शादी दो लोगों को एक साथ लाती है, जिसे बाद में लोग एक जीवन की तरह जीते हैं। शादी के बाद हर जिम्मेदारी को पति और पत्नी दोनों मिलकर बांटते हैं और यह चीज तब भी लागू होती जब बात बच्चे को परवरिश देने की आती है। हालांकि ये जिम्मेदारियां हर कपल के अनुसार अलग-अलग हो सकती हैं, लेकिन दोनों ही माता और पिता की हर चीज में समान रूप से जिम्मेदार होते हैं।
एक अच्छे पति और पिता की जिम्मेदारियों को निभाते हुए आप अपनी पत्नी की प्रेगनेंसी को आसान बनाने में मदद कर सकते हैं।
एक पति के रूप में, आप यह जानना चाहेंगे कि आप कैसे अपनी पत्नी की प्रेगनेंसी को आसान बना सकते हैं। यहाँ आपको एक पति होने की जिम्मेदारियों के बारे में बताया गया है, जो आपके लिए जानना बहुत जरूरी है।
यहाँ आपको कुछ जरूरी चीजें बताई गई जो आपको ध्यान में रखनी चाहिए जब आपकी पत्नी प्रेग्नेंट हो। नीचे बताई गई बातों पर अमल करें, ताकि आप एक हेल्पफुल हस्बैंड और एक अच्छे पिता बन सकें!
कभी-कभी, सिर्फ जानना और समझना कि आपकी पत्नी किस परिस्थिति से गुजर रही है, यही एक बहुत बड़ा कदम होता है, इसलिए गर्भावस्था के दौरान होने वाली सभी चीजों के बारे में जानकारी प्राप्त करें। जब आपकी पत्नी प्रेग्नेंट होती है उस समय बहुत सी बातों का ध्यान रखना आवश्यक होता है, इसलिए खाने की आदतें, कपड़े या सप्लीमेंट और मॉर्निंग सिकनेस जैसी गंभीर चीजों को पढ़ें और जानें, ताकि आप अपनी पत्नी को बेहतर तरीके से सपोर्ट कर सकें।
मॉर्निंग सिकनेस के कारण बहुत परेशानी होती जिससे आपकी पत्नी को बहुत थकावट महसूस हो सकती है। एक पति के रूप में, आपको इस समय के दौरान अपनी पत्नी का साथ देने की बहुत जरूरत है। उन्हें कम्फर्टेबल फील कराने का प्रयास करें। उनके लिए आराम करने की एक जगह बनाएं, ताकि उन्हें जब भी मॉर्निंग सिकनेस महसूस हो तो वह आराम कर सकें।
अगले कुछ महीनों में चीजें पूरी तरह से बदल जाएंगी। मूड स्विंग, इमोशनल स्ट्रगल, दर्द आदि चीजों का उन्हें सामना करना होगा। इस समय के दौरान, ये बदलाव स्वाभाविक है, इसलिए जब आपकी पत्नी इन परिवर्तनों से गुजर रही हो तो आप धैर्य रखना सीखें। अपनी पत्नी के प्रति सेंसिटिव रहें और वो जो भी कहे उसका अच्छे से जवाब दें। इससे उन्हें अच्छा महसूस होगा।
आपकी पत्नी को अपने जीवन के इस पड़ाव में आपके सपोर्ट और प्रोत्साहन की बहुत आवश्यकता होती है। गर्भावस्था के दौरान बहुत सारे उतार-चढ़ाव आते हैं – एक तरफ, वह खुश और उत्साहित महसूस कर रही होती है; तो वहीं दूसरी ओर, वो शारीरिक परिवर्तन, अनिश्चितता और डर का सामना कर रही होती हैं। गर्भावस्था के इस सफर में आप उन्हें यकीन दिलाएं कि आप हर समय उनके साथ हैं और उन्हें चिंता करने की बिलकुल भी आवश्यकता नहीं है।
इस समय में हो सकता है कि आपकी पत्नी को आपकी बहुत ज्यादा जरूरत पड़े जो एक वर्किंग पति के लिए मुश्किल हो सकता है। ऐसे में आपको अपने प्लान चेंज करने पड़ सकते हैं ताकि आप अपनी पत्नी के साथ रह सकें, इसलिए प्रेगनेंसी के दौरान ऐसा होने की संभावना हो सकती है। अपनी पत्नी की जरूरतों के अनुसार ही अपने दोस्तों या लोगों से मिलने का प्लान बनाएं और ऑफिस में काम के लिए फ्लेक्सिबल ऑवर रखें ताकि आप अपनी पत्नी के साथ समय बिता सकें। इस तरह, जब उनको आपकी जरूरत होगी तो आप उनके साथ होंगे।
गर्भावस्था के दौरान कई सारे काम बहुत मुश्किल लगते हैं और खाना बनाना उनमें से एक है। कोशिश करें कि आप रसोई में अपनी पत्नी का थोड़ा हाथ बटाएं। उन्हें अच्छा लगेगा और साथ ही उनका काम भी कुछ हल्का हो जाएगा, इस प्रकार वो थोड़ा आराम कर सकेंगी। अपनी पत्नी का हाथ बटाने में जरा भी में संकोच न करें।
गर्भवती महिलाओं को अच्छे से आराम करने और बिलकुल भी स्ट्रेस न लेने के लिए कहा जाता है, इस वजह से कई महिलएं इस समय अपनी माँ के घर चली जाती हैं, क्योंकि वो उनके लिए एक सुरक्षित जगह होती है। लेकिन फिर भी यह बहुत जरूरी है कि आप लगातार उनसे संपर्क रखें और हो सके तो गर्भावस्था के 8वें महीने तक अपनी पत्नी के साथ रह कर अपनी जिम्मेदारियों को एक साथ उठाएं।
अपने बच्चे के जन्म का इंतजार करना बहुत खूबसूरत अहसास होता है। एक जिम्मेदार दंपति के रूप में, यह बहुत जरूरी है कि आप साथ मिलकर अपने फ्यूचर की प्लानिंग करें, ताकि बच्चे के पैदा होने के बाद आप उस प्लान पर अमल कर सकें। अपनी पत्नी के साथ मिलकर आने वाले समय की प्लानिंग करें और सभी जरूरी चीजें उनके साथ डिस्कस करें, ये सभी चीजें उन्हें अहसास कराएंगी कि आप दोनों हमेशा हर चीज में एक साथ हैं। यह वह समय भी है जब आप दोनों को अपने बच्चे का नाम सोचना शुरू कर देना चाहिए।
घर की जिम्मेदारियों को उठा कर अपनी पत्नी को सपोर्ट कर सकते हैं। उनकी हर उस छोटी-छोटी चीजो में मदद करें जिसमें उन्हें आपकी मदद की जरूरत है, लेकिन ये सारी चीजें आप उन्हें बिना जताए हुए करें। उनका मानसिक तनाव कम करके आप उन्हें खुश रख सकते हैं ।
गर्भावस्था में एक महिला को काफी दर्द से गुजरना पड़ता है, तो इस बात की काफी संभावना है कि वो आपसे अपने तकलीफों के बारे में बता सकती हैं। इस समय में आपको एक अच्छा श्रोता बनने की बहुत जरूरत है, अपनी पत्नी की पीड़ा और तकलीफ के बारे में सुनिए, उसके शरीर के बदलावों को समझिए और इस दौरान होने वाली क्रेविंग के बारे में जानिए। यदि आप उनकी बातों को सुनेंगे तो वो अच्छा महसूस करेंगी।
इस समय आप घर के कामों की जिम्मेदारी खुद लें । क्योंकि घर का ध्यान रखना अब उनके लिए मुश्किल हो जाएगा और यह आपका भी उतना ही घर है जितना आपकी पत्नी का, तो अब समय आ गया है कि आप अपने घर का ध्यान रखें। बच्चे को पालना कोई आसान काम नहीं है। इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि आप दोनों अपनी जिम्मेदारियों को एक दूसरे के साथ साझा करें।
अपनी पत्नी को समय-समय पर डॉक्टर के पास चेकअप के लिए ले जाना बेहद जरूरी है। अगर कोई कॉम्प्लिकेशन हो तो डॉक्टर के यहाँ जाना काफी तनावपूर्ण हो सकता है, ऐसे हालातों में अपनी पत्नी को अकेले न छोडें। जब भी आपकी पत्नी को डॉक्टर के पास जाना हो तो आप हमेशा उनके साथ जाएं।
अपनी पत्नी के साथ उस दिन के लिए तैयार रहें जब आपका बच्चा इस दुनिया में आएगा। डिलीवरी का इंतजार करना एक महिला के लिए बहुत स्ट्रेसफुल हो सकता है, इसलिए तैयारी पूरी रखें क्योंकि उनको कभी भी इसकी जरूरत पड़ सकती है। अस्पताल में उसकी जरूरत की सभी चीजों के साथ एक मैटरनिटी बैग तैयार रखें। बच्चे की डायपरिंग कैसे करना है, उन्हें कैसे कपड़े में लपेटना है और उन्हें कैसे सुलाएं आदि सभी चीजों के बारे में पढ़ें जो बच्चे की परवरिश के लिए जरूरी है। अपनी पत्नी को यह भरोसा दिलाएं कि आप चीजों को संभालने में सक्षम हैं, ताकि वो अपना और बच्चे का अच्छी तरह से ध्यान रख सकें। हमेशा उनके साथ रहें और उनका सपोर्ट करें।
प्रेगनेंसी के दौरान दही डाइट लेना बहुत जरूरी है और आपकी यह जिम्मेदारी बनती है कि आपकी पत्नी जो भी खाए या पिए वो उसके और बच्चे के लिए हेल्दी होना चाहिए। उसे किस समय अपना सप्लीमेंट लेना है? क्या वह सही समय पर सही खाना खा रही है? उसे खाने में क्या दिक्कत हो रही है? क्या उसे क्रेविंग हो रही है? बच्चे के लिए कौन सा खाना अच्छा है और कौन सा नहीं? क्या वह पर्याप्त पानी पी रही है? आदि सवालों के जवाब आपके पास होने चाहिए, क्योंकि इस समय उनकी सेहत का ध्यान रखना बहुत जरूरी है।
जैसे-जैसे गर्भावस्था आगे बढ़ती है, आपकी पत्नी अपने शरीर को लेकर असहज महसूस करती है। इस समय, आपको यह नहीं समझ आता कि आप उसे कैसे समझाए कि वह जैसी है वैसी ही परफेक्ट है। इसलिए, उन्हें सुंदर और खास महसूस कराने की कोशिश करें। उन्हें स्पेशल महसूस कराने के लिए आप मैटरनिटी फोटोशूट करवा सकते हैं। जब एक पति गर्भावस्था के दौरान अपनी पत्नी की देखभाल करता है, तो एक महिला का उसे खुद को देखने का नजरिया बदल जाता है।
जब बच्चा पैदा होता है, तो माता-पिता दोनों की जिम्मेदारी होती है। उसी तरह, जब एक महिला गर्भवती होती है, तब भी होने वाले माता-पिता दोनों को यह जिम्मेदारी बराबर से लेनी चाहिए और किसी भी चीज का साथ मिलाकर सामना करना चाहिए। जब एक महिला गर्भधारण करती है तो वो उसके सामने आने वाली हर जिम्मेदारी को पूरा करने का प्रयास करती है। एक पिता होने के नाते आपको अपनी पत्नी का सपोर्ट करना चाहिए। कभी भी आपको उन्हें यह महसूस नहीं करना चाहिए कि यह जिम्मेदारी केवल उनकी ही है। गर्भावस्था के दौरान एक पति की भूमिका बहुत अहम है और यह निश्चित रूप से आपकी पत्नी के 9 महीने की गर्भावस्था को आसान बनाने में उनकी मदद कर सकता है। इसलिए, कोशिश करें कि आप इस मुश्किल समय में हर तरह से अपनी पत्नी के साथ हों ताकि यह सफर उनके लिए आसान हो सके।
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