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प्रेगनेंसी टेस्ट किट द्वारा जांच करने पर आपको पॉजिटिव परिणाम मिलता है और आप गर्भावस्था के दौरान होने वाले लक्षणों की अपेक्षा करने लगती हैं जैसे, मॉर्निंग सिकनेस होना, उबकाई आना, स्तनों का संवेदनशील होना, थकान होना आदि। हो सकता है उपरोक्त बताए गए लक्षणों को पढ़कर आपको यह महसूस हो कि आपके साथ तो ऐसा कुछ नहीं हो रहा बावजूद इसके कि आपका प्रेगनेंसी टेस्ट पॉजिटिव आया है। हो सकता है कि इस प्रकार के लक्षण अभी आपको महसूस नहीं हो रहे हैं लेकिन आपको इसके प्रति नकारात्मक सोच नहीं रखनी चाहिए ।
हर महिला की गर्भावस्था अलग होती है। जरूरी नहीं है कि किताबों में बताए गए सभी लक्षण प्रत्येक महिला महसूस करे। किसी स्त्री को गर्भावस्था के बहुत सारे लक्षणों का अहसास होता है जबकि किसी को इसके कोई कोई संकेत दिखाई नहीं पड़ते।
कई महिलाएं जिनका गर्भावस्था की जांच का परिणाम पॉजिटिव आता है, लेकिन उनको गर्भावस्था के कोई लक्षण नहीं दिखाई देते हैं, तो उनके मन में यह विचार आ सकता है कि, “क्या गर्भावस्था के कोई लक्षण दिखाई न देने के बावजूद भी मैं गर्भवती हो सकती हूं?” इसका जवाब है हाँ। लक्षणों के दिखाई दिए बगैर भी गर्भवती होना काफी आम है लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि आपके बच्चे में कुछ दोष है।
प्रत्येक महिला अपनी गर्भावस्था के दौरान अलग-अलग अनुभवों से गुजरती है और ऐसा बिलकुल जरूरी नहीं है कि एक महिला की गर्भावस्था दूसरे से मेल खाए। कुछ महिलाओं में तो 7 सप्ताह तक गर्भावस्था के कोई लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। हालांकि इसके बाद, उनकी भूख बढ़ना शुरू हो जाती है और इसके अलावा मतली आने व स्तनों का संवेदनशील होना आदि जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं। कुछ महिलाओं में ये लक्षण धीरे-धीरे दिखाई देते हैं वहीं कुछ में यह लक्षण एकदम से दिखाई देने लगते हैं।
आपको गर्भावस्था के प्रारंभिक चरण में कोई लक्षण न दिखाई देने के पीछे का कारण यह है कि भ्रूण अण्डोत्सर्ग के 6 से 12 दिन के बाद ही गर्भाशय में प्रत्यारोपित होता है और इस समय महिलाओं में कोई विशेष परिवर्तन नहीं होते हैं, जो उनमें किसी लक्षण के रूप में दिखाई दें। भले ही आप को शुरुआती चरणों में गर्भावस्था के कोई खास लक्षण न दिखाई दें, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आपको बाद में भी इसके कोई लक्षण दिखाई नहीं देंगे। आप अपनी गर्भावस्था के कुछ ही सप्ताह के अंदर अचानक से जी मचलाना या मॉर्निंग सिकनेस का अनुभव कर सकती हैं।
ऐसा हो सकता है कि आपने पहले ही घर पर प्रेगनेंसी टेस्ट कर लिया हो और जिसका परीक्षण के बाद आपको पॉजिटिव परिणाम मिला हो, लेकिन फिर भी आप किसी भी लक्षण का अनुभव नहीं कर रही हैं।
गर्भावस्था की जांच करने वाली स्ट्रिप मूत्र में एच.सी.जी का स्तर मापती है जिससे गर्भावस्था का पता चलता है। प्रारंभिक चरणों में एच.सी.जी हार्मोन का स्तर बहुत कम होता है। इसलिए, यदि आपने यह परीक्षण किया है और आपको गर्भधारणा को लेकर कोई संदेह है, तो बेहतर है कि आप एक स्त्री रोग विशेषज्ञ की सलाह से अपनी गर्भावस्था सुनिश्चित करने के लिए रक्त और मूत्र की जांच करवा लें।
अगर आपके डॉक्टर ने पुष्टि कर दी है कि आप गर्भवती हैं, लेकिन इसके बाद भी आप किसी तरह के लक्षण अनुभव नहीं कर रही हैं या आपको अपनी भूख बढ़ने का अहसास नहीं हो रहा और न ही आपको थकान महसूस हो रही है, तो चिंता न करें कुछ महिलाओं में ये संकेत थोड़ी देर से नजर आते हैं क्योंकि हर महिला में गर्भावस्था के अलग संकेत होते है, जो कुछ महिलाओं में जल्दी दिखाई देने लगते हैं तो कुछ में थोड़ी देर से दिखाई पड़ते हैं।
अगर आपको अपनी गर्भावस्था के लक्षण नहीं दिखाई देते हैं तो इसके लिए आपको अपनी नियमित जांच कराने की जरूरत है जिससे यह पता लगाया जा सके कि बच्चे की प्रगति और विकास ठीक से हो रहा है या नहीं । यदि आप अपने पेट में असामान्य दर्द या ऐंठन महसूस करती हैं, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें।
आपको अपनी गर्भावस्था का अहसास तब ज्यादा होता है जब आपका बच्चा पेट में बढ़ने लगता है और पैर मारना शुरू कर देता है ।
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पी.सी.ओ.एस.) एक हार्मोन संबंधी विकार है, जिसमें ओवरी यानि अंडाशय मे गांठ विकसित हो जाती है।कई महिलाएं जिन्हें पी.सी.ओ.एस. होता है, उन्हें गर्भवती होने में मुश्किल होती है।
जो महिलाएं गर्भावस्था के दौरान कोई भी लक्षण का अनुभव नहीं करती हैं या बहुत मामूली लक्षणों का अनुभव करती हैं, उसके पीछे का कारण यह भी हो सकता है कि वह पी.सी.ओ.एस.से पीड़ित हों। एक गर्भवती महिला जिसे पी.सी.ओ.एस है, उसे हल्की भूख या दर्द महसूस होता है, लेकिन यह एक आम महिला, जो पी.सी.ओ.एस. से पीड़ित नहीं है, उसकी तुलना में बहुत कम होता है।
इसलिए, यदि आपको पी.सी.ओ.एस. है और आपको गर्भावस्था के कोई लक्षण महसूस नहीं हो रहे हैं, तो इसका यह अर्थ नहीं है कि आपके बच्चे में किसी प्रकार का कोई दोष है। यदि आप पी.सी.ओ.एस. से पीड़ित हैं, तो अपनी गर्भावस्था के बारे में बेहतर जानकारी प्राप्त करने के लिए आप अपने डॉक्टर से परामर्श कर सकती हैं और उनसे इस विषय पर ठीक से चर्चा कर सकती हैं।
महिलाओं मे गर्भावस्था के पहले 12 सप्ताह के भीतर सबसे ज्यादा गर्भपात होता है, क्योंकि इस दौरान शरीर मे थोड़ी भी गड़बड़ होने पर गर्भपात होने की सबसे अधिक संभावना रहती है। इसके बाद बहुत ही कम गर्भपात होने की संभावना होती है।
हालांकि, अगर आप शुरुआत से ही गर्भावस्था के लक्षणों को अनुभव कर रही हैं लेकिन यह अचानक से दिखना बंद हो जाए, तो ऐसे समय स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श करना ज्यादा बेहतर है, क्योंकि यह गर्भपात का लक्षण भी हो सकता है।
गर्भपात के कुछ लक्षण इस प्रकार हैं:
कभी-कभी, गर्भपात बिना किसी संकेत के भी हो सकता है, इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि हर समय आप अपनी गर्भावस्था के दौरान होने वाली छोटी से छोटी घटना पर नजर रखें।
एक सफल गर्भावस्था के लिए जागरूक रहना और हर प्रकार से सवधानी बरतना बहुत जरूरी है। गर्भावस्था के दौरान हर महिला अपने एक अलग अनुभव से गुजरती है। यदि आप किसी भी लक्षण के बिना गर्भावस्था का अनुभव कर रही हैं, तो इसमें कोई चिंता वाली बात नहीं है, बल्कि आप बगैर किसी फिक्र के अपने इस मातृत्व के सफर का आनंद ले सकती हैं।
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