The Camel And The Jackal Story In Hindi)

 

बहुत समय पहले की बात है, एक सियार और ऊँट अच्छे दोस्त थे। सियार बहुत चालाक था और अक्सर ऊँट को बेवकूफ बना देता था। एक दिन उसने अपने मित्र से कहा –

“नदी के उस पार गन्ने का एक खेत है। यदि तुम मुझे अपनी पीठ पर बिठाकर नदी पार करोगे तो मैं तुम्हें वह जगह दिखाऊंगा और हम दोनों भरपेट खाना खा सकेंगे।”

ऊँट ने सियार की बात मान ली। उसने सियार को अपनी पीठ पर बिठा लिया, क्योंकि सियार को तैरना नहीं आता था, और उसे नदी के पार ले गया।

वहां पहुंचकर दोनों गन्ने के खेत में घुस गए और भरपेट गन्ने खाए। सियार का पेट जल्दी भर गया। बस, इसके साथ ही खुशी से वह जोर जोर से चिल्लाने लगा। ऊँट का पेट अभी तक भरा नहीं था। उसने सियार से कहा कि वह चिल्लाना बंद करे। ऊँट को डर था कि अगर सियार की आवाज सुनकर खेत का मालिक आ गया तो उनकी खैर नहीं। लेकिन सियार ने ऊँट की एक न सुनी। उसने कहा कि भरपेट खाना खाने के बाद चिल्लाना सियारों की आदत होती है। वह अब पहले से भी अधिक जोर से चिल्लाने लगा।

उधर गन्ने के खेत के मालिक ने सियार के चिल्लाने की आवाज सुनी। बस फिर क्या था, हाथ में एक लंबी छड़ी लेकर खेत का मालिक वहां आ पहुंचा। सियार झाड़ियों के बीच छिप गया लेकिन ऊँट वहीं खेत में खड़ा रहा क्योंकि छिपने के लिए उसका शरीर बहुत बड़ा था। खेत के मालिक ने ऊँट को पीट-पीटकर बेहाल कर दिया।

जब खेत का मालिक चला गया तो सियार झाड़ियों से बाहर निकला। ऊँट और सियार अब दोनों वापस घर को जाने के लिए निकल पड़े। नदी पार करने के लिए ऊँट ने सियार को फिर से अपनी पीठ पर लाद तो लिया, लेकिन इस बार उसने सियार से बदला लेने की ठान ली थी। जैसे ही वे नदी के बीचों बीच पहुँचे, ऊँट पानी में लोटने लगा। यह देखकर सियार घबरा गया और ऊँट से बोला –

“यह तुम क्या कर रहे हो? क्या तुम्हें नहीं दिख रहा कि मैं डूब रहा हूँ?”

ऊँट ने उत्तर दिया –

“मुझे खेद है लेकिन मैं इसमें कुछ नहीं कर सकता। मैं हमेशा भरपेट खाना खाने के बाद पानी में ऐसे ही लोटता हूँ।”

सियार के पास कोई चारा नहीं था और वह गहरे पानी में गिर गया। चालबाज सियार को उसके गलत काम की सजा मिली।

ऊँट और सियार की कहानी से सीख (Moral of The Camel And The Jackal Hindi Story)

ऊँट और सियार की कहानी से यह सीख मिलती है कि किसी के साथ बुरा करने का नतीजा खुद के लिए भी बुरा होता है। जो बोओगे वही काटोगे यानी आप दूसरों के साथ जैसा व्यवहार करेंगे, वे भी आपके साथ वैसा ही व्यवहार करेंगे। साथ ही यह कहानी सिखाती है कि अगर कोई सिर्फ आपका फायदा उठाता है और तकलीफ में साथ नहीं देता तो बहुत अच्छा बने रहने का कोई फायदा नहीं है। जैसे जैसे को तैसा की नीति अपनानी चाहिए और स्वार्थी व धूर्त लोगों को उनके किए का सबक सिखाना चाहिए।

ऊँट और सियार की कहानी का कहानी प्रकार (Story Type of The Camel And The Jackal Hindi Story)

ऊँट और सियार की यह कहानी शिक्षाप्रद नैतिक कहानियों के अंतर्गत आती है। इस कहानी में धूर्त सियार ने भले स्वभाव के ऊँट का फायदा उठाया लेकिन ऊँट ने अपने साथ हुए बुरे बर्ताव के लिए सियार को सजा दी।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

1. ऊँट और सियार की कहानी का नैतिक क्या है?

ऊँट और सियार की कहानी का नैतिक है कि बुरा करने वाले के साथ बुरा ही होता है।

2. ऊँट गन्ने के खेत में जाने के लिए सियार को अपनी पीठ पर क्यों बिठाकर ले गया?

ऊँट गन्ने के खेत में जाने के लिए सियार को अपनी पीठ पर बिठाकर ले गया क्योंकि रास्ते में नदी पड़ती थी और सियार को तैरना नहीं आता था।

3. सियार कौन होता है?

सियार कुत्ते की प्रजाति का एक जंगली जानवर है जिसे गीदड़ और श्रृंगाल भी कहा जाता है।

निष्कर्ष (Conclusion)

ऊंट और सियार बच्चों के लिए एक ऐसी कहानी है जो उन्हें धूर्त और चालाक लोगों के साथ कैसा बर्ताव करना चाहिए, यह बताती है। बच्चों को जीवन में व्यावहारिक बातों के लिए जरूरी सीख देने वाली कहानियां जरूर सुनानी चाहिए। बचपन से कहानी सुनने की आदत होने से बच्चों में कल्पनाशक्ति का विकास होता है, पढ़ने की ललक जगती है और आगे जाकर भाषा कौशल बेहतर होता है।

यह भी पढ़ें:

प्यासे कौवे की कहानी (Story Of Thirsty Crow In Hindi)
दो मूर्ख बकरी की कहानी (Two Foolish Goats Story In Hindi )
सूरज और हवा की कहानी (The Story Of The Sun And The Wind In Hindi)

श्रेयसी चाफेकर

Recent Posts

लड़कों के लिए 200+ अद्वितीय हिन्दू नाम अर्थ के साथ

हिंदू धर्म एक धर्म से बढ़कर एक जीवन पद्धति है और इसका पालन भारत, नेपाल,…

23 hours ago

200+ ईसाई लड़कियों के नाम अर्थ के साथ

आखिरकार वो दिन आ ही गया जब आपकी नन्ही परी ने इस दुनिया में कदम…

1 day ago

120+ गणेश चतुर्थी 2025 की शुभकामनाएं देने के लिए कोट्स, विशेस, मैसेज और स्टेटस

भगवान गणेश हिन्दू धर्म के सर्वश्रेष्ठ देवता माने जाते हैं और इनकी पूजा सबसे पहले…

2 days ago

अन्विका नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Anvika Name Meaning in Hindi

कई माता-पिता बच्चों का नाम रखने में बहुत ज्यादा सोचते नहीं हैं और ट्रेंडिंग या…

3 days ago

अगम नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल | Agam Name Meaning in Hindi

आपने अपने आसपास ऐसी कई चीजें देखी होंगी जो पहले पुराने जमाने में चलती थीं,…

3 days ago

जितेंद्र नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Jitendra Name Meaning in Hindi

जब भी घर में एक नन्हा मेहमान आता है, तो पूरे परिवार में खुशी की…

3 days ago